प्यार किया नही जाता - 4 - जो होता है मंजूर ए खुदा होता है Manish Sidana द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार किया नही जाता - 4 - जो होता है मंजूर ए खुदा होता है

अन्तिम भाग -
खुशी को अमृतसर आए हुए 2 महीने हो गए थे।पर उसका घर में मन ही नही लग रहा था।मम्मी ने दो लड़को से भी मिलवाया।दोनो अच्छे पड़े लिखे थे।दोनो अच्छी खासी जॉब कर रहे थे ।पर खुशी का मन कुछ डिसाइड नही कर पा रहा था।
"बात क्या है खुशी,इस बार जब से आई है, तू कुछ उदास है.".खुशी की खास दोस्त रिया ने पूछा
"नही..ऐसी कोई बात नही"..खुशी ने जबरन मुस्कुराते हुए कहा।
"बचपन से जानती हूं तुझे..मुझे बेवकूफ नहीं बना सकती..जल्दी बता कौन है वो लड़का..जिसके चक्कर में तू बावरी हो रही है?",रिया ने खुशी की आंखो में देखते हुए कहा
"कुछ नही यार...खुशी ने टालने की कोशिश की।
बता रही है या मैं घर जा आऊं...फिर कभी मेरी शकल नही दिखाऊंगी..तेरी मेरी दोस्ती खत्म"..रिया ने मुंह बनाकर कहा।
"अच्छा बताती हूं..मेरी मां"...खुशी ने कहा और उसे ट्रेन में हुई पूरी बात बताई।
"जब तुम्हे वो लड़का पसंद है तो प्रॉब्लम क्या है..उसका नंबर लेना था.. उस से एक दो बार और मिलती ..अच्छा लगता तो शादी के बारे में सोचती...शादी तो किसी लड़के से ही करनी है न"...रिया ने शरारत से कहा
खुशी ने रिया को तकिया उठाकर मारा और बोली.."लड़के से न करनी होती बदतमीज ,तो तेरे से ही कर लेती।"
"तो फिर प्रॉब्लम क्या है.तेरे परिवार वाले तो मॉडर्न है..तेरी चॉइस को माना नही करेंगे"...रिया ने झल्लाकर पूछा
"प्रॉब्लम ये है कि वो नॉर्मल पढ़ा लिखा है,मैने बी टेक की हुई है,हमारी आपस में कैसे निभेगी???...वो गांव में रहता है..मुझे नौकरी बड़े शहरों में ही मिल सकती है..तो हम कैसे निभायेंगे??"..खुशी ने पूछा
"प्रॉब्लम है..पर मन मिलता हो तो कुछ न कुछ सॉल्यूशन निकाला जा सकता है"..रिया ने समझाते हुए कहा
"इस समस्या का कोई सॉल्यूशन नही है"..खुशी ने बुझे मन से कहा
"अगर किसी पढ़े लिखे लड़के से शादी करती है,तब भी तुम्हारे उस लड़के से विचार न मिले तो क्या करोगी??जरूरी नहीं कि पढ़े लिखे लड़के स्वभाव से अच्छे हो और ऐसा लड़का तुझे इज्जत भी दे और खुश भी रखे"..रिया ने सोचते हुए कहा।
"हां..पर कम पढ़े लिखे लड़के से शादी करूंगी तो कल को हमारी बच्चो का क्या होगा।उनका मानसिक स्तर भी नही उठ पाएगा।"..खुशी ने कहा
"मैं कई ऐसे लोगो के बारे में बता सकती हूं,जिनके माता पिता अनपढ़ थे,लेकिन उनके बच्चे बहुत अच्छा पढ़ लिख कर आई ए एस ऑफिसर तक बने।तुम खुद अच्छी एजुकेटेड हो तो बच्चो को अच्छी एजुकेशन दे पाओगी"..रिया ने समझाया।
"मैं राहुल को बहुत पसंद करने लगी हूं..पर मुझे नही लगता कि उसकी मेरी जोड़ी जमेगी"..खुशी ने उदास होकर कहा।
"बातें खत्म हो गई हो तो खाना खा लो..ठंडा हो रहा है"..खुशी की मम्मी ने आवाज दी।
"आ रहे है"..खुशी ने जवाब दिया
****************

आज खुशी ने वापिस जाना था।उसकी रिजर्वेशन दिल्ली से थी।दिल्ली तक के लिए उसने टैक्सी कर ली थी।खुशी एक दिन के लिए भी राहुल को भूल नहीं पाई थी।
खुशी टैक्सी में बैठी राहुल के बारे में ही सोच रही थी,तभी टैक्सी लहराकर रुक गई।
"क्या हुआ",खुशी ने पूछा
"मैम पंक्चर हो गया है।15मिनट में टायर बदल दूंगा।"ड्राइवर ने कहा
"कौन सी जगह है?"खुशी ने पूछा
"ये नानोता है।"ड्राइवर ने कहा
खुशी के चेहरे पर रौनक आ गई।शायद ईश्वर ने मुझे इशारा किया है कि मुझे क्या करना चाहिए ये सोचकर वो टैक्सी से उतर कर पास की दुकान में गई।
"मुझे यहां के प्रधान जी के घर जाना है।कहा है, उनका घर?"खुशी ने दुकानदार से पूछा
"ये सामने वाला मकान उनका ही है।"दुकानदार ने जवाब दिया
खुशी ने उस घर में जाकर राहुल को आवाज़ दी।
राहुल भागता हुआ छत से उतरा।
दोनों एक दूसरे को देखे जा रहे थे।उन दोनों के बीच बिल्कुल खामोशी थी।पर निगाहों मै ही उन्होंने एक दूसरे से साथ निभाने का वादा कर लिया।

*****************
समाप्त
कृपया कहानी के बारे में अपनी राय दे।
सर्वे भवन्तु सुखिन:,सर्वे संतु निरामया: