सूनी आंखे (भाग2) Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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सूनी आंखे (भाग2)

लेकिन किसी को नही बताती।तुमने अपने प्यार का इजहार किया है, तो तुम्हें मेरा अतीत बताना जरूरी है।
हर हिंदुस्तानी लडकी की तरह सरला भी जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही अपने भविष्य का सुनहरा सपना देखने लगी थी।हर लड़की का सपना एक सा ही होता है।उसका भी सपना हर लड़की जैसा ही था।कोई राजकुमार घोड़ी पर बैठकर आयेगा, जो डोली में बैठाकर उसे ले जायेगा।
सरला के जवान होते ही उसके पिता ने उसके लिए वर की तलाश शुरू कर दी थी।और कुछ दिनों की भागदौड़ के बाद उन्हें रमेश मिल गया था।
रमेश डोडा का रहने वाला था।वह व्यसाय करता था।वहां उसका जनरल स्टोर था।जिस पर जरूरत का हर सामान मिलता था। रमेश,सरला को देखने के लिए राजोरी आया था।रमेश लम्बे छरहरे बदन का सुंदर नवयुवक था।सरला को उसके व्यक्तिव, सादगी और सज्जनता ने प्रभावित किया था।सरला की सुंदरता ने रमेश को पहली नज़र में ही मोहित कर लिया था।
रमेश और सरला ने काफी देर तक एकांत में बाते की थी।रमेश ने अपने परिवार के बारे में सरला को बताया था।।और बातो ही बातो में बोला,"आप मेरी जिंदगी में आ जाओ तो मेरे घर मे बहार आ जायेगी।"
रमेश की बात सुनकर सरला सरमा गयी थी।रमेश जाते समय सरला के पिता से कह गया था,"मुझे आपकी बेटी पसंद है।"
बेटी के लिए अच्छा वर तलाशना हर माँ बाप के लिए चिंता का विषय होता है।पहले प्रयास में ही उन्हें सरला के लिए अच्छा लड़का मिल गया था।और रमेश की स्वीकृति के बाद लाल चंद अपनी पत्नी और कुछ रिश्तेदारों के साथ रमेश के गांव गए थे।वहां जाकर उन्होंने रमेश के घर परिवार वालो से बात की।अपनी आंखों से रमेश के काम धंधे को देखा और पूरी तरह सन्तुष्ट होने पर सरला का रिश्ता रमेश से पक्का कर दिया था।
रिश्ता हो जाने के बाद हर लड़की जीवन साथी के साथ अपने भावी जीवन का सपना देखने लगती है।सरला भी रात दिन रमेश के साथ अपने भावी जीवन का सुंदर सपना देखने लगी।मोबाइल पर उसकी रमेश से बाते भी होने लगी।वह रमेश के ख्यालो में खोई रहने लगी।रमेश के साथ सुहागरात की याद करके वह अकेले में ही सरमा जाती थी।रमेश के साथ प्यार,मनुहार, लड़ाई मीठे गुदगुदाते सपने देखते हुए दिन एक एक करके गुज़रने लगे।रिश्ता होने के छः महीने बाद उनकी शादी की तारीख निकली थी।और एक एक करके दिन सरकते गए और उसकी शादी का दिन आखिर में आ ही पहुँचा।उससे पहले घर मे शादी की तैयारी शुरू हो गयी थी।कपड़े,गहने और दहेज का सामान खरीदा जाने लगा।रिश्तेदार कई दिन पहले ही आना शुरू हो गये थे।
और बरात के आने का दिन आ गया।शादी वाले दिन सरला को दुल्हन के कपड़ो में तैयार किया गया था।सरला वैसे ही सुंदर थी।दुल्हन के वेश में स्वर्ग से उतरी अप्सरा सी लग रही थी।
हंसी खुसी का माहौल था।बरात आने के समय अजीब रौनक थी।डिस्को की धुन पर बच्चे नाच रहे थे।बरात के आने का इन्तजार था।तभी बेंड की आवाज सुनाई पड़ी और शोर उठा,"बरात आ गयी।"
और हंसी खुशी के माहौल में शादी की रस्मे निपटाई जाने लगी।रमेश के साथ सरला ने सात फेरे लिए थे।