अभी तक आपने पढ़ा के कैसे आश्रम में सिया को दाई मां सजा देती है और सभी बच्चे सिया का ही मजे लेने लग जाते है।
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अब आगे:-
सुबह का समय (आश्रम में ही)
सिया अपने कमरे में तैयार हो रही थी के उसे अचानक से नीचे से बच्चों की आवाजे सुनाई पड़ती है। तो सिया जल्दी से नीचे की ओर भागती है और बच्चो के कमरे के दरवाजे पर रुककर उन सबको देखने लग जाती है। क्योंकि अंदर सबकी पिलो फाइट चल रही होती है।
तभी अचानक से सबकी नजर सिया पर पड़ती है जो की अब उनको हल्के गुस्से से देख रही होती है क्योंकि अब न उस कमरे की हालत कुछ कुछ खराब होती जा रही थी, सभी बच्चे सिया को देखकर हल्की सी जबरदस्ती वाली स्माइल देते है और इधर उधर भाग जाते है। छुटकी इन सब से छोटी थी तो जल्दी भाग नहीं पाती और सिया की पकड़ में आ जाती है।
सिया (छुटकी को हल्के बनावटी गुस्से से देखते हुए) :- क्या चल रहा था यहां?
छुटकी:- ओ..... ओ दी.. दी मु..... मु झे (फिर छुटकी को याद आता है की सिया ने उससे क्या सवाल पूछा है)
सबकुछ तो देख चुकी है आप फिर भी पूछ रही है के क्या हो रहा था यहां। नई सब कोई मुझे ही पकड़ो न क्योंकि मैं तो बच्ची हु कुछ नही कहूंगी किसी को।
सिया छुटकी की बात को सुनकर सोच में पड़ जाती है के आखिर उसने ऐसा क्या पूछा के छुटकी ऐसे भड़क गई।
सिया को ऐसे सोच में देखकर छुटकी दबे पांव वहाँ से निकलने लगती है। छुटकी को ऐसे जाते देख के दाई मां सिया के पास आती है और उसका ध्यान छुटकी की तरफ ले जाती है जो की अभी दरवाजे तक पहुंच चुकी होती है।सिया छुटकी को देखके
सिया (बहुत ही प्यार से):- छुटकी बच्चा! जरा मेरे पास तो आना।
छुटकी सिया की आवाज सुनकर रुक जाती है और अपनी आँखें बंद करके सिया की तरफ मुड़ जाती है।
छुटकी को ऐसे देख के सिया को हसी आ जाती है और वो हसने लगती है। सिया को हस्ते हुए देख के सभी बच्चे जो की छुप गए थे वो सिया के पास आके खड़े हो जाते है।सिया तो पहले सबको देखती है और छुटकी को गोद में लेके बेड में बैठ जाती है और सभी से कहती है:-
सिया :- 5 मिनट के अंदर मुझे ये रूम सही हालत में चाहिए।
सभी बच्चे पहले तो एक दूसरे की तरफ देखते हैं फिर जल्दी से काम करने लग जाते है।
रूम को साफ करने के बाद सभी बच्चो को सिया और दाई मां स्कूल जाने के लिए तैयार करती है और फिर बाद में खुद भी अपने काम पर निकल जाती है।
जहां उसका इंतजार उसके चार दोस्त कर रहे होते है।(सुमन,पायल,अंजनी,सुरभि)
ये पांचों स्टार कैफे (काल्पनिक नाम) में काम करती है।(पार्ट टाइम)
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शाम के समय
रोज की तरह आर्यन घर से तैयार होकर अपने दोस्तो के पास पहुंच जाता है।
आर्यन के दोस्त है (ऋषि,अनुज और शुभम)
चारों दोस्त उसी कैफे में मिलते है जहां सिया और उनके चारों दोस्त काम करते है।
वहाँ पर सिया के साथ पाचो बच्चे भी थे क्योंकि सिया सभी बच्चो को अपने साथ घुमाने अपने कैफे लाई थी।
सभी बच्चे स्कूल ड्रेस में ही थे क्युकी वो सभी स्कूल से सीधा सिया के पास ही आए थे।
Thank you ❤️
क्रमश:-
बाकी अगले भाग में मिलते है बहुत जल्द❤️❤️❤️💞💞💞