बुनियाद (अंतिम भाग) Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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बुनियाद (अंतिम भाग)

दोनो मर्द एक मात्र औरत जंगली को चाहने लगे।
समय धीरे धीरे गुज़ारता गया।एक दिन अ जंगली से बोला,"मैं तुमसे प्यार करता हूँ।"
और उसी दिन ब ने जंगली से कहा था,"मुझे तुम से प्यार हो गया है।"
अ और ब दोनो ने अपने प्यार का इजहार कर दिया था।जंगली ने दोनों की बात सुनी लेकिन अपने दिल की बात दोनो में से किसी को नही बतायी थी।
जंगली की चुप्पी का मतलब अ और ब ने अपने अपने पक्ष में निकाला था।दोनो का ख्याल था कि जंगली सिर्फ उसे ही चाहती है।अ और ब जंगली को अपने अपने तरीके से खुश करने का प्रयास करने लगे।
आदमी ईर्ष्यालु होता है।यह मर्द की स्वभाविक प्रवर्ति है।जिस औरत को वह चाहता है।उसे अपनी निजी सम्पति समझने लगता है।वह नही चाहता कि वह जिस औरत से प्यार करे।वह औरत दूसरे मर्द की तरफ आंख उठाकर देखे।अ और ब भी चाहते थे।जंगली उसी की रहे।
जर जमीन जोरू तीन चीजे ऐसी है,जो मर्दो के बीच झगड़े का कारण बनती है।रामायण हो या महाभारत जैसे और भी युद्ध है,जो औरत के कारण लड़े गए।अ और ब में भी जंगली को लेकर अक्सर तकरार होने लगी।एक दिन दोनों के बीच शुरू हुई तकरार ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया।अ और ब एक दूसरे को खत्म कर देने पर आमादा हो गए।उस समय जंगली समुद्र की तरफ गयी हुई थी।वे दोनों झगड़ रहे थे।तभी जंगली लौट आयी।एक दूसरे को जान से मार देने पर उतारू अ और ब के बीच जंगली आ खड़ी हुई।
"क्यो एक दूसरे को मार देने को उतारू हो।अगर मारना है तो मुझे मारो।"उन दोनों के बीच मे आकर जंगली बोली।
"तम्हे।तुम्हे क्यों?"अ और ब जंगली की बात सुनकर चोंक कर बोले।
"तुम दोनों के बीच झगड़ा मेरी वजह से है।मैं नही रहूंगी तो तुम दोनों के बीच झगड़ा भी नही होगा
"तुम्हे नहीं।इसे" अ औऱ ब एक दूसरे की तरफ झगड़ते हुए बोले थे।
"इस लड़ाई से क्या मिलेगा?तुम दोनों एक दूसरे को मार दोगे तो इस द्वीप पर फिर से मैं अकेली रह जाऊंगी।यह द्वीप निर्जन था और निर्जन ही रह जायेगा,"जंगली दोनो को समझाते हुए बोली,"ऊपर वाला ऐसा नही चाहता।ईश्वर इस द्वीप पर मानव सभ्यता का विकास चाहता है।"
"तुम कैसे कह रही हो कि ईश्वर मानव सभ्यता का विकास चाहता है।"
"पहले यह द्वीप मानव विहीन था।फिर ईश्वर मेरी माँ को यहां ले आया।फिर में आयी।हम दो हो गए।दो औरते सृजन नही कर सकती।सृजन के लिए एक औरत,एक मर्द होना जरूरी है।माँ के गुज़र जाने के बाद मैं अकेली रह गयी।फिर ईश्वर तुम दोनों को ले आया।"
"तुम ठीक कह रही हो।मैं इस द्वीप को आबाद करने के लिए तैयार हूँ।तुम मुझे अपना बना लो।"जंगली की बात सुनकर अ बोला।
"इसे हर्गिज नही,"अ की बात सुनकर ब बोला,"तुम्हारा पति मैं बनूँगा।"
हम इस द्वीप पर सिर्फ तीन प्राणी है।तेरे मेरे का सवाल तब पैदा होता है,जब ज्यादा लोग हो।हम तीनों को ही इस द्वीप पर घर परिवार समाज और देश की नींव डालनी है"।
"यह कैसे होगा?"
"तुम दोनों जब मेरे को लेकर झगड़ोगे नही।हम तीनों मिलकर यह सब करेंगे।"
अ और ब सभ्यः दुनिया से आये थे।जबकि जंगली असभ्य थी।उसने समाज परिवफ देखा नहीं था।लेकिन उसकी बातों ने दोनों को एक कर दिया।
"