बिगड़ैल लड़की - 2 Parveen Negi द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

बिगड़ैल लड़की - 2

कहानी को समझने के लिए ,,पिछला भाग अवश्य पढ़े,, यह कहानी का,, भाग 2

अब आगे:-

रात 11:00 बजे ,बलवंत अपनी बेटी से परेशान अपना सिर पकड़ कर सोफे पर बैठा हुआ है ,""उसे समझ नहीं आ रहा कि वह अपनी बेटी को सही रास्ते पर कैसे लाएं, पैदा होने के बाद उसे कितने लाड और प्यार से पाला था ,,और आज वही बेटी बड़ी हो कर ,,उसे खून के आंसू रोने पर विवश कर रही थी,,,

बलवंत ,,टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाते हैं ,और अपने एक दोस्त को फोन मिलाने लगते हैं,,,,

बलवंत,,"" हेलो प्रकाश ""

प्रकाश,," हेलो बलवंत भाई, कैसे हो ,,आज बहुत दिनों बाद हमारी याद आई ,,कभी गांव घूमने आ जाया करो ,,,तुम तो बस बड़े शहर के लोग बन कर रह गए हो,,""

बलवंत ,जिस की आवाज में दुख भरा हुआ था ,,वह खुल कर बोल भी नहीं पा रहा था क्योंकि अभी कुछ देर पहले ही उसकी जवान बेटी ,उसे बहुत बुरी तरह से जलील करके वहां से चली गई थी,,, और वह बस चुपचाप बैठा रह जाता है,,,, प्रकाश की बात का जवाब ही नहीं दे पाता है,,,,

प्रकाश ,समझ जाता है कि,, बलवंत इस वक्त बेहद भावुक है,,, जिस कारण वह कुछ बोल नहीं पा रहा है ,,,

प्रकाश,,"" क्या हुआ मेरे दोस्त ,,क्या कोई समस्या है,, मुझे बता,,, मुझसे जो भी बन पड़ेगा,, मैं वह सब करूंगा ,,बता बलवंत भाई ,,,क्या बात है,,?

बलवंत ,,""यार क्या बताऊं,, समझ नहीं आ रहा है,, अपने ही बच्चे की बुराई अगर मैं तुझसे करूंगा तो,,, तू भी यही कहेगा,,, शुरुआत में ही कंट्रोल क्यों नहीं किया, पहले तो मनमर्जी का उसे खर्चा दिया ,, और अब उस पैसे का उसने गलत इस्तेमाल कर डाला है तो ,,,अब रो रहे हो, पहले ही उसे इतना सिर पर ना बैठ आते तो,,, आज यह नौबत ना आती ,अब भुगतो,,,,,""

प्रकाश,, अपने दोस्त बलवंत की बात का मतलब समझ जाता है और,, वह शांति से ,,,,"""नहीं मेरे भाई, ऐसी कोई बात नहीं है ,,,तुम्हारे बच्चे मेरे बच्चों के जैसे ही हैं,,मुझे बता आखिर समस्या क्या है ,,,फिर देखते हैं क्या समाधान निकलता है,,,""

बलवंत, एकदम से फोन पर ,,फुटकर रो पड़ता है और,,"" """यार मेरी बेटी,,, बिल्कुल भी मेरी बात नहीं मान रही है,,,, वह नशे की आदी हो चुकी है, और रात रात भर घर से बाहर रह रही है ,,,,,,और अगर मैं कुछ कह रहा हूं तो,, वह बिल्कुल पागल हो जाती है ,,,उसे बिल्कुल पागलों की तरह दौरे पड़ जाते हैं,,,, इसलिए मैं ज्यादा उससे ,,कुछ बोल भी नहीं पाता हूं,,,""

प्रकाश,"" क्या कर रहा है मेरे भाई ,,,,रवीना नशे की आदी हो गई है ,,,,और रात रात भर घर से बाहर रह रही है ,,,यह तो बेहद बुरी और खतरनाक समस्या है,,, तुम्हारी हमारे गांव में कितनी इज्जत है ,,,,अगर गांव में यह खबर फैली तो तुम्हारी कितनी बदनामी हो जाएगी ,,,,तुम्हारे खानदान की इज्जत पर बट्टा लग जाएगा,,,,,"""

बलवंत ,,""मेरे दोस्त,, मैं जानता हूं ,और शायद बहुत जल्दी ऐसा हो भी जाए,,,, इसलिए आज मैंने तुझे फोन किया है,,, तूने पहले भी मेरी काफी मदद की है ,,,,और मुझे भी पूरी संगत से निकाला है ,,,,आज फिर से मेरी मदद कर दे,, मेरे दोस्त,,, और मेरी बेटी को बचा ले,,,,"""

प्रकाश,, एक पल को कुछ सोचता है और ,,""बलवंत पहले का समय और अब के समय में ,,,,बहुत अंतर आ चुका है,,, आजकल के बच्चों को संभालना इतना आसान नहीं है,,,,, और ना ही समझाना,,, और उनके दिमाग को समझ पाना तो ,,,,,और भी ज्यादा मुश्किल है,,,,,, अगर हम उन्हें एक बात बोलेंगे तो ,,वे 10 कारण गिना देंगे,,, हमें ही और हमारी परवरिश को ही,,,, कटघरे में खड़ा कर देंगे,,,,""

बलवंत ,,,"""पर कुछ तो कर मेरे दोस्त ,,,,वरना कहीं मेरी बेटी किसी बड़ी मुश्किल में ना फंस जाए ,,,,मुझे तो इस बात का ज्यादा डर लग रहा है,,,"""

प्रकाश ,,""ठीक है बलवंत ,,,तुम्हारी है समस्या अब मेरी भी है,,, और मैं जल्द ही कोई ना कोई हल निकाल कर ,,तुम्हें बताता हूं ,,,,तुम तब तक अपना ध्यान रखो ,,,और हो सके तो अपनी बेटी के साथ,,, ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करो ,,,शायद वह बचपन की तरह,, फिर से तुम्हारे साथ घुल मिल जाए,,, और तुम्हारी बात मानने लग जाए,,,,,,"""

बलवंत ,,""ठीक है,,, मैं कोशिश करता हूं,,, अच्छा अब फोन रखता हूं """और फिर फोन रख दिए जाते हैं,,,,,

दूसरी तरफ ,,,इस वक्त,,,

रवीना ,,जो बेहद गुस्से में घर से निकली थी ,,,और अभी भी गुस्से में ही कार ड्राइव कर रही थी ,,,, गुस्सा उसके चेहरे और आंखों पर नजर आ रहा था ,,,,

"",और तभी एक आवारा कुत्ता ,सड़क पर चल रहा था, जिसे देखकर रवीना ने ,,अपना सारा गुस्सा उसी के ऊपर उतार दिया ,,,,और अपनी कार से,, उसे कुचलते हुए निकल गई,,,,,

रवीना के,, होठों पर एक मुस्कान आ जाती हैं ,,"""साला कुत्ता,,,, जो भी मुझे रोकने की कोशिश करेगा,,, मैं उसे ऐसे ही कुचल कर मार डालूंगी,,"""

और फिर ,,उसकी गाड़ी एक आलीशान कोठी के अंदर प्रवेश कर जाती है,,,,,

रवीना ,,को देखते ही,, अंदर का दरवाजा खोल दिया जाता है,,,, और फिर दरवाजा बंद कर लिया जाता है,,,,,

,,उस कोठी के अंदर ,,हॉल का नजारा ही बिल्कुल धुआ धुआ हुआ पड़ा था,,,,,,

कई दर्जन नशेड़ी लड़के लड़कियां ,,,इधर उधर पड़े जहरीला नशा कर रहे थे,,, जगह-जगह टेबल के ऊपर ,,हर तरह के नशे रखे गए थे ,,,,और हर टेबल पर ,,एक गुंडे टाइप आदमी कुर्सी लगाकर बैठा था,,,,,

नशेड़ी ,,लड़के लड़कियां ,,उसे पैसे देकर,, हाई क्वालिटी का नशा खरीद रहे थे ,,,,और फिर उस हॉल के,, किसी भी जगह,, बैठकर नशे में डूब रहे थे,,,,

बॉलीवुड के ,,नशेड़ी गाने भी,, ऊंची आवाज में एक तरफ डीजे बजा रहा था ,,,और कुछ लड़के लड़कियां,, उस डीजे फ्लोर को,, नशे की मस्ती में तोड़ने में लगे हुए थे,,,,,

रवीना भी,, तेजी से एक टेबल पर जाती है ,,और जल्दी से अपनी जेब से ,,नोट निकालकर ,,उस गुंडे टाइप आदमी को देती है,,, और गुंडा उसे एक नशे का इंजेक्शन पकड़ा देता है,,,,
,

रवीना ,,,के हाथ कांपने लगे थे ,,,उसके चेहरे में,, उस नशे को देखकर ,,,एक अलग ही कंपन पैदा होने लगी थी,,,,,, और वह अपने काँपते पैरों के साथ एक तरफ जाती है और,,, हाँल के एक कोने में पीठ लगा कर बैठ जाती है,,,, और फिर उस इंजेक्शन को ,,,,अपने हाथ की नस में लगाती चली जाती है,,,,,,

और इसी के साथ,,, रवीना का चेहरा और बदन अजीब से कसाव में बंध गए थे,,,,,, जाने कौन सा सुकून उसे मिल रहा था ,,,,उसके मुंह से हल्की चीख भी निकल रही थी,,,, शायद नशा उसके रक्त में ,,,, आग लगा रहा था,,,,ज़ वह कसमसा रही थी ,,,,,और उसके दांत अपने ही होठों पर आ लगे थे ,,,,,,उसकी आंखें नशे से लाल हो चुकी थी ,,,,,और फिर धीरे-धीरे,,, वहां की रंगीन दुनिया में ,,खो गई थी,,,,,, ,,,,,नशे की दुनिया में

डीजे माइक पर,,, एक आवाज गूंज गई थी ,,,"""जो भी हमारी इस दुनिया में आएगा,,,, वह हमारा हो जाएगा ,,,यहां आने की इजाजत तो है,,,, पर बाहर जाने की इजाजत बिल्कुल नहीं मिलेगी ,,,,,,,हा हा हा हा हा ,,,डूब जाओ ,,,मेरी इस नशेड़ी दुनिया में,,,,,,,,

क्रमशः,,

क्या होगा रवीना का ,,,क्या बाहर आ पाएगी ,वह इस नशे की दुनिया से ,,,जानने के लिए बने रहे ,,,कहानी के साथ,,