तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-2 S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-2

भाग - 2

पिछले अंक में आपने पढ़ा कैसे सुनील और जेनिफर एक क्रूज़ पर मिले और न्यू ईयर पार्टी में दोनों ने साथ ड्रिंक लिया , अब आगे .......


तेरे सुर और मेरे गीत


सुनील सोचने लगा - ‘ अजब लड़की है , मुझे न्यू ईयर पार्टी में बुलाया और खुद लापता हो गयी . मैंने सोचा था मेरे साथ डांस जरूर करेगी .’ रात के 11. 59 में सभी लाइट बंद कर दिए गए और सामने बोर्ड पर एक एक सेकंड नया साल के नजदीक आने का काउंट डाउन फ़्लैश कर रहा था . जैसे ही 12 बजा , लाइट ऑन हुआ और क्रूज की ओर से सभी यात्रियों को नए साल की बधाई दी गयी . ठीक उसी समय जेनिफर दौड़ी दौड़ी सुनील के पास आयी और उसने सुनील को नए साल की बधाई देते हुए कहा “ नाउ , कैन आई डांस विथ यू . “


“ श्योर इट विल बी माय प्लेजर टू डांस विथ अ ब्यूटीफुल गर्ल लाइक यू . “


सुनील और जेनिफर दोनों ने कुछ देर डांस साथ किया तभी क्रूज क्लब मैनेजर ने अनाउंस किया “ कृपया ध्यान दें . नए साल के अवसर पर एक सरप्राइज आइटम है . वह हैं हमारी रेगुलर पैसेंजर और कैजुअल परफ़ॉर्मर जेनिफर जो आपके सामने अपना गाना प्रस्तुत करने जा रहीं हैं . “


अचानक अनाउंसमेंट के बाद दोनों ने डांस बंद किया , जेनिफर बोली “ सॉरी , अब मुझे स्टेज पर जाना होगा . “


जेनिफर ने गाना शुरू किया “ नए साल का पहला दिन , नए दशक ने दी दस्तक , नयी सदी की शुरुआत , ले आया है खुशियों की बरसात . . . . “


सुनील आश्चर्य से जेनिफर की तरफ देख रहा था और वह गाते हुए मुस्कुरा कर उसे ही देख रही थी . इस गीत को कल रात जेनिफर उस से मांग कर ले गयी थी . गाना खत्म होने पर वह सुनील के पास वापस आ कर बैठ गयी , तब सुनील बोला “ तुम कंपोजर भी हो , इतनी जल्दी इसकी तुमने मेरे गीत की धुन तैयार कर ली . ग्रेट वुमन . “


“ जल्दी नहीं जनाब , इसके लिए मैं कल पूरी रात जागती रही . “


“ अच्छा चलो कुछ देर केबिन में बैठते हैं . मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था कि तुम्हारे साथ बैठ कर कुछ पिऊंगा और तुमने दो घूँट भी ठीक से पीने का मौका नहीं दिया . “


“ आज मेरे केबिन में चलो , मैंने तुम्हें पार्टी में बुलाया था तो ड्रिंक भी मेरी तरफ से होनी चाहिए , हैं न . “

दोनों जेनिफर के केबिन में बैठ कर शैम्पेन पी रहे थे . सुनील बोला “ तुमने कहा था तुम हवाई की रहने वाली हो . कल हमारा शिप होनोलुलु पहुँच रहा है . तुम्हें कहाँ जाना है ? “


“ मुझे होनोलुलु ही जाना है . मैं वहीँ अपनी नानी के साथ रहती हूँ . परमानेंट जॉब नहीं करती हूँ क्योंकि बीच बीच में कुछ दिन रह कर नानी की देखभाल भी कर लेती हूँ और उनका भी मन लग जाता है . “


“ तब तो हमारा साथ बस कुछ घंटों का ही रह गया है . क्या तुम्हारी नानी बीमार रहती हैं ? “


“ अरे नहीं , वह तो मुझसे भी ज्यादा फिट होती अगर उसे आर्थराइटिस न होता , वह मेरे साथ अभी भी कुछ डांस कर लेती है . “


“ अच्छा , मुझे अब चलना चाहिए , सुबह इंजन रूम में चार बजे की वाच ( ड्यूटी ) है मेरी . “


जेनिफर उठ कर उसके गले लगी और उसने कहा “ न जाने क्यों तुम मुझे बहुत प्यारे लगे . अलग होने का जी नहीं चाह रहा है . “


“ मेरा भी . “ बोल कर सुनील ने उसे अपनी बाँहों में ले लिया . कुछ पल तक जेनिफर यथावत रही फिर बोली “ अब छोड़ो भी , मेरी हड्डियां तोड़ दोगे क्या ? “


सुनील ने अपनी पकड़ ढीली करते हुए कहा “ नहीं , ऐसा कैसे करूँगा . “


अचानक उसकी नजर केबिन में लगी पेंटिंग पर गयी . उसमें हवाईन लिबास में जेनिफर थी और साथ में एक बूढी औरत और दोनों हवाई डांस कर रहीं थीं . उसे देख कर वह बोला “ अगर मैं गलत नहीं तो तस्वीर में तुम्हारे साथ तुम्हरी नानी हैं , हैं न ? “


“ हाँ , बिल्कुल सही पकड़ा है तुमने . “


सुनील ने उसके हाथों को चूम कर कहा “ माई गॉड , कितना अच्छा पेंट करती हो तुम ? “ अच्छा अभी चलता हूँ , फिर कब मिलोगी ? “


“ कल दोपहर तक शिप शोर पर होगा , मैं सीधे घर जाऊंगी . आधे घंटे का ड्राइव है . तुम अगर फ्री हो तो मेरे साथ चलो , मुझे बेहद ख़ुशी होगी . “


“ हाँ , बिल्कुल चल सकता हूँ . कल शिप डॉक करेगा उसके बाद फ्री हूँ 24 घंटों के लिए . “


सुनील जेनिफर को बाय कर चला गया . दोपहर बाद सुनील और जेनिफर दोनों शिप से उतरे . पोर्ट के गेट से निकल कर दोनों कैब में बैठ कर किसी के घर गए , जेनिफर ने अपनी कार वहां पार्क किया था . फिर करीब आधे घंटे में जेनिफर अपने घर पहुंची . उसने नानी से गले लगते हुए सुनील का परिचय कराया और कहा “ मैं कुछ देर में फ्रेश हो कर आती हूँ . मैं तुम्हारे और नानी के लिए जूस ले आती हूँ , तब तक दोनों बातें करो “

नानी ने सुनील पूछा “ जेनिफर को कब से जानते हो ? तुम शादीशुदा हो ? “


“ नहीं मैंने अभी शादी नहीं की है . बस तीन दिन पहले इसी क्रूज में हम दोनों पहली बार मिले हैं . “


“ जेनिफर बड़ी प्यारी बच्ची है . मैं अब 80 पार कर चुकी हूँ , सोचती हूँ उसे प्यार करने वाला लड़का जल्दी मिल जाये . उसकी शादी हो जाये , मैं भी बेफिक्र मर सकूंगी . “


“ आप ऐसा न बोलें , जेनिफर बहुत अच्छी लड़की है . वह किसी की भी पसंद हो सकती है . “


“ तुम्हारी भी ? “ नानी के अचानक पूछने पर सुनील हतप्रभ हो गया . उसे चुप देख कर नानी ने कहा “ तुम नहीं जानते हो जेनिफर बहुत ही बदनसीब है . 1975 में आये भयंकर भूकंप में हमारा सब कुछ खत्म हो गया था , बचे थे सिर्फ हम दोनों . बड़ी मुसीबतों से उसे पाल पोस कर बड़ा किया है . आस लगाए बैठी हूँ कि जल्द कोई अच्छा लड़का उसे मिले और उसकी शादी हो जाये . मेरा क्या , पके आम जैसा हूँ . न जाने कब टपक जाऊं “


इसी बीच जेनिफर आ गयी , उसने पूछा “ किसकी शादी की बात कर रहे तुम लोग . “


“ तेरी और क्या , मेरी शादी की उम्र रह गयी है क्या ? “ हँसते हुए नानी ने कहा और बोली “ आज जेनिफर सुनील को ले कर आयी तो मुझे लगा इसने घर बसाने का फैसला कर लिया है . शायद इसे मनपसंद लड़का मिल गया है क्योंकि पहली बार किसी लड़के को ले कर यह घर आयी है . “


“ मैं शादी नहीं करने वाली हूँ , तुम्हें मैं अकेला छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगी . “


नानी ने कहा “ सुनील को देखा तो मुझे लगा तुम दोनों पहले से एक दूसरे को जानते हो . रंग रूप से भी तुम साउथ ईस्ट एशियन लगते हो और शायद इसीलिए पसंद करने लगे होगे एक दूसरे को .मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे थे यह सोच कर कि अब जेनिफर शादी जल्द ही होगी . “


“ नानी तुम अपने ख्यालों की खिचड़ी पकाना बंद करो , हम पहली बार मिले हैं . “


क्रमशः