तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-3 S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-3

भाग - 3

पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुनील और जेनिफर क्रूज़ पर मिले और जेनिफर हवाई में सुनील को अपने घर ले गयी . दोनों को साथ देख कर नानी के मन में गलतफहमी थी कि शायद दोनों प्यार करते हैं . अब आगे पढ़ें .....

तेरे सुर और मेरे गीत

“ हाँ पहली बार जरूर है , पर ऐसा भी नहीं है कि फिर न मिलें या यह आखिरी मुलाक़ात हो . “ सुनील बोला


“ अब मैं डिनर लगा रही हूँ . नानी तुम्हारा डिनर यहीं ला देती हूँ . “


डिनर के बाद सभी एक साथ बैठ कर बातें कर रहे थे , नानी ने पूछा “ तुम हवाई में कब तक हो ? “


“ नानी मैं तो कल दोपहर तक लौट जाऊँगा , मुझे शिप पर ड्यूटी ज्वाइन करनी है . क्यों बेटे जेनिफर , सुनील को बोलो कुछ समय और रुक जाए . “

“ अच्छा , अब तुम सो जाओ नानी , हमलोग भी जल्दी ही सो जायेंगे . सुनील नहीं रुक सकता है उसका शिप कल रात में वापस साइन फ्रांसिस्को के लिए सेल करने वाला है . “


रात में सुनील और जेनिफर बातें कर रहे थे , सुनील बोला “ तुम चाहो तो सो सकती हो , मुझे कुछ वक़्त और लगेगा सोने में . “


“ मुझे भी अभी नींद नहीं आ रही है . “


“ क्यों ? “


“ जब घर में बसे मेहमान तो कैसे नींद आये . “


“ अरे तुम भी हिंदी फिल्मों के गाने जानती हो ? “ यू आर रियली ग्रेट . गाना , पेंटिंग ,डांस

ऑल इन वन . “


“ श्रीलंकन कुछ हिंदी फ़िल्में और टीवी सीरियल भी देखते हैं . मैं तो नहीं देख पाती हूँ पर नानी को हिंदी मूवी और सीरियल देखते अक्सर देखा है . उन्हीं से कुछ डायलॉग या एकाध लाइन गाना सुना है . “


“ वाह , वैरी गुड “


“ सुनील , तुम नानी की बात का बुरा न मानना , वो मेरी शादी को लेकर बहुत चिंतित रहती है . जो भी आता है उस से शादी की चर्चा जरूर करती है . “


“ यह नेचुरल है . “


“ हाँ नेचुरल जरूर है . सुनील मैं समझ सकती हूँ उन्होंने अपना जीवन मेरे पालन पोषण में लगाया है . इसलिए मैं भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती हूँ . हवाई अन्य अमेरिकी राज्यों से इतनी दूर है कि कोई लड़का यहाँ नहीं आना चाहता है और मैं इसे अकेले छोड़ नहीं सकती हूँ . वैसे भी कैरियर के लिए यहाँ कुछ खास है ही नहीं सिवाय टूरिज्म के , इसलिए हवाई में अच्छे जॉब तो हैं नहीं जो लड़कों को हवाई सैटल करने के लिए आकर्षित करे . “


“ ठीक है , अगर कोई आना नहीं चाहता है तो तुम नानी के साथ कहीं और शिफ्ट कर सकती हो , अगर तुम्हें चाहने वाला लड़का ऐसा चाहे तो . “


“ हाँ , इस विकल्प पर विचार किया जा सकता है . पर मुझे ऐसा मौका ही नहीं मिला है आजतक . “


सुनील ने उठ कर जेनिफर के हाथ को चूमा फिर गालों को और कहा “ ठीक है , इस ऑप्शन को खुला रखना , शायद जल्द ही कोई मिल जाए और नानी की इच्छा पूरी हो जाये . “


जेनिफर ने भी सुनील के हाथ चूमे और कहा “ बस , इससे आगे कुछ नहीं . अब अच्छे लड़के जैसा अपने रूम में सोने जाओ . “


दोनों अपने अपने रूम में सोने गए . सुबह ब्रेकफास्ट के समय नानी ने कहा “ सुनील को कुछ देर होनोलुलु घुमा कर लाओ . “


“ नानी , यह लोगों को हवाई की सैर कराता है , मैं क्या इसे घुमाऊं ? यह हवाई क्रूज शिप पर इंजीनियर है . “


“ अच्छा इंजीनियर है , बेटे तुम्हें कैसी लड़की चाहिए ? जेनिफर तुम्हें कैसी लगती है ? “


“ नानी मैंने पहले भी कहा है न , जेनिफर बहुत प्यारी लड़की है . उसे जल्द ही मन लायक लड़का मिल जायेगा , आप चिंता न करें . “


कुछ देर बाद जेनिफर सुनील को अपनी कार से पोर्ट ड्राप करने जा रही थी . जेनिफर ने पूछा “ तुम सैन फ्रांसिस्को में ही रहते हो ? “


“ नहीं , पर उसके निकट ही ऑकलैंड में अपनी माँ के साथ रहता हूँ . मरे पापा अब नहीं रहे , वे भी एक सेलर थे . करीब 50 साल पहले इंडिया से अमेरिका शिपिंग कंपनी की जहाज से आये और यहीं सैटल कर गए . एक समुद्री दुर्घटना में वे चल बसे . “


“ सॉरी , तुम्हारे पापा के बारे में सुन कर दुःख हुआ . “


“ तुम्हारी नानी की तरह मेरी मम्मा भी मेरी शादी को ले कर चिंतित रहती है . “


“ फिर अभी तक तुमने शादी क्यों नहीं की ? तुम तो अमेरिका के मेन लैंड में हो मेरी तरह सुदूर प्रशांत महासागर के एकांत द्वीप में नहीं . “


“ अभी तक किसी लड़की को मैं रास नहीं आया हूँ . सब यही सोचते हैं कि पता नहीं जहाज का पंछी बीबी के साथ कितने दिन रहेगा और न जाने कब उसे छोड़ कर जहाज से दुनिया भर की सैर और आवारागर्दी करता रहेगा . “


“ तुम अच्छा मजाक कर लेते हो . “


“ नो आई एम सीरियस . “


“ अच्छा , तुमने नानी से यह क्यों कहा कि मुझे जल्द ही मेरे मन लायक लड़का मिल जायेगा ? इतना श्योर तुम कैसे हो सकते हो ? “


“ इसलिए कि मैं एक ऐसे लड़के को जानता हूँ . ?


“ वेल , तुम मैचमेकर भी हो . जरा मुझसे भी मिलवाना उस से .”


वह तुमसे पहले भी मिल चुका है और सम्भव है मिलते ही तुम्हें प्रपोज भी कर दे . “


“ ओके , मैं किसी ऐसे लड़के को नहीं जानती हूँ पर उस से मिलना जरूर चाहूंगी . कब मिलवाने जा रहे हो उस से ? “


“ ठीक है नेक्स्ट टाइम तुम कब सैन फ्रांसिस्को आ रही हो ? क्या तुम फ़रवरी के दूसरे रविवार को गोल्डन गेट ब्रिज के नेशनल पार्क में आ सकती हो ? शायद उस दिन वह बेचारा तुमसे वहां मिले . “


“ बेचारा ? बेचारे को वही दिन क्यों पसंद है ? एनीवे डन , मैं जरूर आऊंगी . “


तब तक पोर्ट आ गया . सुनील कार से उतर कर एक किनारे खड़ा जेनिफर का इंतजार कर रहा था , वह कार पार्क करने गयी थी . कुछ देर में वह आयी तब उसके हाथ में एक बड़ा सा गिफ्ट पैकेट था . जेनिफर ने वह पैकेट सुनील को देते हुए हुए “ यह मेरी तरफ से एक छोटा सा नज़राना है . “


क्रमशः