उबटन Jagruti Joshi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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उबटन

उबटन उबटन उबटन मां अब मैं थक चुकी हुं उबटन लगा लगाकर।
अब मुझे नहीं लगाना,,,,,श्यामा ने अपनी मां को उबटन लगाने से इनकार करते हुए कहा।
कमला जी ने अपनी बेटी से बडे प्यार से कहा____
बेटा लगा देना,,,, दो दिन बाद तुझे लड़के वाले देखने आनेवाले हे अगर यह लगा देगी तो तेरे रूप में थोड़ा निखार आ जाएगा।
श्यामा ने चिढ़कर कहा ____
पिछले तीस साल ये सब उबटन दूध मलाई हल्दी पाउडर और कड़वी कड़वी दूसरी चीजे पी भी और लगाई भी।
रूप निखार की सारी चीजें लगा चुकी हूं आज तक कुछ रूप में निखार नहीं आया और ये दो दिन में आ जाएगा,,,?

कमला जी ने दुखी आवाज में कहा क्या करें बेटा तेरा रंग ही सांवला है सब तेरा रंग देखकर ही मना कर देते हैं कुछतो करना पड़ेगा ना।

श्यामा दर्द भरी हंसी हंसते हुए_____
इसमें भी मेरी गलती है मॉं,,,,,,, कि मैं सावली हूं।
कभी-कभी मैं सोचती हूं कि भगवान ने मुझे इतना काला क्यों बनाया है थोड़ा तो रंग उजला देता ।
और मुझे नहीं ,,, लगता की अब मेरी शादी होगी।
पर एक सच बात बताऊ मॉं कडवी है ,,,
मुझे तो अपने मां बाप से ही दुख होता है,,, उनसे ही शिकायत हे,,कि सबसे ज्यादा तो वही मुझे महसूस कराते हैं कि मेरा रंग सांवला है ,,,,,
और आपने मेरी पढ़ाई भी रुकवा दी वो भी इसलिए रुकवा दी कि मेरा रंग सांवला था ,,,,!!!
दहेज में रकम बड़ी देनी पड़ेगी।
पर अगर आपने यह नहीं किया होता मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करने दी होती तो आज मैं कोई बड़ी अफसर बनती ,,,!
और आपको सब जगह अपनी बेटी के रिश्ते के लिए भीख ना मांगनी पड़ती।
आज आपके पास सिर्फ दहेज देने के लिए धन है और काली बेटी।
और उस सांवली बेटी के पास सिर्फ दसवी तक की पढ़ाई है और उसका रंग,,,,,,!
इतना बोलते बोलते श्यामा की आंखों में आंसू आ गए और वह उबटन को फेंक कर अपने रूम में चली गई।

समाप्त

ऐसा क्यों होता है,,,, आज भी समाज में अगर लड़की थोड़ी सी सांवली है तो उसकी शादी में प्रॉब्लम आती है उसके साथ शादी करनी है तो दहेज की मांग होती है बेचारे घरवाले अपने सारी उम्र की कमाई वह अपनी बेटी को विदा करने में लगा देते हैं और यह जरूरी तो नहीं कि शादी की बात वो लोग उसे खुश ही रखेंगे ।

इसीलिए बेटी जैसी भी हो काली हो या गोरी हो उसे शिक्षा जरूर देनी चाहिए जिससे उसका भविष्य उज्जवल बन सके और वह किसी पर निर्भर ना रहे।

वह खुद आत्मनिर्भर होगी तो मां बाप को कभी भी किसी भी बात की टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैंने तो खुद देखा है इसीलिए मुझे ये स्टोरी लिखने का ख्याल आया,,,, पता नहीं यह स्टोरी सबको पसंद आएगी या नहीं आएगी किसीको अच्छी लगेगी कोई अच्छी कमेंट देगा कोई बुरी कमेंट ,,, कोई अच्छा रिव्यु देखा कोई बुरा मेरे हिसाब से सबकी सोच सोच अलग है ,पर ये मेरी सोच थी तो मैंने अपनी कलम में उतारी धन्यवाद