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इंस्पेक्शन (भाग 4)

जी एम कपूर साहिब और डी आर एम देवड़ा एक कार मे बैठे थे।दूसरी कार में मिसेज जी एम और मिसेज डी आर एम बैठी थी।
इंजिनयरिंग विभाग की रेलवे की जीप भी बुला ली गयी थी।उसमें मौर्या और मीना व कुछ अन्य लोग थे।और सब फतेहपुर सीकरी के लिए रवाना हो गए थे।
जी एम साहिब स्टेशन पर नही थे लेकिन स्टेशन पर अफरा तफरी मची हुई थी।हेड टी सी विनोद ने सफाई कर्मियों को मुस्तेद कर रखा था।प्लेटफॉर्मो पर जरा सी गन्दगी नज़र आते ही सफाई कर्मचारी झाड़ू लेकर तुरंत दौड़ पड़ते।सभी गेटो पर टिकट कलेक्टर यूनिफार्म में ड्यूटी पर मुस्तेद थे।आज किसी भी अनधिकृत आदमी या बिना टिकट यात्री को प्लेटफार्म पर नही आने दिया जा रहा था।गैंगमेन रेल पटरियों की साफ सफाई में लगे थे।सिग्नल विभाग के कर्मचारी सिंगल की देखरेख में व्यस्त थे।बिजली कर्मी पंखे लाइट चेक कर रहे थे।सभी विभाग के कर्मचारी व्यस्त थे।
मण्डल जार्यालय से हर विभाग के अफसर और इंस्पेक्टर आये हुए थे।वे अपने अपने विभाग के आंकड़े ले रहे थे।जी एम के इंस्पेक्शन नोट। में दर्शाने के लिए यह ज़रूरी था।
जी एम साहिब फतेहपुर सीकरी पहुंचे थे।कपूर साहिब इंजीनियरिंग विभाग से थे।इंजीनियर थे इसलिए बुकन्द दरवाजे को ध्यान से देखते रहे।वह सोच रहे थे।पहले आज जैसी मशीने नही थी फिर कैसे इतने बड़े और भारी पत्थर इतने ऊपर पहुंचाए होंगे।उस समय की तकनीक और कारीगरी देखकर वह हतप्रद थे।
सीनियर डी सी एम वैसे तो जी एम साहिब के साथ साथ चल रहे थे लेकिन वह आगरा फोर्ट से बराबर सम्पर्क बनाये हुए थे।कोटा से उनके साथ आया मण्डल वाणिज्य निरीक्षक यूनुस बराबर उन्हें फीड बेक दे रहा था।एक बजे यूनुस के पास खबर आयी कि साहिब फतेहपुर सीकरी से वापस चल दिये है।यूनुस ने यह सूचना सभी विभागों के अधिकारियों को दे दी।दो बजे खबर मिली कि साहिब लंच के लिए होटल मुगल पहुंच चुके है।होटल मुगल में ही लंच के बाद जी एम साहिब ने व्यापारी संगठन के लोगो से मुलाकात की थी,।तीन बजे मौर्या का फोन यूनुस के पास आया,"चार बजे एस एस से कहकर सैलून प्लेटफार्म पर लगवा देना।मैं साहिब को लेकर शॉपिंग पर जा रहा हूँ।"
"सर् स्टेशन पर कितने बजे आएंगे।"
"स्टेशन के लिए रवाना होने से पहले मैं तुम्हे फोन कर दूंगा।"
सीनीयर डी सी एम सबसे पहले जी एम साहिब को लेकर शिल्पग्राम पहुंचे थे।काफी देर तक मिसेज कपूर सामान देखती रही फिर उन्हें ताजमहल की पत्थर की और कुछ अन्य सेलम पत्थर की चीजें पसंद आयी थी।फिर साहिब को संजय प्लेस ले जाया गया।लावेल शो रूम के मालिक ने जी एम साहिब का स्वागत किया था।काफी जूते देखने के बाद साहिब को एक जूता ही पसंद आया था।लेकिन मिसेज कपूर ने कई जोड़ी चप्पले पसंद की थी।फिर वे मिसेज कपूर के कहने पर एक हेंडीक्राफ्ट के शोरूम में फिर गए थे।मिसेज कपुर ने कुछ मेटल की कलाकृतिया पसंद की थी।
फिर उन्हें शहर के सबसे मशहूर पेठे की दुकान पर ले जाया गया।पेठे दाल मोठ और गज़क के कई पैकेट लिए गए थे।
इधर स्टेशन पर सब काम मुस्तेदी से चल रहा था।
(अगले भाग में शेष और अंतिम किश्त

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