इश्क - एक नशा
पार्ट - 3
स्टूडियो से बाहर जाते वक्त विनय की नजर वहां के वॉचमैन पर पड़ती है। वो मन में कुछ सोचने लगता है फिर भागता हुआ वॉचमैन के पास आकर कुछ कहता है।
विनय की बात सुनने के बाद वॉचमैन स्टूडियो के अंदर चला जाता है और कुछ देर बाद एक पेन ड्राइव लेकर आता है जिसे विनय अपने पास रख लेता है और वॉचमैन को पैसे दे कर वहां से मुस्कुराता हुआ निकल जाता है।
रघु रोज की तरह नैना को उसके रेडियो स्टेशन छोड़ने आता है।
नैना , रघु से पूछती है,,,,, तुम बहुत अच्छे हो! क्या तुम्हारी शादी हो गई है?
रघु कहता है,,,,, अभी नहीं हुई है जी! बस कोई आपकी जैसी सुंदर और संस्कारी लड़की का इंतजार कर रहा हूँ।
मेरी जैसी!!! हा हा हा , तुम माजक तो नहीं कर रहे हो ना? , नैना हंसते हुए कहती है।
इसमें माजक वाली क्या बात है? नैना जी! आप सुंदर और संस्कारी हो साथ में बढ़ी लिखी भी हो! ऐसा कौन होगा? जो आप जैसी लड़की से शादी नहीं करना चाहेगा! , रघु कहता है।
रघु की बात सुनकर नैना के चेहरे पर उदासी छा जाती है। वह रघु से कहती है,,,,, एक लड़की के लिए इतना होना काफी नहीं होता है। सुंदर और संस्कारी होने के साथ उसमें कोई कमी भी नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं दहेज में देने के लिए बहुत सारे पैसे भी होने चाहिए , तब जाकर शादी हो पाती है।
आपकी बात भी ठीक है नैना जी! लेकिन दुनिया में सब लोग एक जैसे नहीं होते है। कोई अच्छा तो कोई बुरा होता है। आप इस बारे में सोचना नैना जी! , बोलकर रघु चला जाता है।
विनय के फैशन स्टूडियो आते ही अनिरूद्ध उसे अपने केबिन में बुला लेता है।
तो मेरा काम हुआ कि नहीं मिस्टर विनय! , अनिरूद्ध पूछता है।
सर! , मैंने बहुत कोशिश की लेकिन वहां की ऑनर लेडी बहुत ही ज्यादा खडूस और गुस्से वाली है। मेरी बात सुनते ही उसने कोई भी इन्फॉर्मेशन देने से साफ माना कर दिया , विनय जवाब देता है।
इसका मतलब मेरा काम नहीं हुआ? , अनिरूद्ध फिर पूछता है।
विनय कहता है,,,,, सर! , काम पूरी तरह से तो नहीं हुआ लेकिन कुछ कुछ हो गया है।
विनय की बात सुनकर अनिरूद्ध थोड़ा गुस्से में कहता है,,,,, क्या मतलब है कुछ कुछ हो गया है? जो भी कहना है साफ साफ कहो!! बेकार में ऐसे सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश मत करो।
ओके!! ओके!! , सर! , प्लीज् इतना गुस्सा मत करिए। मैं बताता हूँ क्या हुआ,,,,, ऑनर लेडी के मना करने के बाद , मैं रेस्प्सिनिस्ट के पास गया लेकिन उसने भी मना कर दिया , फिर मैं जब वापस जा रहा था , तब वहां के वॉचमैन से पूरे दिन रेडियो स्टेशन में आने जाने वालों की सी सी टीवी फुटेज ले ली मैंने। इस पेन ड्राइव की फुटेज देखकर आप मुझे बता सकते है कि वो लड़की कैसी दिखती है , फिर मैं उसकी सारी जानकारी आपको लाकर दे दूंगा , ये बोलकर विनय लेपटॉप पर पेन ड्राइव की फुटेज ऑन कर देता है और फिर दोनो साथ में सी सी टीवी फुटेज देखने लगते है।
अभय अपनी पत्नी सुजाता के साथ घर आता तो दीया उनका अच्छे से स्वगत करती है।
अभय आते ही अपनी बहनों से बातें करने लग जाता है तो सुजाता चिढ़ कर अपने कमरें में जाती है और कमरें का दरवाजा जानबूझकर बहुत जोर से बंद कर देती है , जिससे दीया और नैना समझ जाती है कि उनकी भाभी अभी भी उन दोनों से बहुत गुस्सा है।
दीया के चेहरे की उदासी और नैना के चेहरे का गुस्सा देखकर अभय अपनी बहनों से कहता है,,,,, उसकी बातों को दिल से मत लगाना , उसका स्वभाव ही ऐसा है। तुम दोनों समझदार हो , वो तो नासमझ है। "माँ बाबा" के जाने के बाद उसका स्वभाव थोड़ा अजीब हो गया है।
अभय की बात सुनकर नैना गुस्से में कहती है,,,,, सुजाता भाभी! , को यही लगता है ना कि माँ बाबा के जाने के बाद हम दोनों बहनों की सारी जिम्मेदारी आप पर आ गई है और अब आप अपने सारे पैसे हम दोनों बहनों पर ही खर्च कर देंगे , इसलिए वो मुझसे और दीया दी से इतनी ज्यादा नफरत करती है ना?
अभय , नैना और दीया को गले लगाते हुए कहता है,,,,, देखो ऐसा बिल्कुल भी मत सोचो , क्या हुआ अगर सुजाता ऐसा सोचती भी है तो , तुम दोनों मेरी जिम्मेदारी हो और अपनी इस जिम्मेदारी को मैं बोझ नहीं समझता हूँ। बल्कि मैं तो बहुत खुशकिस्मत हूँ , जो मुझे दो प्यारी प्यारी परियों की जैसी खूबसूरत बहनें मिली है।
अभय की बातें सुनकर दीया और नैना के चेहरे खिल जाते है। वो तीनों बैठकर खूब सारी बातें करते है और साथ में खाना खाते है। सुजाता भी मुँह बनाते हुए उनके साथ खाना खाती है।
कुछ देर बाद विनय , अनिरूद्ध के केबिन से बाहर आता है तो रजत उसे हाथों से इशारा कर अपने पास बुला लेता है।
अरे यार विनय! , कहा थे अब तक भाभी से झगड़ा तो नहीं चल रहा है ना? , रजत हँसते हुए पूछता है।
तुम बार बार अपनी भाभी को बीच में क्यों ले आते हो यार? सारा मसला अनिरूद्ध सर का है और तुम बार बार भाभी पर आकर अटक जाते हो , विनय थोड़ा गुस्से में कहता है।
माफ करना यार! तुम्हारी शक्ल देखकर ही मुझे भाभी की याद आ जाती है इसलिए ना चाहते हुए भी मुँह से भाभी ही निकल जाता है , रजत फिर हँसते हुए कहता है।
तुम ना अपनी बकवास बंद करो ओके , बोल कर विनय फिर अनिरूद्ध की केबिन की तरफ चला जाता है।
विनय के जाने के बाद रजत मुस्कुराते हुए अपने लैपटॉप पर काम करने लगता है। काम करते हुए भी वो बीच बीच में मुस्कुराता ही रहता है।
वहां काम कर रहे कुछ एम्प्लाइज की नजर जब रजत पर पड़ती है तो वह बहुत मुश्किल से अपनी हँसी रोकने की कोशिश करने लगता है लेकिन फिर भी उसे हँसी आ ही जाती है और सारे एम्प्लाइज उसे घूरने लगते है। सबको ऐसे घूरता देखकर रजत अपना चेहरा लेपटॉप के पीछे छिपा लेता है।
To be continued.....
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Written and Copyrighted by @Krishna Singh Kaveri "KK"