रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 11 Daanu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 11

"ये कोई टाइम है आने का, तुम दोनों की आदत सचमुच खराब हो गई है", सुबह 9:00 बजे का ऑफिस पहुँचा निलय, विकास और अभय को कहता है।
"डूड निलय, अभी बस 10 ही तो बजे है, इतना हाइपर क्यों हो रहा हैं?", अभय ने पूछा।
"वही तो 10:00 बज गए हैं, मैं कल रात से वेट कर रहा हुँ तुम्हारा, हमारा नया आईडिया डिस्कस करने के लिए", निलय ने वजह बताते हुए बोला।
"कपड़े तो तेरे कल से अलग हैं, झूठ मत बोल तू", अभय ने मज़ाक करते हुए कहा।
"हाँ, तो घर गया था, फिर भी मैं तुझसे पहले आ गया, जबकि मेरे पास इतना काम है.."
"तो अकेले तेरे पास थोड़ी काम है.."
" बस करोगे तुम दोनों,हमने फैसला लिया था ना की हम अपने पर्सनल इश्यूज यहाँ नहीं लाएंगे ", विकास अभय और निलय को चुप कराते हुए बोला।
"हाँ, पर तब इसने मुझे सारा सच नहीं बताया था ना", निलय ने खुद को सही ठहराते हुए कहा।
"निलय फोकस..", विकास ने ज़ोर दिया।
"ओके हाँ, सॉरी तुम्हें पता है कल वो इन्वेस्टर फ़ोन आया था और...." निलय ने उन्हें पूरा मामला समझाया।
इतने अवनी भी आफिस पहुँचती है, "आ गयी तुम", निलय प्यार से बोलता हुआ उसकी तरफ़ बढ़ा, वहीं विकास और अभय बस अपनी बड़ी बड़ी आंखों से देख रहे रहे थे, की ये निलय को क्या हो गया है।
"तुम आकर जल्दी से सबको आईडिया बताओ", निलय ने बोला।
"तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना?", उसकी इन हरकतों से हैरान अवनी, उसके माथे पर हाथ रखते हुए पूछती हैं।
"हाँजी मैडम सब ठीक है", निलय बोलता है और अपनी बात को बढ़ाते हुए बताता है, "तो पता है हम सोच रहे थे कि सिर्फ ऑनलाइन स्टडी बहुत बोरिंग हो जाएगी, तो क्यों ना बच्चों को लुभाने के लिए कुछ और भी करे, जैसे अभी बच्चे ट्यूशन जाना पसंद ज्यादातर सोशलआइज़ होने की वजह से करते है, और ऑनलाइन स्टडी में ये नहीं मिलता उन्हें, तो वो बोर हो जाते है, तो क्यों ना, हम कुछ स्टडी कैफ़े बनाए, मतलब हम कुछ कैफ़े से कॉलेब्रेट करलेंगे, और वहाँ फिर बच्चे चाहे तो बैठ कर पढ़ने का कुछ भी डिसकस कर सकते है, और हम एक दो लाइव क्लासेज भी रख सकते है।"
"पर क्या पेरेंट्स मानेंगे, ऐसा कुछ के लिए?", विकास पूछता है।
"हाँ, हम उनके लिए भी कुछ विचार कर सकते हैं जैसे बच्चों की रिपोर्ट कार्ड भेजना, एक्टिव टाइम की अटेंडेंस
भेजना, और उन्हें इन स्टडी कैफ़े की सारी डिटेल पहले भेज सकते हैं, ताकि जब वो अपप्रोव करे तभी उनके बच्चे जाए, या वो खुद उन्हें छोड़ने और लेने आ पाए।"
"अच्छा तो लग रहा है।"
"हाँ, बढ़िया है।", विकास और अभय अपनी सहमति देते हुए बोले।
"तो इसी बात पर पेस्ट्री हो जाए?", अवनी ने पूछा।
"पेस्ट्री.." मुंह में पानी आती हुई आवाज़ में तीनों ने बोला।
"हाँ, मेरी बाय वाली पेस्ट्री,अब मैं तुम लोगों के साथ काम नहीं कर पाऊँगी अब।"
"क्या हुआ, शादी कर रही हो?", अभय ने पूछा।
"शादी अचानक से नहीं होती, बैंगलोर ट्रांसफर हुई है, और वहाँ नई जगह नए प्रोजेक्ट में, पता नहीं कि यहाँ का कुछ कर पाओगी या नहीं।"
"पर ऐसे अचानक से कैसे तुम्हारा ट्रांसफर कर रहे है?", निलय ने पूछा।
"सब बताती हूँ, पहले मुझे मेरी पूरी बात तो खत्म करने दो, तुम्हारे फोन पर मैंने दो नंबर सेंड किए हैं ये दोनों फ्रेशर है बाहर का एक्स्पोज़र चाहिए इन्हें तो इनकी हेल्प से बची हुई डेवलपमेंट खत्म कर सकते हो और हाँ ये दोनों मेरे स्टूडेंट है, तो डोन्ट यू डेर टू ट्रबल देम, जैसे तुम मेरे साथ करते हो,अगर ऐसा कुछ ट्राई किया तो तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा और दूसरा अचानक से ट्रांसफर तुम्हारी वजह से हुआ है,तुम्हारी बातें सुनकर मैंने लड़ाई कर ली अपने प्रोजेक्ट में और ये हो गया, वैसे तो इस बात को कई दिन हो गए लेकिन आज फाइनली मैंने डिसाइड किया कि कि मुझे जाना चाहिए तो बस इसीलिए यह पेस्ट्री..", अवनी ने पेस्ट्री देते हुए बताया।
"पेस्ट्री बहुत अच्छी है, तुम्हे रोज-रोज जाना चाहिए", अभय बोला।
"अपना ख्याल रखना वहाँ", विकास ने जैसे अभय की बात को पूरा करते हुए कहा। "आईडिया बहुत अच्छा है, अगर तुम दोनों बुरा ना मानो तो मैं और अभय कुछ डिसकस करके आते हैं तब तक तुम दोनों बात करो", विकास निलय और अवनी को कहता है।
"ठीक है", निलय और अवनी ने इकट्ठे विकास को जवाब दिया, जैसे इसी का इंतजार कर रहे थे वो।
"तुम सचमुच जाना चाहती हो, या कोई जबरदस्ती है?" निलय ने पूछा।
"कोई जबरदस्ती नहीं है, मैं सोच रही हूं कि वहाँ जाकर वहाँ की दुनिया भी देख लू, यहाँ तो बहुत बोर हो गयी हूँ।"
"दुनिया या लड़के?", निलय ने चिड़ाते हुए बोला।
"वैसे दूसरा ऑप्शन भी बुरा नहीं है।"
"इसी वजह से सैटरडे को जल्दी आई थी ना, लाइट तो एक बहाना था ना?"
"हाँ, जब मैं मान गई तो घरवाले बोल रहे थे कि नौकरी छोड़ दूं।"
"तो छोड़ दो, मेरे साथ फुल टाइम काम कर लो, मैं तुम्हे वहाँ जितने पैसे दे सकता हूँ।"
"तुम्हे पता है ना, ये सब मुझे पसंद नहीं, ये मेरी लड़ाई है, तो मैं ही करूँगी कुछ।"
"पक्का?",
"हाँ", निलय के सवाल का सीधा से जवाब देते हुए अवनी बोली, "और हाँ, अभय तुम्हारी बहन को हर्ट नहीं करना चाहता था, इसलिए ना कि उसने तुम्हारी बहन को", अवनी ने निलय के सामने अभय की पैरवी करते हुए बोला।
"पता है, मुझे।"
"फिर उससे क्यों नाराज हो?"
"ये नहीं पता",निलय ने हँसते हुए बोला और थोड़ी देर वो ऐसे ही कुछ कुछ बाते करते रहे।
थोड़ी देर बाद जब सब आ गए, तो अवनी विदा लेने के लिए उठी और बाय-बाय बोलते हुए आंखों में ही रुके हुए पानी के साथ, अपने नए सफर की ओर चल दी।