रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 6 Daanu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 6

अवनी टीवी में देखने का कुछ ढूंढ रही थी कि अचानक उसके दिमाग में निलय का ख्याल आता है।

"पता नहीं ऐसा भी क्या काम था, कुछ बताया भी नहीं , बस बाय बोला और चला गया, उम्मीद है उसके घर पे सब ठीक हो।", वो खुद से कह ही रही होती है की इतने में उसका फोन बजता है।

निलय का कॉल था, ड्रॉइंग रूम में बैठी हुई अवनी फट से अपने रूम की ओर भाग जाती है,

"हेलो"

"हेलो आज के लिए आई एम सॉरी, क्या हम कल मिल सकते है?", निलय पूछता है ।

"कल..??"

"हाँ कल, वही तुम्हारे फेवरेट स्टेशन के नीचे जो कॉफ़ी शॉप है वहाँ मिलना ,अभी मैं चलता, हूं बाय", निलय ये कह कर फोन रख देता है।

अवनी समझाना चाहती थी कि लगातार दूसरे छुट्टी वाले दिन उसके लिए घर से निकलना मुश्किल होगा पर उसकी फोन पे निलय की भारी सी आवाज़ सुनकर सोचती है, कुछ तो करना ही पड़ेगा, उससे मिलने के लिए ।

"क्या नेहा, तेरे पैर में चोट लग गई, ज्यादा तो नहीं लगी ना??", फोन पर यह बोलते हुए अवनी अपने कमरे से बाहर आती है।

"माँ, अपने सुना नेहा को पैर पर चोट लगी है , इसलिए उससे मिलने जाना है कल", कुछ यूँ बहाना बना कर अवनी अपने माँ-पापा को मनाने की कोशिश करती है ।

"कल फिर से बहर जाना है?", माँ सवाल करती है।

"हाँ, माँ , जाऊँ ना?"

"अपने पापा से पूछ, मुझे मत परेशान कर", कुछ इस तरह माँ ने बात पापा पे घूमा दी ।

पापा कुछ कहते उससे पहले ही, अवनी ने अपना मुँह छोटा कर प्लीज प्लीज की रट लगा दी थी।

"ठीक है पर जल्दी वापस आ जाना",पापा ने इजाज़त देते हुए कहा।

"हनजी आ जाऊँगी टाइम से वापस", अवनी ने सिर हिलाते हुए कहा ।

अगले दिन तय समय के अनुसार अवनी राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के लिए घर से निकलती है, जी हाँ, दिल्ली के सबसे भीड़भाड़ वाले स्टेशनों में से एक राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, यही है अवनी का फेवरेट मेट्रो स्टेशन, क्योंकि यहाँ आप अकेले भी हो, तो आपको अहसास नहीं होता, और इसलिए ना जाने कितनी कॉफी यहाँ अवनी ने बस अपने साथ पी थी।

अवनी वहाँ पहुँची ही थी की निलय का फोन आया,

"सॉरी अवनी, मैं तुमसे कॉफी शॉप मे नहीं मिल पाऊंगा ", "क्या हुआ??"

"हुआ ये.. की मैं अभी तुम्हारे पीछे ही हूँ "।

अवनी तुरंत से पीछे मुड़ी और बोली, "वाह!! क्या बात है, निलय वाधवा आज तुम 10 मिनट लेट की जगह 10 मिनट जल्दी!!"

"हाँ, क्योंकि मुझे पता था कि मिस अवनी मेहरा लेट नहीं होती, तो मैंने सोचा आज मैं भी कुछ अलग ट्राई करू, वैसे हम दोनों एक ही मेट्रो में आए है, और तुम्हें पता ही नहीं लगा, तुम गाने सुनने में इतना खोई हुई थी"

"तो तुमने पहले फोन क्यों नहीं किया?"

"वो क्योंकि.. मैं तुम में.. "

"क्या?"

निलय अवनी के सवाल को दरकिनार करते हुए बोला, " वेसे मैं तुम्हें किसी से मिलवाना चाहता हूँ ,आज", इतना सुनते ही अवनी उल्टा मुड़कर चलने लगी।

"अरे मम्मी या दादी से थोड़ी मिलवा रहा हूँ ,बस मेरे दो दोस्त ही है.. असल में कुछ बताना था तुम्हें जो काफी दिनों से बता नहीं पा रहा था, बस उतना सुनने तक रुक जाओ", निलय ने अवनी को रोकने के लिए बोला।

"अच्छा ऐसा क्या है?" अवनी ने पूछा।

"चले पहले, फिर बताता हूं", इतना कह कर निलय अवनी को कॉफी शॉप की तरफ ले गया ।

दोनों कॉफी शॉप में जाकर बैठे ही थे, की भूरे बालों वाला, निलय से हाइट में थोड़ा बड़ा एक लड़का, उसके पीछे से आकर उसके कंधे पे हाथ रखते हुए बोला,

"हे ब्रो !!"

निलय के सामने बैठी अवनी को देख, उसने मुस्कराते हुए अवनी की तरफ हाथ बढ़ा कर बोला,

"हाय अवनी !!"

उसके साथ निलय का दूसरा दोस्त भी था, जो उन दोनों से ही हाइट मे थोड़ा छोटा था और उससे भी छोटे रखे हुए थे उसने अपने बाल, उसने और निलय ने एक दूसरे से अपनी मुट्ठीयां टकराते हुए हाय बोली,

"अवनी ये अभय है", अवनी की तरफ हाथ बढ़ाने वाले लड़के की तरफ इशारा करते हुए निलय बोला।

"हाय अभय !", अवनी उससे हाथ मिलाती हुई बोली।

"और ये विकास", दूसरे लड़के के बारे मे बताते हुए निलय ने कहा।

"हाय विकास!", अवनी हाथ हिलाते हुए बोली ।

"ये दोनों ना सिर्फ मेरे अच्छे दोस्त हैं, बल्कि मेरे बिज़नस पार्टनर भी है"

"बिज़नस?"

"हाँ , मैंने एक स्टार्टअप शुरू करी है, जिसमें ये दोनों मेरे साथ है"

"अरे वाह! क्या करते हो तुम लोग??", अवनी ने निलय से पूछा।

"निलय ज़रा कॉफी तो आर्डर कर दे यार", अभय निलय को रोकते हुए बोला।

"हाँ ठीक है, आता हूँ करके", ये बोलकर निलय और विकास दोनों ऑर्डर करने चले गए।

"तो अवनी आप भी डेवलपर हो ?", अभय ने पूछा।

"हाँ मैं जेंगों फुल स्टैक डेवलपर हूँ।"

"ओह.. सही में, फिर क्या आप मेरी एक प्रॉब्लम सॉल्व करने में हेल्प करोगे, अभय फट से लैपटॉप निकालते हुए बोला।"

"शॉर बताओ.. "

"हम ना एक वेबसाइट पर काम कर रहे है और उसमें ये सर्च फंक्शन सही से काम नहीं कर रहा है",अभय अवनी को सारी डिटेल्स दिखाते हुए बताता है।

अवनी वो देख ही रही होती है, कि इतने में उसका फोन बजता है,

"मैं एक मिनट आई", ये कहकर अवनी उठकर बाहर चली जाती है, इतने में निलय वापस आकर अभय का लैपटॉप अवनी की सीट पर देख बोलता है।

"यार तू थोड़ा रुक सकता था ना, कम से कम कॉफी तो पी लेते.. ", वो बोल ही रहा होता है की अवनी वापस आ जाती है।

"सब सही है ना ?", निलय अवनी से पूछता।

"हाँ, बस ऑफिस से फोन था", अवनी ने जवाब दिया।

"मुझे बस 5 मिनट दो, मैं करती हूँ आपकी प्रॉब्लेम सॉल्व।"

अवनी अभय की तरफ देख कर बोली, 5 मिनट बाद अवनी अभय को लैपटॉप देकर, निलय के साथ कॉफी लेनी उठी, अवनी को शायद अभय का बर्ताव अजीब लगा था, जिसके बारे में निलय की राय जानने के लिए वो उसके साथ गई थी।

पर निलय ने उस छोटे से रास्ते में कोई भी बात नहीं की।

टेबल पर वापस आकर, अवनी ने पूछा "हो गया टेस्ट?"

"हाँ, सही काम कर रहा है", अभय ने बताया।

"पर सही नहीं है वो" ,अवनी ने मुस्कराते हुए कहा,।

"मैं तुम्हें बताती हूँ, एक ये देखो, अगर मैं ऐसे कुछ डालूंगी तो यह काम नहीं करेगा और यही सेम प्रॉब्लम तुम्हारे पहले वाले कोड में भी थी, दूसरा ये कोड तुम्हारे पहले वाले कोड से ज्यादा सही है, लॉंग टर्म में परफॉरमेंस के लिए", अवनी की ये बाते सुनकर उन तीनों के चेहरे के हाव-भाव मानो जैसे गायब ही हो गए।

वो देखकर अवनी बोली, "हैरान मत होओ, निलय मुझे लगता है ना, कि तुम्हें पीयू को अपनी जिंदगी में एक दूसरा मौका देना चाहिए, कुछ दिन पहले मुझे पीयू का मैसेज आया था, उसने मुझे ये रिव्यू करने के लिए हेल्प मांगी थी, और तभी मैंने ये सर्च फंक्शनैलिटी भी देखी थी, और उसने ये भी बताया था की तुम लोग एक और डेवलपर ढूंढ रहे हो, जब अभय ने मुझसे सवाल किया तो मुझे अजीब तो लगा की ऐसा क्या होगा, जो तुम्हें नहीं आता होगा, पर अब समझ आया, 'मार्केट मे सब उपलब्ध ऑप्शनस में बेस्ट' का मतलब।

हमारे मिलने के पहले दिन से ही इंटरव्यू की स्क्रीनिंग चल रही थी मेरी, और आज शायद फाइनल राउन्ड था"।

"अवनी.. वो .. ", निलय अवनी को समझाने कि कोशिश करता है , पर अवनी बिना कुछ सुने आगे बोलती हैं

"निलय वाधवा, ये समझ लो, रेज़्यूमे देखकर नौकरी दी जाती है, शादी के लिए नहीं पूछा जाता, इस तरह तुम्हें किसी की भी पर्सनल लाइफ को लेकर मज़ाक नहीं करना चाहिए था "।