The Author Datta Shinde फॉलो Current Read ये आवाज कैसी - 1 By Datta Shinde हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मंजिले - भाग 3 (हलात ) ... राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Datta Shinde द्वारा हिंदी लघुकथा कुल प्रकरण : 2 शेयर करे ये आवाज कैसी - 1 (1) 2.2k 7.7k 1 ये काहाणी एक राजमेहल से शुरु होती हे जाहा पे एक राणी थी उसका नाम राजनंदिनी था लेकिन उसे कोई तो मार देता हे कोछ दिनो बाद उसकी आत्मा भटकने लगती हे वो सबको डराती थी तब एक पंडित आते है और उसे राजमेहल के एक पुराने कमरे मे बंद कर देते हे और दरवाजे के पास बोहत हवन कराते हे तब वो आत्मा बोलती हे मे फिरसे आवोगी बीस साल बाद एक राजमेहल होता हैं उसमे कोछ लोग रहेते थे तब एक आदमी बोलता हे सिता जलदी आवो तब सिता बोलती हे क्या होवा नरेंद्र तब नरेंद्र बोलता हे नंदिनी को उठाया की नहीं तब सिता बोलती हे नहीं तब नरेंद्र बोलता हे जलदी जावो उसे उठावो आज उसकी exam हे तब सिता जाती है तब वो बोलती हे नंदिनी उठो तब नंदिनी उठती हे तब वो बोलती हे मा कितने जलदी उठा रही हो आज मुझे किधर जाना है तब सिता बोलती हे आज तुम्हारा पेहला पेपर हे ना तब नंदिनी बोलती हे अरे हा तब वो तयार होने जाती है तब एक पुराना दरवाजा जोर से बजने लगता है तब नंदिनी बोलती हे पापा मे जारही हो तब नरेंद्र बोलता हे ठिक है तब नंदिनी चली जाती है तब एक लडका गाडी लेकर आता हे और नंदिनी को बोलता हे चलो जलदी तब वो चले जाते हे तब नंदिनी बोलती हे माहिर हम कहा जारहे हे तब माहिर बोलता हे हम दोनो शादी करने वाले है तब नंदिनी को कोछ तो होता हैं तब नंदिनी बोलती हे माहिर रोको तब माहिर बोलता हे क्या होवा तब नंदिनी बोलती हे मुझे तुमसे शादी नही करनी तब माहिर बोलता हे लेकिन क्यो नही करनी तब नंदिनी गायब हो जाती है तब वो अपने काॅलेज मे पेपर लिख रही थी तब वो घर जाती है तब उसे कोछ तो याद आने लगता है तब नंदिनी बोलती हे ये दो प्रेमी कोन हे तब वो घर जाती है तब वो बोलती हे पापा तब नरेंद्र आता हे और वो बोलता हे बेटा क्या होवा तब नंदिनी बोलती हे पापा उस पुराने कमरे मे कोन हे तब नरेंद्र बोलता हे उस कमरे के बारे मे कोछ पुछना मत और जाना भी नहीं तब नंदिनी बोलती हे लेकिन क्यो तब नरेंद्र बोलता हे तुम्हे जितना बताया हे वो ध्यान मे रखना चलो सो जावो तब वो चली जाती है तब बोहत हवा चलती हैं तब उस कमरे से आवाज आती है तब सब उठते हैं तब नंदिनी बोलती हे पापा ये कोन नाचरही हे तब नरेंद्र बोलता हे पता नही तब सिता बोलती हे नंदिनी तोम हमारे कमरे मे सो जावो तब सब चले जाते हे तब उस कमरे मे कोई तो बोलता हे नंदिनी इधर आवो तब नंदिनी उठती हे और अपने आप वाहा पे चली जाती है तब नंदिनी का रुप बदल जाता है और वो नाचणे लगती हे तब नंदिनी उस कमरे मे जाती है और वो दरवाजा खोल देती है तब वो आत्मा बोलती हे किसकोबी नहीं छोडोगी तब वो दरवाजा बंद हो जाता है तब नंदिनी अपने कमरे मे जाती है तब वो आत्मा बोलती हे मे आजाद हो गइ तब सुबह हो जाती है तब नरेंद्र आता हैं और वो बोलता हे सिता जलदी आवो तब सिता बोलती हे क्या होवा तब नरेंद्र बोलता हे आज महेश और उसकी मा राधिका आने वाले है और वो यही रेहने वाले है तब सिता बोलती हे तो आने दो मुझे क्या तब नरेंद्र बोलता हे अरे इसमे हमारा फायदा हे तब सिता बोलती हे कैसे तब नरेंद्र बोलता हे हम नंदिनी की शादी महेश के साथ करा दे तो तब सिता बोलती हे ये तो बोहत अच्छी बात है तब वो आत्मा बोलती हे आने दो उन्हे भी देखलोगी इस घरमे कभी भी शादी नही हो सकती तब आते है महेश और उसकी मा तब नरेंद्र बोलता हे महेश केसे हो तब महेश बोलता हे मे अच्छा हो और नंदिनी केसी हे और वो कहा हे तब नंदिनी भाग के आती है तब वो महेश के गले लगती हे तब महेश बोलता हे नंदिनी तोम केसी हो तब नंदिनी बोलती हे मे अच्छी हो तब उस आत्मा को याद आता है उसने एक लडके से प्यार किया था और वो महेश ही था तब वो राजनंदिनी को बोलता हे तोम मुझे बोहत पसंद हो तब नरेंद्र बोलता हे महेश अंदर आवो तब सब मिलके खाना खाते हे और सो जाते हे तब वो आत्मा फिर नाचती हे तब सब उठते हे और उस दरवाजे के पास जाते हे तब दरवाजे के निचे से एक चिठ्ठी आती है तब महेश उठता है तब वो पढता हे तब नरेंद्र बोलता हे महेश उसमे क्या लिखा हे तब महेश बोलता हे इसमे ये लिखा हे इस घरमे जो शादी करेगा या करवाएगा वो मरेगा तब नरेंद्र बोलता हे शादी होगी तब दरवाजा जोरसे बजता हे तब सिता बोलती हे हा कल ही होगी तब दरवाजा तोट ता हे तब राजनंदिनी आती है और बोलती हे शादी करोगे तो मरोगे तब नरेंद्र बोलता हे महाराणी लेकिन इस घरमे शादी क्यो नही होगी तब राजनंदिनी बोलती हे इसके वजहसे तब नरेंद्र बोलता हे महेश तुमणे क्या किया था तब महेश बोलता हे कोछ नहीं तब महेश अपना असली रुप लेता हे और नंदिनी को मारने की कोशीश करता हैं तब राजनंदिनी कोछ नहीं कर पाती तब नरेंद्र बोलता हे महाराणी मेरी बेटी को बचाए तब राजनंदिनी बोलती हे हे शिव मुझे शक्ती या दिजिए तब राजनंदिनी महेश को मार देती है तब राजनंदिनी बोलती हे नंदिनी महेश पिछले जन्म मे भी एसा ही था तब नंदिनी बोलती हे पिछले जन्म मे क्या होवा था मुझे बताए तब राजनंदिनी बोलती हे अभी नहीं कल रात तब सब चले जाते हे तो हम अगले अध्याय मे देखेगे राजनंदिनी के साथ क्या होवा था . THE END › अगला प्रकरण ये आवाज कैसी - 2 Download Our App