नागिन का इंतकाम Datta Shinde द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नागिन का इंतकाम

काहाणी शुरु करते हे राधा शिवमंदिर मे पडी होती हे तब बोहत हवा चलती हैं और बारीश भी होती हे तब नदी का पाणी शिवमंदिर मे आता हे तब वाहा पे एक बडा नाग आता हे और राधा को ले जाता है तब राधा शिवजी के चरणो मे होती हे तब उसे होश आता हे तब वो देखती हे तो क्या शिवजी सामणे हे तब राधा प्रणाम करती है तब शिवजी बोलते हैं राधा मे तुम्हे नइ जिंदगी दे रहा हो तब शिवजी उसे नया चेहरा और शक्ती या देते हे तब राधा बोलती हे शिवजी मे धन्य हो गइ तब राधा शिवमंदिर मे होती हे तब वो बोलती हे अब खेल शुरु होगा सबको मार डालोंगी और आजसे मेरा नाम राजेश्वरी तब राजेश्वरी चली जाती है दस साल बाद राजेश्वरी कि शादी शिवम के साथ हो रही थी तब एक लडकी आती है तब सब उसे देखते रहेते हे तब वो बोलती हे शिवम आज तुम्हारी शादी हैं और तुमणे मुझे बताया भी नही क्यो तब शिवम बोलता हे एसा कभी हो सकता है तब शिवम बोलता हे राजेश्वरी ये हैं माया मेरी दोस्त तब राजेश्वरी बोलती हे मुझे तुमसे मिलके अच्छा लगा तब माया राजेश्वरी को गिराती हे तब राजेश्वरी उसे गिरा देती है तब राजेश्वरी बोलती हे माया तोम ठिक होना तब माया चली जाती है तब शिवम और राजेश्वरी की शादी हो जाती है तब सब चले जाते हे तब दोसरे दिन शिवम की मा माधवी आती है और वो बोलती हे शिवम जलदी चलो हमे जाना है तब सब चले जाते हे तब माधवी बोलती हे राजेश्वरी और शिवम तोम मंदिर जावो तब वो चले जाते हे तब दोनो जंगलसे जाते हे तब शिवम बोलता हे गाडी आगे नही जाएगी तब दोनो पेदल जाते हे तब राजेश्वरी शिवम को मारने जाती है तब शिवम पिछे मुडके देखता हे तब कोई नहीं होता तब वो बोलता हे राजेश्वरी तब राजेश्वरी बोलती हे क्या होवा चलो तब शिवम बोलता हे कोछ नहीं तब वो देवी मा के मंदिर जाते हे तब वाहा पे पंडित जी बोलते हैं शिवम ये लो सिंदुर अपने बीबी को लगावो तब शिवम लगता है तब राजेश्वरी बोलती हे चले तब वो फिरसे जंगल मे जाते हे तब राजेश्वरी एक लडके का रुप लेकर शिवम को मारती हे तब शिवम अपना असली रुप लेता हे और वो एक नागराज बणता हे तब वो राजेश्वरी को मारने जाए तब राजेश्वरी भाग जाती है तब शिवम बोलता हे भाग गया साला तब शिवम बोलता हे राजेश्वरी मे एक नागराज हो तब राजेश्वरी बोलती हे शिवम तोमणे मुझे धोका दिया है तब वो घर जाते हे तब माधवी बोलती हे दर्शन हो गए तब शिवम बोलता हे हा तब राजेश्वरी बोलती हे मे शिवमंदिर जाकर आइ तब शिवम बोलता हे ठिक है तब वो चली जाती है तब वो देखती हे तो क्या शिवमंदिर गिरा होवा हे तब राजेश्वरी अपनी शक्ती योसे शिवमंदिर खडा करती है और उसे नया बनाती हे तब पंडित आते है तब वो बोलते हैं शिवमंदिर तो फिरसे खडा हो गया लेकिन वो मुर्ती उसका क्या तब राजेश्वरी बोलती हे पंडित जी मे बोहत ही जलदी वो मुर्ती लेकर आवो गी तब राजेश्वरी तांडव करती है तब उसे पता चलता हे वो दुसरा आदमी कोन हे तब वो बोलती हे ये तो शेरसिंग हे और वो तिसरा कोन हे तब वो घर जाती है तब वो बोलती हे शिवम माया को बोलावो ना तब वाहा पे माया आती है और वो बोलती हे मुझे कोई भी याद करता हैं वाहा पे मे पोहच जाती हो तब शिवम चला जाता हे तब राजेश्वरी बोलती हे माया तुमणे मुझे पेहचाना तब माया बोलती हे नही तब राजेश्वरी बोलती हे मे राधा हो तब माया बोलती हे राधा तब राजेश्वरी बोलती हे मुझे ये बतावो शेरसिंग कहा हे तब माया बोलती हे अरे शिवम का जन्मदिन आने वाला है उस दिन वो आणे वाला है तब राजेश्वरी बोलती हे लेकिन शिवम का जन्मदिन कब हैं तब माया बोलती हैं परसो तब माया बोलती हैं मुझे पेहले दिन लगा की तोम मुझसे नफरत करती हो लेकिन एसा नहीं हैं तब राजेश्वरी बोलती हे माया मुझे ये पता चला हैं मुझे मारने वाले तीन लोग थे तब शिवम,शेरसिंग और वो तिसरा कोन हैं तब माया बोलती हे राजेश्वरी वो तिसरा खोणी भी तुम्हे मिल जाएगा तब माया चली जाती है तब दोसरे दिन शिवम के बडे की तयारी शुरु होती हे तब शिवम बोलता हे राजेश्वरी इधर आवो तब राजेश्वरी और शिवम एक बडे गोफा मे जाते हे तब वाहा पे एक मुर्ती होती हे तब राजेश्वरी बोलती हे ये क्या हैं तब शिवम बोलता हे ये शिवजी की मुर्ती हैं सोने की और याहा पे सिर्फ हम दोनो आसकते हे तब दोनो घर जाते हे दोसरे दिन शिवम का बडे होता है तब वाहा पे शेरसिंग आता हे तब शिवम राजेश्वरी को बोलता हे राजेश्वरी ये शेरसिंग हे तब राजेश्वरी बोलती हे मे इसे जानती हो तब शिवम बोलता हे कैसे तब राजेश्वरी बोलती हे मुझे एसा लगता है तब शेरसिंग बोलता हे हा मुझे भी लगता हैं तब शेरसिंग बोलता हे राजेश्वरी तोम मेरे साथ आवोगी तब राजेश्वरी हा बोलती हे तब शेरसिंग बोलता हे राजेश्वरी मे तुमसे बोहत प्यार करता हो तब राजेश्वरी अपना असली रुप लेती हे तब तब शेरसिंग बोलता हे नागिन तब राजेश्वरी बोलती हे बचाव बचाव तब वाहा पे शिवम आता हे तब राजेश्वरी बोलती हे शिवम ये मुझे छेड रहा था तब शिवम उसे मार देता हैं तब शिवम बोलता हे एसे कैसे तब शेरसिंग बोलता हे शिवम अब आखरी जंग होगी तब सब शिवमंदिर मे होते हे तब शिवम बोलता हे राधा तुम्हे क्या लगा तोम हमे हरा दोगी तब शेरसिंग राजेश्वरी को मारने जाए तब राजेश्वरी उसे मार देती है तब शिवम बोलता हे राधा तुम्हे नहीं छोडुगा तब शिवम राजेश्वरी को मारता हैं तब वाहा पे माया आती है और वो बोलती हे शिवम तोम अकेले मारोगे तब माया शिवम को मार देती है तब राजेश्वरी शिवम को ढस ती हैं तब राजेश्वरी बोलती हे माया तब तोमणे मेरा इंतकाम पुरा किया तब माया राजेश्वरी को मारती हे तब राजेश्वरी उसे मार देती है तब राजेश्वरी शिवजी की मुर्ती स्थापित करती है तब शेरसिंग फिरसे उठता है और राजेश्वरी को मारता हैं तब राजेश्वरी उसे त्रिशुल से मार देती हैं तब राजेश्वरी भी मर जाती है तब राजेश्वरी गायब हो जाती है तब मंदिर पुराना बन जाता है और काहाणी का अंत हो जाता है THE End 🐍🐍🐍🐍