एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 35 ARUANDHATEE GARG मीठी द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 35




कायरा ने जब आरव की बात सुनी , तो उसका गुस्सा भी फट पड़ा । उसने आरव को गुस्से से देख कर कहा ।

कायरा - गलती आपकी नहीं थी, तो किसकी थी ???? मैंने कहा था क्या आपसे.... , कि राजवीर को मारिए , और उसे मार - मार कर अधमरा बना दीजिए ????

आरव ( गुस्से में कायरा को देख कर ) - वो इन्सान तुम्हारे साथ बत्तमीजी करे । तुम्हें गंदी नजरों से देखे । तुम्हें गलत इरादे से टच करे । और तुम मुझसे ये एक्सपेक्ट कर रही हो , कि मैं शांति से बस उसे देखता रहूं ।

कायरा - देखने की क्या जरूरत थी ??? आंखें बंद कर लेते । और अगर वह भी नहीं होता आपसे, तो चले जाते वहां से । इतना तो आप कर ही सकते थे ।

आरव - तुम क्या पागल इन्सान हो ??? मैं तुम्हें वहां , उस राजवीर के साथ अकेला छोड़ कर आ जाता । ये जानते हुए भी , कि वो इन्सान तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता था । ( कायरा की आंखों में गुस्से से देखते हुए ) कुछ भी.......।

कायरा - ऐसे कैसे कुछ भी कर लेता । वैसे भी मैं उसके लिए अकेली ही काफी थी ।

आरव - दिख तो रहा था मुझे , कितनी काफी थी तुम उसके लिए ।

कायरा ( तेज़ आवाज़ में चिल्लाते हुए ) - आरव ....!!!!! सोच समझ कर बोलिए ।

आरव ( कायरा की बाईं बांह पकड़ कर ) - क्यों सोच - समझ कर बोलूं???? तुम क्या सोच - समझ कर बोल रही हो, मेरे सामने ??? तुम ये कैसे सोच सकती हो , कि मैं तुम्हें वहां अकेले छोड़ कर आ जाता ।

कायरा ( आरव की आंखों में देखते हुए ) - क्यों नहीं कर सकते थे आप ऐसा ????

आरव ( कायरा की दोनों बाहें , अपने हाथों से कस कर पकड़ कर , उसे अपने करीब लाकर , उसकी आंखों में देखते हुए बोला ) - क्योंकि मैं तुमसे ......, तुम मेरी ........। ( आगे वह कुछ कह ही नहीं पाया , क्योंकि इस वक्त उसकी जुबान उसका साथ नहीं दे रही थी । उसने एक झटके से कायरा को छोड़ा और उसकी ओर पीठ करके कहा ) क्योंकि तुम मेरी कंपनी की एम्प्लोई हो और मेरी दोस्त भी हो । इस लिए तुम्हारी सेफ्टी का खयाल रखना , मेरी जिम्मेदारी है ।

कायरा ( आरव के सामने आकर ) - ओके , फाइन...... । दोस्त मानते हैं ना आप मुझे । तो उसी नाते मैं आपसे कह रही हूं , कि आपको कल राजवीर पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था।

आरव - पर क्यों ???? कितनी बार तुम्हें एक ही बात एक्सप्लेन करूं कायरा....!!! कि मैं राजवीर को तुम्हारे साथ , कुछ भी ग़लत करते नहीं देख सकता था । और मुझे तुम्हारी फ़िक्र थी कायरा , जो हर दोस्त को , अपने दूसरे दोस्त को, मुसीबत में देख कर होती है ।

कायरा - पर तब भी आरव , आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था । उसे नॉर्मली भी समझा सकते थे आप । नहीं समझता, तो आदित्य लोगों को बुलाते , और तब भी नहीं समझता तो पुलिस को बुलाते। पर जिस तरह से आपने उसे मारा हैं, उस हिसाब से बहुत सारी प्रॉब्लम्स खड़ी हो सकती है । क्या आप अपने गुस्से पर, थोड़ा सा भी कंट्रोल नहीं रख सकते थे ????

आरव ( जलती हुई आंखों से ) - नहीं रख सकता था । तुम्हारे साथ उसे ऐसा बिहेव करते देख कर , खून खौलने लगता है मेरा ।

कायरा - पर इतना गुस्सा किस काम का आरव !!!!! जिसमें किसी की जान पर बन आए । और इन सब की वजह से, आपके ऊपर कितनी प्रॉब्लम्स का पहाड़ टूट सकता है , क्या ये आप जानते हैं ???? क्या आपको उसकी थोड़ी सी भी फ़िक्र नहीं है ????

आरव ( गुस्से से ) - नहीं है । मुझे बिल्कुल भी फ़िक्र नहीं है , कि मेरे साथ क्या होता है और क्या नहीं । मुझे उस वक्त को सही लगा , वहीं मैंने किया ।

कायरा - पर मुझे फ़िक्र है , आपकी । अगर कल वह मर जाता , तो आपको अभी पुलिस स्टेटेशन में समय बिताना होता ।

आरव - मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ।

कायरा - पर मुझे फर्क पड़ता है आरव ........!!!!

कायरा के इतना कहते ही, आरव उसे हैरानी से देखने लगा , और उसका दिल खुश भी हुआ । पर इस वक्त दिल की खुशी से ज्यादा , दिमाग में भरा गुस्सा उस पर हावी था । इस लिए उसने कुछ नहीं कहा। जबकि कायरा को जब एहसास हुआ, कि वह आरव से क्या कह गई है , तो उसने तुरंत आंखें चुराते हुए कहा ।

कायरा - मेरा कहने का मतलब था , कि अगर मेरे दोस्त को , कोई प्रॉब्लम होती, तो मुझे तो फर्क पड़ता ही ना..... ।

आरव ( कायरा को अपनी उंगली दिखा कर , गुस्से से कहता है ) - देखो कायरा , तुम मेरे सामने राजवीर की पैरवी मत करो । अगर वो मर जाता , तो शायद ज्यादा अच्छा होता ।

कायरा ( चिल्ला कर ) - आरव .....!!!!! वो मर जाता , तो आपकी ये कंपनी भी बंद हो जाती और हम सभी आपके साथ, अभी जेल में बैठे होते । और मैं राजवीर की पैरवी नहीं कर रही हूं , ना ही मुझे उसकी फ़िक्र है । मुझे आपकी.... , अपने दोस्त की फ़िक्र है ।

आरव ( अपनी वर्किंग टेबल के पास आकर ) - तो मत करो मेरी फ़िक्र , मैं खुद की फिक्र कर सकता हूं । और मुझे अच्छे से पता है , कि मैंने जो भी किया , सब ठीक ही किया । इसके लिए मुझे तुमसे, ना ही बहस करना है और ना ही कोई राय लेना है ।

कायरा एक पल को आरव को हैरानी से घूरती रही , फिर उसने भी तन कर गुस्से से कहा ।

कायरा - मुझे भी कोई शौक नहीं है आरव , कि मैं आपसे बहस करूं और आपको कोई भी राय दूं ।

आरव - ये क्या आरव आरव, लगा रखा है तुमने ???

कायरा ( आरव को घूरते हुए ) - आप मेरे दोस्त हैं ना , तो दोस्त को तो नाम लेकर ही बुलाऊंगी ।

आरव - दोस्त मैं तुम्हारा कॉलेज में हूं , ऑफिस में नहीं । और जहां तक मुझे पता है, ये ऑफिस है , कॉलेज कैंपस नहीं । इस लिए तमीज से पेश आओ मुझसे..... ।

कायरा ( गुस्से से उसे घूरकर कहती है ) - मुझे भी शौक नहीं है, आपसे इस तरह बात करने की । मैंने आपको दोस्त समझ कर, ये सारी बातें कहीं थी । पर मुझे नहीं पता था , कि आप मेरी इतनी सी बात को लेकर बैठ जाएंगे । ( टेबल पर रखी फाइल की ओर इशारा कर ) और वैसे भी...., मुझे आपके केबिन में भी आने का, कोई शौक नहीं है । मैं बस फाइल देने आयी थी आपको, आरव ..... सर.........!!!!! अच्छे से देख लीजिएगा और अगर फाइल में कोई मिस्टेक हो , तो बता दीजिएगा । मैं ठीक कर दूंगी , आरव ..... सर.......।

इतना कह कर कायरा आरव को घूरते हुए उसके केबिन से चली गई , जबकि आरव भी उसे गुस्से से जाते हुए देख रहा था । उसके जाते ही आरव ने पेपर वेट उठाया और गुस्से में सोफे के सामने रखी हुई टेबल पर फेंक दिया । जिससे टेबल का कांच चकना - चूर हो गया और आरव अपनी चेयर पर बैठ गया । कांच टूटने की आवाज़ सुनते ही , आदित्य आरव के केबिन में आया और उसके पीछे - पीछे राहुल , नील और पीयून भी आ गए । आदित्य ने जब केबिन में बिखरे हुए कांच को देखा , तो हैरानी से आरव को देख कर कहा ।

आदित्य - ये क्या किया तूने आरव ...????? टेबल क्यों तोड़ दी ।

आरव ने उसकी बात पर कुछ नहीं कहा, ना ही कोई रिएक्शन दिया और अपना चेहरा, अपने हाथों से ढक लिया । उसे अब इस बात पर अपने ऊपर कुछ ज्यादा ही गुस्सा आ रहा था , कि उसने अपने गुस्से में ये तक ध्यान नहीं रखा , कि वो जिससे अभी बहस कर रहा था , वह कोई और नहीं बल्कि कायरा थी । आदित्य ने पीयुन को केबिन में बिखरा हुआ कांच साफ करवाने को कहा । आदित्य के इतना कहने के बाद, कोई आरव से आगे कुछ कह पाता, उससे पहले ही आरव ने अपना कोर्ट और टेबल में पड़ी हुई , कायरा के द्वारा दी गई फाइल उठाई और सीधे अपने केबिन से बाहर, तेज़ कदमों के साथ, मीटिंग के लिए निकल गया । उसे ऐसे जाते देख , आदित्य ने नील को उसके साथ जाने के लिए कहा , तो नील भी उसके पीछे - पीछे भागते हुए चल दिया ।

इधर कायरा ने अपने केबिन में आकर गुस्से से अपना हाथ चेयर पर मारा , और फिर अपनी ही चेयर पर आकर बैठ गई और खुद से कहा ।

कायरा - समझते क्या हैं खुद को ???? बॉस हैं , तो चाहे जिस तरह से बात करेंगे । क्या हमारे बीच बॉस और एम्प्लोई के अलावा, और कोई रिश्ता नहीं है क्या ???? ( खुद की बात पर गौर करते हुए ) है ना...... , दोस्त का रिश्ता है हमारे बीच । और........। ( अपने ही सिर पर थपकी मारते हुए ) कायरा , तू ये क्या सोच रही है ???? तुझे तो उनसे दूर रहना है । और वैसे भी अगर उन्होंने टेंशन में कुछ कह भी दिया , तो तुझे अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए था । गलत तो वो भी नहीं है । उन्होंने जो भी किया वो सब तुझे बचाने के लिए ही तो किया । तुझे भी उनसे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी । ( फिर आरव की लास्ट की कही बात के बारे में, सोचते हुए कहती है ) लेकिन उन्हें भी तो अपने बॉस होने पर, कुछ ज्यादा ही गुमान है । तो रखें अपनी बॉस गिरी अपने पास , मैं भी अब उनसे बात नहीं करूंगी ।

यही सब सोचते हुए कायरा का आज दिन निकल गया , और साथ ही उसे ऑफिस के काम में उलझे हुए ही , शाम के सात भी बज चुके थे । आरव अभी तक वापस ऑफिस नहीं आया था। कायरा की नज़र अपनी रीस्ट वॉच पर गई , जिसमें भी सात बज चुके थे, मतलब की ऑफिस से घर जाने का टाइम हो चुका था । उसने अपना सामान समेटा और कुछ इंपोर्टेंट फाइल्स को लाकर पीयुन को दिया और उसे आरव के केबिन में रख देने को कहा । फिर वह ऑफिस से बाहर चली गई । पार्किंग में रखी अपनी स्कूटी की डिग्गी में उसने अपना सामान रखा और हेलमेट लगा कर , स्कूटी स्टार्ट कर वह घर के लिए निकल गए । उसके जाते ही आरव, नील के साथ पार्किंग एरिया में आया और अपनी कार पार्क कर वह सीधे ऑफिस के अंदर आकर, अपने केबिन में चला गया। उसने आदि को कॉल कर, अपने केबिन में बुलाया । आदित्य उसके केबिन में आया तो उसे देखकर , आरव ने तुरंत उससे पूछा ।

आरव - आदि , कायरा कहां है ????

आदित्य - कायरा तो अभी - अभी घर के लिए निकली है , तेरे आने के कुछ मिनट्स पहले ही ।

आरव ( हैरानी से ) - इतनी जल्दी ???

आदित्य ( मुस्कुराकर ) - टाइम देख भाई !!! सवा सात बज चुके हैं ।

आरव ( घड़ी में टाइम देखते हुए ) - हम्ममम । ( मन ही मन खुद से ) आज तो मुझे टाइम ही नहीं मिला , कायरा से ढंग से बात करने का । ना ही मैं उसे सॉरी कह पाया , आज के उससे ऐसे बिहेव के लिए और ना ही उससे किसी भी प्रकार की आगे बात कर पाया । पता नहीं , क्या सोच रही होगी मेरे बारे में वो .....। ( आदित्य की ओर देख कर ) राजवीर की कोई अपडेट , कि उसकी प्लानिंग क्या है , क्या करने वाला है हमारे खिलाफ । वगैरह की जानकारी ???!!!!

आदित्य ( आरव की वर्किंग टेबल के सामने रखी चेयर पर बैठते हुए ) - नहीं भाई । उसकी कोई खबर नहीं है । मैंने उसके घर के बाहर अपने आदमी लगा रखे हैं , जिनके अकॉर्डिंग राजवीर कल रात के बाद से , अपने घर से बाहर निकला ही नहीं है । अगर वह कहीं जाता , तो उसकी प्लानिंग की हमें खबर लग जाती । पर अभी तो फिर हाल कोई अपडेट नहीं है , मेरे पास ।

आरव ( कुछ सोचते हुए ) - हम्ममम ।

आदित्य ( टेबल पर रखी फाइल्स की ओर इशारा करके ) - अच्छा ......, ये फाइल्स कायरा ने तुम्हें देने के लिए कहीं थी , ऐसा पीयुन ने मुझे बताया। शायद चेक करने के लिए भिजवाई होगी। तू जल्दी से फाइल्स वगेरह चेक कर ले , फिर हम भी घर चलेंगे । ( हल्की सी अंगड़ाई लेते हुए ) वैसे भी आज कुछ ज्यादा ही बिज़ी था मैं ऑफिस के काम में , इसलिए थकावट लग रही है ।

आरव ( आदित्य को तिरछी नज़रों से , मुस्कुराकर देखते हुए ) - अच्छा .......!!!!!!

आदित्य उसे अपनी ओर ऐसे देखते पाकर , अपनी बत्तीसी दिखा देता है। आरव उसकी इस हरकत पर , हल्का सा हंस देता है और फिर फाइल्स चेक करने लगता है । जबकि आदित्य वहीं चेयर पर बैठा, अपने मोबाइल में गेम खेलने में बिज़ी हो जाता है । एक दो फाइल्स चेक करने के बाद , आरव को नेक्स्ट फाइल में कुछ डिजाइंस मिस दिखते हैं। तो वह आदित्य को फाइल दिखाते हुए कहता है ।

आरव - आदि !!!! इस फाइल में क्लाइंट के अकॉर्डिंग दिए गए ऑर्डर के अनुसार , कुछ डिजाइंस मिस दिख रहे हैं । तू देख तो सही ......।

आदित्य ( फाइल देख कर ) - हां ...., इसमें दो डिजाइंस गायब हैं । एक काम कर , कायरा को कॉल कर ले । यहां वहां ढूढने से अच्छा है, कि डायरेक्ट कायरा से ही पूछ लें , उसे मालूम होगा डिजाइंस के बारे में ।

आदित्य की बात सुनकर , आरव टेबल से अपना मोबाइल फोन उठा कर, कायरा को कॉल करता है । पहली बार में फोन नहीं लगता , तो आरव दोबारा कॉल करता है, पर इस बार फोन रिसीव नहीं होता , तो आरव टेंशन में आ जाता है। वह दोबारा कॉल करता है ।

इधर कायरा अपनी स्कूटी ड्राइव कर रही थी और बार - बार उसका फोन रिंग हो रहा था। उसे चिढ़ हो रही थी ये सोच कर, कि वह कॉल अटेंड करे , या फिर स्कूटी ड्राइव करे । तीसरी बार जब फोन बजा, तो उसने चिढ़ते हुए ही स्कूटी को साइड में खड़ा किया , और फोन को अपने जीन्स की जेब से निकालते हुए ही, अपने आस - पास ध्यान देते हुए देखा । उस वक्त उस सड़क पर उसे कोई भी नहीं दिख रहा था । शायद एक हिसाब से पूरी सड़क सूनसान सी दिख रही थी । ऐसा कई बार होता था, पर आज उसे सूनसान सड़क देखकर कुछ अजीब सा लग रहा था । खैर उसने ये सब बाते साइड में रख कर , अपने फोन को स्क्रीन पर फ्लेश हो रहा नंबर और नाम देखा , जो आरव का था ।

इधर आरव को कायरा के फोन रिसीव ना करने से बेचैनी हो रही थी , जिसे वह बहुत मुश्किल से शांत कर रहा था । तभी कॉल रिसीव हुआ , और फोन की दूसरी ओर से कायरा की आवाज़ आयी ।

कायरा ( फोन रिसीव करते हुए मन में ) - भला आरव मुझे क्यों कॉल कर रहे हैं , और वह भी इतनी बार । ( आरव से कॉल पर ) हैलो ........!!!!!

आरव ( अपनी चेयर से उठते हुए , टेंशन के साथ कहता है ) - कहां हो तुम कायरा ???? फोन क्यों रिसीव नहीं कर रही थी ??? तुम्हें पता है...... , तुम्हारे फोन ना रिसीव करने से मेरे मन में कैसे - कैसे खयाल आ रहे थे ??? तुम्हारे पास बिल्कुल भी दिमाग नहीं है क्या , कि जब कोई बार - बार फोन करता है, तो वो किसी अर्जेंट वर्क के लिए ही, फोन कर रहा होगा । यही सोचकर , कम से कम तुम्हें फोन रिसीव कर लेना चाहिए था । और तुम हो की........।

कायरा ( तेज़ आवाज़ में फोन की दूसरी तरफ से चिल्ला कर ) - आरव ......!!!!!! मैं स्कूटी ड्राइव कर रही थी । इस वक्त सड़क के साइड में रुक कर, मैंने आपका कॉल रिसीव किया है । उसके बाद भी आप ........., ( उस वक्त कायरा को अपनी ही आवाज़ इतनी तेज़ सुनाई दे रही थी , कि वह खुद भी डर गई । उसने एक बार फिर अपने आस - पास देखा , पर अपने अलावा उस सड़क में उसे, एक परिंदा भी नहीं दिख रहा था । उसने अपनी आवाज़ थोड़ी धीमी की और आरव से कहा ) बताइए ....!!! आपने मुझे क्यों कॉल किया है , वो भी इतना अर्जेंट में , कि आप से , दो पल भी सांस नहीं ली जा रही है ।

कायरा की बात सुन कर , आरव का टेंशन, अब गुस्से में तब्दील हो गया । क्योंकि आरव को गुस्सा तो बहुत जल्दी आता था । और कायरा की बातें, आरव को गुस्सा दिलाने के लिए काफी थी । तब भी उसने खुद के गुस्से को कन्ट्रोल किया , और फाइल के बारे में पूछा।

आरव - आरके कंपनी के फाइल्स में , दो डिजाइंस गायब हैं । कहां रखी है वो डिजाइंस , या फिर तुमने बनाई ही नहीं है ????

कायरा - मैंने डिजाइंस बनाई है । और उसे राहुल को दी थी । कॉपी करके, ऑफिस में उसकी एक कॉपी संभाल कर रखने के लिए । उससे पूछिए वो आपको बता देगा।

कायरा की बात सुनकर , आरव ने राहुल को बुलाया और उसके आते ही , उससे डिजाइंस के बारे में पूछा । तो राहुल ने कहा।

राहुल ( डिजाइंस आरव की ओर बढ़ाते हुए ) - मैं यही डिजाइंस देने के लिए ही आ रहा था , तेरे पास ।

कायरा भी उनकी बातें सुन रही थी । पर तभी उसे लगा , जैसे उस पर कोई नजर रख रहा है । उसने चारों ओर देखा , पर उसे उस सड़क पर दूर - दूर तक कोई भी नज़र नहीं आया । उसने फोन पर आरव से कहा ।

कायरा - मिल गई तसल्ली , हो गया आपका काम । अब फोन कट कीजिए , और मुझे अपने घर जाने दीजिए ।

कायरा ये सब, आरव से कह ही रही थी , कि तभी उसके सामने कोई आया और कायरा से उसका फोन छुड़ा लिया । जिससे कायरा डर गई , और उसकी डर के मारे चीख निकल गई ।

यहां आरव कायरा की बात पर कोई जवाब देता , उससे पहले ही उसे कायरा की चीख सुनाई दी । उसने फोन पर ही चिल्लाकर कहा ।

आरव - कायरा ....., कायर .........। कुछ......., कुछ बोलो ........। ( फोन को देखते हुए ) इसकी आवाज़ क्यों नहीं आ रही है । ( फोन को फिर से अपने कान से लगाकर ) कायरा............!!!!!!

आदित्य और राहुल ( एक साथ ) - क्या....., क्या हुआ आरव !!!!

आदित्य - तू ........,तू ऐसे रिएक्ट क्यों कर रहा है आरव , कायरा ठीक तो है ना ????

आरव ( टेंशन के साथ ) - नहीं पता आदि । मैं उससे बात ही कर रहा था , कि तब ही उसके चीखने की आवाज़ मुझे सुनाई दी । मुझे ......., मुझे बहुत टेंशन हो रही है आदि । अचानक से ऐसे......। ( टेबल में रखी हुई, अपनी कार की चाभी उठाते हुए, दरवाज़े की ओर तेज़ कदमों से बढ़कर कहता है ) मैं जा रहा हूं उसके पास । वो पक्का किसी प्रॉब्लम में है। इसी लिए शायद, मुझे इतनी ज्यादा बेचैनी भी हो रही है । मैं जा रहा हूं , उसकी हेल्प करने......।

आदित्य ( उसे पीछे से तेज़ आवाज़ में बोलकर , लगभग रोकते हुए ) - पर आरव ......, वो कहां है, ये पता भी है तुझे ....????

आरव ( केबिन के दरवाज़ा से बाहर की ओर भागते हुए ) - वो रास्ते में है ........।

इतना कह कर वह तेजी से ऑफिस से बाहर निकल गया । राहुल ने आदित्य से कहा ।

राहुल - आदि !!! चल , हमें भी उसके पीछे जाना चाहिए । कहीं कायरा सच में किसी प्रॉब्लम में ना हो ।

आदित्य - हम्ममम, चल .......। और नील को भी बता । ताकि अगर प्रॉब्लम ज्यादा बड़ी हो , तो वह रेहान को भी साथ के आए । और हम सभी मिलकर , उसे सॉल्व कर सकें ।

इतना कह कर आदित्य भी आरव के पीछे भागा , पर आरव तब तक अपनी कार लेकर जा चुका था । इधर राहुल ने नील को हड़बड़ाहट में , रेहान को खुद के साथ लाने के लिए कहा और कहां आना है , उसकी लोकेशन वह फोन पर सेंड कर देगा , बोलकर वह तेज़ कदमों के साथ ऑफिस से बाहर की ओर भागा । नील को कुछ समझ तो नहीं आया , सिर्फ इतनी बात के, कि उसे रेहान को अपने साथ लेकर , कहीं पर पहुंचना है । वह भी हड़बड़ाहट में , पीयुन को ऑफिस बंद करने का कह कर , रेहान को कॉल कर , उसे रेडी रहने के लिए कहा । और फिर वह भी ऑफिस से बाहर की ओर निकल गया ।

इधर राहुल जैसे ही ऑफिस के गेट पर पहुंचा, आदित्य रेडी खड़ा था अपनी कार के साथ । राहुल फटाफट ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर बैठा , और उसके बैठते ही आदित्य ने गाड़ी बढ़ा दी । राहुल ने आदित्य से कहा ।

राहुल - तुझे मालूम भी है , कि आरव किस तरफ गया है ????

आदित्य - नहीं यार, पर मुझे लगता है , उसके कहने का मतलब था , कि कायरा अपने घर जाने वाले रास्ते में है । मैं उसी तरफ अपनी गाड़ी , बढ़ा रहा हूं ।

राहुल - हमें आरव की लोकेशन चेक करनी चाहिए । ये ज्यादा सही होगा ।

आदित्य ( अपनी कार की स्टेयरिंग को दाईं ओर मोड़ते हुए ) - यू आर राइट । चेक कर , उससे हमें ज्यादा अच्छे से मालूम होगा , कि आरव किस ओर जा रहा है । ( अपना फोन उसे पकड़ाते हुए ) मेरे फोन से कायरा की भी लोकेशन चेक कर । अगर कायरा कहीं एक जगह रुकी होगी , तो लोकेशन के अकॉर्डिंग उसका फोन किसी न किसी एक फ़िक्स्ड प्लेस की लोकेशन जरूर बताएगा , जो हमारे फोन पर पता चलेगी । जिससे हमें ये तो कन्फर्म हो ही जाएगा , कि कायरा किसी प्रॉब्लम में है ।

आदित्य की बात सुन कर , राहुल आराव और कायरा दोनों की लोकेशन ट्रेस कर रहा था । पर थोड़े नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से , मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने में, टाइम ले रहा था ।

इधर आरव परेशान सा अपनी कार, फुल स्पीड में सड़कों पर दौड़ाए जा रहा था । और साथ ही बार - बार कायरा को कॉल लिए जा रहा था , पर अब कायरा का फोन स्विच ऑफ बता रहा था । जिससे आरव को अब और टेंशन होने लगी थी ।

इधर कायरा के चिल्लाने के बाद , उस आदमी ने कायरा का फोन जमीन पर पटक दिया था । जिससे उसका फोन टूट कर, चकना चूर हो चुका था । कायरा ने उस आदमी की ओर देखा , तो वह आदमी अपने चेहरे पर काले कलर का , नकाब बांधे हुए था । जिससे कायरा और ज्यादा डर गई थी । पर तब भी उसने हिम्मत करके , उस आदमी से कहा ।

कायरा - कौन ....., कौन हो तुम ...????? और मेरा फोन क्यों तोड़ा तुमने ??? क्या चाहिए तुम्हें मुझसे ????

उस आदमी ने कहा - हमारे बारे में जान कर क्या करोगी तुम ????

उसने इतना कहा ही था , तभी उसके तरह ही लगभग , सात से आठ आदमी , अपने चेहरे पर काला नकाब पहने उसके सामने खड़े हो गए । उन्हें देख कर कायरा के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था । उनमें से एक आदमी ने कहा ।

आदमी ( कायरा को अजीब सी नज़रों से देखते हुए ) - इस लड़की को हमें , जान से मारने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है । पर इसे देख कर तो लग रहा है , कि ये मारने की नहीं, बल्कि रात को हसीन बनाने की चीज है ।

पहले वाला आदमी ( ठहाका मारकर हंसते हुए ) - तो पहले अपनी रातों को हसीन ही बना लेते हैं , फिर इसे खत्म भी कर देंगे । हमारा काम भी हो जाएगा , और कॉन्टैक्ट भी पूरा हो जाएगा ।

उनकी बातें सुनकर , कायरा बुरी तरह घबरा गई । कायरा को करांटे आता था । पर वहां इतने सारे लोगों को देख कर , वह बुरी तरह घबरा रही थी । तभी पहले वाला आदमी उसकी ओर बढ़ने लगा। तो कायरा ने हिम्मत करके उससे कहा ।

कायरा - देखो ......, मुझे परेशान मत करो । मुझे जाने दो । और मुझे छूने की सोचना भी मत, वरना .........।

दूसरा आदमी भी उसकी ओर अपने कदम बढ़ाते हुए - वरना .......????

कायरा ( सभी को देखते हुए , हिम्मत करके गुस्से से भरकर, तेज़ आवाज़ में कहती है ) - वरना मैं तुम सभी को मारूंगी । और इतना मारूंगी , कि तुम लोगों को , हॉस्पिटल की दहलीज तक पहुंचने से कोई भी, रोक नहीं पाएगा ।

उसकी बात सुनकर, सभी जोर - जोर से हंसने लगते हैं । उनमें से एक आदमी कहता है।

आदमी - सुना तुम सबने ...? ये क्या कह रही है .......!!! ये हमें मारेगी । ये ....... , ये लड़की........, हम इतने सारे आदमियों को मारेगी ।

ये बात सुनकर , एक बार फिर सभी ठहाका मार कर हंस दिए । और पहले वाला आदमी , अपनी हाविशी नज़रों से कायरा को देखते हुए , तेज़ी से अपने हाथ उसकी ओर बढ़ा रहा था। जैसे ही उसने कायरा की बांह पकड़ी चाही , उससे पहले ही कायरा ने उसका हाथ पकड़ कर , उसके मुंह पर एक थप्पड़ रशीद कर दिया। उसका थप्पड़ इतना तेज़ था , कि उसकी आवाज़, उस पूरे सूनसान रोड में , किन्हीं दो तलवारों के टकराने की आवाज़ की टंकार की तरह, गूंज गई । और वह आदमी भी , उसके थप्पड़ खाने से खुद को संभाल ना सका , और वहीं जमीन पर गिर गया। अपने एक आदमी को , गिरा हुआ देख और इतनी तेज़ थप्पड़ की आवाज़ सुन , सारे आदमी सहम गए । और कायरा ने दहाड़ती हुई आवाज़ में सभी से कहा।

कायरा - एक लड़की को कम समझने की भूल कभी भी, तुम जैसे आदमियों को नहीं करनी चाहिए । वरना एक लड़की, तुम जैसे लोगों का वह हाल करती हैं, कि तुम लोग मरने के लिए उसके सामने भीख मागते नज़र आते हो । पर तब भी वह तुम लोगों को , अधमरा करके छोड़ देती है । अगर विश्वास ना हो , तो आज आजमाकर देख लो । फिर कभी किसी लड़की को , अपने से कम समझने की भूल नहीं करोगे , तुम लोग…...।

उसकी दहाड़ सुनकर , सारे आदमियों का गुस्सा बढ़ जाता है । सभी कायरा की ओर एक - एककर टूट पड़ते हैं । और जो आदमी कायरा के थप्पड़ से जमीन पर गिर गया था , अब वह भी उठकर कायरा की ओर मारने के लिए होता है , कि तभी कायरा उसके सीने में एक मुक्का मार कर , अपने पर से उसके पैर पर वार करती है । जिससे वह कराहते हुए , एक बार फिर जमीन पर गिर जाता है ।

कायरा उन सभी को एक - एक कर , अपने करांटें की चैंपियन शिप दिखा कर , उन सभी को धूल चटा रही थी । तभी एक आदमी ने अपनी जेब से चाकू निकाली , और उसे कायरा की ओर वार करने के लिए जैसे ही बढ़ाया , तब ही कायरा ने उसे देखते ही, अपने एक हाथ से उसका हाथ कसकर पकड़ा , और दूसरे हाथ से उसके पेट पर मुक्का मारने लगी । फिर कायरा ने उस आदमी के पैर पर , अपने पैर से इतनी जोर से मारा , कि उस आदमी के हाथ से , चाकू फिसलकर गिर गई । और वह आदमी भी वहीं पर धराशाई हो गया । कायरा ने उसे जमीन पर पटका , और उसके ऊपर अपने पैरों के प्रहार से, बरसात करते हुए कहा ।

कायरा - मुझे मारोगे तुम लोग ....???? मुझे तुम चाकू दिखाओगे .......। तुम्हारी तो मैं ऐसी हालत करूंगी , की तुम अपने परिवार वालों को, अपनी शक्ल दिखाने लायक भी नहीं बचाओगे .....।

उसकी बात सुन वह आदमी , उससे खुद को बख्शने की भीख मांगने लगा। पर कायरा का गुस्सा इतना ज्यादा था , कि उसने उस आदमी की एक ना सुनी और बस उसे मारती ही गई ।

कायरा को एक ही व्यक्ति में उलझे हुए देख , एक आदमी ने सभी आदमियों को कुछ इशारा किया । जिससे सभी आदमी , अपनी पुरानी वाली फुर्ती में वापस आ गए , और सभी ने धीरे - धीरे कायरा की ओर कदम बढ़ाए । सभी ने कायरा से छुप कर , उसके पास आकर , उसे पीछे से एक साथ पकड़ लिया , जिससे कायरा ने उस जमीन पर पड़े हुए आदमी को मरना बंद किया , और अपने आपको उन सभी आदमियों से छुड़ाने की जद्दोजहद में जुट गई । पर इतने सारे आदमी , और कायरा अकेली उनसे अपने आपको बचाने वाली , उन सभी की ताकत के आगे उसकी एनर्जी और दिमाग दोनों ही फिके पड़ रहे थे । सभी ने कायरा की दोनों बाहों को कस कर पकड़ लिया । कुछ आदमी कायरा की बाईं बांह को पकड़े हुए थे , तो कुछ आदमी कायरा की दाईं बांह को पकड़े हुए थे । उनमें से एक आदमी ने जमीन पर पड़ी हुई चाकू उठाई , और कायरा की ओर बढ़ते हुए , तीखी जुबान के साथ हंसते हुए कहा।

आदमी - बहुत शान पट्टी दिखा रही है ना तू, हम सब को । अपने आपको जंगल की शेरनी समझ रही है क्या तू ....!!!!! अब देख , हम भेड़िए कैसे तुझे अधमरा करते हैं , और अपनी रात को हसीन बनाकर , तुझे मारने के बाद , कैसे तुझे ठिकाने लगाते है । तुझे इतना तड़पा - तड़पा कर मारेंगे , कि तेरे द्वारा हमें मारने की कसक तो पूरी होगी ही , साथ ही तुझे उतनी ही तड़प भी होगी । छटपटायेगी तू , और ....., और हमसे तुझे बख्शने के लिए कहेगी । हमें बोल रही थी ना तू , कुछ देर पहले । कि तू हमारी ऐसी हालत करेगी, कि हम तुझसे, खुद के मरने के लिए भीख मांगेंगे। अब तू देख , हम तेरी वो हालत करेंगे , कि तू हमसे जिंदा रहने के लिए भीख मांगेंगी ......।

इतना कर कर वह आदमी, अपने हाथों ने चाकू लिए, कायरा की ओर बढ़ने लगा । जबकि कायरा ने जब उसकी बात सुनी, तो दहाड़ते हुए बोली ।

कायरा - जैसा तू सोच रहा है , वैसा कभी नहीं होगा। एक लड़की को चारों तरफ से पकड़ कर , तुम लोग उसपर हमला करने की कोशिश कर रहे हो । अरे......., अगर इतनी ही हिम्मत है......, तो मुझे बिना इस तरह, अपने इतने सारे आदमियों के साथ पकड़े , मेरे सामने आओ । फिर बताती हूं , कि कौन किससे जिंदा रहने की और मरने की भीख मांगता है ।

आदमी - नहीं ......., ऐसी गलती तो हम कभी नहीं करेंगे । क्योंकि तेरी होशियारी तो देख ही चुके हैं । अगर हमने तुझे छोड़ दिया और फिर दोबारा तुझे कमजोर समझकर हमला किया , तो तू फिर से हम सभी से जीत जाएगी और हम सभी को एक - एक कर धराशाई कर देगी ।

कायरा ( जोर - जोर से हंसते हुए ) - तुम ......., तुम लोग मुझसे डर गए ...!!!! नहीं है ना........, तुम लोगों में इतनी हिम्मत , कि मुझे खुला छोड़ सको .......।

इतना कह कर कायरा और जोर से, तेज़ आवाज़ में हंसने लगी । तभी उस आदमी ने कहा ।

आदमी ( हाथों में चाकू लिए , कायरा की बांह पर गड़ाते हुए ) - तू हमें डराएगी , हमें ........। तुझे तो हम .........।

इतना कह कर उस आदमी ने जैसे ही चाकू कायरा के पेट पर चलाना चाहा, वैसे ही किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया । जिसे देखकर , वह आदमी और बाकी सब भी घबरा गए । जबकि कायरा खुशी और हैरानी के मिले जुले भावों से उस आदमी को देखने लगी , जिसने चाकू से कायरा के ऊपर हमला करने वाले का , हाथ रोक कर रखा हुआ था .......।

क्रमशः