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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 2

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 2 )


आरव अपने कॉलेज में कोई स्पेशल ट्रीटमेंट कभी नहीं चाहता था इसीलिए प्रिंसिपल सर ने कभी आरव की असली पहचान नहीं बताई। मतलब के आरव द ग्रेट बिजनेस मेन मिस्टर राजेश शर्मा का बेटा और उभरते हुए बिजनेस टाइकाॕन्न साथ ही युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत मिस्टर अरनव शर्मा का भाई है । ये बात सिर्फ कॉलेज के प्रिंसिपल और आरव के दोस्तो को जो कि बेस्ट फ्रेंड्स हैं उन्हें ही पता है जो हमेशा आरव के साथ रहते हैं । आरव जब कायरा को इस तरह खुद को घूरते देखता है तो कायरा से पूरे ऐटिट्यूड के साथ बोलता है ।

आरव - व्हाट ? तुम मुझे ऐसे क्यू घूर रही हो ?

अभी तक जो फ्रेंड्स अपनी बातों में बिज़ी थे आरव की बात सुन कर आरव और कायरा की तरफ देखने लगते हैं , और आरव के फ्रेंड्स आरव को आश्चर्य से देखते हैं क्योंकि आरव कभी भी किसी भी लड़की से ऊंची आवाज़ में बात नहीं करता था और बात तो क्या वो अपने फ्रेंड्स के अलावा किसी और लड़की की तरफ देखता भी नहीं था और वो आज एक छोटी सी बात पर इस तरह से रिएक्ट कर रहा था । कायरा गुस्से में ....

कायरा - तुम जान बूझ कर मेरी सीट के पीछे बैठे हो ना ?

रूही ( मन में सोचते हुए ) - अब तो गए ... ।

बाकी सभी दोस्त कायरा के ऐसे बोलने पर आरव को देखने लगते हैं । क्योंकि उन्हें नहीं पता था के कायरा और आरव पहले कहीं मिल चुके हैं ।

आरव - मैं क्यों जान बूझ कर तुम्हारी सीट के पीछे बैठूंगा ?

कायरा - क्यूकि तुम मेरा पीछा कर रहे हो , कल का बदला पूरा नहीं हुआ ना तो जान कर मेरे पीछे बैठे हो मुझे परेशान करने के लिए , यही है ना ? अच्छे से जानती हूं तुम जैसे लडको को । एक बार लड़की देखी नहीं के बस पीछे पड़ जाते हो । और क्या नाम दिया था मैंने तुम्हें .. हां .... याद आया , रोमियो .... यही नाम फिट बैठता है तुम पर ।

आरव ( गुस्से से ) - ये क्या लगा रख है , रोमियो रोमियो । मैं क्यों तुम्हारा पीछा करूंगा , और जो भी बात थी कल क्लियर हो चुकी है । ये अपनी फ्रेंड से पूछ लो जो तुम्हारे बगल में खड़ी है । मैं सही कह रहा हूं ना मिस?

रूही - हां.....।

रूही के हां कहने से कायरा घूर कर और बड़ी - बड़ी आंखे कर रूही को देखने लगती है । आरव के दोस्त का कभी कायरा को तो कभी आरव को देखते हैं और समझने की कोशिश करने लगते हैं । रूही मन ही मन भगवान से प्रार्थना करती है।

रूही ( मन में )- भगवान प्लीज आज बचा लेना , वरना ये लड़की आरव के साथ - साथ मेरा भी भुर्ता बनाएगी और पराठों के साथ खा जायेगी ।

आरव - और हां मिस कायरा । यही नाम है ना तुम्हारा , तो सुनो , रही मेरी यहां बैठने की बात तो हम सब आपस में बातें करते हुए आ रहे थे इस लिए मैं तुम्हे देख नहीं पाया , और मुझे जहां खाली डेस्क मिली मैं अपने फ्रेंड्स के साथ बैठ गया बात सिम्पल।

कायरा ( भरपूर गुस्से में ) - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ऐसे बात करने की , और तुम होते कौन हो , मुझे ये बताने वाले के मैं अपनी फ्रेंड से क्या पूछूं और क्या नहीं ? और तुम एक बात .......

कायरा जैसे ही कुछ आगे बोलने वाली होती है प्रोफेसर क्लास में आ जाते हैं और सभी स्टूडेंट्स खड़े होकर उन्हें विश करते हैं । प्रोफेसर जो कि ध्यान से कायरा और आरव को देख रहे थे क्योंकि दोनो के लड़ने से उनकी आवाज़ क्लास के बाहर तक जा रही थी जो की प्रोफेसर ने भी सुन ली थी , प्रोफेसर अपनी बुक को डेस्क पर रखते हुए वहीं से कायरा को बोलते हैं ।

प्रोफेसर - आप इस क्लास में न्यू हैं ?

कायरा अब सही से अपनी डेस्क में रूही के बगल में खड़ी हो जाती है और आरव भी अपनी डेस्क पर सही से खड़ा हो जाता है । प्रोफेसर के पूछने पर कायरा जवाब देती है ।

कायरा - यस सर ।

प्रोफेसर ( रूही की तरफ इशारा करते हुए ) - और आप ?

रूही - यस सर ।

प्रोफेसर - आप दोनों ही अपना इंट्रो दीजिए ।

कायरा - सर आई अम कायरा गर्ग।

रूही - सर आई अम रूही ठाकुर ।

प्रोफेसर - सो मिस कायरा गर्ग , आपको पता नहीं है क्या के क्लास में किस तरह से पेश आते हैं । आपकी वॉइस क्लास के बाहर तक जा रही थी । और आरव आप तो ऐसा कभी नहीं करते तो फिर आज क्यों आप इस तरह से बिहेव कर रहे हैं । अनीवे , मिस कायरा आज आपका फर्स्ट डे है इस लिए जाने दे रहा हूं आगे से इस बात का ध्यान रखिएगा । वरना आप मेरी क्लास के बाहर होंगी अगली बार , और आरव आप भी ध्यान रखिएगा ।

आरव और कायरा ( एक साथ ) - यस सर ।

कायरा गुस्से में आरव को घूरते हुए अपनी सीट पर बैठ जाती हैं और आरव मन ही मन मुस्कुराता है । और अपनी बुक्स ओपन कर प्रोफेसर के लेक्चर की ओर ध्यान देता है । प्रोफेसर की क्लास के बाद नेक्स्ट प्रोफेसर आते हैं और अपनी क्लास लेते हैं । सभी स्टूडेंट्स अपना लेक्चर अटेंड कर रहे होते हैं । नेक्स्ट प्रोफेसर भी अपनी क्लास ले कर चले जाते हैं और बची हुई क्लासेस 1 घंटे बाद होती हैं । कायरा गुस्से से अपनी बुक्स को बैग में डाल कर और रूही का हाथ पकड़ कर क्लास से बाहर चली जाती है। आरव कायरा को गुस्से में देख कर उसके पीछे जाता है । आरव कुछ ही दूर पहुंची होती है के पीछे से आरव कायरा को आवाज़ देता है ।

आरव - मिस कायरा , एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए।

कायरा कोई जवाब नहीं देती ।

आरव ( फिर से आवाज़ देता है ) - मिस कायरा एक बार तो सुन लीजिए मेरी बात ।

रूही - कायरा सुन ले ना क्या कह रहा है।

रूही के बोलने पर कायरा रुक जाती है और आरव उनके पास आ जाता है। कायरा आरव की तरफ मुड़ कर ....।

कायरा - बोलो क्या काम है ?

आरव - सॉरी ! वो मेरी वजह से तुम्हे प्रोफेसर की डांट सुननी पड़ी ।

आरव के दोस्त भी वही आ जाते हैं । कायरा गुस्से से आरव से बोलती है।

कायरा - एक तो तुम्हारी वजह से मुझे सुनना पड़ा और तुम मुंह उठाए आ गए यहां सॉरी बोलने । प्रोफेसर के सामने सॉरी बोलना चाहिए था ना ।

सभी दोस्त आरव से पूछते हैं के बात क्या है ? आरव कल का हुआ पूरा वाकिया अपने दोस्तो को बता देता है । मीशा , जो कि बहुत सालों से आरव को चाहती थी और उसने कई बार आरव से अपने प्यार का इजहार भी किया था पर आरव को उसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी इस तरह का रिश्ता रखने में इस लिए वो मीशा को सिर्फ अपनी एक अच्छी दोस्त मानता था । आरव के पापा और मीशा के पापा के अच्छे फ्रैंड होने के नाते मीशा सोचती थी के कभी ना कभी वो आरव को अपना बना ही लेगी इसी लिए वो कभी किसी लड़की को आरव के आस पास भी भटकने नहीं देती थी । कायरा को आरव से इस तरह से बात करते हुए देख मीशा को बहुत गुस्सा आ रहा था और वो गुस्से से कायरा से बोली ।

मीशा - हो कौन तुम ? और मेरे आरव से ऐसे बात क्यों कर रही हो ? और जानती क्या हो मेरे आरव के बारे में जो कुछ भी बोले जा रही हो । क्लास में भी कुछ भी बोल रही थी और अभी भी कुछ भी बोल रही हो? और आरव तुम क्यों इससे माफी मांग रहे हो ? इसकी औकात क्या है तुम्हारे सामने बोलने की जो तुम इससे माफी मांग रहे हो?

कायरा - ये क्या तरीका है बात करने का , और रही बात औकात की तो तुम जैसे लोगो से तो अच्छी ही है । कम से कम इस तरह से बात तो नहीं करती किसी से ।

मीशा - तो आरव को जो इतनी देर से परेशान कर रही हो वो क्या सही कर रही हो?

कायरा - तुम्हारे आरव को मैं नहीं , वो मुझे परेशान कर रहे हैं मेरा पीछा करके ।

मीशा - तुम्हे समझ नहीं आया या सुनाई कम देता है तुम्हे ? आरव ने कहा ना के उसने ये सब अनजाने में किया , उसे पता नहीं था के तुम वहां बैठी हो ।

आरव ( जो इतनी देर से खड़ा सुन रहा था मीशा से बोलता है ) - मीशा , स्टॉप इट , सिर्फ छोटी सी गलत फहमी है और उसे तुम दोनों बड़ा बना रहे हो ।

मीशा - मैं बड़ा बना रही हूं , तुम्हे दिखाई नहीं देता वो तुमसे कैसे बात कर रही है ?

आरव - प्लीज़ यार मीशा , डोंट क्रिएट सीन यार ।

नील - प्लीज़ यार सभी लोग शांत हो जाओ , पूरा कॉलेज सिर्फ हमे ही देख रहा है ।

सभी अपने आस - पास देखते हैं । जहां पर कुछ स्टूडेट्स खड़े इन सभी की बाते सुन रहे थे और आपस में बातें कर रहे थे ।

राहुल - एग्जैक्टली यार , हमे इस टॉपिक को यही पर फिनिश करना चाहिए ।

रूही - हां कायरा ! ये सही कह रहे हैं । हमे यही पर इस टॉपिक को क्लोज करना चाहिए ।

सौम्या - ठीक है तो इसी बात पर आप लोग भी हमारे फ्रेंड्स हुए ।

कायरा - क्यों ? हम क्यों आप सभी के फ्रेंड्स बनेंगे?

आदित्या ( बात को संभालते हुए ) - क्योंकि मिस कायरा , आप लोग और हम लोग एक ही क्लास में पढ़ते हैं । तो जब भी आपको कोई स्टडी से रिलेटेड प्रॉब्लम होगी आप हमसे पूछ सकते हो और अगर हमें प्रॉब्लम होगी तो हम आपसे पूछ सकते हैं , अफ्टराल आप अपने कॉलेज की टॉपर हो ।

रेहान - हां ..। आदि ठीक कह रहा है । क्लासमेट होने के नाते हमे फ्रेंड्स बन जाना चाहिए ।

रूही - मान जा ना कायरा ।

कायरा - क्यों मानू मैं जहां पर इन दोनों आरव और इस लड़की, क्या नाम है इसका, हां, मीशा जैसे लोग हो मैं इनसे दोस्ती नहीं करूंगी ।

शिवानी - ठीक है ना तो हमसे तो कर ही सकती हो , इससे हमरी बॉन्डिंग भी अच्छी होगी ।

रूही - मान जा ना कायरा , और ये लोग इस कॉलेज के पुराने स्टूडेंट भी हैं तो हमारी हेल्प भी होगी । इनसे दोस्ती करके हमे फायदा ही होगा ।

सभी के मनाने पर कायरा मान जाती है ।

कायरा - ठीक है ।

आरव और मीशा को छोड़ कर सभी कायरा और रूही की तरफ हाथ बढ़ाते हैं ।

सभी एक साथ - तो फ्रेंड्स ?

कायरा और रूही सभी से हाथ मिलाते हुए - ओके फ्रेंड्स ।

आरव जो कि बहुत देर से इन सभी की बातें सुन रहा था वो मुस्कुराते हुए एक टक कायरा को देखते हुए मन में सोचता है ।

आरव ( मन में )- क्या लड़की है यार । एक दम एंटीक पीस , कितनी अकड़ है इसमें ।

सौम्या - चलो फिर कैंटीन चलते हैं । मुझे तो बहुत जोरो से भूख लगी है ।

शिवानी - हां , मुझे भी भूख लगी है । चलते है कैंटीन सब ।

सभी एक साथ - हां , वहीं चलते है ।

नील ( रूही और कायरा की तरफ देखते हुए ) - इफ यू डोंट माइंड , आप लोग भी हमारे साथ चलना चाहे तो चल सकती हैं क्योंकि अभी क्लास में टाइम है ।

रूही - हां , चलते हैं ना कायरा मुझे भी भूख लगी है ।

कायरा - हां ठीक है चलो ।

आरव बहुत देर से कायरा को देख रहा होता है और उसे इस तरह से कायरा को देखते हुए आदित्या देख लेता है । और उसके पास आते हुए कहता । बाकी सब जाने लगते है। आदित्या आरव के पास आकर धीरे से आरव से कहता है ...।

आदित्या - तुझे क्या हुआ । ऐसे क्यों उसे देख रहा है ? ( कुछ पल मुस्कुराते हुए ) कहीं पहली नजर वाला प्यार तो नहीं हो गया है हमारे दोस्त को ?

आरव - हां ।

आदित्या - वैसे है तो बहुत खूबसूरत ।

आरव ( अचानक से चौंक कर ) - क्या ? क्या बोल रहा है तू ?

आदित्या - वहीं जो मुझे दिख रहा है । वो चले गई है और तू उसे अभी तक एक टक देखे ही जा रहा है ।

आरव - मैं कब उसे देख रहा हूं ? चल फालतू का दिमाग मत चला और चल कैंटीन वरना सब ऊपर आ जायेंगे हमे बुलाने ।

आदित्या ( अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए ) - जी बिल्कुल आरव जी ।

आदित्या और आरव भी सभी के पीछे पीछे कैंटीन की ओर आ जाते हैं । मीशा आरव के जस्ट बगल में बैठ जाती है । कायरा आरव और मीशा को देख कर रूही के साथ एक चेयर छोड़ कर बैठती है । वहीं पर नील बैठ जाता है । आदित्या और सौम्या साथ में अगल बगल वाली चेयर पर बैठते हैं । राहुल और रेहान आदित्या के बगल में और शिवानी सौम्या और रूही के बीच में । सभी आपस में बातें करते हैं और आदित्या और सौम्या अपने में ही मस्त रहते हैं। उन्हें ऐसे देख कर रूही और कायरा को थोड़ा अजीब लगता है । शिवानी इस बात को नोटिस कर लेती है और बोलती है ।

शिवानी - अरे सौम्या , आदि तुम लोगो ने बताया नहीं कायरा और रूही को , के तुम लोग कमिटेड हो ?

और शिवानी सौम्या को इशारा करके बताती है के दोनों इस तरह के माहौल में असहज हो रहे हैं । सौम्या शिवानी की बात को समझते हुए कहती है ।

सौम्या - अरे हां । हम दोनों तो ये बताना ही भूल गए । हम दोनों कमिटेड हैं और जल्दी ही हमारी एंगेजमेंट होने वाली है ।

कायरा - ओह , कंग्रॅजुलेशन टू बोथ ऑफ यू ।

रूही - कंग्रॅजुलेशन गाॕइस।

आदित्या और सौम्या ( एक साथ ) - थैंक्यू । ( आदित्या राहुल से ) अरे राहुल कुछ मांगा ना भूख लगी है ।

कायरा ( अपना टिफिन निकलते हुए ) - उसकी कोई जरूरत नहीं है । मैं अपना टिफिन साथ ले कर चलती हूं , और आप सभी भी ज्वाइन कर सकते हो ।

सभी कायरा के टिफिन से पराठा लेते हैं । मीशा और आरव को छोड़ कर । आरव वेटर को बुला कर ऑर्डर देता है । कायरा बीच में ही बोलती है ।

कायरा ( आरव से ) - आप भी ज्वाइन कर सकते हैं । मेरी मम्मा इतना भी बुरा खाना नहीं बनाती है । और वैसे भी मैं खाने के लिए कभी किसी को माना नहीं करती हूं ।

आरव - अरे ऐसा नहीं है । हम सभी इतने सारे लोग हैं । और पराठा तो जल्दी फिनिश हो जायेगा इस लिए सभी के लिए और मांगा रहा हूं ।

राहुल - हां भाई ये ठीक कर रहा है तू ।

आरव वेटर से नोट पेड ले कर सभी को पूछने लगता है के सभी क्या खायेंगे ?

आरव - सभी अपना अपना ऑर्डर बताओ क्या खाओगे?

आदित्या - मैं तो समोसे विथ चटनी लूंगा ।

रेहान - मैं भी समोसे ।

नील - मैं तो भजिया खाऊंगा ।

राहुल - में भी भजिए खाऊंगा ।

सौम्या - जो आदि खाएगा वहीं मैं खाऊंगी ।

शिवानी - मेरा तो पेट भर गया है । कायरा के पराठो से ।

आरव कायरा और रूही की तरह इशारा करते हुए ।

आरव - आप दोनों ।

कायरा - मेरा भी पराठो से पेट भर गया ।

रूही - मैं तो भजिए खाऊंगी ।

आरव लास्ट में मीशा से पूछता है ।

आरव - मीशा तुम क्या लोगी?

मीशा ( मुंह बनाते हुए ) - मैं तो ये ऑयली चीज़े पराठा एंड ऑल नहीं खा सकती मेरे लिए तो पिज़्ज़ा ऑर्डर कर दो ।

वेटर - पर मैडम पिज़्ज़ा में बहुत टाइम लगेगा ।

आरव - कुछ और खा लो मीशा ।

मीशा - ठीक है, तो चाउमीन मंगा दो ।

आरव अपने लिए कुछ ऑर्डर नहीं करता और वेटर को सभी के लिए चाए और मीशा और अपने लिए कॉफी ऑर्डर कर देता है । आदित्या आरव को देख जिसनें खुद के लिए कुछ ऑर्डर नहीं किया था उससे कहता है ।

आदित्या - आरव तूने खुद के लिए कुछ ऑर्डर क्यों नहीं किया और तूने तो पराठे भी नहीं खाए ।

आरव - अरे यार तुम सभी के साथ मैं शेअर करके खाऊंगा ना हमेशा की तरह । तुम लोगो को तो पता है मुझे ऐसे ही खाना पसंद है।

राहुल - हां भाई , हम समझ गए ।

सभी आपस में बातें करने लगते हैं । और वेटर सभी का ऑर्डर ला देता है । सभी खा कर अपनी क्लास चले जाते हैं और आरव भी बिल पे करके उनके पीछे अपनी क्लास चला जाता है । क्लास अटेंड कर सभी अपने अपने घर चले जाते हैं । कायरा और आरव घर पहुंचने के बाद फ्रेश होकर अपनी पढ़ाई करने लगते हैं और फिर सीधे डिनर के टाइम ही दोनों उठते जब कायरा को अंश खाने के लिए बुलाने आता है और आरव को नकुल बुलाने आता है । दोनों ही उठ कर अपने अपने परिवार के साथ डिनर करने लगते हैं । देवेश जी कायरा से पूछते हैं ।

देवेश जी - कायरा , बेटा कैसा रहा आज का पहला दिन न्यू कॉलेज में?

कायरा - अच्छा था पापा , और प्रिंसिपल सर ने सभी के सामने मुझे इंट्रोड्यूस किया और मेरे टॉपर होने के बारे में बताया ।

देवेश जी - अरे वाह , ये तो बहुत अच्छी बात है ।

अब क्योकी साथ में दादी बैठी थी इस लिए कायरा शांति से डिनर कर रही थी और अंश भी उसे परेशान नहीं कर रहा था । देवेश जी अंश से उसकी स्टडीज के बारे में पूछते हैं ।

देवेश जी - अंश बेटा आपकी पढ़ाई कैसी चल रही है ?

अंश - ठीक चल रही है पापा, बस थोड़ा सी फिजिक्स में प्रॉब्लम थी ।

देवेश जी - तो अपने टीचर से पूछ लेना बेटा ।

अंश - पापा टीचर से पूछता हूं पर तब भी डाउट क्लियर नहीं हो पा रहा है ।

देवेश जी - ठीक है तो अगर कोचिंग क्लासेस ज्वाइन करना चाहते हो तो कर लो । कायरा आप भी अंश के लिए कोई अच्छा सा कोचिंग सेंटर देख लो और अंश का एडमिशन करवा दो वहां।

अंश - पापा मेरे फ्रेंड्स जहां जाते हैं वहां के नोट्स देखे हैं मैने , बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाई होती है वहां और डाउट भी क्लियर होते हैं । बट पापा वहां की फीस थोड़ी ज्यादा है।

देवेश जी - तो क्या हुआ बेटा ! आपसे बढ़ कर तो नहीं है ना । कायरा आप देख लेना जहां अंश बोल रहा है । माहौल अगर ठीक हो वहां का तो अंश का एडमिशन वहीं करवा देना और फीस मुझसे ले लेना ।

कायरा - जी पापा ।

अंश - थैंक्यू पापा ।

देवेश जी - वेलकम बेटा ।

मालती जी - अब खुश ?

अंश - हां मम्मा , अब मेरे सारे डाउट भी क्लियर हो जायेंगे ।

सभी बातें करते हुए खाना खाते हैं । उधर शर्मा मेंशन में भी सभी बातें करते हुए खाना खा रहे होते हैं । शर्मा जी आरव से बोलते हैं ।

मिस्टर शर्मा - आरव, मैं और अरनव बहुत दिनों से एक कपड़ों की कंपनी शुरू करना चाह रहे हैं , ताकी मार्केट में हमारी कंस्ट्रक्शन की कंपनी के साथ साथ कपड़े के मार्केट में भी हमारी ही कंपनी का नाम हो। और उसमे हमे तुम्हारी हेल्प चाहिए ।

आरव - अरे ये तो अच्छी बात है पापा । बताइए क्या हेल्प कर सकता हूं मैं ।

मिस्टर शर्मा - हम जो कंपनी खोलना चाहते है । हम चाहते हैं के तुम उस कंपनी को संभालो और उसका एमडी मैं तुम्हे बनना चाहता हूं ।

आरव - पर पापा , भैया के होते हुए मैं किसी कंपनी का एमडी कैसे बन सकता हूं?

अरनव - क्यों ? ऐसा कहां लिखा है , के छोटा भाई एमडी नहीं बन सकता ? और तुम्हारे अंदर वो काबिलियत है के तुम किसी भी कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हो ।

आरव - पर भैया....!

सुनयना जी - अरे आरव , ठीक तो कह रहा है अरनव ।

खुशी - हां देवर जी , बात तो एक ही है । आप एमडी हो या अरनव जी हो कंपनी तो हमारी ही है ना ।

अंशिका - हां भाई सभी सही कह रहे हैं ।

मिस्टर शर्मा - हां , और वैसे भी हम दोनों तुम्हारी हेल्प करेंगें ना कंपनी को नई ऊंचाइयों में ले जाने में । बस एमडी होने के नाते इंर्म्पोटेंट डिसीजंस बस तुम लोगे ।

आरव - पर पापा मैं कैसे संभालूंगा सब कुछ अकेले?

मिस्टर शर्मा - बेटा तुम अकेले कहां हो ? तुम्हारे फ्रेंड्स हैं ना , उन लोगो के साथ मिल कर काम करना ।

आरव - ठीक है पापा मैं कल उन लोगो से पूछ कर बताता हूं ।

मिस्टर शर्मा - ठीक है बेटा । मुझे पूरा ट्रस्ट है तुम पर के तुम संभल लोगे ।

सभी डिनर करके अपने अपने रूम में चले जाते हैं । आरव अपने रूम में आकर सोचने लगता है के वो ये सब कैसे संभालेगा । और बिस्तर पर लेट जाता है । लेटते ही उसे कायरा का ध्यान आता है । और साथ में आदित्या की बातों का भी और वो सोचने लगता है ।

आरव ( सोचते हुए खुद से कहता है ) - क्या आदि सच बोल रहा था? क्या मुझे सच में कायरा से पहली नजर वाला प्यार हो गया है ? पर कैसे ? मैं तो उससे ज्यादा मिला भी नहीं हूं । क्या इसे ही प्यार कहते हैं । क्योकि जब भी मैं उसे देखता हूं तो अजीब सी फीलिंग होने लगती है । अरे यार मैं ये सब सोच - सोच कर पागल हो जाऊंगा । आदि की तो आदत है फालतू की बातें करने की । ऐसा कुछ नहीं होता । चल आरव तू सो जा कल तुझे सभी से कंपनी के बारे में बात भी करनी है ।

आरव कुछ देर ऐसे ही सोचते हुए सो जाता है। और कायरा इन सब से दूर अपनी बुक्स पढ़ रही होती है । और जब थक जाती है तो बुक्स बंद कर सो जाती है । सुबह खिड़की से आती हुई सूरज की किरणें जब कायरा के चेहरे पर पड़ती हैं तो उसकी नींद खुलती है । आंखे मलते हुए वो घड़ी की तरफ देखती है जो 7 बजने का इशारा करती है । कायरा उठ कर बाथरूम चली जाती है और तैयार हो कर नीचे आती है । नीचे आकर भगवान की आरती करती है और डायनिंग टेबल पर बैठ जाती है । और मालती जी सभी को बुला कर नाश्ता परोसने लगती है । उधर आरव जल्दी से नाश्ता कर नील , राहुल , रेहान और आदित्य को जल्दी ही कॉलेज बुला कर उसकी और उसके पापा के बीच की सारी बातें बताता हैं । और सभी फ्रेंड्स उसकी ओर खुशी और आश्चर्य से देखते है। आदित्या बोलता है ...........।



क्रमशः


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