घर का डर - १ suraj sharma द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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घर का डर - १

राजस्थान के अपने एक छोटे से गांव में नन्दन लगभग ६ साल बाद आया और आने का कारण भी कुछ और नहीं बल्कि उसके पिताजी की मौत थी, वो उसी गांव के सरपंच भी थे. पिताजी की मौत अजीब ही हालात में हुई थी ना ही दिल का दौरा ना ही कोई एक्सीडेंट..

जब नन्दन को गांव से परिवार का फोन आया तब वो शहर में ऑफ़िस के किसी मीटिंग में था और उतना सुनते ही वो तुरन्त अपने गांव जाने के लिया निकला पर अब भी उसका दिमाग एक के बाद एक कई सवाल उस से पूछ रहा था की ये कैसे हो सकता है , बाबा जो की नन्दन के पापा थे वो उन्हें बाबा कहकर बुलाता था वो इतने तंदरुस्त होने के बाद अचानक ये कैसा हुआ

नन्दन के लिए ये सबकुछ बेहद अजीब था पर गांव वालो के लिए बिल्कुल भी नही, पिछले कुछ 8 - 10 महीनों से गांव में बहुत मौतें हुई और हैरानी की बात ये थी कि सब लगभग एक ही जैसी मौत मारे गए थे, गांव का माहौल पहले से काफी अलग हो चुका था अब हवाओं में पंछियों की मीठी आवाज़े नहीं बल्कि खौफनाक डर की दस्तक हो रही थी और अब गांव की हवा अजीब आवाज़ों के साथ चल रह थी

नन्दन ने इसका कारण जानने की बहुत कोशिश की ऐसा क्या हुआ है जो तकरीबन एक साल में गांव पूरा बदल गया और इतनी भयानक मौतें हो रही है उसने सब से पूछने की कोशिश की पर कोई उसे कुछ नहीं बताता, गांव भी छोटा था यही कोई सिर्फ़ ३०० घर थे और तभी उसे गांव में सबसे उम्र में बड़े काका ने पूरी कहानी बताई ।।

आज से तकरीबन डेढ़ साल पहले इसी गांव में रहने वाले किशन को शबाना से प्यार हो गया था, दोनो दुनिया से छुप छुप कर एक दूसरे से मिलते थे पर गांव वालो को सब कुछ मालूम था. पूरे गांव वालो ने कई बार दोनो को समझाने की बहुत कोशिश की पर दोनो माने नहीं और फिर एक दिन गांव वालो ने दोनो को उस वक्त पकड़ा जब दोनो खेत में एक दूसरे में खोए हुए थे, और उसके बाद दोनो इस गांव के लोगो, उनके गुस्से, जात पात, धर्म ना जाने कितने चीजों का शिकार हुऐ और दोनो को पंचायत में पेश किया गया जिधर पंचों का फैसला ये ही था की दोनो को पूरे गांव के सामने पेड़ से लटका कर मार दिया जाए कुछ पढ़े लिखे लोग भी थे जो इस फैसले के खिलाफ थे और उन्हें बचाना चाहते थे पर आधे से ज्यादा गांव बस उनकी मौत का तमाशा ही देखना चाहते था..

मरते मरते उस लड़के ने कसम खायी थी की वो किसी को भी नहीं छोड़ेगा और उसके मौत के बाद एक के बाद एक इस गांव में रहस्यमय मौत होती गई

नन्दन नए सोच का था और शहर से आया था इसलिए उसे इन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था, उसने उस घर पर नज़र रखनी शुरू की जहाँ वो लड़का रहता था, रात के करीब २ बजे उसने उस काका को उस घर में घुसते हुए देखा जिस काका ने उसे ये कहानी बताई थी ।। तकरीबन एक हफ्ता ये चलता रहा रोज़ रात काका उस घर में जाते और फिर एक रात जब काका उस घर गए और बहुत देर बाद वापस आए तो नंदन ने उन्हें पकड़ लिया

"कहानी तो अपने अच्छी सुनाई काका पर अब सब कुछ सच नही बताया तो मैं कल पूरे गांव वालों को बता दूंगा और सब की मौत का ज़िम्मा आपके ऊपर होगा फिर... फिर गांव वाले आपको ऐसे ही मार देंगे, "

उसकी सारी बातें काका ने बड़े इत्मीनान से सुनी और बस हल्की मुस्कान के साथ इतना कहकर चले गए

" अगर मैने तुम्हे सच बताया तो ..तो वो मुझे मार देगा जो इस घर के अन्दर रहता है"