रात - 7 Keval Makvana द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रात - 7




शाम हो गई थी। सूरज ढल गया था। चामुंडा माता के मंदिर से सभी हवेली लौट आए थे।प्रोफेसर शिव ने सभी को हवेली के हॉल में बैठने को कहा था। प्रोफेसर शिव ने हॉल में आकर कहा, "Hello Everyone! आज हम अपने रिसर्च के पहले स्थान पर गए थे। आपको याद होगा, मैंने आपको कॉलेज में कहा था कि हम एक दिन प्रैक्टिकल और एक दिन थीयरी करेंगे। मेरा मतलब है कि आज हम मंदिर गए थे, तो कल आपको उसका रिसर्च पेपर बनाना होगा। मुझे उम्मीद है कि आपने मंदिर में मस्ती करने के अलावा, उसका निरीक्षण भी किया होगा! Ok, तो मुझे लगता है कि आप सब थक गए हैं। आप अपने कमरे में जाइए और आराम कीजिए। रामकाका से कह कर, मैं आपका रात का खाना, आपके कमरे में ही भीजवा दूँगा।" सभी ने कहा, "Ok, Sir." फिर सब अपने-अपने कमरे में चले गए।

भक्ति को लेकर स्नेहा अपने कमरे में चली गई। उसने भक्ति को बिस्तर पर लेटा दिया। कुछ देर बाद रामकाका उनके कमरे में खाना लेकर गए। सबने एक साथ खाना खा लिया। स्नेहा, रिया, अवनि, रवि, भाविन, विशाल और ध्रुव सभी एक साथ बैठे थे।विशाल ने कहा, "भक्ति को सांप ने काट लिया, इस चक्कर में, मंदिर का निरीक्षण करना भूल ही गया। अब कल में रिसर्च पेपर केसे बनाऊंगा?" भाविन ने कहा, "अरे! इसमें क्या बड़ी बात है? हम सब एक साथ बैठकर रिसर्च पेपर बना लेंगे।" ध्रुव ने कहा, "और हा, वो एक ही जगह थोड़ी हैं! अभी तो हमे बहुत सारी जगह पर जाना है।" अवनि कहा, " मैंने सुना है कि इस गांव में एक साल पुराना कुआं, एक बरगद का पेड़, एक तालाब और एक पुराना घर है। हमें वहा भी रिसर्च के लिऐ जाना होगा।" रियाने कहा, "फ्रैंड्स! आप जानतें हो, कल रात मैंने क्या देखा?'' ध्रुव बोला, "क्या देखा तुमने?" रिया बोली, ''कल रात जब मेरी नींद खुली तो मैने देखा कि हमारे कमरे की खिड़की खुली हुई थी। जहां तक ​​मुझे याद है, स्नेहा ने सोने से पहले खिड़की बंद कर दी थी। फिर मैं खिड़की बंद करने गई। वहां मैंने देखा की एक कपल हवेली के पीछे के कुएं की ओर भागा और उसमें कूद गया। ये देखकर मैं बहुत डर ​​गई थी। मैं हवेली से बाहर गई। बाहर बहुत अंधेरा था। कुत्तों के रोने की आवाज आ रही थी। फिर मैं कुएं के पास गई। मैने कुएं में देखा तो उसमे कुछ नहीं था। फिर मेरा वहम होगा, ये सोचकर मैं वापस जाने लगी। जैसे ही मैं कुएं से थोड़ी दूर गई, मैंने एक आदमी और एक औरत की डरावनी चीख सुनी। मैं बहुत डर गई थी। मुझे पीछे देखना ठीक नहीं लगा, इसलिए में दोडकर रूम मैं गईं और सो गई।" स्नेहा बोली, "तुम्हारे साथ इतना सब हो गया और तुमने मुझे बताया तक नहीं?" रिया बोली, "मुझे ऐसा लगा कि अगर में तुम सबको ये बात बताऊंगी, तो तुम सब मुझ पर यकीन नहीं करोगे और मेरी हसी उड़ाओगे।" विशाल ने हंसते हुए कहा, "तुम इतनी मॉडर्न लड़की होकर इस तरह की बाते करोगी, तो हम तुम पर हसेंगे नहीं तो और क्या करेंगे?"

स्नेहा ने कहा, ''विशाल! तुम रिया से इस तरह से बात मत करो। हो सकता है कि रिया सच कह रही हो, क्योंकि मुझे खुद को ऐसा अनुभव हुआ है।'' रवि ने कहा, "क्या? तुम्हे भी ऐसा अनुभव हुआ है?" स्नेहा ने कहा, "हां। होली की रात जब हम यहां आ रहे थे तो गांव में प्रवेश करते ही हमारी बस बंध हो गई। फिर जब बस चल रही थी तो मुझे लगा जैसे कोई बहुत तेजी से बस के पास से गुजर गया हो। पहले तो मुझे लगा की मेरा वहम होगा, फिर दूसरी बार मैंने बाहर जो देखा, वो देखकर मैं बहुत डर गई थी।" रवि ने कहा, "तुमने बस के बाहर क्या देखा?" स्नेहा ने कहा, "बस के बाहर मेरे सामने एक लाल आंखों वाला, खून से सना आदमी हंस रहा था।" ये सुनकर सब हैरान रह गये। रवि ने कहा, "स्नेहा! तुम्हे मुझे पहले ये बता देना चाहिए था।" स्नेहा बोली, ''लेकिन मैं बहुत डरी हुई थी।'' रवि ने कहा, "ऐसा अनुभव मुझे भी हुआ था। जिस रात हम होली के दर्शन कर के वापस आए, तब मैंने अपने कमरे के बाहर एक औरत की पायल की आवाज सुनी। थोड़ी देर बाद कोई अचानक कमरे की खिड़की से बहुत तेजी से भागा। जब मैंने बाहर जाकर देखा तो कोई नही था गया। फिर मैं अपना वहम है ऐसा मानकर सो गया।"

भाविन ने कहा, "इस हवेली में कुछ तो गडबड है। क्योंकि वहम एक व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन तीन लोगों को तो नहीं हो सकता। हमें इसके बारे में पता लगाना होगा।" रवि ने कहा, "जो भी हो, तुम सब ध्यान रखना।" भाविन ने कहा, "और एक बात सुनो, रात में कोई कमरे से बाहर मत जाना। अगर किसी तरह की आवाज़ या कुछ और हो, तो चिल्लाकर सबको जगा देना। हम बगल के कमरे में ही हैं, इसलिए जरूरत पड़ने पर बुला लेना।" रवि ने कहा, "चलो अब सो जाते हैं।" स्नेहा बोली, "Ok, Good Night" सभी एक दूसरे को Good Night कहकर सो गए।




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