दो आंखें लगातार छोटे से शीशे के दूसरी तरफ बेड पर पड़ी औरत को देख रही थी और मैं उन आंखों को देख रहा था
आंखों में डर फिक्र चिंता वह सब कुछ था जो 15 साल के बच्चे की आंखों में नहीं होना चाहिए था
बहती आंखों से उसने मेरी तरफ देखा आंखों से ही मैंने उसे तसल्ली दी और फिर उस बेड पर पड़ी औरत को देखने लगा
पटी काटने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे बढ़ाया तभी मेरी नजर अपने हाथों पर गई,मेरे हाथ कांप रहे थे।
21 साल के करियर में कितने ही ऑपरेशन कितने ने ही सर्जरी की
लेकिन आज अपनी ही बहन का ऑपरेशन करने जा रहा था मैं
बहन,नहीं बहन
कहना गलत होगा। मेरा बाप मेरी मां मेरी बहन सारे रिश्तो का सुख दिया था इस बेड पर पड़ी औरत ने मुझे
कबी बाप की तरह सही रास्ते पर चलने की सीख दी कभी मां की तरह प्यार लड़ाया और कभी बड़ी बहन की तरह हुकुम दी या और कभी बडी बहन अपनी जिद मन वाई
और आज यही इंसान मेरे सामने इस हालत में में चुपचाप शांति से लेटा हुआ है
डॉक्टर शुरू करें
नर्स की आवाज से मैं अपने होश में आया और खुद को संभाला और एक डॉक्टर की तरह लगातार 4 घंटे तक उस जान को बचाने की कोशिश कर रहा था जिसने कभी मेरी नन्ही सी जान को सही रास्ते पर अपना साथ दिया था
एक लड़का जो कचरा कबाड़ उठाकर उसको बेच कर अपना पेट भरता था
एक एनजीओ की लड़की ने उसे देखा और एक अनाथ आश्रम में डाल दिया वो रोज उससे मिलने आती
सारे रिश्तेदार जो कि सिर्फ उसने कभी सुने थे
उन सब का प्यार देती कभी यह महसूस नहीं होने दी कि वह एक अनाथ है
वह सब कुछ दिया जो एक मासूम बच्चे को मिलना चाहिए हिम्मत हौसला सपने लेने की आजादी सपनों को पूरा करने के लिए अपना साथ पैसा समाज मे इज्जत
वह सब कुछ जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी।
वह लड़का था मैं मैं यानी डॉक्टर सुधीर अमला सिंह
नाम तो क्या मुझे अपने मुझे अपने मां बाप भी नहीं पता था कि आखिर वह है कौन
तभी इस फ़रिश्ते ने मुझे अपनी छत्रछाया में ले लिया उसी दिन मैंने उस फ़रिश्ते को अपना सब कुछ मान लिया
यह फरिश्ता था अमला जो मेरे सामने कुछ घंटे पहले मौत और जिंदगी के बीच अपनी जंग लड़ रही थी अब वह बिल्कुल सुरक्षित है
उस दिन उस फरिश्ते ने मेरा हाथ अपने हाथ थाम कर मेरी जिंदगी को एक नया जीवन एक नया रास्ता एक नई उम्मीद दी थी और आज उसी फरिश्ते को मैंने 0.1 प्रतिशत ही वापस करने की कोशिश की है
5 घंटे बाद ही उन्हें होश आ गया मैं उनके कमरे की तरफ जा रहा था तभी बाहर तक बहुत सारे लोगों की हंसने की आवाज आ रही थी
उन सब की आवाज से जान गया कि इस बार एक नहीं बल्कि अनेक जिंदगीओ की डोर अमला मां के हाथों में है
,#miss@mittal