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सौतेला भाई

वह मेरा भाई नहीं है समझी आप,
वह पापा की नाजायज औलाद है, वह आपका भी बेटा नहीं है,वह आपका सौतेला बेटा है याद रखिए मां,
आज के बाद मेरे सामने उसके बारे में बात भी मत कीजिएगा नहीं तो,देख लेना आप
अनामिका गुस्से से अपनी मां को यह सब बोल रही थी लेकिन बेटा जो भी हो वह तुम्हारा भाई है,
मां मैंने कहा ना वह मेरा भाई नहीं है,आपको एक बात समझ में नहीं आती,
इतना कहते ही अनामिका गुस्से से घर के बाहर चली गई ,उसकी मां उसके पीछे चिलाती हुई आ रही थी कि दीक्षित को देखकर उनके पैर वहीं ठिठक गए
दीक्षित बेटा, आप,,
मां वह मैं अनामिका दी से राखी बनवाने आया था,
आज रक्षा बंधन है ना इसीलिए,लेकिन कोई बात नहीं मां मैं जानता हूं वह मुझसे गुस्सा है,
दीक्षित बेटा अनामिका ने जो भी कहा वह गुस्से में कहा, प्लीज उसको दिल पर मत लगाना,
वह गुस्से में कुछ भी बोल देती है, तुम तो जानते ही हो बिल्कुल अपने पापा पर गई है, दिल में कोई बात नहीं रखती जो भी आता है मुंह पर बोल देती है,
नहीं मां वह मेरी दीदी है उनको हक है कुछ भी कहने का मैंने उनकी बात का बुरा नहीं माना,सही तो कह रही है वह मैं उनका सौतेला भाई ही तो हूं,
क्या हुआ अगर वो मुझे भाई नहीं मानती लेकिन मैं तो उनको अपनी दीदी मानता हूं,
बेटा तुम तो जानते हो दिल की बुरी नहीं है,बस जल्दी गुस्सा आ जाता है, वह बस थोड़ी नाराज है उसकी नाराजगी भी जायज है इसके पापा और तुम्हारी मम्मी का रिश्ते के बारे में पता लगा था
तब से ही ऐसी हो गई है
अपने पापा की गलती का गुस्सा तुम्हारे ऊपर निकालती रहती है,
इसके पापा तो चले गए लेकिन सारी नाराजगी गुस्सा अब तुम पर ही निकालती है,
नहीं माँ ऐसा कुछ नहीं है,आप देखना एक दिन खुद अनामिका दी मेरे हाथ पर आकर राखी बांधे गी और पूरे हक़ से मुझे अपना भाई कहेंगी और मुझसे गिफ्ट भी मांगेगी,
मुझे उम्मीद है बेटा ऐसा दिन जल्दी आए
2 महीने ऐसे ही बीत गई फिर दीक्षित की शादी हो गई दीक्षित की शादी अनामिका की class में पढ़ने वाली दोस्त इशिका से हुई
अनामिका को जब यह पता चला उसने इशिका को भी बुलाना छोड़ दिया घर में सब खुश थे सिवाय अनामिका के
वह तो ऐसे थी जैसे किसी दूसरे के घर शादी हो रही हो ना उसने कोई फंक्शन अटेंड किया, ना कोई रसम में हिस्सा लिया वह तो बस अपने कमरे में ही बंद रहती थी उसकी मां ने तो कई बार उसको बुलाया भी लेकिन वो गई नहीं,
अनामिका की मां तो ईशिका की तारीफों के पुल बांध थी रहती थी जैसे कि साक्षात किसी देवी का रूप हो लेकिन अनामिका एक कान से सुनती और दूसरे कान से निकाल देती उसको कोई फर्क नहीं पड़ता था 1 दिन घर पर सिर्फ अनामिका और उसकी मां थी,
दीक्षित अपने काम पर गया था और इशिका का कुछ सामान लेने मार्केट,
अनामिका अपने कमरे में कुछ काम कर रही थी कि उसे उसकी मां की चीख सुनाई दी अनामिका जल्दी से भाग कर अपनी मां के पास गई तो देखा उसकी मां बेहोश पड़ी थी,उसने उनको उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं उठी,अनामिका जल्दी से घर के बाहर भागी और किसी की मदद की लेने के लिए चली गई लेकिन दोपहर का समय था तो कोई बाहर नहीं था इसका जोर जोर से आवाज मार कर मदद मांग रही थी कि तभी एक लड़का आया और उसने उसे पूछा क्या हुआ तो अनामिका ने जल्दी से उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने घर की तरफ भगा ले गई, वह लड़का भी उसके पीछे ऐसे भाग रहा था जैसे पतंग के पीछे डोर,थोड़ी देर बाद वह लड़का अनामिका के घर पर था उसने अनामिका की मम्मी को उठाया और जल्दी से गाड़ी में बिठाया और हॉस्पिटल के लिए निकल गया हॉस्पिटल जाते ही अनामिका ने फॉर्मेलिटी पूरी करने लगी और डॉक्टर उसकी मम्मी का चेकअप करने लगे थोड़ी देर बाद डॉक्टर बाहर आए और उस लड़के को अपने केबिन में बुलाया अनामिका अभी पेपर वर्क कर के अपनी मम्मी के कमरे में गई तो उसके मम्मी को होश आ गया था, तभी कमरे में डॉक्टर साहब और वह लड़का आया तो डॉक्टर साहब ने कहा कि कोई मेजर ईशु नहीं है बस इनके किडनी में थोड़ी सी इंफेक्शन है,तो छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ेगा पहले तो अनामिका डर गई,लेकिन जब डॉक्टर ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि कोई प्रॉब्लम नहीं है आप टेंशन मत लीजिए सब ठीक हो जाएगा,
तब दोनों को शांति मिली अनामिका ने उस लड़के को धन्यवाद कहा और अपना नाम बताने लगी मेरा नाम अनामिका है तो उस लड़के ने अपना नाम केशव बताया
जब तक अनामिका की मम्मी हॉस्पिटल में थी तब तक केशव ने अनामिका का पूरा साथ दिया केशव अनामिका को पसंद करने लग गया था थोड़े दिनों के डिस्चार्ज के बाद अनामिका की मम्मी घर आ गई घर में सब उनका ख्याल रखते थे दीक्षित उसकी वाइफ और कभी कबार केशव भी आ जाता था,
अनामिका भी केशव को पसंद करने लग गई थी 1 दिन की बात है अनामिका कुछ टेस्ट करवाने के लिए हॉस्पिटल गई तो वहां उसने उसी डॉक्टर को देखा जिसने उसकी मम्मी का ऑपरेशन किया था,
वह उनसे मिलने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी तो उसने देखा दीक्षित उनके पास खड़ा है,
दीक्षित को देखकर अनामिका वापस जाने ही वाली थी कि उसने कुछ ऐसा सुना कि उसके कदम ही जम गए
वह जल्दी से वहां से भाग गई और पार्क में आकर बेंच पर बैठ गई
कुछ देर बाद वो गुस्से से खड़ी हुई और घर की तरफ चली गई घर जाते ही वह दीक्षित के कमरे में गई तो वह उसे वहां नहीं मिला ना ही इशिका थी वह समझ गई कि अब तक वह हॉस्पिटल से वापस नहीं आया है इसलिए वह बरामदे में ही बैठ गई अनामिका की मम्मी ने उसको बहुत बार पूछा कि क्या बात है लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया
थोड़ी देर बाद दीक्षित और इशिका साथ में बरामदे में आए तो अनामिका उनको देखकर खड़ी हो गई,
रुको,तुम लोग समझते क्या हो अपने आपको
दीक्षित और इशिका एकदम से चौक गए उनको तो यकीन ही नहीं हुआ कि अनामिका ने उन दोनों को कुछ कहा है,वह अब भी बेसुध से अनामिका को ही देख रहे थे,
अनामिका ने फिर कहा मैंने तुम दोनों को कहा था मेरी मां और मेरे मामलों से दूर रहो लेकिन तुम
आगे कुछ बोल पाती की अनामिका की मम्मी ने बीच में बोलते हुए कहा अनामिका लेकिन क्या बात है तुम इतना क्यों भडक रही हो आखिर इन दोनों ने किया क्या है इधर दीक्षित और इशिका एक दूसरे के चेहरे को देख रहे थे और समझने की कोशिश कर रहे थे कि मामला क्या है।
मां आप इन दोनों से ही क्यों नहीं पूछ लेती कि आखिर बात क्या है अनामिका की मम्मी ने दीक्षित की तरफ देखा तो दीक्षित ने अपनी नजरें नीची कर ली अनामिका की मम्मी ने अनामिका की तरफ देखते हुए कहा आखिर बात क्या है कुछ बताएगी भी तो
मां इन्होंने आपकी जान के साथ खिलवाड़ किया है इनको क्या लगता है यह सब चुप आएंगे मुझे पता नहीं चलेगा अनामिका गुस्से से बढ़ती हुई बोल रही थी
इशिका कुछ बोलने को हुई थी दीक्षित ने उसे रोक लिया,
लेकिन बेटा दिक्षित ऐसा क्यों करेगा वह तुम्हारा भाई है वह मुझे अपनी मां मानता है
मां मैंने पहले भी कहा था वह मेरा भाई नहीं है वह सौतेला भाई है,आपको एक बार समझ नहीं आती
लेकिन बेटा
नहीं मां आज नहीं मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकती हूं लेकिन आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ बिल्कुल नहीं, आज तो इस घर में या यह लोग रहेंगे या मैं
इस घर में अगर आप मुझे रखना चाहती हैं तो मेरे सामने इस सौतेले बेटे को मैं नहीं देख सकती
फैसला आपके हाथ में मैं है
अनामिका यह कैसे जिद है अनामिका की मम्मी ने गुस्से से अनामिका की तरफ देखते हुए बोला
नहीं माँ आज फैसला होकर रहेगा या तो यह रहेंगे या मैं रहूंगी
लेकिन अनामिका आखिर बात क्या है पूरी बात तो बता
तो सुनिए मां आपके किडनी में कोई इंफेक्शन नहीं था बल्कि आपके किडनी की खराब हुई थी यह बात आप के सौतेले बेटे ने छुपा कर रखी और अपनी घरवाली यानी इशिका की किडनी आपको donate कर दी इसने एक बार भी बताने की जरूरत नहीं समझी अगर आपको कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता
अनामिका की मम्मी दीक्षित की तरफ देखते हैं कुछ बोलने को हुई कि नहीं मां
दीक्षित ने आगे बढ़कर अनामिका की मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा मां आप और दी यहीं पर रहिए ,
मैं और इशिका ही चले जाते हैं
लेकिन बेटा नहीं तुम क्यों जाओगे तुम्हारा भी इस घर पर पूरा हक है
नहीं मां
अनामिका दीदी और आप ही रहिए इस घर पर आपका हक है
अनामिका दीदी अगर यही चाहती है तो मैं यहां से चला जाता हूं
इतना कहता है दीक्षित ने अंदर से अपना सामान पैक किया और इशिका के साथ घर के बाहर की तरफ चलने लगा, अनामिका की मम्मी अभी भी अनामिका की तरफ देखते हुए रो रही थी
दीक्षित और इशिका ने घर के बाहर कदम रखा ही था कि
रुकीए
अनामिका ने उन दोनों को आवाज मार कर रोक लिया शायद आप लोगों ने ठीक से सुना नहीं मैंने क्या कहा दीक्षित और इशिका एक दूसरे को हैरान होकर देख रहे थे ओके अनामिका ने फिर से कहा मैंने कहा इस घर में सौतेले बेटे का कोई हक नहीं है ना ही किसी सामान पर हक है
इतना सुनते ही अनामिका की मम्मी ने परेशान होते हुए अनामिका की तरफ देखते हुए कहा लेकिन बेटा समान तो
मां चुप रहिए
दीक्षित ने अपना समान अंदर बरामदे में रख दिया और बाहर की तरफ चलने लगा के अनामिका ने फिर उसे आवाज मार दी
शायद आपने ठीक से सुना नहीं मैंने क्या कहा इशिका और दीक्षित फिर से परेशान होते हुए एक दूसरे की तरफ देखने लगे वह शायद देख रहे थे कि शायद कोई उनके पास सम्मान या कोई जेवर तो नहीं रह गया तभी दीक्षित ने कहा अनामिका दी अब क्या हुआ हमारे पास कोई समान नहीं है थोड़े पैसे हैं अगर आप चाहे तो मैं वह भी दे सकता हूं, तभी इशिका बीच में बोलती हुई लेकिन दीक्षित अगर पैसे
दीक्षित ने उसे फिर से चुप रहने का इशारा कर दिया
मुझे लगता है आपके कान खराब है अनामिका ने थोड़ा और चीखते हुए कहा,
मैंने कहा इस घर में सौतेले बेटे का कोई हक नहीं है ना ही किसी सम्मान पर हक है समझे आप
इशिका ने जब गौर से इस बात को सोना तो वह खुशी से उछलते हुए अनामिका के गले लग गई लेकिन दीक्षित वह तो वहीं पर असमंजस में खड़ा अनामिका और इशिका को देख रहा था इधर अनामिका की मम्मी भी हैरानी से बारी-बारी सब की तरफ देख रही थी, उनको भी बात समझ में नहीं आई इशिका ने जब दीक्षित को हैरान-परेशान खड़े देखा इशिका कुछ बोलने को हुई कि अनामिका ने उसे रोक दिया
अनामिका दीक्षित के सामने जाकर खड़ी हो गई दीक्षित की तो दिल की धड़कन जैसे बुलेट की ट्रेन जैसे चल रही थी आज पहली बार था कि उसकी अनामिका दी उसके सामने आंखों में आंखें डाल कर देख रही थी और उससे बात करने आई थी,
लगता है तुमने बात सही से नहीं सुनी तो एक बार में फिर सुनाती हूं
ध्यान से सुनना दीक्षित ने गर्दन हां मैं हिला दी
मैंने कहा इस घर पर सौतेले बेटे का कोई हक नहीं है ना ही कोई सोतेला बेटा मेरा भाई है समझे,
दीक्षित अभी भी असमंजस में बात समझने की कोशिश कर रहा था,असल में वो अनामिका से डर रहा था अनामिका ने अपने सर पर हाथ मारते हुए कहा"
अरे बुद्धू राम"
इस घर पर किसी सौतेले बेटे का हक नहीं है,सिर्फ बेटे का हक है,
कोई सौतेला बेटा मेरा भाई नहीं हो सकता सिर्फ बेटा ही भाई हो सकता है,
अब समझे मेरे दीक्षित भाई,
अनामिका अपने मुंह से भाई शब्द सुनते ही दीक्षित की आंखों से आंसू बहने लगे वह कुछ बोलने को हुआ कि अनामिका ने उसे गले से लगा लिया और दोनों फूट-फूट कर रोने लग गए इधर अनामिका की मम्मी भी दोनों को गले लगते हुए खुशी के मारे उछलने लग गई कितने सालों के बाद आज उनको बेटा और बेटी एक साथ मिले थे,
दीक्षित ने धीरे से कहा तो क्या मैं अनामिका दीदी आपको दी कह सकता हूं?अनामिका ने गर्दन जोर से हां में हिला दी और
हां मेरे भाई तुम मुझे कुछ भी कह सकता है,
थोड़ी देर तक दोनों ऐसे ही गले से लगे रहे तो अनामिका ने बोलना शुरू किया मां कोई भी सौतेला भाई अपनी बीवी की किडनी किसी दूसरी मां के लिए डोनेट नहीं करता बल्कि खुद का बेटा ही कर सकता है

इतना कहते-कहते अनामिका की आंखें भर आई तभी पीछे से इशिका और अनामिका की मम्मी ने दीक्षित और अनामिका को गले से लगा लिया अब चारों एक साथ गले मिल रहे थे,
यह तभी पीछे से केशव की आवाज आई,
अनामिका ने जैसे पीछे घूम कर देखा तो
तो पीछे कैशव खड़ा था
अनामिका सब से दूर हुई और अपने पैर से चप्पल निकाल कर केशव को पीटने लग गई,
तुमने भी मुझसे यह बात छुपाई मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं अनामिका बोलते बोलते उसको पीट रही थी,
दीदी बचाओ दीदी बचाओ वरना यह मुझे मार देगी भाई मैं कुछ नहीं कर सकती अब अनामिका दीदी करेगी जो उनको करना है इशिका ने हंसते हुए कहा
थोड़ी देर पीटने के बाद अनामिका थक गई और हावने लगी केशव ने जल्दी से अनामिका को धक्का दिया और अनामिका की मम्मी के पीछे जाकर छुप गया
बचााओओओ

मुझे नहीं तुझे मुझे मार मार के अधमरा कर देगी इतना सुनते ही सारे लोग उठा के मार के हंसने लगते तभी अनामिका की मम्मी ने कहा केशव यह गलत बात है तुमको तो हमें सच बताना चाहिए था,
मम्मी के मुंह से यह शब्द सुनते ही अनामिका ने कहा मम्मी आप को भी पता था कि यह केशव इशिका का भाई है हां बेटा मुझे तो कब का पता था लेकिन मैंने नहीं बताया क्योंकि तुम कम से कम इससे से तो बात करती थी इसीलिए अगर तुम्हें पता लग जाता किए इशिका का भाई है तो शायद तुम इससे भी दूर हो जाती,
मुझे पता था तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो इसीलिए मैंने इशिका और दीक्षित ने मिलकर तुमसे यह बात छुपाई थी,
मम्मी यह गलत बात है आपकी
लेकिन बेटा तुमको कैसे पता चला कि केशव इशिका का भाई है,
मां जब मैं दीक्षित भाई को ढूंढ रही थी तो इनके कमरे में मुझे इनकी एल्बम मिली थी शादी वाली तो उसमें देखा था आप सबको मुझसे यह बात छुपानी नहीं चाहिए थी यह गलत बात है
कुछ गलत नहीं है केशव ने पीछे से कहा,
तुम तो चुप ही रहो,अनामिका ने गुस्से से कहा
देखा मम्मी," यह तोअभी से मुझ पर हुकुम चलाने लग गई," केशव ने हंसते हुए कहा सही कहते हैं तुम एक नंबर की खडूस गुस्से और
अनामिका उसको मारने के लिए उसके पीछे दौड़े तो केशव घर के अंदर की तरफ भाग गया।

बहुत सालों के बाद अनामिका के घर पर खुशियां आई थी आज सभी खुश थे. दीक्षित को उसकी बहन मिल गई थी अनामिका को उसका भाई और उसका प्यार वही इशिका को उसकी अपनी ननंद और भाभी दोनों एक साथ मिल गई थी,
सबसे ज्यादा खुश थी अनामिका की मम्मी उनका परिवार आज सही रूप में एक साथ आया था
#miss@mittal


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