मेरा यार शिंदे बाबू... Deepak Pradhan द्वारा पत्र में हिंदी पीडीएफ

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मेरा यार शिंदे बाबू...

ओय शिंदे बाबू...

आज तेरे जन्मदिन पर मन कर रहा है कि मैं तुझपर ढेर सारी बातें लिखूँ तुझे लिखू,तेरी बाते लिखूँ,तेरी यादे लिखूँ या फिर तेरी वो सरारते लिखूँ जो तू बचपन में स्कूल में किया करता था लेकिन कहाँ से शुरू करूँ? कुछ समझ में नही आ रहा कहने कोतो बहुत लेखक बना फिरता हूँ।एक दोस्त पर शब्द नही मिल रहे केसा लेखक हे तू दीप बाबू,बड़ा अजीब हेना हम दोनों बाबू हे।बात वही तो हे तुझे लिखने के लिए मेरी कलम भी सजदे कर रही है मेने मेरी कलम से कहा आरे थोडा रुख-रुख कर चल के उसे दर्द न हो तेरी नोक के निचे तो उसका नाम आया हे। आज कहने को हम एक ही शहर में है। लेकिन दिलों के बीच दूरियों का लंबा रेगिस्तान है। मुझे याद है वे पल, जब हम स्कुल समय में हो या कही ओर एक-दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे। याद है वे पल भी, जब एक-दूसरे का नाम भी सुनना हमें गवारा नहीं बचपन के वो दिन पता नही यार कितनी लड़ाई किया करते थे हम दोनों,में हस्ते हुए बताना चाहता हु तू भोत मारता था मुझे फिर में तेरे घर आता था रोते-रोते वो भी क्या दिन थे यार पल भर का झगड़ा फिर दोस्ती होती थी एक बार फिर वही मस्ती होती थी,घर वाले थक जाया करते थे।

परंतु आज हमारी दोस्ती की बहुत लोग मिशाल मानते हे मेने कभी अपने जीवन में न तो माँ का प्यार देखा न एक भाई का प्यार देखा, पर मेरे यार तेरे आने से मुझे वो तमाम खुशिया मिली जो मेने कभी सपने मेभी नही सोची थी।
यार तुझसे इतना याराना हो गया मेरा सब कुछ तुहि हो गया।तेरे परिवार से मुझे वो तमाम प्यार मिले जो एक घर में एक बेटे को मिलते हे एक भाई को भाई से मिलता हे एक भाई को एक बहन से मिलता हे।तू मेरा यार शिंदे बाबू...

वेसे तो में कुछ खाश नही लिखता हु पर जब तेरी दोस्ती की बात आती हेना मेरे यार तो पता नही लाजवाब लिखता हूँ। तेरे हर जन्मदिन पर मुबारक बात लिखता हु जो हर दोस्त को दिखाई से ऐसी दोस्ती लिखता हु कई लोग सीखे हे हमसे दोस्ती करना।

दोस्ती किसी के जीवन की सबसे कीमती संपत्ति है ओर मेरे भी जिसे वह कभी खोना नहीं चाहता है। सच्ची मित्रता जीवन में बिना किसी अवनति के सफलता की ओर दो या अधिक व्यक्तियों को ले जाती है। एक सबसे अच्छे दोस्त की खोज एक आसान प्रक्रिया नहीं है, कभी-कभी हमें सफलता मिलती है और कभी-कभी हम एक-दूसरे को गलतफहमी के कारण खो देते हैं। मगर हमारी गलतफहमी हमारी दोस्ती में बाधा नही बन सकी।

मुझे याद हे वो दिन जब मेरी दीदी की शादी थी ओर मेरे पास एक भी पैसा नही था तब तूने मुझे कहा था "में हुना सब हो जायगा" तेरे वहा खड़े होने मात्र से मुझे हिम्मत आ जाती थी मेरा यार शिंदे बाबू खड़ा हे।
मेरी दीदी की शादी मेरी वजा से नही हुई उसका हक़दार तू हे बाबू तेरी दोस्ती के किस्से क्या बया करू मेरी कलम रोने लगती हे।

मुझे आज भी वो दिन याद हे में एक दिन बाइक से गिर गया था पर मेने तुझे नही बताया था ओर जब तू अचानक अस्पताल में आया था खूब मुझे गालिया दे कर तू खुद रोया था😊
क्या खूब कविता लिखता हु तेरी यारी पर...

-तेरी यारी मुझे जान से प्यारी
तू जान हे तेरी याद बड़ी हे न्यारी

मेरे यार आ बेठ बात कर
कल के भविष्य पयारे की

आज में हु आज तूभी हे
नही पता कल कहा होगी अपनी यारी

गाठ बांद ले मेरे यार आज की बाते प्यारी

देख तू कमल देख में कीचड़
हम तुम हर फुल पर हे भारी

नय्या हमारी जरूर हे छोटी
कश्ती हमारी हे बड़ी भारी

चल तू वादा कर न छूटे ये यारी
चाहे जान चले जाए टूटे न यारी

क्या लिखूँ शब्द कम पड़ जायगे मेरे पाठक थक जायगे।ये दोस्ती बड़ी पुरानी हे यही तो एक सच्ची कहानी हे क्या कहु तेरी यारी पर आज तमाम मेरे दोस्त हारे हे कुछ अंत में कहना चाहूँगा शिंदे बाबू के लिए इस पूरी कहानी का सारांश चाँद लाइनों में...

मेरी कमियो की भरपाई तू हे,
मेरे हिस्से की अच्छाई तू हे ।
मेरे यार शिंदे बाबू....

में जिंदगी में जब जब उलझा हूँ,
तू मेरे साथ था तूने मुझे समझा।
मेरे यार शिंदे बाबू....

अपनी खुशिया मुझपे तूने लुटाई थी,
मेरी सारी परेशानियो को तूने समझा था।
मेरे यार शिंदे बाबू....

मुझे किसी बात का गम नही रहा,
जब जब तू मेरे साथ रहा।
मेरे यार शिंदे बाबू....

जब आपनो ने साथ छोड़ा था,
तूने मुझे अपना भाई समझा था।
मेरे यार शिंदे बाबू....

जब मुझे चोट लगी थी,
अस्पताल में सिर्फ तू रोया था।
मेरे यार शिंदे बाबू...2
जन्मदिन की बहुत बधाई मेरे यार शिंदे बाबू...!!!