The Author Appa Jaunjat फॉलो Current Read नागिन का इंतकाम - 2 By Appa Jaunjat हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books The Devils Journalist Wife - 4 जया अपने घर में थी , अपने रूम में में अपने छोटे भाई बहन को प... My Wife is Student ? - 14 आदित्य जब स्वाति को ये सीसीटीवी फुटेज दिखाता हैं! तो स्वाति... बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 20 सुबह का समय, फातिमा हॉस्पिटल, सिद्धांत के सवाल पर मिस... आई कैन सी यू - 31 अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की सगाई हो चुकी थी। वो बच्च... बैरी पिया.... - 44 अब तक : शिविका सोच ही रही थी कि इतने में एक जोर दार धमाके की... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Appa Jaunjat द्वारा हिंदी लघुकथा कुल प्रकरण : 4 शेयर करे नागिन का इंतकाम - 2 1.6k 8.1k काहाणी शुरु करते हे तो हमणे पिछले अध्याय मैं देखा की दुश्मन वापस आगए हे और वो शिवांगी के बेटी को मारणे आए हे तो चलो काहाणी शुरु करते हे शिवांगी को बेटी होइ थी और उसका नाम नागेश्वरी था तब वो शिवमंदिर जाते हे तब शिवांगी बोलती हे नागेश्वरी आज तुम्हे पच्चीस साल पुरे हुए हे और आज तुम एक नागिन बनोगी तब बोहत हवा चलती है तब शिवांगी बोलती हे आज मे तुम्हारा नया चेहरा देखोगी तब नागेश्वरी एक महानागिन बन जाती है और तब वो अपना चेहरा दिखाती हे तब वाहा पंडित आते है तब शिवांगी बोलती हे नागेश्वरी ये महापंडित हे और ये सब जानते हे तब पंडित बोलते है शिवांगी नागेश्वरी को घर भेजो तब शिवांगी बोलती हे नागेश्वरी घर जावो मे आती हो तब वो पंडित बोलते है शिवांगी ये चेहरा इसे मिलना नही चाहिए था तब शिवांगी बोलती हे क्यो तब वो पंडित बोलते है इस लडकी का एसा इतिहास हे जो उसके लिए खतरनाक हे इसकी जान खतरे मे हे अब सब दुश्मन वापस आगए हे तब शिवांगी बोलती हे कोन तब पंडित बोलते है यामिनी, चंद्रीका, मोहिनी, और तीन नए दुश्मन जो इसको मारे ने केलिए वापस आगए हे वो तीन हे नरेंद्र, अंधका, और तकक्षीका तब शिवांगी बोलती हे तो हम इसे कैसे बचाए तब पंडित बोलते है हमे एसा अस्त्र चाहिए जो इन सबको मार दे तो हमे इसकी सारी काहाणी जाननी हे में बोहत तपस्या करूगा और इसकी काहाणी जानने की कोशीस करता हो तोम घर जावो तब शिवांगी घर जाती हे तब और वो बोलती हे नागेश्वरी अपना चेहरा दिखाओ तब नागेश्वरी अपना चेहरा दिखाती हे तब शिवांगी बोलती हे तुम कामपे जावो तब उसे एक लडका टकर मारता हे तब नागेश्वरी निचे गिरती हे तब नागेश्वरी उसे ठपड मारती हे तब वो बोलती हे मुझसे पंगा मत लो तब उस लडके का दोस्त बोलता हे विक्रम चलो तब वो लडका एक कंपनी मे जाता है तब वाहा पे होती हे नागेश्वरी तब वो बोलता हे तोम इस कंपनी की boss हो तब वो बोलती हे हा और तोम राॅकी हाॅटेल के मालिक हो और तुम हमसे टीव्ही और सब materials लेने आए हो और मुझे माफ करदो मेणे तुमको ठपड मारा तब धिरे धिरे दोनो में प्यार हो जाता है तब शिवांगी बोलती हे तुम्हारी शादी होने वाली हे विक्रम नाम के लडके के साथ तब शादी के दिन शिवांगी अपना रुप बदलकर नागेश्वरी की मा बन जाती है तब राॅकी आता हे तब शिवांगी बोलती हे राॅकी अपना रूप बदलो हमारे दुश्मन वापस आगए हे तब वादी हो जाती है तब यामिनी आती है और वो राॅकी को मार देती है तब यामिनी बोलती हे शिवांगी को भी मार दो तब शिवांगी भाग जाती है शिवमंदिर मे तब वाहा पंडित आते है और वो बोलते है शिवांगी मुझे सबकोच पत्ता चल गया है लेकीन नागेश्वरी को याहा बोलाना होगा तब शिवांगी नागेश्वरी को बोलाती हे तब पंडित बोलते है मे काहाणी बताणे जा रहा हो सो साल पुराणी काहाणी नागेश्वरी एक शक्ती शाली नागिन हे जो सो शेतानो को अकेले मार दे तो चलो हम देखे कि नागेश्वरी कि काहाणी नागेश्वरी एक आम इनसान थी तब वाहा कोछ शेतान थे जो नागेश्वरी को छेडते थे तब वो भाग के जंगल मे जाती हे वाहा पे वो खाई में गिरती हे तब वो बोलती हे भगवान मुझे बचावो तब एक बडा नाग आता हे और वो नागेश्वरी को बच्चा ता हे तब नागेश्वरी को बोहत शिव कि मुर्ती दिखती हे तब उसे शिवजी बोलते है नागेश्वरी तुम इन शेतानो का अंत हो वो तुम ही हो जो उन्हे मार सकती हो मे तुम्हे नागिन का वरदान देता हु और तुम इन सबको मार दोगी तब शिवजी चले जाते हे तब वाहा पे एक नाग आता हे विक्रम और वो बोलता हे मे विक्रम हो मे तुमसे बोहत प्यार करता हो तब दोनो उन शेतानो के पास जाते हे तब नागेश्वरी सबको मार देती है तब नरेंद्र बोलता हे तुम मुझे नही मार सकती तब अंधका और तकक्षीका विक्रम को मार देते है तब नागेश्वरी अपने नागिन रुप मे आती है और उन्हे मार देती है तब नागेश्वरी बोलती हे विक्रम तुम मुझे छोडके जा रहे हो लेकिन हम अगले जन्म फिर मिलेगे तब नागेश्वरी विक्रम को गायब कर देती है तब वाहा पे एक पंडित आता हे और वो बोलता हे नागेश्वरी वो अगले जन्म वापस आएगे तो आपको उन्हे मारना हे तो अपनी जान देनी होगी और आपकी हाडियो से वो अस्त्र बनेगा जो इनका अंत बनेगा तब नागेश्वरी अपनी जान देती है तब पंडित बोलते है शिवांगी ये काहाणी हे और वो अस्त्र हमे लाना होगा तब नागेश्वरी बोलती हे मा आप दोनो चले जावो मे याहा हो तब दोनो चले जाते हे तब नागेश्वरी बोलती हे मेरा प्यार वापस आगया हे तब वो घर जाती हे तब विक्रम बोलता हे नागेश्वरी मुझे सब याद आगया हे तब हम दोनो मिलकर उन्हे मार देगे तब पहेले नागेश्वरी मोहिनी को मार देती है तब यामिनी बोलती हे ए नागिन हम दोनो को मार नही सकती तब यामिनी भाग जाती हे तब विक्रम बोलता हे तुम और मे चलो तब वो दोनो चले जाते हे तब वो छतपर जाते हे वाहा पे चांद आता हे तब दोनो डान्स करते हे चांद छोपा बादल मे इस गाणे पे तब दोनो का मिलन होता हे तब विक्रम को कोछ तो होता हे और वो एक नाग बण जाता है तब वाहा पे नरेंद्र,अंधका,तकक्षीका आते है तब नागेश्वरी और विक्रम भाग जाते हे तब वो शिवमंदिर जाते हे तब उन्हे वो दुश्मन मारते हे तब दोनो भाग जाते हे तब वो खाई में गिर जाते हे तब वो पानी मे गिरते हे तब नरेंद्र नागेश्वरी को गोली मार ता हे तब नागेश्वरी मरणे का नाटक करते हे तब वो चले जाते हे तब नागेश्वरी और विक्रम भाग जाते हे वही जंगल मे जाहा वो मिले थे तब वो शेतान निचे आते है कोई भी नहीं होता तब शिवांगी बोलती हे बाबा मे नागराणी हो मुझे वो अस्त्र चाहिए जो उन शेतानो को मार दे तब वो पंडित बोलते है इस अस्त्र को नागेश्वरी का खुन लगना चाहिए तो ही वो मरेगे तब वाहा पे आती है नागेश्वरी और वो बोलती हे मा वो आगए हे तब सब मिलकर शिव मंदिर जाते हे वाहा पे वो तिनो आते है तब नरेंद्र विक्रम को मार देता हे और तकक्षीका शिवांगी को तब नरेंद्र बोलता हे चल वो नागमणी हमे दो तब नागेश्वरी नागमणी से अंधका और तकक्षीका की सारी शक्ती या छिन लेती हे तब नागेश्वरी उन दोनो को मार देती है तब नरेंद्र बोलता हे मुझे नही मार सकती तब नरेंद्र नागमणी लेकर नागेश्वरी कि सारी शक्ती या छिन लेता हे तब वो नागेश्वरी को मार देता हे तब वाहा पे अंधका और तकक्षीका फिरसे आते है और यामिनी, चंद्रीका वो भी तब बोहत हवा चलती है तब वाहा पे मा देवी और शिवजी आते है तब मा महाकाली बन जाती है तब शिवजी नागेश्वरी,शिवांगी, विक्रम को जिंदा कर देते है तब महाकाली यामिनी और चंद्रीका को मार देती है तब नागेश्वरी वो अस्त्र लेकर अपना खुन लगाकर उन्हे मार देती है तब वो मर जाते हे तब नागेश्वरी और शिवांगी मा को प्रणाम करती है तब शिवजी बोलते है ये एसी जंग थी जो कभी भी खतम नही होगी दो महिने बाद नागेश्वरी को बेटा हो जाता है तब कोई तो बोलता हे अब मजा आएगा जब मे उसे मार दुगी The End. ‹ पिछला प्रकरणनागिन - का इंतकाम › अगला प्रकरण नागिन - का इंतकाम - 3 Download Our App