The Author Appa Jaunjat फॉलो Current Read नागिन - का इंतकाम By Appa Jaunjat हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books My Passionate Hubby - 5 ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन... इंटरनेट वाला लव - 91 हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त... अपराध ही अपराध - भाग 6 अध्याय 6 “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच... आखेट महल - 7 छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसक... 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तब वो लडका बोलता हे गौरी मे याहा हु तब उन्हे एक बच्ची हो जाती है तब डॉक्टर बोलते है आप उनसे मिल सकते हैं तब गौरी बोलती हे हमारी बच्ची एक नागिन बणेगी तब शिव बोलता हे जो संसार का नियम हे वेसा ही होगा तीन साल बाद तब गौरी बोलती हे चलो हमे वाहा जाना है तब आती है गौरी की बेटी शिवांगी वो बोलती हे रुको मा तब वो बोलती हे मा आज बाबा होते तो कितना मजा आता तब गौरी और शिवांगी शादी के मंडप पे जाते हे तब वाहा पे लडके की मा आती है और बोलती हे हमे शिवमंदिर मे शादी करानी होगी तब वाहा तयारी चालु थी तब वाहा शिवांगी कि दोस्त आती है और बोलती हे तुम्हे ये लडका कहा मिला तब वो बोलती हे मे काम पे जारही थी तब वाहा सफेरी आगए थे तब. मुझे कोछ तो होने लगा तब वाहा आगया राॅकी और उसणे मुझे उठाया और वो मुझे नदी के तरफ लेगया तब मी बोलले तु काय करतोय मंग तो बोला अंग घाबरो नको मी तुला वाचवतोय और एक बात मे तुमसे बोहत प्यार करता हो तब उसणे मेरा दिल जित लिया तब शिवांगी बोलती हे ये मेरी काहाणी थी तब शिवांगी को कैसी तो आवाज आती है तब वो देखती हे तो क्या उसकी मा मरगई हे तब राॅकी की मा यामिनी बोलती हे उस लडकी को मार दो तब वो सब शिवांगी को मार देते है तब वो चले जाते हे तब वाहा पंडित आता हे और बोलता हे शिव ये आपने क्या किया आपके ही मंदिर मे उन्होंने इन दो नागिनो को मार दिया तब चमत्कार होता हे शिवांगी हवा मै उडती हे तब वो आपनी आख खोलती हे तब वो बोलती हे नही छोडोगी तब वो बोलती हे मा मे अपना इंतकाम लोगी तब वो घर जाती हे दोसरी तरफ राॅकी कि शादी दुसरी लडकी से हो रही तब आती है शिवांगी और वो दोसरे लडकी का रुप लेकर नाचती हे तब यामिनी बोलती हे तुम्हारा नाम क्या है तब वो नाचती हे मेरा नाम मेरी हे इस गाणे पे तब बिच बिच मे वो अपना रुप लेती थी तब यामिनी उसके पास जाती हे तब वो लडकी पानी लेती हे और वो राॅकी के होने वाली बेबी के कपडो पे पानी फेकती हे तब वो बोलती हे चलो तब दोनो जाते हे तब शिवांगी उस लडकी को मार देती है और खुद दुल्हन बन जाती है तब शादी हो जाती है तब सब बोलते है चेहरा दिखाऊ तब यामिनी बोलती हे वो लडकी कहा गई तब शिवांगी बोलती हे भाग गई तब राॅकी और शिवांगी कमरे मे जाते हे तब शिवांगी उसे मारणे की कोशिश करती है लेकिन वो बच जाता है तब दोसरे दिन शिवांगी शिवमंदिर जाती हे और बोलती हे शिवजी मे नागिन हु की नही मुझे आज जानना हे तब वो बोलती हे ठिक है मे नागिन नही हो तो मे अपना इंतकाम केसे लो तब शिवांगी पहाडी के पास जाती हे और वो कोद जाती है तब वो निचे गिरती हे तब उसे कोछ भी नहीं होता तब वो एक नागिन बन जाती है तब एक बडा नाग आता हे और वो बोलता हे शिवांगी तुम शक्तीशाली नागिन हो और तुम्हारे मा बाबा शिव के बोहत बडे भक्त थे तब उन्हे मार दिया तुम्हे पुरी काहाणी जाननी हे तो तुम्हे उस मंदिर जाना है जो सभी नागिनो को अपने प्रशन का उत्तर मिलता हे तब शिवांगी घर जाती हे तब यामिनी आती है और वो बोलती हे मे तुम्हे सबकी पेहेचान करादो तब वो बोलती हे राघव,राम,तेजस ये सब राॅकी के भाई हे और जान्हवी,मानसी,राणी ये सब इनकी बेबी हे और मोहिनी राॅकी की बेहेन हे तब रात हो जाती है तब शिवांगी राघव को मार देती है तब सब बोलते है राघव कहा हे तब शिवांगी बोलती हे वाहा कोन हे तब यामिनी बोलती हे येतो मर गया है तब यामिनी बोलती हे चलो दोसरे दिन यामिनी सफेरे को बोलाती हे तब शिवांगी को बोहत तकलिफ होती हे तब शिवांगी नाचती हे तब वो बोलती हे मुझे नाचणे का शॉक हे तब सब चले जाते हे तब यामिनी चाल चलती है वो शिवांगी के पास जाती हे और बोलती हे मुझे पत्ता हे कि तुम एक नागिन हो तब शिवांगी बोलती हे तो चलो तुमे पत्ता चल गया अब मे तुम्हे मारके रहुगी तब यामिनी बोलती हे मार मुझे तब यामिनी खुदको मार देती है और चाकु शिवांगी के हाथो मे देती है तब आता हे राॅकी और बोलता हे तुमणे मेरे मा को मारा हे तब यामिनी शिवांगी कि शक्ती या छिन लेती हे तब राॅकी शिवांगी को जेल भेजता हे दो महिने बाद जेल को आग लगती हे तब शिवांगी की सारी शक्ती या वापस आ जाती हे तब शिवांगी सबको बचाती हे तब शिवांगी पोलिस का रुप लेकर घर जाती हे और वो बोलता हे शिवांगी ने तुम्हारी मा को नही मारा उनको बिमारी हे वो कभी भी खुद को मार सकती हे तब राॅकी बोलता हे आपको केसै पत्ता चला आपके घरके केमॅरा से तब वो पोलिस चला जाता है तब आती है शिवांगी और बोलती हे मे खुनी नही हो तब राॅकी बोलता हे मेने तुम्हे माफ करदीया तब शिवांगी बोलती हे मे अभी आई तब शिवांगी जान्हवी को मार देती है कल शिवरात्री थी तब सब आते है शिव की पुजा हो जाती है तब राॅकी बाहर जाता है तब वो नाग बन जाता है तब शिवांगी बोलती हे राॅकी तुम एक नाग हो तब वो हा बोलता हे तब शिवांगी बोलती हे मे भी एक नागिन हो तब वो बोलता हे तुम किसको मारणे आइ हो तब वो बोलती हे यामिनी,राम,तेजस,मानसी,राणी इन सबने मेरे मा को मार दिया हे तब राॅकी बोलता हे हम दोनो मिलकर उन्हे मार देगे तब वो घर जाते हे तब राॅकी राम को मार देता हे तब शिवांगी मानसी को मार देती है तब यामिनी बोलती हे राम और मानसी कहा हे तब राॅकी बोलता हे वो दोनो भी मर गए तब यामिनी बोलती हे ये काम उस नागिन का हे तब शिवांगी पहाडी शिवमंदिर मे जाती हे वाहा उसे एक किताब मिलती है उसमे लिखा था की गौरी कि शादी शिव से होई थी तब शिव कि मा यामिनी थी तब गौरी को यामिनी ने मार डाला तब शिवांगी बोलती हे ये देखो राॅकी यामिनी मेरे बाबा की मा थी और उसणे तुम्हारी मा को मारके उसकी जगह लेलिइ तब राॅकी बोलता हे इसका मतलब तुम्हारे बाबा जिंदा है तब वो घर जाते हे तब वो राणी और तेजस को मार देते है तब यामिनी बोलती हे मेरा सच पत्ता चल गया चलो अब खलने मे मजा आएगा तब सब शिवमंदिर जाते हे तब यामिनी बोलती हे चलो नागमणी शापमुक्त करदो तब शिवांगी बोलती हे नही नही तब यामिनी बोलती हे और वो कोण हा तुम्हारी मा गौरी को भी बोलाओ तब यामिनी बोलती हे तुम बोलाओ गी नही तो राॅकी मर जाएगा तब शिवांगी तांडव करती है तब आती है गौरी और बोलती हे शिवांगी ये लो वही त्रिशुल जो इसको मार दे गी तब शिवांगी यामिनी को मारती हे तब यामिनी बोलती हे मे नही मरोगी तब शिवांगी बोलती हे मा हमे आधी देवी को बोलना होगा तब दोनो तांडव करते हे तब आती है आधी देवी और यामिनी को मार देती है और चली जाती हे तब राॅकी बोलता हे अब सब ठिक हो गया है तब आती है एक और नागिन यामिनी की बेहन वो बोलती हे तुम मुझे नही मार सकती तुमणे यामिनी को मारदीया लेकिन मुझे नही तब वो बोलती हे सबको हे मालोम मे हो चंद्रीका तब चंद्रीका राॅकी को मार देती है तब शिवांगी बोलती हे राॅकी तब चंद्रीका बोलती हे चलो तांडव करो और नागमणी को मेरे हवेले करदो तब दोनो तांडव करते हे तब आते है शिव और चंद्रीका को मार देते है तब शिव राॅकी को ठिक करते हे तब गौरी बोलती हे चलो मे चलती हो मेरा प्यार इस धरती पे नही तो स्वर्ग मे हे तब शिवांगी बोलती हे नही बाबा याहा हे वो देखो तब आता हे शिव तब गौरी उसे बोलती हे शिव चलो हम दोनो साथ जाएगे इस दुनिया से उस दुनिया मे तब गौरी और शिव चले जाते हे तब राॅकी और शिवांगी बोलती हे हमे शिव को नागमणी अर्पण करणी चाहिए तब आती है नागराणी अंजली और बोलती हे तुम नागमणी अर्पण कर दोगी लेकिन तुम्हे अपने मा का इतिहास नही जानना उसकी शक्ती या कैसे गई तो चलो मेरे साथ तब अंजली शिवांगी और राॅकी को पुराने हवेली मे लाती हे तब अंजली बोलती हे तुम्हारे मा का सारा जीवन इस हवेली मे गोजरा हे तुम्हे पुरी काहाणी देखणी हे तो नागमणी मुझे दो तब शिवांगी नागमणी देती है तब अंजली शिवांगी और राॅकी कि सारी शक्ती या छिन लेती हे और अपने असली रूप मे आती है तब वो होती हे मोहिनी तब शिवांगी बोलती हे अब क्या करे तब हवेली मे कोछ हलचल होती हे तब वो हवेली पुराणी से नइ बन जाती है तब आती शुभांगी, शिवकन्या और सभी नागिन और मोहिनी को मार देते है तब शुभांगी नागमणी लेती हे तब वो शिवांगी और राॅकी कि सारी शक्ती या वापस आ जाती है तब शुभांगी बोलती हे तुम्हे इस हवेली का और तुम्हारी मा की काहाणी जाननी हे तो तुम्हे शिवजी को प्रसन्न करना होगा तब सब नागिन चले जाते हे तब शिवांगी और राॅकी तांडव करते हे तब शिव आते है और बोलते है मुझे मालुम हे तुमणे मुझे याहा क्यो बोलाया तुम्हे तब शिव बोलते है गौरी की काहाणी तुम्हे जाननी हे तो तुम्हे उस जंगल मे जाना है वाहा पे वो रहस्य किताब हे तब शिव चले जाते हे तब गौरी बोलती हे मा कि एसी काहाणी हे जो हमे दो साल बाद पढणे को मिलेगी क्यो की उस जंगल मे जाने किलिए दो साल लगते हे तब दोनो जाते हे दो साल बाद शिवांगी और राॅकी उस गोफा मे आते है तब वाहा पे बोहत साप होते हे तब शिवांगी बोलती हे डरो मत मे कोछ नही करुगी तब सब गायब हो जाते हैं तब दोनो को एक. किताब मिलती है तब वो किताब बोलती हे मे तुम्हे नागिन गौरी की काहाणी बताती हो तब काहाणी शुरु करते हे तो चलो गौरी एक नाचणे वाली थी वो एक बात से अजान थी की वो एक नागिन बनने वाली हे तब वो घर जारही थी तब वाहा पे एक लडका आता हे और बोलता हे गौरी मे आगया तब वो बोलती हे तुम कोण हो तब वो बोलता हे मे शिव हो तब वो बोलता हे अब मा बी राजी हे हम दोनो शादी करलेते हे तब गौरी बोलती हे ठिक है तब गौरी कि मा आती है तब वो बोलती हे अब तोम दोनो शादी के मंडप पे मिलोगे तब दुसरे दिन शादी के दिन गौरी और शिव कि शादी हो जाती है तब यामिनी आती है और बोलती हे गौरी की मा इधर आवो तब वो बोलती हे तुम एक नागिन हो मुझे पता हे तब वो बोलती हे हा मे एक नागिन हो लेकिन मेने मेरी सारी शक्ती या त्याग दिइ हे और मेरी बेटी कभी भी नागिन बन नही सकती तब यामिनी , शालिनी, मयुरी, राघव, विक्रम ये सब मिलकर गौरी के मा को मार देते है तब सब चले जाते हे तब वाहा आती है गौरी और बोलती हे मा तब गौरी अपने मा के आँखो मे देखती हे उसे सारे कातील दिखते हे तब गौरी बोलती हे नही छोडोगी तब वो शिवमंदिर जाती हे बोहत तपस्या करती है तब वो एक नागिन बन जाती है तब वो घर जाती हे तब वो पेहले शालिनी को मार देती है तब यामिनी बोलती हे ये तो नागिन नही थी ना तब गौरी बोलती हे यामिनी तो मरोगी तब शिव बोलता हे गौरी चलो हमे इस शहर से दोर जाना है तब वो बोलता हे गौरी मुझे बतावो तुम एक नागिन हो ना तब गौरी बोलती हे हा तब मुझे सब पत्ता चल गया है तब गौरी बोलती हे मे सबको मार के जावोगी तब आती है यामिनी और वो बोलती हे चलो तब सब शिवमंदिर मे आते है तब यामिनी बोलती हे चलो नागमणी दो तब गौरी बोलती हे नही तब वो मयुरी, राघव, विक्रम को मार देती है तब यामिनी बोलती हे मुझे नही मार सकती तब यामिनी गौरी नागमणी से यामिनी को मार देती है तब दोनो चले जाते हे तब गौरी बोलती हे शिव मे मा बनने वाली हो तब अचानक से उनके दुश्मन आते है तब दोनो जंगल मे भागके चले जाते हे तब गौरी गिर जाती हे तब वो बोलती हे शिव मुझे बचावो तब दोनो शिवमंदिर जाते हे तब गौरी बोलती हे शिव मुझे बचावो तब वो Hospital जाते हे तब उन्हे बच्ची हो जाती है तब दो महिने बाद शिवांगी छोटी थी तब वाहा पे आती है यामिनी और शिव को ले जाती हे तब से शिव गायब हो गया था तब गौरी को लगा था की शिव मर गया तब किताब बोलती हे ये काहाणी थी तब वाहा पे आते है पंडित और वो बोलते हे नागराणी यामिनी फिरसे आएगी तब ये लो त्रिशुल इससे वो जरूर मरेगी तब शिवांगी उस हवेली मे जाती हे तब यामिनी बोलती हे आवो मे तुम्हारा इंतजार कर रही थी तब वो बोलती हे अब मुझे केसे मारुगी तब शिवांगी त्रिशुल से यामिनी को मार देती है तब शिवांगी राॅकी को बोलती हे आज मेरा इंतकाम पुरा होवा तुम नही होते तो मेरा इंतकाम पुरा नही होता तब राॅकी शिवांगी को बोलता हे अब हमे कोइ डर नही हमारे सारे दुश्मन मर गए तब दोनो चले जाते हे तब कोई तो बोलता हे जा नागिन लेकिन हम वापस आएगे और तेरे बेटी को मार के सारी शक्ती या छिन लेगे. 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