विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 21 S Bhagyam Sharma द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 21

अध्याय 21

मदुरई पुलिस कमिश्नर का ऑफिस। रात के 9:15 बजे।

विवेक और असिस्टेंट कमिश्नर अरगरपेरूमाल दोनों, कमिश्नर शिवमणि के सामने बैठे हुए थे। कमिश्नर पूछ रहे थे।

"मदुरई वेंदन के घर में क्या असमंजस हैं मिस्टर विवेक?"

"एक घंटे पहले तक असमंजस था सर.... अब नहीं है। मदुरई वेंदन का दूसरा बेटा कुमारन का रहस्यात्मक ढंग से लीवर का ट्रांसप्लांट ऑपरेशन हुआ है। उस ऑपरेशन को करने वाले प्रसिद्ध डॉक्टर अमरदीप हैं। मदुरई वेंदन और डॉ अमरदीप दोनों की अच्छी जान पहचान है।

"उस जान पहचान के कारण छ: महीने पहले डॉ. अमरदीप ने छुपकर उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया ।

"उस ऑपरेशन के लिए लिवर किसने दिया इस बात का जवाब सेंथिल और कुमारन नहीं दे पा रहे हैं । 'अप्पा और डॉक्टर दोनों को ही पता है ऐसा बोल दिया। मदुरई वेंदन अब जिंदा नहीं है...."

"डॉ. अमरदीप से पूछना चाहिए ना?"

"डॉक्टर को देखने मेरा आदमी विष्णु फ्लाइट के द्वारा चेन्नई चला गया सर! इस समय चेन्नई पहुंच कर अमरदीप के हॉस्पिटल में गया हुआ होगा।"

"विष्णु और आपकी पत्नी मुन्नार में ही है आपने बोला...?"

"यस...! बट... दोनों कल रात को ही मदुरई रवाना होकर आ गए। बट... जब वे मुन्नार में स्टे किया था उस होटल के कमरे को वेकेट नहीं किया। दोनों जने मुन्नार में ही हैं ऐसा कहकर आए हैं। यह सब मेरा प्लान है!"

"ऐसा क्यों?"

"सर! मुन्नार में एक्स डी.जी.पी. बालचंद्रन की हत्या हुई, यहां मदुरई वेंदन की जो हत्या हो गई उन दोनों के बीच में एक बड़ी समानता है। बालचंद्रन की लड़की सिम्हा को अपने अप्पा के बारे में सच्चाई का पता है। बट.... उसे बाहर ना बता कर छुपा रही है।

"उन सबको मालूम करने के लिए विष्णु मुन्नार में रुक कर इंक्वायरी कर रहा है ऐसा सिम्हा को सोचने दो। बालचंद्रन की हत्या करने वाले शत्रु का क्या हुआ ना समझ कर वे असमंजस में ही रहें...."

"विष्णु कल रात को ही मदुरई आ गए क्या?"

"हां... और... मुझे जो जरूरी सूचना देनी थी वह देकर.... उसी वेग में फ्लाइट को पकड़कर चेन्नई रवाना हो गए।"

"विष्णु ने क्या समाचार दिया?"

विवेक एक मुस्कान के साथ शुरू हुए।

"सर ! मदुरई वेंदन हत्या के संबंध में, मैं उनके दोनों बेटों से मिला, कुमारन से भी प्रश्न पूछ कर एंक्वायरी करते समय... मेरे सेलफोन को ऑन कर.... विष्णु के सेलफोन से कनेक्ट कर दिया। मैं जो प्रश्न पूछ रहा था वह जवाब दे रहे थे वह विष्णु को भी पता चल गया।

"उसके द्वारा कल रात को मदुरई वेंदन तिरुमंगल पल्ली टेलीफोन बूथ से मदुरई में रहने वाले उनके घर बात की । घर के फोन में वह कॉलर आईडी उस टेलीफोन बूथ नंबर रजिस्टर हो गया था |

मैंने उस नंबर को एक कागज में लिख कर देने को बोला.... वह नंबर विष्णु के कान में सुनाई दे ऐसा जोर से पढा़। विष्णु तुरंत तिरुमंगलम जाकर उस बूथ नंबर को मालूम कर.... बूथ में जो युवा था उससे इंक्वायरी करने गए.... मदुरई वेंदन उसी बूथ से चेन्नई भी फोन किया था ऐसा विवरण प्राप्त हुआ।"

"इज इट....! चेन्नई में उन्होंने किसको फोन किया?"

"डॉ. अमरदीप को.... टेलीफोन डिपार्टमेंट की सहायता से 10 मिनट में नंबर को ढूंढ कर मुझे विष्णु ने बता दिया....!"

"ही इज वेरी स्मार्ट।"

"यस....! और थोड़ी देर में अमरदीप को कब्जे में लेकर.... हत्याओं के बारे में उनके कारणों को, उन लोगों को बाहर लाने का सामर्थ्य विष्णु में है।"

"इसमें डॉ अमरदीप ही मुख्य दोषी होंगे ऐसे आप सोच रहे हैं क्या... मिस्टर विवेक?"

"मे बी...! जो दो हत्याएं हुई है दोनों में ऑपरेशन करके हृदय को बाहर निकालकर. ...... उसके बदले उसी नाप का पत्थर रखकर सिलाई की है। सिर्फ एक ही डॉक्टर है जो ऐसा कर रहा है। चेन्नई पहुंचने के बाद विष्णु के पास से किसी भी मिनट मुझे फोन आ सकता है....."

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