लेखन की दुनिया मे पहेला कदम Shivani M.R.Joshi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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लेखन की दुनिया मे पहेला कदम

लेखन की दुनिया में हमारा पहला दिन जब शुरू हुआ तब हमें लेखक बनने का ना कोई जज्बा था और ना कोई उम्मीद थी बस कुछ था तो एक चाहत थी कुछ लिखने की एक छोटी सी हमने दोस्त पर चार पंक्ति लिखी जिसे सब ने मोहित कर लिया और जो सबको बहुत पसंद आई और सब ने हमें प्रोत्साहित किया कि हम हमें और लिखना चाहिए और फिर हम लिखने लगे और बहुत कुछ लिखते हम बहुत कुछ लिखने लगे फिर धीरे-धीरे प्रोत्साहित करने वाली और जिंदगी के बारे में तथा दुनियादारी के बारे में स् कहानियां सुविचार यह सब कुछ लिखने लगे और एक लेखक के रूप में हम लोगों के बीच प्रकाशित होने लगे हम धीरे-धीरे करके अपनी कला को आगे बढ़ाते गए और रोज थोड़ा थोड़ा करके कुछ लिखते गए फिर क्या होना था हम आज लोगों के बीच में लेखक के रूप में प्रकाशित हैं जब हमारा पहला दिन था लेखक के रूप में तब हमें शायद कुछ पता नहीं था कि हम इतना अच्छा कुछ लिख पाएंगे या फिर हमारी इस तरह से कोई पहचान होगी और ना इस तरह का इस जो हमें कामयाबी मिली है उस कामयाबी का अंदाजा था कि हमें इतना कुछ मिलेगा सीखने को समझने को जानने को लिखने को और इतनी कामयाबी मिलेगी और इस कामयाबी को पाकर हम तो गर्व अंकित हैं और हमारे परिवार भी हम पर बहुत गर्व करने लगे हैं यह हमारे लिए सबसे बड़ी बात है जब दिन शुरू हुआ पहला तब हमने बस एक छोटी सी पंक्ति लिखी थी और आज हम बहुत कुछ लिखने लगे हैं फिर धीरे-धीरे हम कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगे और बहुत सारी किताबों में हमारा लेखन और इस तरह से आज हम वहां हैं जहां शायद हमने कभी उम्मीद नहीं की थी वह पहला दिन था जब हमें कुछ पता नहीं था और आज का दिन है जब लोग हमारे बारे में बहुत कुछ जानते हैं
19मई 2020मे हमने इस सुंदर से मंच पर अपना पहला कदम रखा था और पहली बार पहली बार एक दोस्तों पर चार पंक्ति लिखी थी

"दोस्त तो हमारे सारे दिल के नवाब हैं,
उनकी तारीफ में क्या कहें,
यह सवाल ही बेजवाब है,
हमारे दोस्तों की तो क्या बात करें जनाब,
वो तो सारे एक से एक लाजवाब है|"
फिर पहली बार हमने जिस प्रतियोगिता में भाग लिया और जिसमें हम तीसरे स्थान को प्राप्त हुए वह उसके बारे में हम आपको दो पंक्तियां बताना चाहते हैं .कि
"एक छोटा सा शब्द है जिसमें मेरी जान बसती है,
रोते हुए भी मुस्कुराया है मैंने जब मेरी मां हंसती है.

इस तरह इस लेखक के मंच पर हमें बिताया हुआ हर एक पहला कदम बड़ा ही गौरवंकित करता है और बहुत ही खुशी प्रदान करता है अरे मुझे गर्व है कि मैं एक लेखक हू.

बहोत मुश्किल हे जनाब एक लेखक होना
दिल के जज़्बातो को यूँ शब्दों में पिरोना
लोगो की बातो से लेकर अपनी आपबिती को लिखना.


ty writing community muje itna sab dene ke lie ek naam ek phechan ek ijjt or rutba dene ke lie me sada apki abhari rahungi .

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Shivanijoshi_271