Gumnaam - Murder Mystery books and stories free download online pdf in Hindi

गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 14

प्रिया, मुस्कान और ईशान निराश और हताश होकर जंगल से waterfall की तरफ लौटकर वापस आते हैं। अमन उन सबकी राह देखते हुए traveller के पास बैठा हुआ था।


रात के 10:00 बजने को आए थे, सब लोग थक के चूर हो गए थे, सब लोग traveller के पास बैठे हुए अमन के पास पहुंचते हैं। उन तीनों को देखते हुए अमन पूछता है कि "क्या हुआ? कुछ पता चला तुम्हारी दोस्त का? और यह क्या? तुम तो चार लोग जंगल में गए थे ना? एक आदमी कम क्यों लग रहा है? क्या नाम था उसका?.......हमममम.... रेहान..... कहां है वो?"

प्रिया मायूस होकर अमन को सब हकीकत बताती है। अमन प्रिया की बातें सुनकर कहता है कि "यह तो बहुत बुरा हुआ। रोहन को जंगल में अकेले नहीं जाना चाहिए था, उसकी जान को खतरा हो सकता है। अब जो हुआ उसको जाने दिजिये, अब आगे क्या करना है?"

"हम लोगों ने सोचा कि अब हम लोग कल सुबह शहर वापस लौट जाएंगे और पुलिस की मदद लेंगे।"

"आपने बिल्कुल ठीक सोचा है, ऐसे मामलो में पुलिस के अलावा और कोई आपकी मदद नहीं कर सकता। आप लोग बड़े थके हुए नजर आ रहे है, पहले चलके कुछ खाना खा लीजिए। मैं बिल्कुल फ्री था, इसलिए आज मैंने खाना बनाया है।"

"नहीं अमन!!! मुझे भूख नहीं है, तुम सब लोग खाना खा लो, मैं सोना चाहती हूं।"

"नहीं प्रिया!!! हम लोग तुम्हारे बिना खाना कैसे खा सकते हैं?" मुस्कान प्रिया से कहती है।

"क्यों बहन जी? आज प्रिया के ऊपर इतना प्यार क्यों उमड रहा है?" अब तक मौन खड़ा ईशान कटाक्ष मे मुस्कान से कहता है।

"क्या मतलब?"

"मतलब यह कि तुम्हारा प्यार तुम्हारे यार के लिए रखो, हमारे लिए नहीं। तुम्हें तो अपने यार पर गर्व होना चाहिए। वो जादूगर है, देखो... उसने एक एक करके हमारे सब दोस्तों को गायब कर दिया।"

"ये तुम क्या बकवास कर रहा है?"

"बकवास कर रहा हूं?......बकवास कर रहा हूं? तुम्हारे यार की वजह से हमने हमारे अपनों को खोया है। हमारे एक के बाद एक दोस्त हमसे बिछड़ते जा रहे हैं। मुझे तो अब यकीन होने लगा है की तुम विक्रम से मिली हुई हो और हम सबकी जानकारी उसको दे रही हो।" ईशान गुस्से में मुस्कान से कहता है।

"ये तुम क्या अनाब-शनाब बक रहे हो ईशान!!! अगर तुमने तुम्हारे अपनों को खोया है तो मैंने भी मेरे पिता को खोया है। क्या मैं अपने पापा के खूनी को माफ कर दूंगी? क्या मैं विक्रम के लिए तुम लोगों को धोखा दे सकती हूं?"

"ये सती सावित्री होने का नाटक मेरे सामने मत करो। मैं तुम्हारे और उस विक्रम की रग रग से वाकिफ हूं।"

"ईशान!!! चुप हो जाओ और अब अपने मुंह से एक लब्ज भी मत निकालना।"

"क्यों ना निकालु? तुम्हारे यार की वजह से हम लोग बंजारो की तरह यहां वहां भटक रहे है। हम लोगों का क्या हाल हो गया है, जरा देख लो।" ईशान frustrated होकर मुस्कान से कहता है।

"तो उसमें मेरी क्या गलती है?" मुस्कान रोते-रोते ईशान से कहती है।

"ईशान!!! अब.... बस भी करो, यह जो कुछ भी हुआ है उसमें मुस्कान की कोई गलती नहीं है। तुम जरा यह भी तो सोचो.... वो अपनी पढ़ाई छोड़कर लंडन से हमारा साथ देने के लिए आई है। तुम खामखा उस पर शक कर रहे हो।" प्रिया ईशान से चुप रहने को कहती है और मुस्कान को शांत करती है।

"कोई मुझे भी तो बताओ, यहां चल क्या रहा है? तुम लोग क्या बाते कर रहे हो, 'पिताजी को खो दिया'….. 'दोस्तों को खो दिया'।" अमन बीच में बोल पड़ता है।

"तुम अपने काम से काम रखो, हमारे matter के बीच में तुमको पडने की कोई जरूरत नही है।' ईशान गुस्से में अमन से कहता है।

"ऐ मिस्टर!!! अब इस मामले में मैं भी जुड़ चुका हूं। मैं ही तुम सब लोगों को यहां पर लाया हूं अगर तुममें से किसी को कुछ हो गया तो तुम तो बड़े बाप की औलादे हो इसलिए छूट जाओगे, मैं खामखा पुलिस के चक्कर में फस जाऊंगा। इसलिए मेरा यह जानना बहुत जरूरी है कि यहां पर चल क्या रहा है? प्रिया जी, आप मुझे बताइए।"

"देखो अमन!!! यह कहानी बहुत लंबी है, मैं तुमको शॉर्टकट में बताती हूं की विक्रम नाम के हमारे दोस्तने हम सबके अपनों को शहर में जहर देकर मार डाला है। हमें पता चला था कि वह फरार होकर ईसी ईलाके मे आ गया है इसीलिए हम सब लोग उसको ढूंढने के लिए यहां पर आए थे।"

"लेकिन उसने आपके अपनों को मारा क्यों?"

"वही तो पता लगाने हम यहां पर आए थे। वह तो नहीं मिला लेकिन उसको ढूंढने के चक्कर में हमारे एक के बाद एक दोस्त गुम होते गए।"

"अच्छा तो यह मामला है,....... आपको पहले ही पुलिस के पास जाना चाहिए था।"

"हम पहले हि पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा चुके हैं लेकिन हम सबको लगा कि हमको भी उसको पकड़ने के लिए कोशिश करनी चाहिए।"

"इस भयानक जंगल में आप उसको ढूंढ नहीं पाओगे।"

"हा....! हम सबको अब इस बात का एहसास हो गया है इसीलिए हम लोग कल पुलिस स्टेशन जाकर सब सच्चाई बता देंगे। भगवान करे.... हमारे सब दोस्त सलामत हो।"

"ऐसा ही होगा, मुझे पूरा विश्वास है कि पुलिस की मदद से आपके सब दोस्त मिल जाएंगे। अभी आप लोग बड़े ही थके हुए लग रहे हो, थोड़ा सा खाना खा लो और आराम कर लो। हम कल सुबह पुलिस के पास जाएंगे।"

सब लोग खाना खा कर आराम करने के लिए चले जाते हैं। ईशान और अमन खंडहर में ही सोने का फैसला करते हैं क्योंकि पीछली रात traveller में सोने की बजह से उनकी कमर अकड़ गई थी जबकि प्रिया और मुस्कान traveller में सोने के लिए चले जाते हैं।

अचानक, रात को करीबन 1:00 बजे traveller के स्टार्ट होने की आवाज आती है जिसकी वजह से ईशान और अमन की नींद टूट जाती है। वह खंडहर से बाहर आते हैं और चिल्लाते हैं।

"कौन है?... कौन है वहां?..... प्रिया..... मुस्कान.... प्रिया.... मुस्कान...." लेकिन सामने की ओर से कोई रिप्लाई नहीं आता है। वह दोनों traveller की ओर आगे बढ़ते हैं। तभी traveller की head light स्टार्ट होती है और वह turn मारकर जंगल के रास्ते की ओर खड़ी हो जाती है।

ईशान और अमन को कुछ गलत होने का अंदेशा हो जाता है। वह ‘प्रिया मुस्कान’ चिल्लाते हुए traveller की और दौड़ते हैं तभी traveller एकदम स्पीड से जंगल के रास्ते की ओर निकल जाती है। ईशान और अमन भी उसके पीछे दौड़ते हैं लेकिन traveller जंगल के रास्तो में गुम हो जाती है। अमन और ईशान के हाथ कुछ नहीं लगता है। वह दोनों थक के चूर होकर waterfall की ओर वापस आ जाते हैं। वह दोनों मायूस होकर वहां पर पड़े हुए पत्थरों पर बैठ जाते हैं।

थोड़ी देर बाद, ईशान का हौसला टूट जाता है और वह जमीन पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगता है। अमन वहां पर जाकर ईशान को संभालता है और उसे हिम्मत देता है। थोड़ी देर बाद जब ईशान स्वस्थ होता है तब अमन उससे बात करता है

"मुझे एक doubt हो रहा है।"

"क्या?" ईशान अपने आसूं पोछते हुए बोलता है।

"जब हम दोनों traveller की ओर भाग रहे थे और 'मुस्कान..... प्रिया....' ऐसे चिल्ला रहे थे तब traveller में से प्रिया और मुस्कान का कोई रिस्पांस क्यों नहीं मिल रहा था?"

"क्या मतलब?"

"मतलब की traveller में यदि प्रिया और मुस्कान होती तो वह भी चिल्लाकर हमको वापस आवाज देती ना?"

"हां.... मैंने तो यह सोचा ही नहीं था। मुझे तो लगता है यह सब मुस्कान और विक्रम का ही कीया धराया लगता है। मुस्कान ने विक्रम को फोन करके बुला लिया होगा और प्रिया को बेहोश करके यहां से उसको traveller मे ले गए होगे। मुझे अपनी बहन प्रिया की बहुत फिक्र हो रही है। ना जाने वह दुष्ट उसको कहां ले गया होगा?"

"तुम्हारी फिक्र जायज है ईशान.....लेकिन मुझे नहीं लगता है कि मुस्कान ऐसा कुछ कर सकती है। जीस तरह वह रात को तुम्हारे साथ बात कर रही थी, उससे मुझे लगता है कि वह निर्दोष है।"

"क्यों भाई!!! वह तुम्हारी बीवी है जो तुम उसकी तरकदारी कर रहे हो। वह हमारी दोस्त है, मैं उसको तुमसे बेहतर जानता हूं।"

"तुम गलत भी तो हो सकते हो ना?"

"ये तुम क्या बकवास कर रहे हो?" अमन की इस बात को लेकर ईशान को बहुत ही गुस्सा आ जाता है।

"नाराज मत हो ईशान!!! मैं तो सिर्फ अपना view बता रहा था।"

"तुम अपना view अपने पास रखो, अब तो मुझे तुम पर भी शक होने लगा है कि तुम भी इस साजिश में शामिल तो नहीं हो ना?"

"यह तुम क्या कह रहे हो?"

"क्योंकि तुम जिस तरह से हम सब लोगों की बातें जानने की और छानबीन करने की कोशिश कर रहे थे, उससे तो मुझे यही लगता कि तुम भी इस षड्यंत्र में शामिल हो।'

"साजिश....? षड्यंत्र.....? यह तुम क्या बके जा रहे हो, मेरे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है।"

"सब कुछ समझ में आ जाएगा, पहले मुझे यह बता कि विक्रम मेरे दोस्तों को लेकर कहां गया है?" ईशान अमन के कॉलर को पकड़कर उससे पूछता है।

"देखो ईशान में किसी विक्रम.... बिक्रम.... को नहीं जानता हूं। तुम बिना बात के पर मुझ पर शक कर रहे हो। छोड़ो.. मेरा कॉलर...." अमन ईशान से अपना कॉलर छुड़ावाने की कोशिश करता है।

"अब तो जब तक तु मुझे विक्रम का पता नहीं बताएगा तब तक मैं तुझे नहीं छोडूंगा।"

"पागल मत बनो ईशान!!! छोड़ो मुझे...."

अमन ईशान से अपने आप को छुड़ावाने की कोशिश कर रहा था। ईशान गुस्से में आकर अमन को मारने पीटने लगता है। अपने बचाव में अमन भी ईशान के ऊपर हाथ उठाता है और दोनों के बीच में मारपीट शुरू हो जाती हैं। वह.एक दूसरे को जमीन पर पटकने लगते हैं और एक दूसरे के ऊपर हावी होने की कोशिश करने लगते हैं।

वह दोनों लड़ते लड़ते waterfall के पुल के ऊपर चले जाते हैं। दोनों की लड़ाई रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। waterfall के पानी की वजह से पुल में फिसलन ज्यादा थी। अचानक, लड़ते लड़ते अमन का पैर फिसलता है और वह पुल के नीचे पानी में गिर जाता है। ईशानने उसको बचाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। अमन की चीख से पूरा waterfall गुंज उठा लेकिन waterfall के पानी की गुंज मे वो आवाज दब गई।

लताड़िया खाते हुए ईशान पुल पर से जमीन पर आता है। waterfall के पानी की वजह से वह पूरा भीग गया था। ठंड की वजह से वह पूरा कांप रहा था और उसके मुंह से ठंड की भाप नीकल रही थी। अमन से लड़ाई की वजह से उसे काफी चोटे आई हूई थी। वह जमीन पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगता है और अचानक चिल्लाता है " विक्रम................."

उसके चिल्लाने से पूरा waterfall गुंज उठा। धीरे-धीरे आसमान से बर्फ गिरने लगती है। snowfall की वजह से उसके चेहरे पर बर्फ पडती है। वह अपने आप को संभालकर उठने की कोशिश करता है लेकिन चोट की वजह से वो दर्द से करहाने लगता है।

अचानक, वह लेट जाता है और गहरी सांस लेते हुए जोर जोर से हंसने लगता है। इस बिरान जंगल में उसकी हंसी की गूंज सुनाई देती है। तभी जंगल में एक पेड़ के पीछे से किसीकी गहरी सांसो की आवाजे उसके कानों पर पड़ती है। वह उठकर जमीन पर बैठता है और उस तरफ झांकने की कोशिश करता है।

तभी एक पेड़ के पीछे से overcoat पहने हुए एक आदमी निकलता है। उसने चेहरे पर मास्क, हाथों में मौजें और पैरों में बड़े-बड़े जूते पहने थे। अपने कंधों पर उसने बर्फ हटाने वाला फावड़ा रखा था। धीरे-धीरे वो ईशान की तरफ आगे बढ़ता है। उसके पैरों की आवाज रात की सन्नाटे को चीर के रख देती है। उसके मुंह से ठंड की बजह से भाप निकल रही थी।

उसको अपने पास आता हूंआ देखकर ईशान गुस्से से चिल्लाता है "Basted, कौन है तू? विक्रम ही है ना? तेरी वजह से मैंने मेरे अपनों को खोया है, मेरे सब दोस्त तेरी वजह से गुम हुए है, आज मैं तुजको छोडूंगा नहीं। you basted" ऐसा कहकर वो उठने की कोशिश करता है लेकिन उसके पैर उसका साथ नही देते हैं, वह फिर से जमीन पर गीर जाता है। मास्कवाला आदमी धीरे धीरे आगे बढ़ता हुआ उसके पास पहुंचता है। वह ईशान के ईद-गिर्द चक्कर लगाता है और अपनी गर्दन टेढ़ी करके ईशान को गौर से देखता है जैसे कोई शेर शिकार करने से पहले अपने शिकार को देखता है। दर्द से कराहते हुए ईशान उससे पूछता है "तुं क्यों हम सबको मारना चाहता हैं? हमारी तुझसे क्या दुश्मनी है? छुप के वार करता है..... कायर!!!" ऐसा कहकर ईशान उसके उपर थूकता है।

मास्कवाला आदमी अपने कंधों पर से फावड़ा अपने हाथो मे लेता है और ईशान के मुंह पर दे मारता है। ईशान की आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है और वह बेहोश हो जाता है। बाद में, वह आदमी ईशान को अपने कंधों पर उठाकर जंगल के रास्तो में गुम हो जाता है।

क्रमशः

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