Gumnaam - Murder Mystery - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 13

जंगल के पथरीले रास्तो पर अनिरुद्ध और विक्रम को ढूंढने के लिए traveller चल रही थी। धीरे धीरे शाम होने पर जंगल का माहौल डरावना होने लगता है। सब लोग traveller में परेशान और दुविधा में थे कि अब आगे क्या करना है।

[Waterfall का दृश्य]

करीबन रात को 8:00 बजे सब लोग waterfall के पास पहुंच जाते हैं। waterfall के आसपास के वातावरण मे बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था लेकिन waterfall के ऊपर से बरसते पानी की गूंज 1 km तक सुनाई देती थी। waterfall के झरणों के बीच पर्यटको के लिए एक पुल बनाया गया था, जहां पर पर्यटक जाकर waterfall के गिरते पानी का मजा ले सकते थे। waterfall से थोड़ी दूर फॉरेस्ट ऑफिसर के रहने के लिए क्वार्टर्स बनाए गए थे लेकिन वहां पर अभी कोई भी नहीं रह रहा था इसलिए वह क्वार्टर खंडहर बनकर रह गए थे। कभी-कभी पर्यटक रात को वहां पर ठहरते थे।

शाम ढलने की वजह से वहां से सारे पर्यटक निकल चुके थे। तभी traveller वहां पर जाकर रुकती है, सभी लोग traveller से बाहर निकलकर relax होने की कोशिश करते हैं।

"लो..... हम सब waterfall तक पहुंच गए।" अमन सबसे कहता हैं।

"यहां तक तो पहुंच गये पर अब आगे क्या करना है? वह सोचना है।" प्रिया सबसे कहती है।

"सोचने का काम बाद में करेंगे अभी तो मुझे बहुत ही भूख लगी है। चलो.... यहां कोई अच्छी जगह देखकर डिनर करते हैं।" मुस्कान सबसे कहती है।

"तुम्हें खाने पीने के अलावा और कुछ सूझता है।" ईशान मुस्कान को कटाक्ष में कहता हैं।

"भाई!!! इसमें मुस्कान की कोई गलती नहीं है। सुबह से हम बंजारों की तरह भटक रहे हैं। दिनभर कुछ खाया नहीं है, भूख तो सभी को लगी होगी।" रेहान ईशान से कहता है।

"तो फिर ठीक है। हम लोग खाना खाकर आसपास के एरिया में देख लेते है।" प्रिया सबसे कहती है।

"मैडम जी!!! इस वक्त आपको झाड़, पत्त्ते और जानवर के सिवा यहां पर कुछ नहीं मिलेगा। अच्छा होगा.... हम सब कल सुबह उठकर जहां पर जाना है, वहां पर जाए।" अमन प्रिया से कहता है।

"तो फिर ठीक है....। हम सब लोग कल सुबह आसपास के एरिया में तपास करेंगे।" आलिया सबसे कहती है।

सब लोग क्वार्टर के पास traveller खड़ी करके खंडहर में खाना खाने बैठ जाते हैं। बाहर बहुत ही ठंड थी इसलिए खाना खाने के बाद सब लोग traveller में हि सोने का फैसला करते हैं। वैसे भी जंगल में जंगली जनावर के डर की वजह से सब लोग traveller मे सोने के लिए चले जाते हैं।

waterfall की आवाज़ के सिवाय जंगल में बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था। बीच-बीच में जानवरों के चीखने की आवाजें भी सुनाई दे रही थी लेकिन पूरा दिन पथरीले रास्तो पर सफर करने की वजह से सब लोग traveller की सीटो पर बैठे बैठे हि गहरी नींद में सो जाते हैं।

अचानक, करीबन रात को 1:00 बजे आलिया के मोबाइल में मैसेज की नोटिफिकेशन बैल बजती है, जिसकी वजह से उसकी नींद खुल जाती है। वह मैसेज को पढ़कर तुरंत ही traveller से बाहर निकलती है और waterfall की ओर आगे बढ़ती है।

आसपास के पेड़ों से छोटे छोटे जीव-जंतु की डरावनी आवाज आती है। उसके हाथ-पैर डर के मारे कप कपा रहे थे। इतनी ठंड में भी उसके माथे से पसीने की बूंदे साफ-साफ दिखाई दे रही थी। वह मोबाइल की टॉर्च लाइट के सहारे धीरे-धीरे आगे बढ़ती है।

अचानक, उसको पीछे से जंगल के सूखे पत्तों में से किसी के चलने की आवाज सुनाई देती है। वह डर के मारे तुरंत ही एक पेड़ के पीछे छुप जाती है। उसका पूरा शरीर डर के मारे कांप रहा था तभी उसकी ओर बढ़ते कदमो की आवाज और तेज हो जाती है, उसके साथ उसके दिल की धड़कने भी तेज हो जाती है। उसका पूरा शरीर सुन्न पड़ जाता है। उसको पता ही नहीं चलता है की अब क्या करें? वह चिल्लाने जाती है तभी उसके पीछे से एक हाथ आता है और उसका मुंह बंद कर देता है। वह आदमी आलिया को उठाकर जंगल की ओर ले जाता है।

[अगली सुबह का दृश्य]

सुबह मे सूरज की किरणें जंगल में क्वार्टर्स के पास खड़ी हुई traveller में पडती हैं। सभी लोग अभी भी गहरी नींद में ही थे। तभी अचानक, रेहान के चिल्लाने की आवाज से सब की नींद टूट जाती है।

"आलिया..... आलिया..... आलिया कहां है?" रेहान चिल्लाकर सबको जगाता है।

"रेहान चिल्लाना बंद करो। अपनी सीट पर होगी,,,.... " ईशान नींद में बड़बड़ाता है।

"वह अपनी सीट पर नहीं है।" रेहान चिंतित होकर सबको बताता है।

"जरा.... आसपास चक्कर लगाके आओ, वो यहीं कहीं पर होगी।" मुस्कान अंगड़ाई लेते हुए कहती है।

"रेहान!! जरा.... waterfall के आसपास देख लो, शायद वहां पर गई होगी।" प्रिया जम्हाई लेते हुए रेहान से कहती है।

रेहान traveller से नीचे उतरकर waterfall की ओर जाता है। रास्ते मे वह सब जगह देखता है लेकिन आलिया उसको कहीं भी दिखाई नहीं देती है। पूरा 1 घंटा सब जगह का चक्कर लगाकर, वह परेशान होता हुआ traveller के पास वापस आता है और सबको जगाता हैं।

"Guys..... मुझे आलिया कहीं पर भी नहीं दीखी लेकिन हां... मुझे उसकी एक sandal मिली है।" रेहान घबराकर सबसे कहता है।

"क्या बात कर रहे हो? कहां पर...? प्रिया बेसब्री से उससे पूछती है।

"यहां से थोड़े दूर, जंगल में एक पेड़ के पीछे से..."

"वहां पर वो क्या करने गई थी?" मुस्कान रेहान से पूछती है।

"मुझे क्या पता? तुम सब लोग जल्दी तैयार हो जाओ, हमे अभी उसको ढूंढने जंगल में जाना पड़ेगा।"

"लेकिन जंगल में हम उसे ढूंढेंगे कहां? ईशान रेहान से पूछता है।

"क्यों हम यहां अनिरुद्ध और विक्रम को ढूंढने जंगल में नहीं आए हैं? तब तुम्हें पता नहीं था कि हम जंगल में जा रहे हैं?"

"कोई जंगली जनावर तो उसको उठाकर नहीं ले गया?" अमन रेहान से पूछता है।

"यह तुम क्या कह रहे हो? शुभ..... शुभ.... बोलो।"

"मैं तो सिर्फ आशंका जता रहा था।"

"तुम अपनी आशंका अपने पास रखो। Guys.... तुम सब लोग जल्दी करो, मुझे गभराहट सी हो रही है, मेरा दिल बैठा जा रहा है।"

"तुम फिकर मत करो रेहान!!! वो यहीं कहीं होगी, मील जाएगी। Guys.... सब जल्दी तैयार हो जाओ, हम सबको आलिया को ढूंढने जाना पड़ेगा।" प्रिया सबको कहती है।

"मैडम जी!!! मैं आपके साथ नहीं आ सकता, मुझे traveller के पास ही रूकना पड़ेगा। आप सब लोग जाओ।" अमन सबसे कहता हैं।

"क्यों भाई? तुम क्यों हमारे साथ नहीं आ सकते? तुम्हें हमारा साथ आने के लिए पैसे मिलने हैं, हम सबको जंगल का रास्ता थोड़ी हि पता है।" मुस्कान गुस्से में अमन से बात करती है।

"अरे मैडम जी.... मैं तुम्हारा guide बनकर यहां आया हु, गुलाम बनकर नहीं। अगर यहां से traveller चोरी हो गई या उसमें कुछ नुकसान हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? मैं अपनी जिम्मेदारी पर इसको रेंट पर लाया हूं। Sorry.... मैं तुम लोगों के साथ नहीं आ सकता।"

"नहीं आ सकते तो तुम अपनी traveller को लेकर दफा हो जाओ यहां से..... हमें तुम्हारी व तुम्हारे vehicle की कोई जरूरत नहीं है।"

"ए ....मैडम.... अपनी अमीरी का रौफ कही और दिखाना। जाओ पहले अपनी फ्रेंड को ढूंढो... । पूरा दिन है तुम्हारे पास..... अगर गलती से शाम हो गई तो फिर तुम जंगल में घूमते रहोगे,, वह भी जंगली जानवर के साथ....।"

"तुम्हें हमको कुछ भी सलाह देने की जरूरत नहीं है। तुम यहां से दफा हो जाओ।"

"चला जाता हूं, यहां रुकना भी किसको है, मेरे पैसे देदो...चलो।"

"प्रिया!!! पैसे इसके मुंह पर मारो और ईसको चलता करो।"

"यह तुम क्या कह रही हो मुस्कान....? इस तरह तुम अमन से कैसे बात कर सकती हो? इस बिहड जंगल में हमें कोई दूसरा vehicle नही मिलेगा।" प्रिया मुस्कान को समझाती है।

"नहीं प्रिया!!! मुस्कान ठीक कहती है, अगर यह हमारे साथ जंगल में नहीं आ सकता तो हमें भी इसकी कोई जरूरत नहीं है।" ईशान प्रिया को कहता है।

"तुम दोनों पागल तो नहीं हो गये हो, इस बीच जंगल में हमें और कौन मिलेगा?" प्रिया ईशान को समझाते हुए कहती है।

"तुम लोगों को जो भी करना है, जल्दी करो। मैं आलिया के बारे में सोच सोचकर पागल हो रहा हूं।" रेहान परेशान होकर सबसे कहता है।

"तुम सब लोग चुप रहो। अमन... please तुम इन दोनों की बात का बुरा मत मानना। तुम जंगल में नहीं आना चाहते तो कोई बात नहीं लेकिन हमारे सामान का यहां ख्याल रखना। हम लोग आलिया को ढूंढकर वापस आते हैं, तब तक तुम यही पर रहना।"

"ठीक है मैडम जी!!! आप बोल रही हैं इसीलिए मैं यहीं पर रुकुंगा।"

सब लोग जल्दी जल्दी तैयार होकर जंगल की ओर रवाना होते है।

[जंगल का दृश्य]

जंगल में झाड़ियां, पेड़-पत्तों के बीच में प्रिया, मुस्कान, रेहान और ईशान चारों आलिया को ढूंढने की कोशिश करते हैं। जंगल के आड़े टेढ़े रास्तों पर वो लोग सावधानी से आगे बढ़ते जाते हैं। प्रिया और ईशान हाथों में चौक लिए पेड़ों पर निशान बनाते जाते हैं ताकि वह आसानी से वापस waterfall तक पहुंच सके। जंगल मे आलिया को ढूंढते ढूंढते सब लोग ना जाने कितने दूर निकल जाते हैं, पता ही नहीं चलता।

शाम को करीबन 5:00 बजने को आए थे, सब लोगों के माथे पर परेशानी की लकीरें साफ साफ नजर आ रही थी। जंगल में घूमते घूमते सब लोग थक के चूर चूर हो गए थे।

"मुझे लगता है अब हम लोगों को वापस चलना चाहिए।" प्रिया सबसे कहती है।

"यह तुम क्या कर रही हो प्रिया!!! आलिया के बगैर हम कैसे वापस जा सकते है?" रेहान प्रिया से कहता है।

"प्रिया ठीक कहती है, अभी हमें यहां से वापस चलना चाहिए। आलिया के चक्कर में कहीं जंगली जानवर मिल गये तो लेने के देने पड़ जाएंगे।" मुस्कान रेहान से कहती है।

"तुम लोगो को जंगली जनावर का डर लग रहा हैं, यह डर तब कहां था जब मैंने और आलिया ने तुम सबको आगाह किया था और समजाने की कोशिश की थी, तब तो तुम लोग बड़े जोश मे दिख रहे थे और हम दोनों को डरपोक साबित करने पर तुले हुए थे। तो अब तुम्हारी हिम्मत को क्या हुआ?"

"तब हमें ऐसी गंभीर परिस्थितियो का अंदाजा नहीं था।" ईशान रेहान से कहता है।

"तो अब अहसास हो गया ना? तो जब तक आलिया नहीं मिल जाती, तब तक तुम सब लोग मेरे साथ में ही रहोगे।"

"तुम आलिया के गम में पागल तो नहीं हो गए हो ना? यह तुम क्या कर रहे हो?"

"हा.... पागल हो गया हूं और इसके जिम्मेदार तुम सब लोग हो। तुम सब लोगों की बात मानकर हम यहां आए और फस गए। ना जाने मेरी आलिया कहां पर होगी? कैसी होगी?" यह कहकर रेहान फूट-फूट कर रोने लगा।

प्रिया रेहान को शांत करते हुए कहती है कि "देखो रेहान!!! जो हो गया उसे हम बदल तो नही सकते लेकिन अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है, हम सब लोग यहां से निकलकर पुलिस वालों को सब कुछ बतायेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि पुलिस हमारी मदद करेंगी।"

"अगर पुलिस को हमारी मदद करनी होती तो अब तक हमारे दोस्तो का पता चल चुका होता। मैं कोई रिस्क लेना नहीं चाहता, मैं आलिया के बगैर यहां से वापस नहीं जाऊंगा। तुम लोग अगर वापस जाना चाहते हो तो जा सकते हो।"

"पागल मत बनो रेहान!!! इन परिस्थितियों से लड़ना हमारे बस का काम नहीं है। यहां पर हम सब की जान को खतरा हो सकता है। अब पुलिस ही इस परिस्थिति को संभाल सकती है।"

"अब मुझे किसी भी खतरे की कोई परवाह नहीं है। मैं आलिया ढूंढने जा रहा हूं और ढूंढकर ही वापस आऊंगा।" यह कहकर रेहान जंगल के रास्तो पर दौडऩे लगता है।

"रेहान... रूको रेहान.... रेहान....रूको" पुकारते हुए प्रिया, ईशान और मुस्कान उसके पीछे पीछे दौड़ते हैं लेकिन रेहान किसीकी भी नही सुनता है और दौड़ते दौड़ते जंगल की झाड़ियों में गुम हो जाता है। प्रिया, ईशान और मुस्कान थककर वहीं रुक जाते हैं।

क्रमशः

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