चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 67 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 67

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

67

कार्लाइल ने कहा था की विश्व की मुक्ति लोगों की सोच की वजह से आयेगी। लेकिन इस परिर्वतन को लाने के लिए मनुष्य को गंभीर परिस्थितियों में धकेला जाना चाहिए। इस तरह से, अणु का विखंडन करके मनुष्य को कोने में धकेल कर सोचने पर विवश कर दिया गया है। उसके सामने दो ही विकल्प हैं: अपने आपको नष्ट कर डाले या अपना व्यवहार सुधारे: विज्ञान की गति उसे यह निर्णय लेने के लिए विवश कर रही है। और इन परिस्थितियों में मेरा मानना है कि अंतत: हितवाद ही बचेगा और मनुष्य की सदाशयता मानवता के लिए विजय पायेगी।

अमेरिका छोड़ने के बाद जीवन एक और ही स्तर पर चल रहा था। पेरिस और रोम में हमारा स्वागत विजेता नायकों की तरह हो रहा था: राष्ट्रपति विन्सेंट ऑरिओल ने हमें एलिसी महल में लंच के लिए बुलाया और हमें ब्रिटिश दूतावास में खाने पर बुलाया गया। इसके बाद फ्रांसीसी सरकार ने मुझे लीज़न ऑफ ऑनर की पदवी देकर मेरा कद ऊंचा किया और उसी दिन सोसायटी देस ऑतर्स एत कंपोजिटर्स ड्रमेटिक्स ने मुझे मानद सदस्यता प्रदान की। इस अवसर पर अध्यक्ष मिस्टर रोजर फर्डिनांड से मुझे जो पत्र मिला, वह बेहद प्यार भरा था। मैं यहां उसका अनुवाद दे रहा हूं।

प्रिय मिस्टर चैप्लिन

हो सकता है कि कुछ लोग यहां पर आपकी उपस्थिति को दिये गये प्रचार से हैरान हो रहे हों, वे उन कारणों को नहीं जानते होंगे जिनकी वज़ह से हम आपको प्यार करते हैं और आपके प्रशंसक हैं; वे मानवीय मूल्यों के भी बहुत खराब निर्णायक होंगे और उन्होंने उन आशीर्वादों को गिनने का कष्ट नहीं उठाया होगा जो आपने पिछले चालीस बरस के दौरान हम पर बरसाये हैं और न ही उन्होंने आपकी सीख की सराहना की होगी या उन खुशियों तथा भावनाओं की गुणवत्ता को ही देखा होगा जो आपने उनके सच्चे मूल्यों के साथ हम पर न्यौछावर की हैं; थोड़े में कहें तो वे हमेशा कृतघ्न बने रहे हैं।

आप विश्व के महानतम व्यक्तित्वों में से एक हैं और प्रसिद्धि के लिए आपका स्थान उनके बराबर ही है जिन्हें सर्वाधिक उल्लेखनीय विभूतियों में गिना जा सकता है।

अपनी बात शुरू करें तो इसके पीछे आपकी मेधा है, जीनियस है। इस शब्द का बहुत गलत अर्थ लिया जाता रहा है। जीनियस शब्द को तभी उसका सही अर्थ मिलता है जब इसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ जोड़ा जाता है जो न केवल उत्कृष्ट कॉमेडियन है बल्कि एक लेखक, संगीतकार, निर्माता है और सबसे बड़ी बात, उस व्यक्ति में ऊष्मा, उदारता और महानता है। आप में ये सारे गुण वास करते हैं और इससे बड़ी बात, कि आप में वह सादगी है जिससे आपका कद और ऊंचा होता है और एक गरमाहट भरी सहज अपील के दर्शन होते हैं जिसमें न तो कोई हिसाबी गणना होती है और न ही कोई प्रयास ही आप इसके लिए करते हैं और इनसे आप सीधे इन्सान के दिल में प्रवेश करते हैं। इन्सान, जो आप ही की तरह मुसीबतों का मारा है। लेकिन सराहना के गुण गिनाने के लिए जीनियस ही काफी नहीं होती; न ही यह प्यार का प्रतिदान करने के लिए ही काफी होती है। और इसके बावजूद, प्यार ही उस संवेदना के लिए अकेला शब्द है जिसकी प्रेरणा आप देते हैं।

जब हमने लाइमलाइट देखी तो हम हँसे, कई बार दिल खोल कर और हम रोये, असली आँसुओं के साथ -आपके आँसुओं के साथ, क्योंकि आप ही ने हमें आँसुओं का कीमती उपहार दिया है।

सच कहें तो जो सही प्रसिद्धि होती है, कभी सिर पर चढ़ कर नहीं बोलती; जब इसे किसी अच्छे कारण की ओर मोड़ दिया जाता है तो इसमें एक भावना, एक मूल्य, एक अवधि आ जाती है। और आपकी विजय इस तथ्य में है कि आपमें मानवीय उदारता और सहजता है कि आप नियमों से या चालाकी से बंधे हुए नहीं है, बल्कि आप अपनी ऊर्जा अपनी तकलीफों से, अपनी खुशियों से आशाओं से और हताशाओं से ग्रहण करते हैं; वह सब कुछ, जिसे वे ही समझ सकते हैं जो अपनी शक्ति से परे तकलीफ उठाते हैं और दया की भीख मांगते हैं और जो लगातार इस बात की आशा करते हैं कि उन्हें सांत्वना मिले, कि उन्हें एक पल के लिए उस हँसी से सब कुछ भूलने का मौका मिले जो इलाज करने का दिखावा नहीं करती लेकिन सिर्फ सांत्वना देने के लिए होती है।

हम इस बात की कल्पना ही कर सकते हैं, भले ही हम इसे न जानते हों कि हमें हँसाने और अचानक रुलाने लायक होने के इस शानदार उपहार के लिए आपने खुद कौन सी कीमत चुकाई हैं। हम अनुमान लगा सकते हैं और बहुत हुआ तो सोच सकते हैं कि आपने स्वयं कौन कौन सी तकलीफें झेली होंगी ताकि आप बारीकी से उन सारी छोटी छोटी च़ाजों को बयान कर सकें जो हमें इतनी गहराई से छूती हैं और जिन्हें आपने अपनी स्वयं की ज़िंदगी के पलों से लिया है।

इसका कारण यह है कि आपकी स्मृति बहुत अच्छी है। आप अपने बचपन की स्मृतियों के लिए शुक्रगुज़ार हैं। आपने उसकी उदासी, उसकी वेदना में से कुछ भी नहीं भुलाया है; आपने चाहा है कि आपने जो तकलीफें भोगी हैं, दूसरों को न भोगनी पड़ें और कम से कम आपने इतना ही तो चाहा ही है कि आप सबको आशावान बने रहने का कारण दे सकें। आपने अपनी उदास युवावस्था को कभी धोखा नहीं दिया है और प्रसिद्धि में कभी भी यह ताकत नहीं थी कि वह आपको आपके अतीत से अलग कर सके - क्योंकि, अफसोस, इस तरह की बातें संभव हुआ करती हैं।

आपकी सबसे पुरानी स्मृतियों के प्रति आपकी यह वफादारी ही शायद आपका सबसे बड़ा गुण है और आपकी आस्तियों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भी है। और यही असली कारण भी है कि लोग आपको क्यों प्यार करते हैं। वे आपके अभिनय की बारीकियों पर प्रतिक्रिया देते हैं। ऐसा लगता है कि मानो आप हमेश दूसरों के दिलों से सीधे संपर्क में रहते हैं और बेशक लेखक, अभिनेता और निर्देशक, तीनों रूपों में आपके सांझे अवदान से ज्यादा मनभावन कुछ नहीं हो सकता। आपके रूप में ये तीनों कलाकार, उनकी सेवा में अपनी सांझी मेधा लगा देते हैं जोकि मानवीय है और बेहतर है।

यही कारण है कि काम हमेशा उदार होता है। इसे सिद्धांतों से जकड़ा नहीं जा सकता - तकनीकों से तो बिल्कुल ही नहीं। ये हमेशा के लिए एक स्वीकारोक्ति है एक विश्वास है, एक प्रार्थना है और हर व्यक्ति आपका संगी साथी है क्योंकि वह वैसा ही सोचता और महसूस करता है, जैसा कि आप करते हैं।

आपने अपनी मेधा के बलबूते पर समालोचकों का मुंह बंद किया है क्योंकि आप उन्हें अपने नियंत्रण में करने में सफल हुए हैं। यह एक बहुत ही मुश्किल काम है। वे कभी इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि आपने पुराने फैशन के मेलोड्रामा के आकर्षण और फेदेयू के पाश्विक उत्साह के प्रति एक जैसी प्रतिक्रिया दी है। और इसके बावजूद, आपने ऐसा किया और एक खास गरिमा बनाये रखी जो हमें मुसेट के बारे में सोचने पर मजबूर करती है हालांकि आप न तो किसी की नकल करते हैं और न ही किसी और जैसे लगते हैं। यह भी आपकी गरिमा का रहस्य है।

आज लेखकों और नाटककारों की हमारी सोसायटी को यह सौभाग्य और खुशी मिल रहे हैं कि हम आपका स्वागत कर रहे हैं। हम इस तरह से कुछ ही पल के लिये ही सही, आपके उन कामों को बोझ बढ़ा रहे हैं जो आप इतनी सदाशयता से पूरे करते हैं। हम आपको अपने बीच पाकर बहुत आतुर हैं और आपको बताना चाहते हैं कि हम आपकी कितनी सराहना करते हैं और आपको कितना प्यार करते हैं। और यह भी कहना चाहते हैं कि आप सचमुच हममें से ही एक हैं, क्योंकि आपकी फिल्मों में कहानी मिस्टर चैप्लिन द्वारा लिखी होती है। और इस तरह से संगीत भी उन्हीं का बनाया होता है और निर्देशन भी वे ही करते हैं और कॉमेडियन जो है इनके अतिरिक्त होता है और उसका योगदान उच्च श्रेणी का होता है।

यहां पर आपके सामने फ्रांस के लेखक, नाटकों और फिल्म के लेखक, संगीतकार, निर्माता सब उपस्थित हैं। वे सब के सब आपको पसंद करते हैं। अपने अपने तरीके से वे उस कड़ी मेहनत के सम्मान और आत्म त्याग से अच्छी तरह से परिचित हैं जो आप अच्छी तरह से जानते हैं क्योंकि आपकी यही महत्त्वाकांक्षा रही है कि आप जनता को आंदोलित करें और उन्हें खुश करें कि आप खोये हुए प्यार के डर को चित्रित करें, जो इस लायक नहीं हैं उन तकलीफों के लिए दया दिखाएंं और आपकी एक इच्छा है कि जो शांति, उम्मीद और भाईचारे की भावना के रास्ते में आता है, उसे ठीक करें।

धन्यवाद, मिस्टर चैप्लिन

रोजर फर्डिनांड

लाइमलाइट के प्रीमियर में अधिकांश गणमान्य विभूतियां पधारीं। इनमें फ्रांसीसी केंद्रीय मंत्री और विदेशी राजदूत शामिल थे। अलबत्ता, अमेरिकी राजदूत नहीं आये।

कॉमेडी फ्रान्चाइज में हम मोलियर के नाटक डॉन जुआन के विशेष प्रदर्शन पर खास मेहमान थे। इसमें फ्रांस के महानतम चुनिंदा कलाकारों ने अभिनय किया था। उस रात राजसी महल के फव्वारों में रोशनी की गयी और हमें कॉमेडी फ्रान्चाइज के विद्यार्थी अट्ठारहवीं शताब्दी की पोशाकों में मिले। उन्होंने हाथों में जलती हुई मोमबत्तियां थामी हुई थीं और वे हमारी अगवानी करके हमें समस्त यूरोप की सर्वाधिक सुंदर महिलाओं से भरे ग्रैंड सर्किल में लेकर गये।

रोम में भी हमारा स्वागत इसी तरह से हुआ। राष्ट्रपति और मंत्रियों ने मेरा सम्मान किया, मुझे अलंकृत किया और मेरी अगवानी की। उस मौके पर लाइमलाइट के प्रीमियर में एक मज़ेदार घटना घटी। फाइन आर्ट्स के मंत्री ने मुझे सुझाव दिया कि मैं भीड़ से बचने के लिए मंच द्वार से आऊं। मुझे मंत्री महोदय का सुझाव थोड़ा अजीब-सा लगा और मैंने उन्हें बताया कि अगर लोगों में मुझसे मिलने के लिए थिएटर के बाहर खड़े होने का धैर्य है तो मुझमें कम से कम इतनी विनम्रता तो होनी ही चाहिए कि मैं सामने के द्वार से आऊं और अपना चेहरा दिखाऊं। मुझे लगा कि उनके चेहरे पर उस वक्त अजीब से भाव आये जब उन्होंने हौले से अपनी बात को दोहराया कि इससे मुझे पीछे वाले रास्ते में जाने में कम तकलीफ होगी। मैंने ज़िद की तो उन्होंने और ज़ोर नहीं डाला।

उस रात वैसा ही चमक-दमक वाला प्रिव्यू था। जब हम लिम़ाजिन में बैठ कर आये तो भीड़ को रस्सियों से काफी दूर रोका गया था, ऐसा मुझे लगा। अपनी पूरी विनम्रता और आकर्षण के साथ मैं गाड़ी से बाहर निकला, लिमोज़िन का चक्कर काटा और सड़क के बीचों बीच आ गया और चौंधियाती रोशनी के नीचे खड़ा हो गया। मैंने अपनी दोनों बांहें द' गॉल की तरह फैलाते हुए चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। तभी अचानक बंद गोभी और टमाटर मेरी तरफ उछाले जाने लगे। मैं तय नहीं कर पाया कि वे क्या थे और क्या हुआ था। तभी मैंने अपने इतालवी मित्र, दुभाषिये को अपने पीछे मिमियाते सुना, 'ज़रा सोचिये, ये सब मेरे देश में हो रहा है।' अलबत्ता, मुझे कुछ भी नहीं लगा और हम फटाफट थियेटर के अंदन ले जाये गये। तभी मुझे परिस्थिति का मज़ाक समझ में आया और मैं अपनी हँसी नहीं रोक पाया। यहां तक कि मेरे इतालवी दुभाषिये मित्र भी मेरे साथ हँसने लगे।

बाद में हमें पता चला कि ये शरारती लोग युवा नवफासीवादी थे। मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि उनकी फेंकने की कार्रवाई में ज़रा भी नफ़रत नहीं थी। यह एक तरह का प्रदर्शन ही था। चार लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया था और पुलिस ने मुझसे जानना चाहा था कि क्या मैं उनके खिलाफ़ कोई आरोप लगाना चाहूंगा। 'बेशक नहीं,' मैंने कहा,'वे अभी लड़के ही तो हैं। वे चौदह और सोलह बरस में लड़के थे, इसलिए मामला रफा दफा कर दिया गया।

पेरिस से रोम के लिए चलने से पहले लुईस अरागौन, कवि और लेस लेटर्स फ्रेंचाइज के संपादक ने फोन करके बताया कि ज्यां पाल सार्त्र और पिकासो मुझसे मिलना चाहेंगे। इसलिए मैंने उन्हें डिनर पर आमंत्रित किया। उन्होंने कहीं शांत जगह का सुझाव दिया इसलिए हमने होटल में मेरे कमरों में खाना खाया। जब हैरी क्रोकर, मेरे प्रचार प्रबंधक को इसके बारे में पता चला तो उसे जैसे दौरा पड़ गया, 'हम जब से स्टेट्स से चले हैं हमने जो भी अच्छा किया है, ये मुलाकात उन पर पानी फेर देगी।'

'लेकिन हैरी, ये यूरोप है, स्टेट्स नहीं और ये विभूतियां विश्व की तीन महानतम शख्सियतों में से हैं।' मैंने कहा। मैंने इस बात की सावधानी बरती थी कि हैरी या किसी को भी यह नहीं बताया था कि अमेरिका लौटने का मेरा कोई इरादा नहीं हैं। क्योंकि अभी भी मेरी सम्पत्ति वहां पर थी और मैंने उसे अभी बेचा नहीं था। हैरी ने मुझे लगभग विश्वास दिला दिया था कि अरागौन, पिकासो और सार्त्र के साथ मुलाकात पश्चिमी लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने का षडयंत्र थी। इसके बावजूद, मज़ेदार किस्सा ये रहा कि उसकी चिंता ने उसे अपनी ऑटोग्राफ बुक में उनके हस्ताक्षर लेने से नहीं रोका। हैरी को डिनर के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। हमने उसे बताया कि हम बाद में स्टालिन के आने की उम्मीद कर रहे हैं इसलिए हम इस बारे में कोई भी प्रचार नहीं चाहते।

मैं इस शाम के बारे में बहुत ज्यादा आश्वस्त नहीं था। केवल अरागौन ही अंग्रेज़ी बोल पाते थे और दुभाषिए के जरिए बातचीत करना किसी दूर के निशाने पर गोली चला कर अपने लक्ष्य के इंतज़ार करने की तरह होता है।

अरागौन खूबसूरत और सुंदर चेहरे मोहरे वाले व्यक्ति थे। पिकासो पहेलीनुमा हंसोड़ दिखते थे और उन्हें आसानी से पेंटर की तुलना में एक्रोबैट या जोकर समझा जा सकता था। सार्त्र का चेहरा गोल था और हालांकि उनके चेहरे मोहरे का विश्लेषण नहीं किया जा सकता था, उनमें भीतरी सौंदर्य और संवेदनशीलता थी। सार्त्र ने अपने मन को बहुत कम खोला। उस शाम पार्टी के समाप्त हो जाने के बाद पिकासो हमें अपने लैफ्ट बैंक स्टुडियो में लेकर गये। इस स्टुडियो को वे अभी भी इस्तेमाल करते हैं। जब हम सीढ़ियां चढ़ रहे थे तो हमने उनके नीचे वाले अपार्टमेंट के दरवाजे पर एक बोर्ड देखा - 'ये पिकासो का स्टूडियो नहीं है। कृपया एक और मंज़िल चढ़ें।'

हम बेहद फटीचर, खलिहान जैसी दुछत्ती पर पहुंचे। यहां पर चैटरटन ने भी मरने से मना कर दिया होता। एक बीम पर एक कील से एक नंगा बल्ब लटका हुआ था जिसकी रोशनी में हम एक पुराना लोहे का जंग खाया बिस्तर और टूटा फूटा एक स्टोव देख पाये। दीवार के सहारे पुराने धूल भरे कैनवास टिके रखे थे। पिकासो ने एक कैनवास उठाया - सीज़ेन जो सबसे खूबसूरत था। वे एक के बाद एक कैनवास उठाते गये। हमने कम से कम पचास मास्टर कलाकृतियां देखीं। मेरा बहुत मन हुआ कि उन्हें इस पूरे ढेर के लिए एकमुश्त राशि देने का प्रस्ताव करूं, मात्र इस कचरे छुटकारा पाने के लिये। इसी ढेर में असली खजाना छुपा हुआ था।