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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 65

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

65

हम कैलिफोर्निया लौट आये और मैं मोन्स्योर वेरडाउ के पचड़े से पूरी तरह से मुक्त हो चुका था इसलिए मैं एक बार फिर आइडिया सोचने के लिए तैयार होने लगा। इसकी वज़ह ये थी कि मैं आशावादी था और मुझे अभी भी इस बात का यकीन नहीं था कि मैं अमेरिकी जनता का प्यार पूरी तरह से खो चुका हूं, कि वे राजनैतिक रूप से इतने सजग हो सकते हैं कि या हास्य से इतने हीन हो सकते हैं कि किसी भी ऐसे व्यक्ति का बहिष्कार कर दें जो उन्हें हँसाता रहा है। मेरे पास एक आइडिया था और इसके दबाव के तले मैं इस बात की रत्ती भर भी परवाह नहीं कर रहा था कि नतीजा क्या होगा। फिल्म बननी ही बननी थी।

दुनिया चाहे जितने भी आधुनिक बाने धारण कर ले, उसे प्रेम कहानी हमेशा अच्छी लगती है। जैसा कि हैज़लिट ने कहा है, संवेदना में मेधा की तुलना में ज्यादा अपील होती है और कि ये कला के कार्य में कहीं बड़ा योगदान करती है। इस बार मेरा आइडिया एक प्रेम कहानी का था। इसके अलावा, ये मोन्स्योर वेरडाउ की पागलपन भरी निराशा की तुलना में दूसरी तरह की फिल्म होती। लेकिन महत्त्वपूर्ण बात ये थी कि इसका आइडिया मुझे उत्तेजित किये हुए था।

लाइमलाइट को तैयार करने में अट्ठारह महीने का समय लगा। इसके लिए बारह मिनट के बैले संगीत की रचना की जानी थी। ये काम हिमालय में से गंगा निकालने जैसा मुश्किल सिद्ध हुआ क्योंकि मुझे बैले की भाव भंगिमाओं की कल्पना करनी थी। अतीत में तो ये होता था कि जब फिल्म पूरी हो जाती थी तभी मैं संगीत रचना किया करता था और ऐसी हालत में मैं एक्शन देख सकता था। इसके बावज़ूद, मैंने नृत्य की मुद्राओं की कल्पना करते हुए सारे संगीत की रचना की। लेकिन जब संगीत पूरा हो गया तो मैं हैरान परेशान था कि ये बैले के लिए माफिक बैठेगा या नहीं क्योंकि नृत्य की कोरियोग्राफी तो नर्तकों द्वारा खुद ही सोची और पेश की जायेगी।

आंद्रे एग्लेवस्की का बहुत बड़ा प्रशंसक होने के नाते मैंने सोचा कि उन्हें बैले में लिया जाये। वे न्यू यार्क में थे इसलिए मैंने उन्हें फोन किया और उनसे पूछा कि क्या वे अलग ही संगीत रचना पर 'ब्लूबर्ड' नृत्य करना चाहेंगे। मैंने उनसे ये भी कहा कि वे अपने साथ नृत्य करने के लिए किसी बैलेरिना का नाम भी सुझायें।

ब्लूबर्ड नृत्य ट्राइकोवस्की के संगीत पर आधारित है और पैंतालीस सेकेंड तक चलता है। इसलिए मैंने कमोबेश इतनी ही अवधि के लिए संगीत रचना तैयार की थी।

हम पिछले कई महीने से पचास कलाकारों वाले आर्केस्ट्रा के साथ बारह मिनट का बैले संगीत बनाने की दिशा में काम कर रहे थे इसलिए मैं आंद्रे साहब की प्रतिक्रिया जानने को बेचैन था। आखिरकार, बैलेरिना मेलिसा हेडन और आंद्रे एग्लेवस्की ये संगीत रचना सुनने के लिए विमान से हॉलीवुड आये। जिस वक्त वे इसे सुनने के लिए बैठे तो मैं बहुत ज्यादा नर्वस था और आत्म सजग था। लेकिन भगवान का शुक्र है, दोनों ने इसे अनुमोदित कर दिया और बताया कि ये बैले के अनुरूप है। मेरे फिल्म कैरियर के पलों में से ये सबसे ज्यादा रोमांचक पल थे - उन्हें इस धुन पर नृत्य करते देखना। उन्होंने इसमें जो अर्थ भरे, वे आह्लाद से भर देने वाले थे और इसने संगीत को एक महाकाव्यात्मक महत्ता प्रदान की।

लड़की की भूमिका के लिए पात्र का चयन करते समय मैं असंभव की चाह रखने लगा था। सौन्दर्य, मेधा, और ऊपर से संवेदनाएं प्रकट कर सकने की बहुत व्यापक रेंज। कई महीनों तक खोजने और जांचने परखने के बाद भी निराशा जनक नतीजे ही सामने आ रहे थे। मैं सौभाग्यशाली था कि मैंने क्लेयर ब्लूम को चुना। मेरे मित्र आर्थर लारेंट्स ने उसकी सिफारिश की थी।

हमारी प्रकृति में कुछ ऐसा होता है कि हम नफ़रत और दुखद बातों को भी भूल जाते हैं। मुकदमा और उसके साथ जुड़ी सारी तकलीफ़ें हवा में बर्फ की तरह पिघल चुकी थीं। इस बीच ऊना चार बच्चों की मां बन चुकी थी। गेराल्डिन, माइकल, जोस्सी और विक्की। बेवरली हिल्स में अब जीवन खुशनुमा था। हमने एक सुखद गृह व्यवस्था जुटा ली थी और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। रविवार को हम मेल-मुलाकात का दिन रखते और कई दोस्त हमसे मिलने आते। उनमें जिम एगी भी थे जो जॉन हस्टन के लिए पटकथा लेखन के लिए हॉलीवुड आये थे।

विल डुरांट, लेखक और दार्शनिक भी उन दिनों हॉलीवुड में थे और यूसीएलए में व्याख्यान दे रहे थे। वे मेरे पुराने मित्र थे और कभी-कभार हमारे घर पर खाना खाते। वे बहुत शानदार शामें होतीं। विल बहुत ही उत्साही आदमी थे और उन्हें किसी भी तरह के नशे की ज़रूरत न पड़ती। उनके लिए ज़िदंगी का नशा ही काफी था। एक बार उन्होंने मुझसे पूछा,'सुन्दरता की आपकी धारणा क्या है?' मैंने कहा कि मेरे ख्याल से ये मृत्यु और अकेलेपन, मुस्कुराती हुई उदासी की सर्वत्र बिछी सत्ता है जिसे हम प्रकृति में और प्रत्येक वस्तु में देखते हैं, एक रहस्यमय आध्यात्मिक संबंध जिसे कवि महसूस करता है, ये सूर्य की किरण में चमकता कचरे का डिब्बा भी हो सकता है या गटर में गिरा हुआ गुलाब का फूल भी हो सकता है। एल ग्रेको ने इसे हमारे 'सूली पर चढ़ने वाले यीशू' में देखा था।

हम विल से दोबारा डगलस फेयरबैंक्स जूनियर के यहां डिनर पर मिले। क्लेमेंस डेन और क्लेयर बूथ लूस भी वहीं थे। मैं क्लेयर से कई बरस पहले न्यू यार्क में डब्ल्यू आर हर्स्ट के फैंसी ड्रेस शो में मिला था। उस रात वे अट्ठारहवीं शताब्दी के कॉस्टÎूम और सफेद विग में गज़ब की सुंदर और मनमोहनी लग रही थीं। तभी मैंने सुना था कि मेरे दोस्त जॉर्ज मूर, जो बेहद संवेदनशील और सुसंस्कृत व्यक्ति थे, के साथ उसकी कहा-सुनी हो गयी थी।

अपने प्रशंसकों के जमावड़े से घिरी वे सबको सुनायी दे सकने वाली आवाज़ में मूर का पानी उतार रही थीं,'आप तो अच्छे खासे रहस्यमय नज़र आते हैं। आप पैसा कमाते कैसे हैं?'

ये बहुत ही क्रूर बात थी, खास तौर पर तब, जब कई लोग वहां पर मौजूद थे। लेकिन जॉर्ज बहुत ही प्यारे इन्सान थे, उन्होंने हँसते हुए जवाब दिया था,'मैं कोयला बेचता हूं, अपने दोस्त हिचकॉक के साथ थोड़ी-सी पोलो खेल लेता हूं और यहां,' उस वक्त मैं वहीं से गुज़र रहा था, 'मेरा दोस्त चार्ली मुझे जानता है।' क्लेयर के बारे में तब से मेरी धारणा बदल गयी थी। बाद में मुझे ये सुन कर बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई थी कि वे कांग्रेस में चली गयी थीं और बाद में राजदूत बन गयी थीं। उन्होंने अमेरिकी राजनीति को प्रख्यात दार्शनिक जुमला ग्लोबालोनी दिया था।

उस रात मैं क्लेअर लूस के देव वाणी सदृश उपदेश सुनता रहा। बेशक विषय धर्म की ओर मुड़ गया (वे हाल ही में केथोलिक चर्च में शामिल हो गयी थीं) और मैंने चर्चा के दौरान उनसे कहा,`आदमी को ईसाईयत का तमगा अपने माथे पर लगाने की ज़रूरत नहीं होती। धर्म साधुओं और पापियों, दोनों में एक जैसा होता है। पवित्र आत्मा हर कहीं होती है।' उस रात जब हम विदा हुए तो दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे।

लाइमलाइट पूरी हो चुकी थी और मुझे अब तक की बनायी मेरी किसी भी दूसरी फिल्म की तुलना में इसकी सफलता के बारे में बहुत कम शक था। हमने अपने मित्रों के लिए एक निजी शो की व्यवस्था की और सभी बहुत उत्साहित थे। इसलिए हमने यूरोप के लिए निकलने के बारे में सोचना शुरू किया। ऊना चाहती थी कि बच्चों को हॉलीवुड के प्रभाव से कहीं दूर स्कूल में भरती किया जाए।

मैं तीन महीने पहले ही री-एंट्री के परमिट के लिए आवेदन दे चुका था, लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं आया था। इसके बावज़ूद, मैं जाने की तैयारियों में अपने कारोबार को व्यवस्थित करने में लगा हुआ था। मेरे टैक्स की फाइलें जमा कर दी गयी थीं और सारे मामले निपटा दिये गये थे। लेकिन जब आंतरिक राजस्व सेवा विभाग को पता चला कि मैं यूरोप के लिए निकल रहा हूं तो उन्होंने ये बात खोज निकाली कि मैंने उन्हें और पैसे देने हैं। अब उन्होंने एक ऐसी राशि की गिन कर दे दी जो छह अंकों में जाती थी। उन्होंने मुझसे 2,000,000 डॉलर की मांग की। यह राशि उस राशि से दस गुना ज्यादा थी जिसका वे दावा कर रहे थे। मेरी छठी इंद्रिय ने मुझे चेताया कि कुछ भी जमा मत कराओ और मामले को तुरंत अदालत में ले जाये जाने के बारे में अड़ जाओ। इससे जल्दी ही, मामूली-सी राशि पर समझौता हो गया। अब उन्हें कुछ और राशि वसूल नहीं करनी थी इसलिये मैंने फिर से री-एंंट्री के परमिट के बारे में आवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। इसलिये, मैंने वाशिंगटन में एक पत्र भेजा और उन्हें सूचित किया कि अगर वे मुझे री-एंंट्री परमिट नहीं देना चाहते, तो भी मैं किसी भी हालत में देश से जाना चाहता हूं।

एक हफ्ते बाद मुझे आप्रवास विभाग से एक टेलीफोन संदेश मिला कि वे मुझसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं और क्या वे मेरे घर पर आ सकते हैं?

`बेशक,' मैंने जवाब दिया।

तीन पुरुष और एक महिला पहुंचे। महिला के हाथ में स्टेनोटाइप मशीन थी। पुरुषों के हाथ में चौकोर ब्रीफकेस थे। स्पष्ट था कि वे टेप रिकार्डिंग मशीनें लेकर चल रहे थे। मुख्य जांचकर्ता लगभग चालीस बरस का खूबसूरत, सीधा, दुबला-पतला आदमी था। मुझे पता था कि मैं चार के मुकाबले एक हूं और मुझे अपने वकील को भी बुलवा लेना चाहिए था लेकिन मुझे कुछ भी तो नहीं छुपाना था।

मैं उन्हें धूप वाले पोर्च में ले गया। महिला ने अपनी स्टेनोटाइप मशीन निकाली और एक छोटी सी मेज पर रख दी। पुरुष लोग सेट्टी पर बैठे और अपनी टेप रिकॉर्डिंग मशीनें अपने सामने रख लीं। जांचकर्ता ने एक फुट मोटा रजिस्टर निकाला और सफाई से अपने पास मेज पर रख दिया। मैं उनके सामने बैठा। वह पेज दर पेज अपने रजिस्टर में देखने लगा।

`क्या चार्ल्स चैप्लिन आपका असली नाम है?'

`जी हां,'

`कुछ लोग कहते हैं कि आपका नाम - (यहां उन्होंने कोई विदेशी नाम लिया) कि आपका नाम गलिसिया है!'

'नहीं, मेरा नाम चार्ल्स चैप्लिन है और मेरे पिता का नाम भी चार्ल्स चैप्लिन था और मैं इंगलैंड पैदा हुआ।'

'आपका कहना है कि आप कभी कम्यूनिस्ट नहीं रहे हैं?'

'कभी नहीं, मैं कभी भी अपने जीवन में किसी राजनैतिक संगठन में शामिल नहीं हुआ हूं।'

'आपने एक भाषण दिया था जिसमें आपने 'कॉमरेड' शब्द का इस्तेमाल किया था। इससे आपका क्या मतलब था?'

'बिल्कुल यही। आप शब्दकोष में देखें। कम्यूनिस्ट लोगों का इस शब्द पर कोई एकाधिकार नहीं है।'

वह इसी तरह से अपने सवाल पूछता रहा। अचानक उसने एक सवाल पूछा,'क्या आपने कभी व्यभिचार किया है?'

'सुनिये,' मैंने जवाब दिया,'अगर आप मुझे देश से बाहर रखने के लिए कोई तकनीकी कारण खोज रहे हैं तो मुझे बता दीजिये। मैं उसी तरह से व्यवस्था कर लूंगा क्योंकि मैं कहीं पर भी अवांछित व्यक्ति बन कर नहीं रहना चाहता।'

'ओह, नहीं,' वह बोला,'यह सवाल तो हरेक री-एंट्री परमिट में होता है।'

'व्यभिचार की परिभाषा क्या है?' मैंने पूछा।

हम दोनों ने शब्दकोष में देखा।

'हम मान लें कि दूसरे की पत्नी के साथ संबंध,' कहा उसने।

मैं कुछ पल सोचता रहा,'मेरी जानकारी में नहीं,' मैंने जवाब दिया।

'अगर आपके देश पर हमला हो जाता है, तो क्या आप इसके लिए लड़ेंगे?'

'बेशक, मैं इस देश को प्यार करता हूं। ये मेरा घर है। मैं यहां चालीस बरस से रह रहा हूं,' मैंने जवाब दिया।

'लेकिन आप कभी इसके नागरिक नहीं बने?'

'इसके खिलाफ कोई कानून नहीं हैं, अलबत्ता, मैं अपने टैक्स यहीं अदा करता हूं।'

'लेकिन आप पार्टी लाइन के हिसाब से क्यों चलते हैं?'

'अगर आप मुझे बता दें कि पार्टी लाइन क्या होती है तो मैं आपको बता दूंगा कि मैं इसके हिसाब से चलता हूं या नहीं।'

थोड़ी देर के लिए मौन पसर गया, फिर मैंने अपनी बात कही: 'क्या आप जानते हैं कि मैं इस सारी मुसीबत में कैसे फंसा?'

उसने सिर हिलाया।

'आपकी सरकार पर अहसान करके!'

उसने हैरानी से अपनी भौहें ऊपर कीं।

'रूस में आपके राजदूत मिस्टर जोसेफ डेविस को रूसी युद्ध राहत की ओर से सैन फ्रांसिस्को में भाषण देना था, लेकिन ऐन मौके पर उनका गला खराब हो गया और आपकी सरकार के एक उच्च अधिकारी ने मुझसे पूछा कि क्या मैं उनके स्थान पर बोलने की मेहरबानी करूंगा और तब से मैं इसमें अपनी गर्दन फंसाये बैठा हूं।'

तीन घंटे तक मुझसे पूछताछ होती रही। एक हफ्ते बाद फिर उन्होंने मुझे फोन किया कि क्या मैं आप्रवास कार्यालय में आऊंगा। मेरे वकील ने मेरे साथ चलने की ज़िद की। उसका कहना था,'हो सकता है वे कुछ और सवाल पूछें।'

जब मैं वहां पर पहुंचा तो मैं इतने सौहार्दपूर्ण स्वागत की उम्मीद नहीं करता था। आप्रवास विभाग के प्रमुख, मझौली उम्र के एक दयालु शख्स ने मानो दिलासा देते हुए कहा,'मुझे खेद है कि आपको हमारी वजह से विलंब हुआ है, मिस्टर चैप्लिन, लेकिन अब हमने आप्रवास कार्यालय की एक शाखा लॉस एंजेल्स में भी खोली है और अब आपका काम जल्दी ही हो जाया करेगा और आपको अपने आवेदन पत्र वाशिंगटन भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आपसे सिर्फ एक सवाल और पूछना है, मिस्टर चैप्लिन, 'आप कितना अरसा बाहर रहेंगे?'

'छह महीने से ज्यादा नहीं,' मैंने जवाब दिया,'हम सिर्फ छुट्टी मनाने जा रहे हैं।'

'नहीं तो, अगर आप ज्यादा अरसे के लिए जा रहे हैं तो आपको समय विस्तार के लिए अवश्य ही अनुमति लेनी होगी।' उन्होंने मेज पर एक दस्तावेज रख दिया और कमरे से बाहर चले गये। मेरे वकील ने त़ेजी से दस्तावेज की तरफ देखा,'ये हुई न बात,' कहा उसने, 'उन्होंने परमिट दे दिया है।'

वह आदमी एक पेन लेकर लौटा,'क्या आप यहां हस्ताक्षर करेंगे, मिस्टर चैप्लिन, और हां, आपको अपनी यात्रा के दूसरे कागज़ात लेने होंगे।'

मेरे हस्ताक्षर कर लेने के बाद उन्होंने प्यार से मेरा कंधा थपथपाया,'ये रहा आपका परमिट, मैं उम्मीद करता हूं कि आपकी यात्रा सुखद रहेगी, चार्ली। जाइये, जल्दी घर जाइये।'

शनिवार का दिन था और हम ट्रेन से रविवार की सुबह न्यू यार्क के लिए निकलने वाले थे। मैं चाहता था कि ऊना मेरे सेफ डिपाजिट बॉक्स को अपने कब्जे में ले ले क्योंकि कुछ भी हो सकता था और मेरी सारी पूंजी इसी बक्से में रखी थी लेकिन ऊना बैंक में जाकर हस्ताक्षर करना टालती रही। और अब लॉस एंजेल्स में ये हमारा आखिरी दिन था और दस मिनट में बैंक बन्द हो जाने वाला था।

'हमारे पास सिर्फ दस ही मिनट बचे हैं, इसलिए हमें जल्दी करनी होगी!' मैंने कहा।

ऐसे मामलों में ऊना बहुत टाल मटोल करती है। 'क्या हम छुट्टियों से वापिस आने का इंतज़ार नहीं कर सकते?' कहा उसने। लेकिन मैं ज़िद पर अड़ा रहा। हमने एक अच्छा काम किया नहीं तो देश से अपनी सारी पूंजी बाहर निकालने के लिए हमें बाकी जीवन मुकदमेबाजी में ही गुज़ार देना पड़ता।

ये एक खुशनुमा दिन था जब हम न्यू यार्क के लिए चले। ऊना जाने के लिए अंतिम घरेलू तैयारियां कर रही थी और मैं बरामदे में खड़ा घर को दुविधा भरी भावनाओं के साथ देख रहा था। इस घर में मेरे साथ कितना कुछ घटा था। इतनी सारी खुशियां, इतनी सारी तकलीफ़ें और अब घर कितना शांत और दोस्ताना लग रहा था कि मुझे इसे छोड़ते हुए तकलीफ़ हो रही थी।

हैलन, हमारी नौकरानी और हेनरी, हमारे बटलर को विदा कह देने के बाद मैं रसोई में लपका और अपनी कुक अन्ना को विदा के दो शब्द कहे। मैं ऐसे मौकों पर बहुत शर्मीला हो जाता हूं और अन्ना, गोल-मटोल सी, भारी भरकम महिला थोड़ा ऊंचा सुनती थी। 'गुड बाय' मैंने कहा और उसकी बांह को छुआ। ऊना सबसे बाद में निकली। उसने मुझे बताया कि उसने कुक और नौकरानी को रोते हुए देखा था। मेरे असिस्टेंट डायरेक्टर जेरी एप्सटीन हमें स्टेशन पर छोड़ने आये।

शहर के बाहरी इलाकों की यात्रा राहत देने वाली थी। समुद्री यात्रा शुरू करने से पहले हम एक हफ्ते तक न्यू यार्क में रहे। जिस समय मैं आनंद भोगने के लिए अपने आप को तैयार कर ही रहा था कि मेरे वकील चार्ल्स श्वार्त्ज यह कहने के लिए आये कि युनाइटेड आर्टिस्ट्स का कोई भूतपूर्व कर्मचारी मुझ पर कई लाख डॉलर के लिए मुकदमा कर रहा है। 'ये सब बकवास है चार्ली, साथ ही साथ, मैं चाहता हूं कि आप ये सम्मन न लें क्योंकि इसका मतलब आपको छुट्टी से वापिस आना पड़ सकता है।' इस तरह से मुझे इन आखिरी चार दिनों के लिए अपने कमरे मे ही बंद रह जाना पड़ा और मैं ऊना और बच्चों के साथ न्यू यार्क नहीं घूम पाया। अलबत्ता, मैं लाइमलाइट के प्रेस प्रिव्यू के समय मौजूद रहना चाहता था, सम्मन मिले या नहीं!

क्रोकर, मेरे प्रचार प्रबंधक ने टाइम तथा लाइफ पत्रिकाओं के सम्पादकीय स्टाफ के साथ एक लंच का आयोजन किया था। ये इस तरह का मौका था कि खुद आगे बढ़ कर प्रचार कराया जाय। नंगी, सफेद प्लस्तर वाली दीवारों वाले उनके दफ्तर उस लंच के मनहूस माहौल के लिए एकदम माफिक सेटिंग थे। मैं टाइम स्टाफ के उदास, घुटे सिर वाले लोगों के साथ मज़ाकिया और अंतरंग बनने की कोशिश करता रहा। खाने में चिपचिपा, रसेदार चिकन था जो बिल्कुल बेस्वाद था लेकिन जहां तक लाइमलाइट के लिए अच्छे प्रचार का सवाल था, न तो मेरी मौजूदगी ने, न मेरे उनके नज़दीक आने की कोशिशों ने और न ही खाने ने ही कोई फायदा पहुंचाया। उन्होंने फिल्म के बारे में बहुत बेरहमी से लिखा।

हालांकि प्रेस प्रिव्यू के समय थिएटर में निश्चय ही माहौल दोस्ताना नहीं था, लेकिन बाद में मुझे ये देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि कुछ बड़े अखबारों ने अच्छी समीक्षाएंं दी थीं।

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