चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 64 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 64

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

64

अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के दौरान मैंने युनाइटेड आर्टिस्ट्स के कारोबार की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। अब मेरे वकील ने चेताया कि कम्पनी 1,000,000 डॉलर के घाटे में चल रही है। जब इसके अच्छे दिन थे तो हर वर्ष 40,000,000 से 50,000,000 डॉलर तक का लाभ कमा कर दे रही थी। लेकिन मुझे याद नहीं आता कि मुझे दो से ज्यादा लाभांश मिले हों। अपनी समृद्धि के शिखर पर युनाइटेड आर्टिस्ट्स ने चार सौ अंग्रेज़ी थियेटरों में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी जुटा ली थी और इसके लिए उसे एक पाई भी नहीं चुकानी पड़ी थी। मुझे पक्के तौर पर नहीं पता कि ये सब हमने कैसे हासिल किया था। मुझे ऐसा लगता है कि ये हमें हमारी फिल्मों के निर्माण की गारंटी देने के बदले दिये गये थे। दूसरी अमेरिकी फिल्म कम्पनियों को इसी तरह से ब्रिटिश सिनेमा में बहुत बड़ी राशि के स्टॉक लेने पड़े थे। एक ऐसा वक्त भी आया था कि रैंक संगठन में हमारी इक्विटी का हिस्सा 10,000,000 डॉलर के बराबर था।

लेकिन एक-एक करके युनाइटेड आर्टिस्ट्स के शेयरधारकों ने अपने शेयर कम्पनी को वापिस बेच दिये थे और इनकी चुकौती करने में कम्पनी की हालत पतली हो गयी थी। अचानक मैंने पाया कि मैं युनाइटेड आर्टिस्ट्स की कम्पनी का आधा मालिक हूं और ये कम्पनी 1,000,000 डालर के घाटे में चल रही थी। मैरी पिकफोर्ड मेरी पार्टनर थी। उसने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाते हुए चेतावनी भरा पत्र लिखा कि सभी बैंकों ने और कर्जे देने से मना कर दिया है। मुझे इस बात की ज्यादा चिंता नहीं थी क्योंकि हम इससे पहले भी कर्जे में आ चुके थे और सफल फिल्मों ने हमें हमेशा इन संकटों से बाहर निकाल लिया था। इसके अलावा, मैंने अभी अभी मोन्स्योर वेरडाउ पूरी की थी और मैं ये मान कर चल रहा था कि ये बॉक्स ऑफिस पर खूब सफल रहेगी। मेरे प्रतिनिधि आर्थर कैल्ली ने कम से कम 12,000,000 डॉलर की कमाई का अनुमान लगाया था और अगर ये सच हो जाता तो ये हमारी कम्पनी के कर्जे तो उतारेगी ही, 11,000,000 डॉलर का मुनाफा भी दे जायेगी।

हॉलीवुड में मैंने अपने दोस्तों के लिए एक निजी शो की व्यवस्था करायी थी। अंत में, थॉमस मान, लायन फ्यूशवेंगर और कई दूसरी विभूतियां खड़ी हो गयीं और एक मिनट से भी ज्यादा तक तालियां बजाती रहीं।

पूरे विश्वास के साथ मैंने न्यू यार्क में कदम रखा। लेकिन मेरे वहां पहुंचते ही डेली न्यूज़ ने मुझ पर हमला कर दिया:

चैप्लिन अपनी नयी फिल्म के प्रदर्शन के लिए शहर में हैं। 'मेरे सहयात्रियो' के रूप में उनके सम्बोधन के बाद मैं उन्हें न्यौता देता हूं कि वे प्रेस में अपना चेहरा दिखायें क्योंकि मैं वहां पर उनसे एक या दो परेशान करने वाले सवाल पूछूंगा।

युनाइटेड आर्टिस्ट्स के प्रचार स्टाफ ने इस बात पर देर तक विचार विमर्श किया कि क्या मेरे लिए अमेरिकी प्रेस से मिलना ठीक रहेगा। मैं परेशान था क्योंकि उस दिन सुबह ही मैं विदेशी प्रेस से मिल चुका था और उन्होंने बहुत गर्मजोशी और उत्साह के साथ मेरा स्वागत किया था। इसके अलावा मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो गीदड़ भभकियों से डर जायें।

अगली सुबह हमने होटल में एक बड़ा-सा कमरा आरक्षित कराया और मैं अमेरिकी प्रेस से मिला। जब कॉकटेल सर्व कर दिये गये तो मैं हाज़िर हुआ, लेकिन मैंने ताड़ लिया कि दाल में कुछ काला है। मैं एक छोटी सी मेज के पीछे से एक छोटे से मंच से बोला। मैं अपनी आवाज़ में जितनी मिश्री घोल सकता था, घोली और बोला,'आप लोग कैसे हैं, देवियो और सज्जनो, मैं यहां पर इसलिए हाज़िर हुआ हूं ताकि मैं अपनी फिल्म के बारे में और अपनी भावी योजनाओं के बारे में जो भी तथ्य आप जानना चाहें, उनके बारे में बता सकूं।'

वे लोग चुप रहे। 'सब एक साथ मत बोलिये,' मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

आखिरकार पहली पंक्ति के पास बैठी एक महिला पत्रकार ने श्रीगणेश किया,'क्या आप कम्यूनिस्ट हैं?'

'नहीं,' मैंने दृढ़ता से जवाब दिया,'अगला सवाल प्लीज़,'

इसके बाद भुनभुनाने की एक आवाज़ आने लगी। मुझे लगा कि डेली न्यूज़ वाले वे वही मेरे शुभचिंतक होंगे, लेकिन उनकी गैर हाज़री साफ तौर पर महसूस की जा सकती थी। लेकिन जो वक्ता खड़े हुए वे अपना ओवरकोट पहने हुए मैले कुचैले से लगने वाले निरीह प्राणी थे और वे अपने उन कागज़ों पर झुके हुए थे जिनमें से वे पढ़ रहे थे।

'माफ कीजिये,' मैंने कहा,'आपको फिर से पढ़ना पढ़ेगा, आप जो भी कह रहे हैं, मैं उसका एक भी शब्द समझ नहीं पा रहा हूं।'

उन्होंने शुरू किया, 'हम, कैथोलिक युद्ध के '

मैंने टोका,'मैं यहां पर किसी कैथोलिक युद्ध के .. वरिष्ठ भुक्तभोगियों के सवालों का जवाब देने के लिए नहीं आया हूं। ये बैठक प्रेस के लिए है।'

'आप अमेरिका के नागरिक क्यों नहीं बने हैं?' एक और आवाज़।

'मुझे अपनी राष्ट्रीयता बदलने की कोई वज़ह नज़र नहीं आती। मैं अपने आपको विश्व का नागरिक समझता हूं।' मैंने जवाब दिया।

थोड़ी देर के लिए हंगामा मच गया। दो या तीन एक साथ बोलना चाहते थे। अलबत्ता, एक आवाज़ दूसरी आवाज़ों पर हावी हो गयी,'लेकिन आप अपनी रोज़ी रोटी तो अमेरिका से कमाते हैं!'

'अच्छी बात है,' मैंने मुस्कुराते हुए कहा,'अगर आप इसे आर्थिक रूप से तौलना चाहते हैं तो मैं आपके सामने सारे आंकड़े गिनवा देता हूं। मेरा कारोबार अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप का है और मेरी कमाई का सत्तर प्रतिशत विदेशों से आता है। और मज़े की बात, उस पर सत्तर प्रतिशत कर का लाभ अमेरिका को मिलता है। अब आप ही देख लीजिये, मैं आपका कितना अच्छा पेइंग गेस्ट हूं!'

कैथोलिक लीज़न के पक्षधर ने एक बार फिर अपना सिर उठाया,'आप अपना धन यहां पर कमाते हैं या नहीं, हम लोग, जिन्होंने फ्रांस के तटों पर अपने सैनिक उतारे हैं, इस बात पर आपसे खफा हैं कि आप इस देश के नागरिक नहीं हैं।'

'आप ही अकेले ऐसे सज्जन नहीं हैं जिनके सगे फ्रांस के तटों पर उतरे हैं,' मैंने बताया,'मेरे दो बेटे भी पैटन की सेना में हैं और एकदम मोर्चे पर हैं और वे न तो आपकी तरह तथ्यों को भुना रहे हैं और न ही उनका फायदा ही उठा रहे हैं।'

'क्या आप हैंस एस्लर को जानते हैं?' एक अन्य रिपोर्टर।

'हां, वे मेरे बहुत प्यारे दोस्त हैं और वे बहुत अच्छे संगीतकार हैं।'

'क्या आपको पता है कि वे कम्यूनिस्ट हैं?'

'मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि वे क्या हैं, मेरी दोस्ती राजनीति पर आधारित नहीं है।'

'फिर भी ऐसा लगता है कि आप कम्यूनिस्टों को पसंद करते हैं?' एक अन्य रिपोर्टर।

`किसी को भी ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि मुझे क्या पसंद करना चाहिये और क्या नहीं। हम अभी तक उस तरह के संबंधों तक नहीं पहुंचे हैं।'

तभी उसी उत्तेजना के बीच में से एक आवाज़ उभरी,'कैसा लगता है ऐसा कलाकार होना जिसने छोटे लोगों की खुशियों और समझ के साथ पूरी दुनिया को इतना समृद्ध किया हो और अमेरिकी प्रेस के तथाकथित प्रतिनिधियों की नफ़रत और फटकार का पात्र बनाया जाना और मज़ाक का पात्र बनना?'

मैं सहानुभूति के दो बोल सुनने के लिए इतना तरस गया था कि मैं अचानक टोक बैठा,'माफ कीजिये, मैं आपकी बात नहीं समझ पाया। क्या आप अपना सवाल दोहरायेंगे?'

मेरे प्रचार प्रबंधक ने मुझे टहोका मारा और फुसफुसाया,'ये आदमी तो आपके पक्ष में ही बात कर रहा है। उसने बहुत ही उम्दा ही बात की है।' ये अमेरिकी उपन्यासकार और कवि जिम एगी थे जो उस समय टाइम्स मैगजीन के लिए विशेष फीचर लेखक और समीक्षक के रूप में काम कर रहे थे।

'माफ कीजिये,' मैंने कहा,'मैं आपकी बात सुन नहीं पाया, क्या आप अपनी बात दोहरायेंगे?'

'मुझे नहीं पता कि मैं ऐसा कर पाऊंगा या नहीं,' कहा उन्होंने। वे थोड़ा परेशान हो गये थे, फिर भी उन्होंने लगभग वही शब्द दोहरा दिये।

मुझे कोई जवाब ही नहीं सूझा। इसलिए मैंने अपना सिर हिलाया और कहा,'कोई टिप्पणी नहीं, लेकिन आपका आभार!'

इसके बाद तो मैं उखड़ ही गया। उनके भले लगने वाले शब्दों ने मुझसे और लड़ने की ताकत ही छीन ली थी। 'मुझे खेद है देवियो और सज्जनो,' मैंने कहा,'मैं तो ये मान कर चल रहा था कि ये प्रेस सम्मेलन मेरी फिल्म के बारे में साक्षात्कार है, इसके बजाये, ये तो राजनैतिक उठा पटक में बदल गया है। इसलिए मुझे और कुछ नहीं कहना है।'

साक्षात्कार के बाद मैं भीतर ही भीतर बीमार हो गया था, क्योंकि मैं जानता था कि मेरे खिलाफ एक मज़बूत उग्र मोर्चा खोल दिया गया है।

इसके बावज़ूद मैं इस पर यकीन नहीं कर सका। मुझे द ग्रेट डिक्टेटर पर बधाई देते हुए बहुत ही शानदार पत्र मिले थे और उससे जो कमाई हुई थी, वह पहले की सारी फिल्मों की कमाई पार कर गयी थी और फिल्म के प्रदर्शित होने से पहले मुझे बहुत सारे प्रतिकूल प्रचार का सामना करना पड़ा था। मुझे मोन्स्योर वेरडाउ की सफलता पर पूरा भरोसा था और युनाइटेड आर्टिस्ट्स के स्टाफ की भी यही राय थी।

मैरी पिकफोर्ड ने फोन करके बताया कि वह ऊना और मेरे साथ प्रीमियर में आना चाहेगी, इसलिए मैंने उन्हें हमारे साथ '21' पर खाना खाने के लिए आमंत्रित किया। मैरी डिनर पर बहुत देर से पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें एक कॉकटेल पार्टी की वजह से देरी हो गयी। वहां से निकलने में उन्हें बहुत मुश्किल हो रही थी।

जिस वक्त हम थियेटर में पहुंचे तो बाहर अपार भीड़ जुट चुकी थी। जिस वक्त हम लॉबी में से रास्ता बना कर निकल रहे थे, हमने देखा कि एक आदमी रेडियो पर प्रसारण कर रहा है: 'और अब चार्ली चैप्लिन और उनकी पत्नी आ पहुंचे हैं। आहा, और उनके साथ उनके मेहमान के रूप में हैं मूक फिल्मों के दिनों की शानदार अभिनेत्री जो अभी भी पूरे अमेरिका की हर दिल अजीज हैं। ये हैं मिस मैरी पिकफोर्ड। मैरी, क्या आप इस शानदार प्रीमियर के बारे में कुछ नहीं कहेंगी?'

लॉबी ठसाठस भरी हुई थी। मैरी किसी तरह से भीड़ में से रास्ता बनाते हुए माइक्रोफोन तक पहुंचीं। वे अभी भी मेरा हाथ थामे हुए थीं।

'और अब, देवियो और सज्जनो, पेश हैं मैरी पिकफोर्ड!'

खींचे जाने और धकेले जाने के बीच मैरी ने कहा, 'दो हज़ार साल पहले यीशु का जन्म हुआ था और आज की रात ..' वे आगे कुछ नहीं कह पायीं। चूंकि वे अभी भी मेरा हाथ थामे हुए थीं, उन्हें भीड़ के एक धक्के ने माइक से परे धकेल दिया। मैं अक्सर इस बात पर हैरान होता हूं कि वे आगे क्या कहने वाली थीं।

उस रात थियेटर का माहौल असहज करने वाला था। एक भावना काम कर रही थी कि दर्शक कुछ सिद्ध करने के लिए आये हैं। जिस पल फिल्म शुरू हुई, बेचैन प्रत्याशा और अतीत के सुखद अहसास, जिनके साथ मेरी फिल्मों का स्वागत हुआ करता था, उनकी जगह पर बीच बीच में कुछेक सिसकारियों के बीच बिखरे बिखरे, नर्वस हंसी के पल थे। मुझे ये स्वीकार करना ही होगा कि सिसकारी भरी ये प्रतिक्रियाएं प्रेस की सारी नाराज़गी से भी ज्यादा तकलीफ दे रही थीं।

जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती गयी, मेरी चिंता बढ़ती गयी। हँसी के पल थे लेकिन ये बिखरे हुए थे। ये पुराने वक्त के, द गोल्ड रश के, या सिटी लाइट्स के या शोल्डर आर्म्स के ठहाके नहीं थे। ये थियेटर में चल रही सिसकारियों के खिलाफ चुनौतीपूर्ण हँसी थी। मेरा दिल डूबने लगा। मैं अपनी सीट में और देर तक नहीं बैठ पाया। मैंने ऊना से फुसफुसाया,'मैं बाहर लॉबी में जा रहा हूं। अब और सहन नहीं होता मुझसे।' उसने मेरा हाथ दबाया। मेरे हाथ में मुचड़ा हुआ कार्यक्रम पत्रक था, इसे मैं इतना ज्यादा तोड़ मरोड़ चुका था कि ये मेरी हथेलियों को पसीने से गीला करने लगा। इसलिए मैंने उसे अपनी सीट के नीचे फेंक दिया। मैं दबे पांव बीच वाले रास्ते पर आया और लॉबी की तरफ निकल गया। मैं ठहाके सुनने और उनके बीच में से उठ कर परे चले आने के बीच बंट गया था। तब मैं हौले हौले चलता हुआ बीच वाली मंज़िल तक यह देखने के लिए आया कि वहां पर क्या चल रहा है। एक आदमी बाकी और लोगों की तुलना में सबसे ज्यादा हँस रहा था। निश्चित तौर पर मेरा कोई दोस्त रहा होगा। लेकिन ये विकृत और नर्वस हँसी थी मानो वह कुछ सिद्ध करना चाहता हो। बाल्कनी में भी यही हाल चल रहा था।

दो घंटे तक मैं लॉबी में, गली में और थियेटर के आस पास चहलकदमी करता रहा और फिर वापिस थियेटर में फिल्म देखने आ जाता। ये सब बीच बीच में चलता रहा। आखिर फिल्म खत्म हुई। अर्ल विल्सन, स्तम्भकार, जो बहुत ही प्यारा आदमी था, मुझसे लॉबी में मिलने वाले लोगों में सबसे पहला था। 'मुझे ये बहुत अच्छी लगी।' उसने 'मुझे' पर बहुत ज़ोर दिया। तब मेरे प्रतिनिधि आर्थर केली बाहर आये। 'बेशक, ये एक करोड़ बीस लाख का धंधा तो नहीं ही करने जा रही है।' उसने कहा।

'मैं आधे पर ही समझौता कर लूंगा,' मैंने मज़ाक में कहा।

इसके बाद हमने लगभग एक सौ पचास लोगों को खाने की दावत दी। उनमें से कुछ पुराने दोस्त थे। उस शाम वहां पर तरह तरह की बातें हुईं और शैम्पेन सर्व किये जाने के बावजूद मामला हताश करने वाला था। ऊना जल्दी ही वहां से चली गयी लेकिन मैं आधा घंटा और रुका रहा।

हरबर्ट बेयार्ड स्वोपे, जिन्हें मैं पसंद करता था और समझदार समझता था, फिल्म के बारे में मेरे दोस्त डॉन स्टीवर्ट से बहस कर रहे थे। स्वोपे को ये पसंद नहीं आयी थी। उस रात कुछ ही लोगों ने मुझे बधाई दी। डॉन स्टीवर्ट, जो मेरी तरह खुद भी थोड़े नशे में थे, बोले,'चार्ली, आस पास बहुत से हरामी मौजूद हैं जो आपकी फिल्म पर राजनीति की रोटियां सेंकना चाहते हैं। लेकिन फिल्म बहुत ऊंची चीज़ बनी है और दर्शक इसे पसंद करेंगे।'

इस समय तक मैं इस बात की परवाह नहीं कर रहा था कि कौन क्या कह रहा है। अब मुझमें विरोध करने की ताकत नहीं बची थी। डॉन मुझे होटल तक छोड़ने आये। जब हम पहुंचे तो ऊना पहले ही सो चुकी थी।

'कौन सी मंज़िल है?' डॉन ने पूछा।

'सत्रहवीं'

'हे भगवान, आपको पता है कि ये कौन सा कमरा है? ये वही कमरा है जिसमें वो लड़का लेज पर निकल आया था और कूद कर जान देने से पहले वहां पर बारह घंटे तक खड़ा रहा था।'

उस शाम का इससे बेहतर क्लाइमेक्स और क्या हो सकता था। अलबत्ता, मैं ये मानता हूं कि मैंने अब तक जितनी भी फिल्में बनायी हैं, उनमें से मोन्स्योर वेरडाउ सबसे ज्यादा चतुराई और समझदारी से बनायी गयी फिल्म है।

मेरी हैरानी की सीमा न रही जब मोन्स्योर वेरडाउ न्यू यार्क में छ: सप्ताह तक चलती रही और उसने बहुत अच्छा कारोबार किया। लेकिन ये अचानक ही मंदी पड़ गयी। जब मैंने युनाइटेड आर्टिस्ट्स के ग्रैड सीअर्स से इस बारे में पूछा तो उसने बताया,'आप जो भी फिल्म बनाते हैं, वह पहले तीन या चार हफ्ते तक तो बहुत अच्छा कारोबार करती है। कारण ये है कि आपके बहुत सारे पुराने प्रशंसक हैं। लेकिन उनके बाद आती है आम जनता। और सच कहें तो प्रेस आपके पीछे कम से कम दस बरस से लट्ठ ले कर पड़ी हुई है और उस लट्ठबाजी की कुछ तो असर होना ही था। यही वजह है कि कारोबार में मंदी आ गयी है।'

'लेकिन ये तो मानना ही पड़ेगा कि लोगों में हास्य बोध है।' मैंने पूछा।

'यहां देखिये,' उसने मुझे डेली न्यूज और हर्स्ट के अखबार दिखाये, और ये अखबार सारे देश में जाते हैं।'

एक अखबार में एक चित्र दिखाया गया था जिसमें मोन्स्योर वेरडाउ दिखाने वाले एक थियेटर के बाहर न्यू जर्सी कैथोलिक लीज़न के लोग हाथ में प्लेकार्ड ले कर धरना दे रहे थे। उन लोगों के हाथों में जो बोर्ड थे, उन पर लिखा था,

'चार्ली कॉमरेड है'

'देशद्रोही को देश से बाहर निकालो'

'चैप्लिन बहुत दिन तक मेहमान बन कर रह लिया'

'चैप्लिन, कृतघ्न और कम्यूनिस्टों से सहानुभूति रखने वाला'

'चैप्लिन को रूस भेजो'

जब किसी व्यक्ति पर निराशा और तकलीफ की दुनिया टूट पड़ती है तो अगर वह हताशा की तरफ नहीं मुड़ता तो दर्शन और हास्य की तरफ मुड़ जाता है। और जब ग्रैड ने मुझे धरना देने वालों की तस्वीर दिखायी, तो उस वक्त थियेटर के बाहर एक भी दर्शक नहीं था। मैंने मज़ाक में कहा,'स्पष्ट ही ये तस्वीर सुबह पांच बजे ली गयी होगी।' अलबत्ता, जहां कहीं भी मोन्स्योर वेरडाउ बिना बाधा के दिखायी गयी, इसने सामान्य की तुलना में बेहतर ही कारोबार किया।

पिक्चर को देश के सभी बड़े सर्किटों में बुक किया गया था। लेकिन अमेरिकी ल़ाजन की तरफ से और दूसरे समूहों की तरफ से धमकी भरे पत्र मिलने पर उन्होंने शो दिखाने बंद कर दिये। लीज़न ने धमकाने का प्रभावशाली तरीका अपनाया था कि अगर वे कोई चैप्लिन फिल्म दिखा रहे होते या कोई ऐसी फिल्में दिखा रहे होते जिसे वे अनुमोदित नहीं करते थे तो वे वितरकों को पूरे एक बरस तक थियेटर का बहिष्कार करने की धमकी देते थे। डेनवर में पहली रात फिल्म ने बहुत अच्छा कारोबार किया लेकिन इस तरह के धमकी भरे व्यवहार के कारण उसे उतार दिया गया।

न्यू यार्क की ये वाली हमारी यात्रा अब तक की यात्राओं की तुलना में सबसे ज्यादा नाखुश करने वाली थी। रोज़ाना हमें फिल्म के रद्द किये जाने की खबरें मिलतीं। इसके अलावा, मुझे ग्रेट डिक्टेटर को ले कर चोरी के इल्ज़ाम में फंसा दिया गया था और प्रेस और जनता की भीषण नफ़रत और विरोध के चरम बिन्दु पर पहुंचने पर और जब कि सीनेट में चार सीनेटर हाथ धो कर मेरे पीछे पड़ गये थे, मेरी इस इच्छा के विरुद्ध कि इस मामले को थोड़ा स्थगित कर दिया जाये, मामले को जूरी के सामने ले जाया गया।

आगे बढ़ने से पहले मैं ये कह कर कुछ बातें साफ कर लेना चाहता हूं कि मैंने हमेशा अकेले के बलबूते पर अपनी पटकथाएं खुद ही सोची और लिखी हैं। मामला अभी शुरू भी नहीं हुआ था कि न्यायाधीश ने यह घोषणा कर दी कि उनके पिता मर रहे हैं और कि हम समझौता कर लें ताकि वह मामला निपटा सकें और अपने पिता के पास जा सकें। दूसरे पक्ष ने इसमें तकनीकी फायदा देखा और समझौते के प्रस्ताव को लपक कर स्वीकार कर लिया। अगर सामान्य परिस्थितियां होतीं तो मैंने मामले को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया होता, लेकिन एक तो मैं उस वक्त अमेरिका में अलोकप्रियता के शिखर पर था और इस तरह के न्यायालय के दबाव में आ गया था, मैं डरा हुआ था कि आगे न जाने क्या हो जाये, हमने समझौता कर लिया।

12,000,000 डॉलर कमाने की सारी उम्मीदें धूल में मिल चुकी थीं। अब तो उसकी कीमत वसूल करने के भी लाले पड़े हुए थे। एक बार फिर युनाइटेड आर्टिस्ट्स गहरे संकट में पड़ गयी थी। किफायत करने की दृष्टि से मैरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मैं अपने प्रतिनिधि आर्थर कैल्ली की छुट्टी कर दूं और जब मैंने उसे याद दिलाया कि मैं भी कम्पनी का आधा मालिक हूं तो मोहतरमा नाराज़ हो गयीं।

'अगर मेरा प्रतिनिधि जाता है, मैरी, तो आपका प्रतिनिधि भी ज़रूर जायेगा।' मैंने कह दिया। इससे अवरोध पैदा हो गया और मुझे मज़बूरन कहना पड़ा,'अब हम दोनों में से ही एक कम्पनी खरीदे और दूसरा बेचे। अपनी कीमत बोलिये।' लेकिन मैरी कोई कीमत लगाने के लिए तैयार नहीं थीं और न ही मैं कीमत लगाने में पहल कर रहा था।

आखिर, ईस्टर्न सर्किट ऑफ थियेटर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली वकीलों की एक फर्म हमारी संकट मोचक बन कर सामने आयी। वे कम्पनी पर नियंत्रण चाहते थे और 12,000,000 डॉलर देने के लिए तैयार थे। 7,000,000 डॉलर नकद और 5,000,000 डॉलर शेयरों के रूप में। ये बहुत ही अच्छा सौदा था।

'देखो,' मैंने मैरी से कहा,'आप मुझे अभी नकद 5,000,000 डॉलर दे दीजिये और बाकी आप रख सकती हैं।' वे इस बात से सहमत हो गयीं और कम्पनी को भी इसमें एतराज़ नहीं था।

कई हफ्तों तक सौदेबाजी करने के बाद इस आशय के दस्तावेज तैयार कर लिये गये। आखिरकार मेरा वकील मेरे पास आया और बोला,'चार्ली, अगले दस मिनट बाद आपकी हैसियत पचास लाख डॉलर की हो जायेगी।'

लेकिन दस मिनट बाद उसने फोन किया,'चार्ली, सौदा खटाई में पड़ गया है। मैरी ने पैन अपने हाथ में ले लिया था और हस्ताक्षर करने ही वाली थीं कि अचानक बोलीं,'नहीं, चार्ली को पचास लाख डॉलर अभी ही क्यों मिलें और मुझे दो बरस तक इंतज़ार करना पड़े!' हमने तर्क दिया कि उन्हें सत्तर लाख डॉलर मिल रहे हैं, आपकी तुलना में बीस लाख डॉलर ज्यादा। लेकिन उन्होंने ये बहाना बना दिया कि उससे उनकी आय पर टैक्स को ले कर समस्या हो जायेगी। ये हमारे लिए सुनहरी मौका था। बाद में हमें कम्पनी को बहुत कम कीमत पर बेचने पर मज़बूर होना पड़ा।