चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 43 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 43

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

43

मिसेज हर्स्ट एक आकर्षक महिला थीं और उनके तौर-तरीके में दयालुता और गरिमा थी। जबकि दूसरी तरफ हर्स्ट की आंखें बड़ी-बड़ी थीं और वे उस तरह के व्यक्ति थे जो सारी बातें मैं ही करूंगा प्रकार में आते हैं।

"जब मैं आपसे पहली बार मिला मिस्टर हर्स्ट," मैंने कहा,"ये बीऊ आर्ट्स रेस्तरां की बात है, आप वहां पर दो महिलाओं के साथ बैठे हुए थे। आपकी तरफ मेरे एक दोस्त ने इशारा किया था।"

मेज के नीचे मैंने अपने पैर पर दबाव महसूस किया। मैंने अंदाजा लगाया कि ये पैर सिल्वरमैन का है।

"आह," हर्स्ट ने चेहरे पर मज़ाकिया भाव लाते हुए कहा।

मैं अब गड़बड़ाने लगा,"मेरा ख्याल है, वो आप नहीं थे, ज़रूर कोई और रहा होगा जिसकी शक्ल आप से मिलती-जुलती होगी। बेशक मेरे दोस्त को भी पूरी तरह से यकीन नहीं था।" मैंने भोलेपन से कहा।

"हां, हो जाता है," हर्स्ट ने अपनी आंखों में चमक लाते हुए कहा,"एक जैसी शक्ल के दो व्यक्ति दिखायी दे जाना बहुत मामूली बात है।"

"हां," मैं हँसा, शायद कुछ ज्यादा ही ज़ोर से।

मिसेज हर्स्ट ने मुझे उबारा,"हां," उन्होंने मज़ाकिया तरीके से ज़ोर दिया,"ये बहुत ही मामूली बात है।"

अलबत्ता, ये बात आयी-गयी हो गयी और मेरा ख्याल है, लंच ठीक-ठाक निपट गया।

मेरियन डेविस हॉलीवुड में हर्स्ट कॉस्मापालिटन प्रोडक्शन की फिल्मों में काम करने के लिए आयी थीं। उन्होंने बेवरली हिल्स पर किराये पर एक मकान लिया और हर्स्ट अपना दो सौ अस्सी फुट का क्रूज़र पैनामा नहर से होते हुए कैलिफोर्निया वाटर्स में ले आये। उसके बाद तो फिल्म कॉलोनी की बन आयी। वहां पर अरेबियन नाइट्स युग का स्वर्ग उतर आया। हफ्ते में दो या तीन बार मैरियन बहुत बड़े पैमाने पर डिनर पार्टियां देतीं जिसमें कई-कई बार तो सौ-सौ मेहमान होते। उनमें अभिनेता, अभिनेत्रियां, सिनेटर, पोलो खिलाड़ी, कोरस गाने वाले लड़के, विदेशी राजनयिक, और हर्स्ट के उच्च अधिकारी, संपादकीय स्टाफ से ले कर सबसे नीचे के स्तर के स्टाफ का भी मेला लगता। उस वक्त वहां पर तनाव और ओछेपन का देखने लायक आलम होता क्योंकि कोई भी सर्वशक्तिमान हर्स्ट के तापमान के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगा सकता था। उनका बैरोमीटर ही यह तय करता था कि शाम अच्छी गुज़रेगी या नहीं।

मुझे मेरियन द्वारा अपने किराये के घर मे दिये गये डिनर की एक घटना याद आती है। हम लगभग पचास के करीब मेहमान इंतज़ार कर रहे थे और जनाब हर्स्ट अपने संपादकीय स्टाफ से घिरे कमरे में ऊंची पीठ वाली कुर्सी पर मनहूस चेहरा बनाये बैठे हुए थे। मेरियन एक सेट्टी पर पसरी किसी महारानी की तरह गाउन में सजी, बेहद खूबसूरत नज़र आ रही थीं, लेकिन हर्स्ट जिस तरह से अपने कारोबार में उलझे हुए थे, उससे और अधिक चुप्पा होती जा रही थीं।

अचानक ही मेरियन नाराज़गी से चिल्लायीं,"ऐय आप?"

हर्स्ट ने सिर उठाया,"क्या आप मुझसे कुछ कह रही हैं?" उन्होंने पूछा।

"हां आप ही से, आप ज़रा इधर आइये," मेरियन ने जवाब दिया और अपनी बड़ी-बड़ी नीली आंखें उन पर टिकाये रखीं, हर्स्ट का स्टाफ पीछे सरक गया और जल्द ही कमरे में एक कड़ा सन्नाटा छा गया।

हर्स्ट स्पिंक्स की तरह बैठे रहे और उनकी आंखें सिकुड़ कर छोटी हो गयीं। उनकी त्यौरियां चढ़ गयीं, उनके होंठ पतली रेखा में बदल गये और वे अपने सिहांसन सरीखी कुर्सी के हत्थे पर नर्वस हो कर उंगलियां थपकाने लगे। वे तय नहीं कर पा रहे थे कि गुस्से के मारे फट पड़ें या नहीं। मुझे लगा कि अपना हैट तलाश लिया जाये। लेकिन अचानक ही हर्स्ट खड़े हुए,"मेरा ख्याल है, अब मुझे जाना चाहिये," उन्होंने मेरियन की तरफ किसी गावदी की तरह लंगड़ा कर जाते कहा,"और हमारी मोहतरमा चाहती क्या हैं?"

"अपना धंधा शहर जा के करो।" मेरियन ने हिकारत से कहा,"मेरे घर में नहीं, मेरे मेहमान ड्रिंक के लिए इंतज़ार कर रहे हैं, इसलिए जल्दी करो और उनके लिए ड्रिंक्स ले कर आओ।"

"ठीक है ठीक है," उन्होंने कहा और जोकर की तरह खिसियाते हुए रसोई की तरफ लपके और सबने मुस्कुराते हुए राहत की सांस ली।

एक बार मैं एक ज़रूरी काम से लॉस एंजेल्स से न्यू यार्क तक की ट्रेन की यात्रा कर रहा था। मुझे तभी हर्स्ट से तार मिला जिसमें उन्होंने मुझे उनके साथ मैक्सिको की यात्रा पर चलने का न्यौता दिया था। मैंने वापसी तार भेजा कि मैं नहीं आ सकूंगा क्योंकि मुझे न्यू यार्क में ज़रूरी काम निपटाना है। अलबत्ता, कन्सास सिटी में मुझे हर्स्ट के दो एजेंट मिले। "हम आपको ट्रेन से उतार कर लेने आये हैं," उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा और बताया कि मिस्टर हर्स्ट न्यू यार्क में अपने वकीलों के जरिये मेरा ज़रूरी काम करवा देंगे। लेकिन मैं उनके साथ नहीं जा सका।

मैं किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानता तो अपनी दौलत को इस तरह बेरहम तरीके से लुटाता हो जिस तरह से हर्स्ट लुटाते थे। रॉकफैलर दौलत का नैतिक बोझ महसूस करते थे, पीयरपाँट मोर्गन ने दौलत की ताकत को दिल से लगा लिया था लेकिन हर्स्ट लाखों-करोड़ों डॉलर निर्मम हो कर खर्च कर डालते थे मानो ये साप्ताहिक जेबखर्ची हो।

हर्स्ट ने मेरियन को सांता मोनिका में जो बीच हाउस दिया था, वह सांकेतिक रूप से रेत पर बनाया गया महल था। इसे इटली से आये कारीगरों ने बनाया था। इसमें जॉर्जियन शैली के सत्तर कमरे थे। ये तीन सौ फुट चौड़ा और तीन मंज़िला था, इसमें सोने का पानी चढ़ी पत्तियों वाला बॉलरूम और डाइनिंग रूम थे। वहां पर रेनॉल्ड्स, लॉरेंस, और दूसरे कलाकारों की पेंटिंग्स सब कहीं टंगी थीं। कहीं असली और कहीं नकली। वहां पर बनायी गयी ओक के पैनलों वाली विशालकाय लाइब्रेरी में जब एक बटन दबाया जाता था तो फर्श का एक हिस्सा ऊपर उठ जाता था और वह सिनेमा के परदे में बदल जाता था।

मेरियन के डाइनिंग रूम में पचास आदमी आराम से बैठ सकते थे। भव्य तरीके से सजे कई मेहमान कक्ष थे जहां पर आराम से बीस मेहमान टिक सकते थे। इटालियन संगमरमर का एक स्वीमिंग पूल था, उसके ऊपर से बीचों-बीच वेनेशियन संगमरमर का पुल बना हुआ था। ये समुद्र की तरफ एक घिरे हुए बगीचे में बना हुआ था। स्वीमिंग पूल से ही सटी हुई एक और जगह थी जहां पर बार रूम और छोटा-सा कैबरे डांस फ्लोर थे।

सांता मोनिका के प्राधिकारी चाहते थे कि वे वहां पर नौसेना के छोटे वाले क्राफ्ट के लिए और मौज मजा वाली किश्तियों के लिए एक छोटा-सा बंदरगाह बनायें। इस परियोजना को लॉस एंजेल्स टाइम्स का समर्थन मिला हुआ था। चूंकि मेरे पास भी एक छोटा सा क्रूजर था, मैंने सोचा कि ये बढ़िया रहेगा और इसके बारे में एक दिन नाश्ते के समय मैंने हर्स्ट से बात की। "इससे पूरे पास-पड़ोस पर खराब असर पड़ेगा।" उन्होंने हिकारत से कहा,"नाविक लोग आ-आ कर खिड़कियों से झांकेंगे मानो ये कोई रंडीखाना है।"

इसके बाद इस विषय पर कोई बात नहीं हुई।

हर्स्ट आश्चर्यजनक रूप से सहज रहते थे। जब वे मूड में होते तो मनभावन ठुमके लगाते हुए अपना प्रिय चार्ल्सटन डांस करते, इस बात की परवाह किये बिना कि कोई कुछ भी कहे। वे कभी भी कोई मुखौटा नहीं ओढ़े रखते थे और सिर्फ इसी बात से कोई काम करते थे कि उसे करना उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने मुझ पर ये हमेशा यही छवि छोड़ी कि वे सुस्त जान हैं। शायद वे थे भी, लेकिन उन्होंने कभी किसी और रूप में होने की कोशिश ही नहीं की। कई लोग सोचते थे कि रोज़ाना जो संपादकीय उनके हस्ताक्षरों के साथ जाते हैं, वे आर्थर ब्रिसबेन के लिखे होते हैं लेकिन ब्रिसबेन ने मुझे खुद ही बताया था कि हर्स्ट देश के सबसे होशियार संपादकीय लेखक थे।

कई बार वे आश्चर्यजनक रूप से बच्चों जैसा बरताव करने लगते और उनकी भावनाओं को आसानी से चोट पहुंचायी जा सकती थी। मुझे एक शाम की बात याद है, हम चेरेड्स का खेल खेल रहे थे। हम चुन रहे थे कि कौन किस तरफ रहेगा। हर्स्ट ने शिकायत की कि उन्हें बाहर ही छोड़ दिया गया है।

"तो ठीक है," जैक गिल्बर्ट ने ठिठोली करते हुए कहा,"हम दोनों मिल कर अपना खुद का चेरेड खेलेंगे और गोली और बक्से का अभिनय करेंगे। मैं बक्सा बनूंगा और आप गोली बन जाना।"

लेकिन डब्ल्यू आर ने इसका भी उल्टा ही मतलब निकाला और उनकी आवाज़ कापंने लगी,"मैं आपका सड़ा-गला चेरेड नहीं खेलना चाहता।" कहा उन्होंने और ये कहते हुए कमरे से बाहर चले गये और जाते-जाते ज़ोर से दरवाजा बंद कर गये।

सैन सिमॉन में हर्स्ट का चार लाख एकड़ का रैंच प्रशांत महासागर के तट के किनारे-किनारे तीस मील तक फैला हुआ था। रहने के जो क्वार्टर वहां पर बनाये गये थे वे किसी गढ़ की तरह समुद्र तल से पांच सौ फिट ऊपर और समुद्र तट से चार मील दूर एक पठार पर बनाये गये थे। मुख्य महल के लिए यूरोप से कई लदानों में कई किले जहाज से लाये गये थे, उन्हें मिला कर बनाया गया। उसका सामने का हिस्सा फ्रांस के सबसे बड़े रीम्स कैथेड्रल और विशाल स्विस लकड़ी के बंगले का मिला-जुला रूप लगता था। इसके चारों ओर प्रहरियों की तरह पांच इतालवी विला थीं जो कि पठार के कोने में बनी हुई थीं। प्रत्येक में छ: मेहमान ठहर सकते थे। इन्हें इतालवी शैली में सजाया गया था और इनकी छतें अति अलंकृत थीं और उनमें आपकी तरफ मुस्कुराते हुए फरिश्ते और देवदूत चित्रित किये गये थे। मुख्य बंगले में तीस और मेहमानों को टिकाने की जगह थी। स्वागत कक्ष नब्बे फुट लम्बा और पचास फुट चौड़ा था, उसमें सोने की चित्र यवनिका झूल रही थी, कुछ असली और कुछ नकली। इस राजसी परिवेश में चौसर जैसी मेजें थीं और कमरे के सभी कोनों में पिनबाल गेम्स थे डाइनिंग रूम वेस्टमिन्स्टर के गिरजे के बीच वाले भाग की तर्ज पर बनाया गया था और उसमें आराम से अस्सी लोग बैठ सकते थे। घर में साठ नौकर-चाकर थे।

महल से सुने जाने वाली दूरी पर एक चिड़िया घर था। वहां पर शेर, चीते, भालू, ओरांग उटांग और दूसरे लंगूर, पक्षी, और सर्प आदि थे। लॉज गेट से महल तक पांच मील लम्बी ड्राइव थी और रास्ते में दोनों तरफ नोटिस नज़र आते, "पशुओं को भी रास्ते पर चलने का अधिकार है।" कई बार आपको अपनी कार में वहां से जाते हुए रुक जाना पड़ता ताकि सड़क पर बैठे आस्ट्रिचों के झुंड तय कर सकें कि सड़क से हटना है या नहीं। भेड़ें, हिरण, बारहसिंघे और भैंसे झुंडों में इस्टेट में विचरते रहते और आपकी अपनी गति कम करनी पड़ती।

रेलवे स्टेशन पर मेहमानों को लिवाने के लिए कारें खड़ी रहतीं। और अगर आप हवाई जहाज से आ रहे हों तो आपके जहाज की लैंडिंग के लिए निजी फील्ड थी। यदि आप दो खानों के वक्त के बीच किसी वक्त वहां पहुंचते तो आपको बताया जाता कि आपके ठहरने का इंतज़ाम फलां जगह पर है और आपको हिदायत दी जाती कि डिनर का समय आठ बजे है और कॉकटेल मुख्य हॉल में साढ़े सात बजे सर्व किये जायेंगे।

मनोरंजन के लिए वहां पर थे तैराकी, घुड़सवारी, टैनिस, और हर तरक के खेलकूद। या आप चिड़ियाघर भी देखने जा सकते थे। हर्स्ट ने एक कड़ा नियम बना रखा था कि किसी को भी शाम छ: बजे से पहले ड्रिंक सर्व न किये जायें। लेकिन मेरियन अपने दोस्तों को अपने क्वार्टर में बुला लेतीं और वहां पर बिना भेदभाव के कॉकटेल सर्व किये जाते।

डिनर छप्पन भोग वाले होते। मीनू पढ़ कर लगता कि आप पहले चार्ल्स की दावत का मीनू पढ़ रहे हैं। वहां पर मौसम के अनुसार लजीज पकवान होते। भेड़, जंगली बत्तख, मुर्गाबी और हिरण का मांस। इस सब विलासिता के बीच हमें कागज के नैपकिन दिये जाते। और कपड़े वाले नैपकिन मेहमानों को तभी नसीब होते जब मिसेज हर्स्ट वहां पर मौजूद होतीं।

मिसेज हर्स्ट सैन सिमॉन में साल में एक बार आतीं और उनके आने से कोई भी हंगामा न होता। मैरियन और मिसेज हर्स्ट के बीच सह-अस्तित्व के लिए आपसी सहमति थी। जब मिसेज हर्स्ट के आने का समय निकट आने को होता, मैरियन और हम सब लोगों का जमावड़ा वहां से चुपचाप कूच कर जाता या फिर सांता मेरियन के मोनिका वाले बीच हाउस में जा कर डेरा डाल देते। मैं मिलिसेंट हर्स्ट को 1916 से जानता था और हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। इस हिसाब से मुझे दोनों ही घरों में आने की छूट थी। मिसेज हर्स्ट जब अपनी सैन फ्रांसिस्को की सोसाइटी की सखियों के साथ रैंच पर मौज कर रही होतीं तो वे मुझसे वहां पर वीक एंंड मनाने आने के लिए कहतीं और मैं वहां पर इस तरह चला जाता मानो मैं वहां पर पहली ही बार जा रहा होऊं। लेकिन मिलिसेंट को कोई भ्रम नहीं थे। हालांकि उन्हें इस बात का हल्का-सा अहसास होता कि सब लोग हाल में वहां से एक साथ निकले हैं, उसकी परवाह न करते हुए वे इसके बारे में हास्य बोध के साथ बतातीं।

"अगर मैरियन न होतीं तो उनकी जगह कोई और होता," उन्होंने कहा।

वे अक्सर मुझे विश्वास में ले कर मेरियन और हर्स्ट के संबंधों के बारे में बात करतीं। लेकिन इस बातचीत में कभी भी कड़ुवाहट न होती,"वे अभी भी ऐसा ही बरताव करते हैं मानो हम दोनों के बीच कभी कुछ हुआ ही न हो और मानो मेरियन का अस्तित्व ही न हो।" कहा उन्होंने,"जब मैं यहां पहुंचती हूं तो वे हमेशा बहुत प्यार से और स्नेह से पेश आते हैं लेकिन कभी भी मेरे पास कुछ घंटों से ज्यादा नहीं रहते। और हमेशा इसका एक ही रूटीन होता है। डिनर के बीच ही बटलर उन्हें एक पर्ची थमा जायेगा और वे माफी मांगते हुए मेज से उठ कर चल देंगे। जब वे वापिस आयेंगे तो खिसियाते हुए कहेंगे कि किसी ज़रूरी मामले की वजह से तुरंत उन्हें लॉस एजेंल्स पहुंचना है और हम सब यही दर्शाते हैं कि हम उन पर विश्वास कर रहे हैं। और बेशक हम सब जानते हैं कि वे लौट कर मेरियन के पास जा रहे हैं।"

एक शाम डिनर के बाद मैं मैदान में चहल कदमी के लिए मिलिसेंट के साथ था। शेटÎू चांदनी में नहाया हुआ था और सात पहाड़ियों की जंगली सेटिंग में डरावना और भुतैला लग रहा था। बेहद साफ आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। एक पल के लिए खड़े हो कर हम इस अद्भुत दृश्य को निहारते रहे। चिड़ियाघर की तरफ से बीच-बीच में किसी शेर के चिंघाड़ने की आवाज़ आ जाती और किसी ओरांग उटांग के लगातार चीखने की आवाज़ें आतीं। ये आवाज़ें गूंजतीं और पहाड़ियों से टकरा कर लौट आतीं। ये सब अद्भुत और डरावना था। हर शाम ओरांग उटांग सूर्यास्त के वक्त शुरू करता और भयानक रूप से चिल्लाता रहता और ये चिल्लाना रात भर चलता रहता।

"ये कम्बख्त जानवर ज़रूर पागल होगा,' मैंने कहा।

"ये पूरी की पूरी जगह ही पागल बना देने वाली है, देखो तो जरा," महल की तरफ देखते हुए उन्होंने कहा,"पागल कलाकार ओटो का सृजन, और वह तब तक इस तरह की इमारतें बनाता जायेगा और उनमें जोड़ता जायेगा जब तक वह मर नहीं जाता। तब इनका क्या इस्तेमाल होगा। किसी की भी इतनी हैसियत नहीं है कि इनका रख रखाव ही कर सके। होटल के रूप में ये बेकार है। और हर्स्ट अगर इसे सरकार को सौंप देता है तो मुझे शक है कि वे इसका कोई इस्तेमाल कर भी पायेंगे या नहें। विश्वविद्यालय के रूप में भी नहीं।"

मिलिसेंट हमेशा हर्स्ट के बारे में मातृत्व के तरीके से बात करती थीं। इससे मुझे लगता था कि वे अभी भी उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं। वे दयालु, समझ-बूझ रखने वाली महिला थीं लेकिन बाद के बरसों में जब मैं राजनैतिक षडयंत्रों का शिकार हो गया था, उन्होंने मुझे त्याग दिया।

एक शाम जब मैं वीक एंड के लिए सैन सिमॉन में पहुंचा तो मेरियन मुझे मिलीं। वे नर्वस और उत्तेजित थीं। उनके मेहमानों में से एक पर उस वक्त ब्लेड से हमला किया गया था जब वह मैदान पार कर रहा था।

मेरियन जिस समय उत्तेजित होती थीं, हकलाती थीं, उससे उनका सौन्दर्य और भी निखर उठता था और उन्हें मुसीबत में औरत वाले गुणों से भर देता था। "हम अभी भी न नहीं जानते कि कि किसने कि . . किया है ये," वे फुसफुसायीं,"लेकिन डब्ल्यू आर के कई जा जा . . सूस मैदान की तलाशी ले . . रहे हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि ये खबर दूसरे मेहमानों तक न पहुंचे। कुछ लोगों का ख्याल है कि ये किसी फिलिपीनो की कारस्तानी है। इसलिए हर्स्ट ने रैंच से सभी फिलिपीनो लोगों को तब तक के लिए हटा दिया है जब तक जांच पूरी न हो जाये।"

"वो आदमी कौन है जिस पर हमला हुआ है?" पूछा मैंने।

"आप उसे रात को खाने की मेज पर देखेंगे," कहा उसने।

डिनर के वक्त मैं उस नौजवान के सामने बैठा जिसका चेहरा पट्टियों से ढका हुआ था। सिर्फ उसकी चमकती हुई आंखें और सफेद दांत ही दिखायी दे रहे थे जिन्हें वह बीच बीच में मुस्करा कर झलका रहा था।

मेरियन ने मेज़ के नीचे से मुझे इशारा किया,"यही है वो," वे फुसफुसायीं।

ऐसा कत्तई नहीं लगा कि उस पर हमला हुआ होगा, उसकी अच्छी खासी खुराक थी। उससे जो भी पूछा जा रहा था, वह बस, कंधे उचका देता या खिसिया कर हँस देता।

डिनर के बाद मेरियन ने मुझे वह जगह दिखायी, जहां पर हमला हुआ था, ये जगह मूर्ति के पीछे थी। बताया उन्होंने, "विजेता की पंख वाली संगमरमर की मूर्ति के पीछे। वहां पर खून के निशान हैं।"

"वह मूर्ति के पीछे क्या कर रहा था?"

"हमलावर से ब . . बचने के लिए।" उसने जवाब दिया।

अचानक ही अंधेरे में से हमारा मेहमान अवतरित हुआ और इस वक्त भी उसका चेहरा खून से लथपथ था। वह हमारे पास से लड़खड़ाते हुए गुज़रा। मेरियन चीखीं और तीन फुट उछल गयीं। पल भर में न जाने कहां से बीस आदमी वहां पर जुट आये।

"मुझ पर फिर से हमला हुआ है।" वह मिमियाया। उसे दो जासूसों ने अपनी बाहों पर थामा हुआ था और उसे उसके कमरे में वापिस ले जाया गया। वहां पर उससे पूछताछ हुई। मेरियन गायब हो गयीं। लेकिन एक घंटे बाद मैंने उन्हें मुख्य हॉल में देखा।

"क्या हुआ?" पूछा मैंने।

वे शंकित नज़र आ रही थीं,"उनका कहना है कि उस आदमी ने ये खुद ही किया है।" वह खड़ूस है और सिर्फ अपनी ओर ध्यान दिलाना चाहता है।"

बिना किसी और पूछताछ के उस सनकी का बोरिया बिस्तर बांध के उसी रात पहाड़ी से भेज दिया गया और बेचारे फिलिपीनो सवेरे अपने काम पर लौट आये।

सर थॉमस लिप्टन सैन सिमॉन पर तथा मेरियन के बीच हाउस पर मेहमान थे। वे खुशमिजाज, बहुत बोलने वाले बूढ़े स्कॉटमैन थे और वे बहुत अच्छे देहाती उच्चारण में बात करते थे। वे रुक रुक कर बोलते थे और यादों में खो जाते थे।

उन्होंने कहा,"चार्ली, आप अमेरिका आये और आपने अपनी किस्मत का सितारा बुलंद किया। मैंने भी यही किया। मैं पहली बार यहां आया तो मवेशियों वाली नाव में आया था। और तब मैंने अपने आप से कहा, "अगली बार, मैं अपनी याच पर आऊंगा और मैं आया।" उन्होंने मुझसे शिकायत की कि उन्हें उनके चाय के कारोबार में लाखों डॉलर का चूना लगाया जा रहा है।"

एलेक्जेंडर मूर, स्पेन में राजदूत, सर थॉमस लिप्टन और मैं अक्सर लॉस एंजेल्स में एक साथ खाना खाते। और सर थॉमस और एलेक्स वे बारी बारी से पुरानी यादों में खो जाते और सिगरेट के टोटों की तरह शाही नाम उनके मुंह से निकलते रहते। दोनों ही मुझ पर ये प्रभाव छोड़ते कि राजसी जीवन में और कुछ नहीं बस सूक्तियां ही होती हैं।

इस अरसे में मैं हर्स्ट और मेरियन से बहुत बार मिला क्योंकि मैं उस शानो शौकत की ज़िंदगी को पसंद करता था जो वे जीते थे और चूंकि मेरे पास हमेशा वीक एंड मेरियन के बीच हाउस में मनाने का न्यौता होता, मैं अक्सर इसका खास तौर पर फायदा उठाता क्योंकि तब डगलस और मैरी यूरोप गये होते। एक सुबह कई दूसरे लोगों के साथ ब्रेकफास्ट के समय मेरियन ने अपनी पटकथा के बारे में मेरी राय जाननी चाही। लेकिन मैंने जो कुछ कहा, वह डब्ल्यू आर को पसंद नहीं आया। कहानी की थीम औरताना थी और मैंने इस बात का उल्लेख किया कि औरतें पुरुषों का पीछा करती हैं और पुरुषों को इस मामले में करने धरने को कुछ नहीं होता।