💞 किस्मत........
💔💔एक अधूरे इश्क़ कि दास्तां.......💌
आयान वो चेहरा जो अपने कॉलेज में सबका चहिता गोरा
रंग,कौशिक आंखे,काले घने गुंगराले बाल चेहरे पर वो सूरज सी चमक हट्टा कट्टा गबरू इक्कीस साल का वो नोजवान। जो ग्रेजुएशन कर रहा था उसका वो लास्ट ईयर था
जो एक मध्यवर्गीय परिवार से था।घर मे माँ जो गृहणी थी।पिता के न होने के कारण उसका बड़ा भाई अर्जुन जो एक प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट पर था।उसी ने उसका पालन पोषण किया और वो उसको बहुत प्यार करता था।आयान छोटा होने के नाते सब का प्रिय था.और वैसे भी वो उसका हकदार था।
उसे बुलेट का काफी शौख था।जो अर्जुन ने उसके जन्मदिन पर उसे ब्लैक कलर की बुलेट गिफ्ट की थी।जिससे वो कॉलेज आया जाया करता था।
वैसे आयान कॉलेज का टॉपर छात्र था।जिसकी लड़कियां बड़ी दीवानी थी।जब भी वो कॉलेज के अंदर दाखिल होता तो मानो उसे देखने की होड़ लग जाती थी।जैसे ही आयान आज कालेज के अंदर दाखिल होता हैं तो उसे प्रतिदिन की अपेक्षा वो माहौल नजर नही आता है
जिसकी वो अपेक्षा करता था।ये नजारा देखते उसे आज कुछ ठीक नही लगता और वो अपनी बुलेट को पार्किंग में पार्क कर ही रहा था कि राघव उसके पास पहुँचता है।
हाय, आयान कैसे हो कहते हुये राघव उसके पास आता है.....!
ओ हाय राघव कैसा चल रहा हैं...?
राघव और आयान बहुत अच्छे दोस्त थे।राघव के सिवा भी एक और दोस्त और था जिसका नाम समीर था।समीर बहुत अच्छा लड़का था उनकी दोस्ती हुये अभी ज्यादा वक्त नही हुआ था इसलिए आयान और राघव को उसके बारे में कोई खास जानकारी नही थी। बस इतना पता था कि समीर को फॉरन से आये हुये ज्यादा समय नही हुआ था।उसके पिता का नाम गंगा सिंह राणा था जो एक पेशे से वकील थे।जो पहले फॉरन कन्ट्री में रहते थे लेकिन अब वो इंडिया में शेटल हो चुके थे।
आयान के लिये राघव खास था।राघव और आयान एक ही स्कूल से थे और आज कॉलेज में भी साथ है।
कॉलेज में सब उनकी दोस्ती कि मिशाल देते थे,बस आयान कि एक बुरी लत थी।उसे शिगरेट पीने का बहुत काफी शौख था।और राघव को आयान का यू शिगरेट पीना अच्छा नही लगता था।वो उसे हमेशा कहता कि नशा जानलेवा होता है।
और आयान उसकी बातों को ठीक उसी तरह नजर अंदाज कर देता जैसे वो शिगरेट के धुएं को हवा में उड़ाता था।आयान टॉपर होने के नाते आवारा टाइप से रहता था,उसका वो आवारापन भी बड़ा प्रभावित करता था।
लड़कियां उसके आगे पीछे हाय हैलो करती फिरती लेकिन उसे उन सब की कोई परवाह नही होती.....!
आयान राघव से आज के माहौल के बारे में पूछता है।
राघव सब ठीक है न ??
राघव नही यार आज कॉलेज में समीर के साथ एक लड़की का झगड़ा हो गया, उसका नाम महक है।जो कॉलेज में आज ही आई है।
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महक वो हुस्न की मल्लिका,कातिलाना अदा फुर्सत से तरासा गया वो चेहरा उम्र उन्नीश साल,जो कॉलेज के ट्रस्टी महेंद्र प्रताप की बेटी थी।जो कनाडा से इंडिया पढ़ने के लिये आयी थी। महेन्द्र प्रताप शहर के नामी लोगो में सुमार थे।उनकी पहुँच बड़े से बड़े मिनिस्टर तक थी।
दिखावे के लिये वो एक बड़े नकाबपोश बिजनेस मैन थे,जो सराफत का चोला ओढ़े हर वो बुरा काम करते जो गैर क़ानूनी होता था।शहर में उनकी बहुत धाक थी। टाउन की वो VIP सोसाइटी जिसे न्यू एरिया के नाम से जाना जाता जहाँ महेन्द्र प्रताप की आलीशान कोठी थी।जो नोकर चाकर से भरी एक राजमहल तुल्य लगती थी।
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राघव:- " उसके लोगो ने उसे मारा और धमकी दी कि आइंदा उसकी तरफ किसी ने देखा तो उसे वो जान से मार देंगे।जिससे पूरा कॉलेज दहशत में है।उसकी गलती यही की उसने उससे दोस्ती करनी चाही।
ये बात सुनकर आयान को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन उसने उस गुस्से को जाहिर करना नही चाहा।
और एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ फिर तो मिलना पड़ेगा उस हुस्न की मल्लिका से,कहते हुये उस पल को वो अपने शिगरेट के धुएं में उड़ाते वहां से चल दिया। राघव भी उसके साथ हो लिया और वो दोनों समीर से मिलने पहुँचे।
समीर को देखते ही आयान के मन मे एक उदासीनता जैसी भावना आ गई।समीर काफी दुःखी था।
आयान को उसकी इस हालत ने झकझोर कर रख दिया।आयान एक भाबुक लड़का था।आयान जितना आवारा दिखता था पर वो वैसा था नही वो बड़ा ही आदर्शवादी था।हो भी क्यों न उसकी माँ ने जो उसे संस्कार दिये थे उसका असर तो होना लाजमी था।
आयान चाह कर भी उस लड़की के प्रति अपने मन में बदले की भावना नही रख सकता।क्योंकि उसकी माँ ने उसे सिर्फ यही सिखाया था कि बुराई को अच्छाई से जीतो न कि बुरा बनकर।आयान अपनी माँ से बहुत प्यार करता था।और उनकी बातों का हमेशा ध्यान रखता।
लेकिन उसके मन मे महक के प्रति इस्या न होने की बजाय उससे मिलने की उत्सुकता ने उसे थोड़ा बैचेन कर दिया था।
आज का कॉलेज खत्म करके महक घर पर अपने पापा से,आज कॉलेज का पहला दिन बड़ा अच्छा रहा पापा और मुझे कॉलेज भी बहुत पसंद आया,महेंद्र प्रताप कुछ पूछते ही कि महक ने आज की आपबीती उनके पूछने से पहले कह डाली।
महेन्द्र प्रताप काफी खुश हुए की उनकी बेटी को यहां का कॉलेज पसन्द आया,महक अपने माँ और पापा के रिश्ते अच्छे न होने के कारण कनाडा में नाना नानी के पास रहती थी।माँ और पापा ने लव मैरिज शादी की थी।पापा अपने बिज़नेस की बजह से माँ को समय नही दे पाते जिससे माँ को काफी बुरा लगता जिससे उन लोगो मे हमेशा झगड़े होते रहते तब महक की उम्र महज 10 साल थी उसे ये सब अच्छा नही लगता जिससे वो अपने नाना नानी के पास कनाडा चली गयी।
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इधर सुबह होते आयान अपने कॉलेज के लिऐ तैयार हो चुका था।
घर से निकलने के पहले वो अपनी माँ से आदतानुसार रोज मिलकर माँ को एक बार प्रणाम करता उसके बदले में माँ उसके माथे को प्यार से चूमती और आशीर्वाद देती थी।जिससे वो अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानता था।
आज वो उस लड़की महक के बारे में सोच जा रहा था।जिससे वो अबतक मिला नही था।चेहरे पर मुस्कान और दिल मे अरमान लिये वो शहर की गलियों से निकलते सड़क के ट्रैफिक सिग्नल पर जा रुका जहां गाड़ियों का काफिला लगा था।
कि अचानक सामने एक लड़की, मोहनी सूरत,,,,
खुली जुल्फे हवा में लहराते कभी कभी उसके गालो को चूमती,,,,
तीखे नयन काले रंग का वो लिवाज जैसे कोई रहीश घराने से तालुक रखती हो।
ऐसा लगता जैसे आसमां से जमी पर कोई परी उतर आई,एक बुजुर्ग व्यक्ति का हाथ थामे उसे सड़क के इस छोर से दूसरे छोर पर ले जाती हुई ये नजारा बेहद भावनात्मक था।उस नजारे ने सबका ध्यान अपनी तरफ केंद्रित कर लिया था।उसके चेहरे पे अजीब सी कशिश थी।
कि अचानक गाड़ियों का काफ़िला आगे बढ़ने लगा और उस काफिले में न जाने वो कहा गुम सी हो गई।और आयान भी उस काफिले के साथ साथ अपने कॉलेज के लिये चल दिया।
आयान जैसे ही कॉलेज के अंदर अपनी बुलेट से दाखिल होता है। तो उसने देखा लाल कलर की मर्सडीज से एक सुंदर सी लड़की उतरती है।
वही काले रंग का लिवाज वही खुली जुल्फे जैसा कि ठीक उसने ट्रैफिक सिंग्नल पर जिसे देखा।उसे देखते आयान भौचका रह जाता है वो कोई और नही महक ही थी उसे तब पता चला जब वाणी उससे..
Hi,,How are you mahak ?? ( तुम कैसी हो महक )
Mahak,,, I am fine. ( मैं ठीक हु )
वाणी और महक की एक दिन पहले ही दोस्त बन थे। जो ग्रेजुएशन सेकेंड इयर के छात्रा थे।लेकिन उनके रहन सहन से मानो ऐसा लगता जैसे वो एक दूसरे को बर्षो से जानते हो।वाणी और महक एक दूसरे से बाते करते वहां से अपने क्लास रूम की तरह चल देते है।
वाणी भी उन्ही लड़कियों में से एक थी जो आयान को दिलो जान से चाहती थी।वाणी खूबसूरत तो बहुत थी परन्तु उसका रहन सहन एक संस्कारो के दायरे में सीमित था।उसकी अदा उन और लड़कियों की अपेक्षा बहुत अलग थी।वो हमेशा सादगी वाला जींवन जीने में विश्वास रखती।जो उसे अच्छा लगता।
और वो ये भी जानती थी कि आयान कभी किसी लड़की से प्यार नही कर सकता।क्योकि उसे अपने पढ़ाई के बीच में किसी तरह की दखलंदाजी पसन्द नही थी ।इसलिये उसने कभी आयान को ये जताने की हिम्मत नही की।
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आज आयान की निगाहें कुछ बयां कर रही थी। वो उसे देखकर बड़ा मन ही मन मुस्कुराये जा रहा था । उसकी खुशी का ठिकाना न था।आज वाणी की सोच गलत साबित हो रही थी।कि अचानक राघव पीछे से ओ हो क्या बात है जो आज तक किसी लड़की को भाव नही देता वो आदर्शवादी लड़का आज मन ही मन मुस्कुराये जा रहा है। क्या बात है कही महक को देखते प्यार तो नही हो गया।राघव तंज वाली मुद्रा में आयान से।
छोड़ो भी राघव ये मजाक;ऐसा कुछ नही आयान राघव की बातों का टालता हुआ।
लेकिन आयान के सीने में अब महक के नाम का दिल धड़कने लगा।जो सिर्फ वही सुन सकता था।
महक को कॉलेज जॉइन किये हप्ता जैसा हो गया था लेकिन अभी तक आयान महक के सामने नही आया यू तो आयान को महक से बेइन्तिहा मोहब्बत हो चुकी थी।लेकिन डर इस बात का था कि उसके प्यार को महक गलत न समझ ले वो महक से इस हद तक प्यार करता उसे इजहार न करना मंजूर था पर उसे उसका इंकार करना गवारा नही वो उसके प्यार में टूटना नही चाहता क्योकि आयान के अंदर एक भावनाओ का समंदर था वो नही चाहता कि उस समंदर में कभी तूफान आये।
समय अपनी रूप रेखा में लिप्त होकर चले जा रहा था।कि एक दिन आयान कॉलेज की लाइब्रेरी के गेट पर जा पहुँचा जहां महक पहले से मौजूद थी।जैसे ही आयान की नजरों ने महक को देखा ही था कि आयान उसकी ख़यालो की दुनिया मे डूबता चला गया।
तभी अचानक ओ हैलो कहा गुम हो गए पीछे से एक आवाज आती है।आयान हड़बड़ाहट में पीछे की और मुड़ता है।वो कोई और नही महक की फ्रेंड वाणी थी।
तुम्हे कहि महक से प्यार व्यार तो नही हो गया...???
"नही,,,,,नही ऐसा कुछ,,, नही आयान हकलाती हुई आवाज में बोला....!
अच्छा आओ में तुम्हे महक से मिलवाती हु।फिर वाणी ने ही आयान से महक का परिचय करवाया....!
जो अब हाय,हैलो तक पहुच चुके थे।वैसे भी कौन नही चाहेगा कॉलेज के टॉपर छात्र से दोस्ती करना।
" धीरे धीरे,,, महक और आयान की दोस्ती बढ़ने लगी।और कभी कभी वो कॉलेज खत्म होने के बाद कॉलेज के केम्पस में भी बैठ कर बाते करते रहते।
ये सिलसिला युही चलता रहा....और धीरे धीरे आयान महक से बेपनाह मोहब्बत करने लगा उसने ये जानने की जुर्रत भी नही की
महक उससे प्यार करती भी है या नही...!!! और न ही जानना चाहता था वो इस उम्मीद से प्यार नही करता कि वो भी उसे प्यार करे वो तो बस ये चाहता की वो हर पल खुश रहे उसकी खुशी में वो खुश था...!
कॉलेज में महक और आयान के प्यार के किस्सों ने अब हवाओं का रुख अपना लिया था,,,,जो कि महक इस बात से अनजान थी...!!!
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आज समीर बड़ी उलझन में दिख रहा था,,,,
बड़ी बैचेनी में वो महक को ढूंढ रहा था...!!!
कि अचानक वो कैंटीन में जा पहुँचा जहां आयान,राघव वाणी और महक एक ही टेबल पर बैठ चाय की चुश्कि लेते गप्पे कर रहे थे...!!!
बिना कुछ सोचे समीर महक से,,,,
मैं ये क्या सुन रहा हु कि तुम आयान से प्यार करती हो...???
एक ही सांस में धड़ले से बोलते हुए.....!"" I Love You ""महक मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु..!मैं तुम्हारे बिना नही जी सकता आँखों में बड़े बड़े आंसू लिये वो उसके सामने बिफर जाता है।
I am sorry plz...plz...plz............"" महक ""....!! मुझे माफ़ कर दो plz.........माफ कर दो,,,और उसके सामने अपने दोनों कानो को अपने हाथों से पकड़ घुटनो के बल बैठ माफी की गुहार लगाता है.....!!!!
समीर कोई और नही वो महक का बॉयफ्रेंड था जो कनाडा में उसके साथ ही पढ़ता था।इंडिया आने से पहले उन दोनों में कुछ झगड़े हुये थे।जिस झगड़े की पूरी बजह समीर ही था। जिसके कारण दोनों का ब्रेकप हो गया था।
जब समीर ने उसे फ़ास्ट टाइम उस कॉलेज में देखा तो वो हैरान हो गया उसे अपनी आंखों पर यकीन नही हुआ,,,, उसे इस बात का एहसास हुआ कि किस्मत नही चाहती हमे अलग करना शायद किस्मत को यही मंजूर है कि हम जुदा न हो,,,,, तो हम कैसे अलग हो सकते है।और उसे अपनी गलती का एहसास ही चुका था।
यही सोच कर वो उस दिन भी महक से माफी मांग रहा था...!!
जब महक पहले दिन कॉलेज आयी थी।
वैसे महक भी उसे वहां देख कर हैरान थी लेकिन उसका गुस्सा कम नही हुआ था...जो उसने अपने पिता के आदमियों को बुला कर समीर को धमकाया।वैसे महक भी समीर से बेइंतिहा प्यार करती थी।जो उसके कनाडा में रहते हुए,,,, समीर से दूरी नही बना सकती।
" लेकिन इस ब्रेकप से वो काफी दुखी थी " न चाहते हुये भी वो समीर से दूर जाना चाहती थी।
कि इतेफाक से उसी समय महक की माँ का फोन आता है...जो महक को इंडिया आने के लिये कहती है।और महक को भी माँ से मिले काफी समय हो चुका था।और उसे वो माँ का इंडिया बुलाने का सुझाव अच्छा लगा,,,,,समीर से दूर होने के लिये......!!!
जिसकी वजह से महक ने इंडिया आने का फैसला कर लिया.....!!!
लेकिन विडम्बना तो तब हुई जब समीर के पिता गंगा सिंह राणा को अपने वतन आने का बुलावा आया।क्योकि वो समीर और अपनी बीबी के साथ मे कनाडा में ही रहते थे।
गंगा सिंह राणा जिन्होंने अपने पिता के खिलाफ जा कर अपनी शादी की थी।उनके पिता एक बहुत बड़े ज़मीदार थे।गंगा सिंह राणा की उस हरकत से उन्हें बहुत दुख हुआ जिसके कारण उनके मान सम्मान को बहुत ठेस पहुँची और उन्होंने गंगा सिंह राणा को जायदात से बेदखल कर घर से बाहर निकाल दिया था।उसके बाद गंगा सिंह राणा अपनी पत्नी के साथ कनाडा आ गये।
समीर जो अब पूरे बीस साल का हो चुका था तो उसके दादा जी को अपने पोते के प्रति उससे मिलने की लालसा ने उन्हें अपने बेटे को बुलाने के लिये मजबूर कर दिया।
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महक को समीर का इस तरह से उसके सामने बिफरना उसकी आँखों में वो पश्चाताप के आंसु और दोनों हाथों से कान को यु पकड़े घुटनो पर बैठना महक को अंदर ही अंदर उसके प्रति अपने प्यार के दावे को और मजबूत कर गया।उसे इस तरह देख महक अपने आप को नही रोक पाई..!महक की आँखे भी नम हो चुकी थी उसे देख राघव और वाणी भी गमगीन हो चुके थे।
महक ने समीर को अपने गले लगा कर अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया।और उसे बच्चों की तरह चूमने लगी।और वो भी उसकी बाहों में फूट फूट कर रोने लगी।आइंदा कभी छोड़कर मत जाना।
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" आँखों मे आंसू लिए महक.....!!@
I Love you too...........समीर I Love you,,,,,,
I Love you
आयान बस महक को देखे जा रहा था...!! राघव आयान के कंधे पर हाथ रख कर मन ही मन उसे दिलासा देते हुये....!!अब आयान की आँखों में भी नम हो चुकी थी।लेकिन वो महक को हमेशा खुश देखना चाहता था।और उसने अपने दिल पर महक के नाम का पथ्थर रख लिया।
अचानक आयान उठ खड़ा होता है,,,,,और फिर......आयान अपनी जेब से शिगरेट निकालता है और उसे जलाकर शिगरेट का धुआं उड़ाते वहां से जाते जाते,,,,,,कि अर्ज किया है.....!!!!!!!
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इस अजनबी दुनिया में उम्मीदों का सहारा लेकर,
हम तुम्हें फिर से चाहेंगें एक जन्म दोबारा लेकर.......
समाप्त
🙏🏻🙏