चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 27 Suraj Prakash द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 27

चार्ली चैप्लिन

मेरी आत्मकथा

अनुवाद सूरज प्रकाश

27

डगलस और मैंने उस रात को एक बहाना मारा। जाने से पहले मैंने कांसटेंस से यह बहाना बनाया कि मैं बीमार हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। इसलिए मैंने तय किया कि मैं सिरदर्द का नाटक करूंगा और जल्दी निकल जाऊंगा। फेयरबैंक्स ने कहा कि वे भी बहुत नर्वस हैं और कि जिस वक्त दरवाजे की घंटी बजी तो वे जल्दी से तलघर में सरक लिये। वहां पर एक बिलियर्ड की मेज़ रखी थी। उन्होंने पूल खेलना शुरू कर दिया। उस रात आजीवन चलने वाली मित्रता की शुरुआत थी।

ये बिना वज़ह ही नहीं था कि डगलस ने जनता की कल्पना और प्यार पर अधिकार जमाया। उनकी फिल्मों की आत्मा, उनका आशावाद और उनके अमोघ अर्थ अमेरिकी रुचि के बहुत निकट पड़ते थे और निश्चित ही ये पूरी दुनिया की रुचि के भी निकट पड़ते थे। उनमें असाधारण चुम्बकीय शक्ति और आकर्षण थे और उनमें असली लड़कपन वाला उत्साह था जिसे उन्होंने जनता तक पहुंचाया। जैसे जैसे मैं उन्हें अंतरंगता से जानने लगा, मैंने पाया कि वे हद दर्जे के ईमानदार थे क्योंकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वे स्नॉब रहने में आनंद अनुभव करते हैं और कि सफल आदमियों में उनक प्रति आकर्षण है।

हालांकि डगलस बहुत अधिक लोकप्रिय थे, वे खुले दिल से दूसरों की मेधा की तारीफ किया करते थे लेकिन अपनी खुद की मेधा के बारे में विनम्र रहते। वे अक्सर कहते कि मैरी और मुझमें जीनियस है जबकि खुद उनमें मामूली सी ही बुद्धि है। हालांकि ये सच नहीं था। डगलस सृजनशील थे और अपने काम बड़े पैमाने पर किया करते थे।

उन्होंने रॉबिन हुड के लिए दस एकड़ का सेट बनवाया था। ये बहुत बड़े बड़े कंगूरों और बंद होने वाले पुलों से लैस एक महल जैसा था। अब तक कोई इतना बड़ा महल अस्तित्व में भी नहीं रहा होगा। बहुत गर्व के साथ डगलस ने मुझे बंद होने वाला विशाल पुल दिखाया। "अद्भुत," मैंने कहा,"मेरी किसी कॉमेडी के लिए कितनी शानदार शुरुआत रहेगी। बंद होने वाला पुल नीचे आता है और मैं बिल्ली बाहर निकालता हूं और दूध भीतर लेता हूं।"

उनके बिल्कुल ही अलग-अलग तरह को दोस्त थे। इनमें काउबॉय से ले कर राजाओं तक का शुमार होता। वे उन सबमें अच्छे अच्छे गुण तलाश ही लेते। उनका दोस्त चार्ली मैक, जो एक काउबॉय था, लापरवाह, बड़बोला किस्म का शख्स, वह डगलस का बहुत मनोरंजन किया करता। जिस समय हम डिनर कर रहे होते, चार्ली दरवाजे में जा खड़ा होता और कहता, "आपक्के प्‍पास तो ये बढ़िया जगह है डग," तब वह डाइनिंग रूम में चारों तरफ निगाह फेरता, "बस, एक ही दिक्कत है कि ये फायर प्लेस से इतनी दूर है कि आप यहां बैट्ठ कर सीद्धे फायर प्लेस में थूक नहीं सकते।" तब वह अपने पंजों के बल उचक कर खड़ा हो जाता और हमें बताता कि उसकी बीवी उस पर क्रूरता के आधार पर तल्लाक के लिए केस कर रही है। मैं कहता हूं कि जज्ज महाशय, इस औरत की कानी उंगली में जितनी क्रूरता भरी हुई है, उतनी क्रूरता तो मेरे पूरे बद्दन में भी नहीं है। और किस्सी भी मोहतरमा ने आज तक मुझ पर इतनी बंदूकें नहीं तानी हैं जितनी इस्स साली ने तानी हैं। इसने मुझे जान बचाने के लिए हमारे उस ओल पेड़ के चारों तरफ इतने चक्कर कटवाये हैं कि वो पेड़ ही छलनी हो गया है और अब उसके आर पास देख सकते हैं।" मुझे ऐसा लगता है कि चार्ली डगलस के घर पर आने से पहले अपनी इस मसखरी के लिए अभ्यास करके आते होंगे।

डलगस का घर एक शूटिंग लॉज रहा था। ये एक पहाड़ी के बीचों बीच बना हुआ दो मंज़िला बंगला था। ये पहाड़ी उन दिनों बेवरली हिल्स कहलाती थी और झाड़ियों से भरी बंजर पहाड़ी थी। खारेपन और सेजब्रश की झाड़ियों से एक बदबू, खट्टी महक आती रहती जिससे गला शुष्क रहता और नासिका में खुजली मची रहती।

उन दिनों बेवरली हिल्स उजाड़ रीयल एस्टेट विकास की मानिंद लगती। गलियां खूब थीं और वे खेतों में जा कर गुम हो जातीं। सफेद गोलों वाले लैम्प पोस्ट सूनसान गलियों की शोभा बढ़ाते। ज्यादातर ग्लोब गायब ही होते क्योंकि उन्हें सड़क के किनारे रहने वाले मौज मनाने वालों का निशाना बना दिया जाता।

डगलस बेवरली हिल्स पर रहने वाले पहले फिल्मी कलाकार थे। वे अक्सर मुझे सप्ताहांत में वहां रहने के लिए बुलवा लेते। रात को मैं अपने बेडरूम में से भेड़ियों के चीखनें की आवाजें सुनता। वे झुंड के झुंड कचरे के टिन पर हल्ला बोलते। उनकी चीखें डरावनी होतीं जैसे कोई छोटी छोटी घंटियां टुनटुना रहा हो।

उनके पास हमेशा ही दो या तीन ठलुए टिके रहते। टॉम गेराहटी, जो उनकी पटकथाएं लिखा करता था, कार्ल, एक भूतपूर्व ओलम्पिक एथलीट, और दो एक काउबॉय। टॉम, डगलस और मुझमें तीन तिलंगों वाली यारी थी।

रविवारों की सुबह डगलस टट्टुओं का एक दस्ता तैयार कराते और हम सब अल सुबह अंधेरे में ही जाग जाते और सूर्योदय देखने के लिए पहाड़ी की तरफ निकल पड़ते। काउबॉय घोड़ों का दाना पानी करते और कैम्प फायर जलाते, कॉफी, हॉटकेक और शूकरी के पेट का नाश्ता तैयार करते। जिस समय हम सूर्योदय होता हुआ देखते, डगलस लम्बी लम्बी डींगें हांकते और मैं नींद की कमी के लतीफे सुनाता और ये तर्क देता कि सूर्योदय देखने का असली मज़ा तो किसी महिला के साथ ही है। इसके बावजूद सुबह सवेरे की ये यात्राएं बहुत रोमांटिक होतीं। डगलस ही ऐसे अकेले व्यक्ति थे जो मुझे घोड़े पर सवार करवा पाये, मेरी इन शिकायतों के बावजूद कि दुनिया भर में इस पशु के प्रति कुछ ज्यादा ही संवेदनशीलता दिखायी गयी है जबकि ये जानवर कमीना है और चिड़चिड़ा है और इसका दिमाग भोंदू का है।

ये उस वक्त की बात है जब वे अपनी पहली पत्नी से अलग हुए थे। शाम के वक्त वे अपने दोस्तों को खाने पर बुलवा लेते। इन दोस्तों में मैरी पिकफोर्ड भी होतीं जिन पर वे उन दिनों बुरी तरह से आसक्त थे। वे दोनों ही इस बारे में डरे हुए खरगोशों की तरह व्यवहार करते। मैं उन्हें सलाह दिया करता कि वे शादी वादी के चक्कर में न पड़ें और एक साथ रहते रहें और अपने अपने दायरे से बाहर निकलें। लेकिन वे मेरी परम्परा के खिलाफ वाली सलाह को नहीं मान पाये। मैंने उनकी शादी के खिलाफ इतने ज़ोरदार शब्दों में कहा था कि जब आखिर में उन्होंने सचमुच शादी की तो सब दोस्तों को बुलवाया था, बस, मैं ही नहीं बुलाया गया था।

उन दिनों डगलस और मैं अक्सर घिसे पिटे दर्शन बघारने में लगे रहते और मैं जीवन की नश्वरता के अपने तर्क पर टिका रहता। डगलस ये मानते थे कि हमारी ज़िंदगियां तय हैं और कि हमारी नियति महत्त्वपूर्ण है। जिस वक्त डगलस इस रहस्यमय उत्तेजना में घिरे होते तो मुझ पर इसका विपरीत असर होता। मुझे गर्मियों की एक गर्म रात की बात याद है। हम दोनों एक बड़ी-सी पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गये और वहां पर बैठ कर बेवरली के जंगली फैलाव में बातें करते रहे। तारे रहस्यमय रूप से चमकीले थे और चंद्रमा उदास था और मैं कह रहा था कि जीवन का कोई मकसद नहीं है।

"देखो," डगलस जोश से पूरी कायनात को अपने इशारे की जद में लेते हुए बोले, "चंद्रमा, और वहां पर तारों का झुरमुट, तय है कि इस सारे सौन्दर्य के पीछे कोई न कोई वज़ह तो होगी ही। ये सब किसी न किसी नियति की परिपूर्णता की ओर जा रही होंगी। ये सब किसी न किसी बेहतरी के लिए होंगे और तुम और मैं इसके हिस्से ही हैं।" तब अचानक ही प्रेरित हो कर वे मेरी तरफ मुड़े, "बताओ तुम्हें ये मेधा किस लिये दी गयी है? मोशन फिल्मों का ये आश्चर्यजनक माध्यम जो पूरी दुनिया में लाखों करोड़ों लोगों तक पहुंचता है!!"

"तो ये लुइस बी मेसर और वार्नर बंधुओं को भी क्यों दी गयी है?" मैंने कहा और डगलस हँस दिये।

डगलस असाध्य रूप से रोमांटिक व्यक्ति थे। उनके साथ सप्ताहांत बिताते समय कई बार मुझे तीन बजे गहरी नींद से जगा दिया जाता और मैं धुंध के बीच देखता कि लॉन में हवाईयन आर्केस्ट्रा बज रहा है। मैरी को प्रेम गीत सुनाये जा रहे हैं। ये बहुत प्रिय लगता लेकिन उस वक्त इसकी भावना में प्रवेश करना मुश्किल होता खास कर तब जब आप खुद व्यक्तिगत रूप से उससे जुड़े हुए न हों। लेकिन लड़कपन की ये हरकतें उन्हें प्रिय व्यक्ति बनातीं।

डगलस स्पोर्ट भी बहुत पसंद करते थे। अपनी खुली कैडिलैक कार की पिछली सीट पर वुल्फहाउंड और पुलिस कुत्ते रखते थे। वे सचमुच इस तरह की चीजें पसंद करते थे।

हॉलीवुड तेज़ी से लेखकों, अभिनेताओं और बुद्धिजीवियों की मक्का मदीना बनता जा रहा था। पूरी दुनिया से लब्ध प्रतिष्ठ लेखक वहां आते: सर गिल्बर्ट पारकर, विलियम जे लॉक, रैक्स बीच, जोसेफ हरगेशीमर, सॉमरसेट मॉम, गोवरनीयर मॉरिस, इबानेज़, एलिनॉर ग्लिन, एडिथ व्हारटन, कैथलीन नॉरिस और कई अन्य।

सॉमरसेट मॉम ने कभी भी हॉलीवुड में काम नहीं किया लेकिन उनकी कहानियों की बहुत मांग रहती। हालांकि वे साउथ सी आइलैंड में जाने से पहले कई हफ्ते तक वहां रहे थे। साउथ सी आइलैंड में ही उन्होंने अपनी यादगार कहानियां लिखीं। एक बार डिनर के वक्त उन्होंने डगलस और मुझे सैडी थॉम्पसन कहानी सुनायी थी। उनका कहना था कि ये वास्तविक तथ्यों पर आधारित है। बाद में इस कहानी का रेन के नाम से ड्रामा भी बना था। रेन को मैं हमेशा एक आदर्श नाटक मानता हूं। रेवरेंड डेविडसन और उनकी पत्नी को खूबसूरती से परिभाषित किया गया है। वे सैडी थाम्पसन से भी अधिक रोचक बन पड़े हैं। रेवरेंड डेविडसन की भूमिका में ट्री कितने शानदार लगते। उन्होंने इस भूमिका को विनम्र, बेरहम, चापलूस और आतंकित करने वाले तरीके से निभाया होता।

इसी हॉलीवुड परिवेश में बना हुआ था हॉलीवुड होटल। ये जगह बेहद घटिया, बेतरतीब और बखार जैसी थी। ये अचानक ही भौंचक देहाती छोकरी की तरह प्रमुखता में आ गयी थी और सोना उगल रही थी। यहां पर कमरे हमेशा सामान्य दर से ज्यादा पर मिलते। उसका कारण सिर्फ यही था कि लॉस एंजेल्स से हॉलीवुड को जाने वाली सड़क एकदम अलंघ्य थी और कलम के ये धनी लोग स्टूडियो के आस पास रहना चाहते। लेकिन वहां पर हर कोई खोया हुआ लगता मानो सब के सब गलत पते पर आ गये हों।

वहां पर एलिनॉर ग्लिन ने दो कमरों पर कब्जा जमा रखा था। उन्होंने एक कमरे को बैठक की शक्ल दे रखी थी। तकियों को उन्होंने पेस्टल के से रंग के कपड़े से मढ़ दिया था और ये तकिये बिस्तर पर फैला दिये थे ताकि इससे सोफे का अहसास हो। वे अपने मेहमानों की आवाभगत यहीं पर करती थीं।

मैं एलिनॉर से पहली बार तब मिला था जब उन्होंने दस व्यक्तियों को डिनर पर बुलाया था। हमें डाइनिंग रूम में खाना खाने जाने से पहले उनके कमरों में ही कॉकटेल के लिए मिलना था। मैं ही वहां सबसे पहले पहुंचा था। "आह," अपने हाथों में मेरा चेहरा भरते हुए और जानबूझ कर नज़र भर देखते हुए कहा उन्होंने,"मैं तुम्हें जी भर कर निहार तो लूं। कितने असाधारण। मैं तो सोचती थी कि तुम्हारी आंखें भूरी हैं लेकिन ये तो एकदम नीली हैं।"

हालांकि शुरू शुरू में वे अति उत्साही लगीं लेकिन मैं उनका काफी मुरीद हो गया।

एलिनॉर हालांकि अंग्रेजी समाज में काफी प्रतिष्ठित नाम था, फिर भी उन्होंने अपने उपन्यास थ्री वीक्स से एडवर्डकालीन समाज को झटका दिया था। उसका नायक पॉल, अच्छे भले घर का अंग्रेज है जिसका रानी से प्रेम प्रसंग चल रहा है। बूढ़े राजा से शादी करने से पहले वह उसके साथ अंतिम बार रंगरेलियां मनाता है। बालक क्राउन पिंस गुप्त रूप से पॉल का ही बेटा है।

जब हम उनके मेहमानों का इंतज़ार कर रहे थे, एलिनॉर मुझे दूसरे कमरे में ले कर गयीं जहां पर दीवारों पर पहले विश्व युद्ध के युवा अंग्रेज अधिकारियों की तस्वीरें फ्रेम में मढ़ी हुई लगी हुई थीं। सारे तस्वीरों पर चलताऊ निगाह मारते हुए वे बोलीं,"ये सब के सब मेरे पॉल हैं।"

वे तंत्र मंत्र में बहुत विश्वास करती थीं। मुझे एक दोपहर की याद है। मैरी पिकफोर्ड थकान और नींद न आने की शिकायत कर रही थीं। हम मैरी के ही बेडरूम में थे।

"मुझे उत्तर दिशा दिखाओ," एलिनॉर ने आदेश दिया। तब उन्होंने बहुत आहिस्ता से अपनी उंगली मैरी की भौंह पर रखी और बार-बार कहने लगीं,"अब वह गहरी नींद में है।" डगलस और मैं आगे सरक आये और मैरी को देखने लगे। उसकी आंखें फड़फड़ा रही थीं। मैरी ने बाद में हमें बताया था कि उसे एक घंटे से भी ज्यादा तक नींद में होने का नाटक करना पड़ा था क्योंकि एलिनॉर कमरे में ही मौजूद थीं और उस पर निगाह रखे हुए थीं।

एलिनॉर की ख्याति सनसनीखेज शख्सियत के रूप में थीं। लेकिन कोई भी उसने अधिक संतुलित नहीं था। फिल्मों के लिए उनकी व्यापक संकल्पनाएं किशोरियों जैसी और नौसिखियापन लिये हुए थीं। महिलाएं अपनी भौहें अपने-अपने प्रेमी के गालों पर रगड़ रही हैं और चीते की खाल के कालीनों पर प्रेम में व्याकुल हो रही हैं।

हॉलीवुड के लिए उन्होंने जो तीन फिल्में लिखी थीं, वे समयातीत प्रकृति की थीं। पहली का नाम था थ्री वीक्स, दूसरी का नाम हिज़ आवर और तीसरी का नाम था हर मोमेंट। हर मोमेंट में भयंकर विवाद हो गया। कहानी में दिखाया गया था कि एक प्रतिष्ठित महिला, जिसकी भूमिका ग्लोरिया स्वैनसन ने निभायी थी, की शादी एक ऐसे आदमी से होने वाली है जिसे वह प्यार नहीं करती। उनकी तैनाती एक घने जंगल में है। एक दिन वह अकेली ही घुड़सवारी के लिए निकल जाती है। चूंकि उसे वनस्पतियों में दिलचस्पी है, वह अपने घोड़े से उतरती है ताकि एक दुर्लभ फूल का मुआइना कर सके। जैसे ही वह फूल पर झुकती है, एक खतरनाक वाइपर सांप आता है और उसके दायें सीने पर डंस देता है। ग्लोरिया अपना सीना दबोचती है और मदद के लिए पुकारती है। ये चीखें वही आदमी सुन लेता है जिससे वह प्यार करती है। संयोग से वह वहीं से गुज़र कर जा रहा होता है। इस भूमिका में खूबसूरत टॉमी मैघम थे। तुरंत वे झाड़ी के पीछे से आते हैं।

"क्या हुआ?"

वह जहरीले सांप की तरफ इशारा करती है,"मुझे काट खाया है।"

"कहां?"

वह अपने सीने की तरफ इशारा करती है।

"ये तो सब सांपों से भी ज्यादा जहरीला है।" टॉमी कहते हैं। निश्चित रूप से उनका मतलब सांप से ही है,"जल्दी जल्दी ही कुछ करना होगा। एक मिनट भी बरबाद करने को नहीं है।"

वे डॉक्टर से मीलों दूर हैं। और ऐसे मौके पर रक्तबंध का जो सामान्य उपचार होता है कि प्रभावित हिस्से पर रुमाल बांध कर खून में जहर को फैलने से रोका जाये, संभव नहीं है। अचानक ही वे उसे उठाते हैं, नायिका की कमीज को फाड़ते हैं और उनकी नरम गोरी गोलाई अनावृत करते हैं। तब वे कैमरे की बदतमीज निगाह से बचाने के लिए उसका चेहरा दूसरी तरफ करते हैं, उस पर झुकते हैं और उनका मुंह जहर चूसने लगता है और जैसे जैसे वे जहर चूसते हैं, थूकते चलते हैं।

इस चूसन ऑपरेशन के परिणाम स्वरूप वह उससे शादी कर लेती है।