झंझावात में चिड़िया - 17 Prabodh Kumar Govil द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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झंझावात में चिड़िया - 17

दो हज़ार चौदह का साल दीपिका पादुकोण के लिए ठीक वैसा ही गुज़रा जैसे किसी काश्तकार का भरपूर फ़सल होने के बाद का समय उसे काटने और समेटने में जाता है।
इस साल उन पर दौलत और शोहरत के साथ - साथ पुरस्कारों की बारिश भी हुई।
इसी वर्ष उन्हें फ़िल्मफ़ेयर का प्रतिष्ठित बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड तो मिला ही, उन्हें फ़िल्म "चेन्नई एक्सप्रेस" के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का आइफा अवार्ड भी दिया गया। आइफा ने उन्हें "ये जवानी है दीवानी" फ़िल्म में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ जोड़ी का खिताब भी रणबीर कपूर के साथ दिया। मजे़दार बात ये रही कि रणबीर कपूर और उन्हें साल की सबसे चार्मिंग जोड़ी तब माना गया जब असल जिंदगी में दोनों की जोड़ी टूट गई। प्रेम जीवन में ब्रेकअप के बाद इस मंच ने दोनों को सबसे अच्छे जोड़ीदार के रूप में सम्मानित किया। दीपिका को आइफा ने इसी साल वर्ष की सबसे बेहतरीन एंटरटेनर भी माना और इस उपलब्धि के लिए पुरस्कृत किया।
मीडिया में भी उनके नाम की धूम मच गई।
चौंतीस - छब्बीस - छत्तीस के फिगर की आकर्षक देहयष्टि वाली दीपिका की पसंद - नापसंद की चर्चा से अख़बार पत्रिकाएं और टीवी चैनल्स रंग गए।
दीपिका से जब पूछा गया कि उन्हें बॉलीवुड में कौन सी अभिनेत्री पसंद है तो उन्होंने कहा - बेमिसाल लाजवाब फूलों के इस गुलशन में किसी एक गुल पर अंगुली रखना बेहद कठिन है। उन्होंने अपनी पसंदीदा अभिनेत्रियों में हेमा मालिनी, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित,काजोल, रानी मुखर्जी और प्रिटी जिंटा का नाम लिया।
शायद दीपिका की पसंद देश के जनमानस के बहुत करीब ठहरी क्योंकि ये सभी अभिनेत्रियां अपने समय की शिखर लोकप्रियता वाली हस्तियां ही थीं जिन्हें अवाम ने अपने समय की टॉप एक्ट्रेसेज की सर्वस्वीकृत ऊंचाई पर बैठाया था।
दीपिका का कहना था कि उन्हें अभिनेताओं में आमिर खान, अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ ख़ान पसंद हैं। उन्होंने रिचर्ड गैरी का नाम भी लिया।
फ़्रांस देश की गरिमा से खासी प्रभावित दीपिका ने दर्शकों में तमाम रंगीनियां बिखेर कर भी सफ़ेद और पीले रंग को अपनी ख़ास पसंद बताया।
ऐसा लगता था कि दीपिका को सर्वश्रेष्ठ, सबसे बेहतर, सबसे उम्दा से ही प्यार है। भारतीय फ़िल्मों में "दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे" उनकी सबसे पसंदीदा फ़िल्म रही। उल्लेखनीय है कि यह फ़िल्म भारत में सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है।
वे "द कलर ऑफ़ पैराडाइज" से भी प्रभावित रहीं। स्वर्ग के रंग के साथ- साथ सिंड्रेला ने भी उन्हें लुभाया।
इस साल के स्टारडस्ट अवॉर्ड्स में भी दीपिका पादुकोण का बोलबाला रहा। उन्हें "स्टार ऑफ़ द इयर - फीमेल" पुरस्कार दिया गया।
इस दौड़ में उनके साथ प्रियंका चोपड़ा, रानी मुखर्जी और परिणिति चोपड़ा जैसे बड़े नाम शामिल थे। किंतु बाज़ी मारी दीपिका ने जहां समारोह में मौजूद अमिताभ बच्चन ने उन्हें बधाई दी।
इस साल होमी अदजानिया की एक और फ़िल्म "फाइंडिंग फैनी" भी रिलीज़ हुई। अपने ढंग की अनूठी इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, डिंपल कपाड़िया और अर्जुन कपूर जैसे कलाकारों के साथ होते हुए दीपिका पादुकोण ने ख़ूब वाहवाही बटोरी। इस फ़िल्म की पटकथा इतना नयापन लिए हुए थी कि इन बड़े सितारों ने लगभग आधा पारिश्रमिक लेकर भी काम किया और फ़िल्म को मनोरंजक बनाया। होमी की चुस्त पटकथा में दीपिका ने अपने अभिनय का सिक्का जमाया।
कहते हैं सफ़लता सब जता देती है तो सब छिपा भी लेती है। फ़िल्म में दीपिका ने अपने संवादों में जहां बोल्डनेस दर्शाई वहीं वो अपनी सेक्सी छवि का भी खुला प्रदर्शन करती दिखाई दीं।
गोवा के एक गांव की पृष्ठभूमि से आरंभ हुई फ़िल्म दर्शकों को अंत तक बांधे रही।
बॉक्स ऑफिस की कमाई वाली परिभाषा की बात छोड़ दें तो फ़िल्म को अधिकांश दर्शकों ने पसंद किया। दीपिका ने एक बार फ़िर सिद्ध किया कि वो जो कुछ कर सकती हैं वो दूसरों को करने में अभी वक्त लगेगा।
अब दीपिका उस मुकाम पर पहुंच गई थीं कि केवल चुनी हुई यादगार भूमिकाएं करें और वो भी अपनी शर्तों पर। उन्होंने इस मुकाम का लाभ भी उठाया और अमिताभ बच्चन व इरफ़ान खान जैसे लीजेंड्स के साथ "पीकू" फ़िल्म की। ये एक सार्थक सिनेमा शैली की बेहतरीन फ़िल्म थी जिसमें दीपिका और दोनों नायकों ने ज़बरदस्त अभिनय किया।
कुछ साल पहले पीकू को इसी नाम से बांग्ला भाषा में सत्यजीत राय भी बना चुके थे। अब शूजित सरकार के निर्देशन में ये हिन्दी में बनाई गई। इसमें अपने समय की लोकप्रिय अभिनेत्री मौशमी चटर्जी ने भी बहुत समय बाद काम किया। इससे उनकी एक प्रकार से फ़िल्मों में वापसी ही हुई।
ये एक अच्छी पटकथा थी जो दिल्ली से लेकर कोलकाता तक सड़क मार्ग से यात्रा की कहानी थी। इस यादगार फ़िल्म में तीनों मुख्य एक्टर्स अमिताभ, दीपिका और इरफ़ान खान ने बेजोड़ अभिनय किया।
फ़िल्म को चारों ओर से सराहना मिली। फ़िल्म हिट रही।
इसी साल दीपिका की एक और भव्य फ़िल्म "हैप्पी न्यू ईयर" आई। कहा जाता है कि शाहरुख खान के साथ ये फ़िल्म बनाने की तैयारी तो फराह खान ने सन दो हज़ार पांच में ही कर ली थी किंतु बाद में ओम शांति ओम की तैयारी में जुट जाने के कारण इस फ़िल्म की बात ठंडे बस्ते में चली गई। फ़िर सन दो हज़ार दस में एक बार फ़िर इसे बनाने की चर्चा चली किंतु फराह खान की अक्षय कुमार के साथ बन रही फ़िल्म तीस मार खां के कारण इसका काम फ़िर से रुक गया।
इसकी हीरोइन के तौर पर कैटरीना कैफ, परिणिति चोपड़ा आदि कई नामों पर विचार हुआ लेकिन अंतिम रूप से इसमें ओम शांति ओम की जोड़ी दीपिका और शाहरुख खान को ही ले लिया। शाहरुख ने तो काफ़ी पहले ही ये फिल्म साइन कर ली थी लेकिन ये बन अब पाई जब इन दोनों ही सुपरस्टारों को थोड़ी फुरसत अपने अपने काम से मिली। ये फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और दीपिका के नाम का डंका बजने लगा। इसमें अभिषेक बच्चन, बोमन ईरानी और खलनायक के रूप में जैकी श्रॉफ भी थे। मलाइका अरोड़ा ने भी इसमें काम किया।
इस सफ़लता के साथ दीपिका की बाक़ी सभी प्रतिद्वंदी अभिनेत्रियां अब एक स्पष्ट दूरी के साथ उनसे पिछड़ गईं। फ़िल्म ने आय की दृष्टि से रिकॉर्ड तोड़ सफ़लता अर्जित की। ग्यारह गीतों से सजा इसका संगीत भी फ़िल्म के रिलीज़ होने से पहले ही ऊंचे दामों पर बिक गया।
इस तरह लगातार ये दूसरा वर्ष भी उनकी कामयाबी का जश्न मनाता रहा।
पीकू फ़िल्म में उन्हें एक बार फ़िर फ़िल्मफ़ेयर का साल की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। वो दशक की सबसे कामयाब हीरोइन समझी जाने लगीं।
दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ, विद्या बालन जैसी अभिनेत्रियों ने अपनी एक्टिंग से फ़िल्मों में केवल सुंदरता के सहारे आई ब्यूटी पीजेंट्स को जैसे मायूस सा कर दिया। वो एक - एक कर स्क्रीन से दूरी बनाने लगीं।