रहस्यमयी टापू--भाग (३) Saroj Verma द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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रहस्यमयी टापू--भाग (३)

रहस्यमयी टापू...!!--भाग(३)

मानिक चंद को लग रहा था कि वो कौन सी अजीब जगह आकर फंस गया,जो है नहीं वो दिखता है और जो दिखता है वो है नहीं, समुद्र के किनारे वो यहीं बैठा सोच रहा था।।
फिर उसने सोचा ऐसे बैठने से काम चलने वाला नहीं है चलो कुछ करता हूं,तभी यहां से निकल पाऊंगा, तभी उसे दूर पत्थरों के पीछे एक बड़ी सी नाव दिखी, उसने पास जाकर देखा तो अभी नाव की हालत इतनी खराब नहीं थी कुछ ना कुछ मरम्मत करके उसे ठीक किया जा सकता था।।
तभी उसे लगा कि दूर चट्टान पर कल की तरह आज भी कोई बैठा है उसने सोचा अगर ये वहीं कल वाली जलपरी है तो आज तो मैं इसे पकड़ कर ही रहूंगा,हो सकता है इससे मुझे कुछ सवालों के जवाब भी मिल जाएं।।
और मानिक आज फिर उस चट्टान की ओर बढ़ चला,आज मन में ठान कर बैठा था कि चाहे जो भी हो आज तो वो पता लगाकर रहेगा कि आखिर वो जलपरी ही है या के छलावा,मानिक के कदमों की रफ़्तार तेज थी और वो जल्द से जल्द उस जगह पहुंचना चाहता था।।
वो जल्द ही उस जगह पहुंच गया और कल की तरह उस जलपरी ने उसे देखते ही पानी में फिर छलांग लगा दी लेकिन मानिक ने तो जैसे आज ठान ही ली थी उसे पकड़ने की और उसने भी पानी में छलांग लगाकर उस जलपरी को पकड़ लिया और चट्टानों पर ले आया।।
चट्टान पर पहुंच कर मानिक ने सवालों की झड़ी सी लगा दी, उसने पूछा__
तुम कौन हो?
तुम चित्रलेखा को जानती हो?
ये कैसी जगह?
वो जादूगरनी कौन थीं?
शुद्धोधन और नीलाम्बरा को जानती हो?
वो जलपरी हैरान होकर मानिक को देखते रह गई लेकिन किसी भी सवाल के जवाब ना दे सकीं।।
तभी पता नहीं एक बहुत बड़ा सा पंक्षी वहां आ पहुंचा और जलपरी को दबोचकर पानी में छोड़कर ना जाने कहां उड़ गया।।
ये सब देखकर मानिक चंद के तो जैसे होश ही उड़ गए, एकाएक उसके दिमाग ने तो जैसे काम करना ही बंद कर दिया था,उसकी समझ से सबकुछ परे था।।
लेकिन मानिक ने अपने होश खोए बिना ही एकाएक फिर से पानी में छलांग लगा कर उस जलपरी को दोबारा पकड़ लिया और इस बार, समुद्र के पानी से बहुत दूर ले आया ताकि ये दोबारा वापस पानी में ना जा सकें।।
अब तक मानिक का दिमाग बिल्कुल चकराया हुआ था, उसने फिर से सवालों की झडियां लगा दी।।
जलपरी फिर से परेशान अब तो उसके भागने के लिए कोई रास्ता भी नहीं बचा था,वो हैरान-परेशान सी चट्टान पर बैठी थी और सोच विचार में थी क्या उत्तर दे।।
मानिक ने फिर पूछा___
बताओ! कौन हो तुम? कुछ बोलोगी! कोई जवाब दोगी?
मेरा नाम नीलकमल हैं और ये जो मेरा हाल है किसी ने जादू से किया हैं, जलपरी बोली।।
वहीं तो मैं जानना चाहता हूं कि ये सब क्या हो रहा है और यहां सब इतना अजीब क्यो है? मानिक चंद की बातों में एक अजीब सी खिझाहट थीं।।
कृपया मुझे मेरे सवालों के जवाब दो, उलझकर रह गया हूं, मैं यहां, निकलना चाहता हूं इस जंजाल से और तुम ही कोई रास्ता सुझा सकती हो,मानिक चंद ने परेशान होकर नीलकमल से कहा।।
तुम्हारी तरह मैं भी यहां बस उलझी हुई हूं और ना जाने कब से इस क़ैद से आजाद होना चाहती हूं लेकिन तुम्हारे बिना मेरा आजाद होना सम्भव नहीं है,तुम ही कुछ मदद कर सकते हो, नीलकमल बोली।।
ये तो तभी सम्भव होगा ना,जब तुम मेरे सवालों के सही सही जवाब दोगी,मानिक ने नीलकमल से कहा।।
हां,पूछो,सब बताती हूं, नीलकमल बोली।।
क्या तुम सच में जलपरी हो,या कोई छलावा,मानिक चंद बोला।।
बहुत लम्बी कहानी है, शुरू से सुनाती हूं, नीलकमल बोली।।
तो सुनाओ,मानिक चंद बोला।।
नीलकमल ने कहानी कहना शुरू किया____
बहुत समय पहले की बात है, पहले इस जगह बहुत ही रौनक हुआ करती थी, यहां एक मछुआरा रहता था उसकी बहुत खूबसूरत सी दो बेटियां थीं।।
वो साल के छ: महीने इस जगह रहता था बाकी छ: महीने वो अपने गांव में रहा करता था,उसकी पत्नी नहीं थी, किसी बीमारी से चल बसी थीं,मछवारा बहुत ही अच्छे दिल और अच्छे स्वभाव का था,हर किसी पर आसानी से भरोसा कर लेता था।।
तभी एक दिन उसे इसी जगह एक सुंदर लड़की दिखी,जिसे वो प्रेम करने लगा और बाद में उससे विवाह भी कर लिया लेकिन बाद में पता चला कि वो औरत अच्छी नहीं थी, पता नहीं आधी रात को उठकर कौन कौन से टोने-टोटके करती थीं,एक रोज मछुआरे ये पता चल गया कि वो कोई साधारण औरत नहीं कोई जादूगरनी थीं।।
अब मछुआरे ने उसकी जासूसी शुरू कर दी, मछुआरे को पता चला कि वो तो कोई जादूगरनी हैं,अब मछुआरा उससे जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता था लेकिन एक दिन मछुआरे की लाश यहीं समुद्र किनारे मिली।।
और मछुआरे की दोनों बेटियों का क्या हुआ,मानिक ने पूछा।
मछुआरे की दोनों लड़कियों को उस जादूगरनी ने घर में गुलाम बना कर कैद कर लिया,वो उन्हें कहीं भी नहीं जाने देती किसी से भी नहीं मिलने देती।।
अब लड़कियां जवान हो चुकी थीं लेकिन जादूगरनी को तो और ही कुछ मंशा थीं,वो तो बस उन्हें क़ैद करके खुद के काम निकलवाना चाहती थीं।।
वो चाहती थी कि वो हमेशा जवान और खूबसूरत रहें, इसके लिए उसे जवान पुरुषों के दिलों की आवश्यकता होती थीं, जिससे वो एक तरह का तरल तैयार करती थी और पीकर हमेशा जवान बनी रहना चाहती थीं।।

क्रमशः____
सरोज वर्मा___