यादों के झरोखे से Part 9
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मेरे जीवनसाथी की डायरी के कुछ पन्ने -ऑस्ट्रेलिया में नाईट क्लब का अनुभव और ऑस्ट्रेलिया की पहली यात्रा की समाप्ति
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21 जनवरी 1969
मेरे दो कुलीग कहीं बाहर जा रहे थे तो मैंने भी कहा “ मैं भी चलना चाहता हूँ . “
“ आर यू श्योर , क्योंकि हम किसी आम जगह नहीं जा रहे हैं . ओनली फॉर अडल्ट्स . तुम तो दारू सिगरेट कुछ नहीं पीते हो .”
“ नो प्रॉब्लम , फिर भी चलूँगा . “ मैंने कहा
हम तीनों एक टैक्सी ले कर सिडनी शहर के किंग क्रॉस स्थित “ पिंक पैंथर “ क्लब में गए . एंट्री टिकट उन्होंने लिया और कहा “ तुम टैक्सी का बिल पे कर देना .”
अंदर का नजारा देख कर देर तक आँखें खुली रह गयीं . हम तीनों अच्छी जगह खोजते हुए स्टेज के निकट जा बैठे . वहां पोल डांस चल रहा था . एक युवती जो पहले से ही कम कपड़े में थी एक एक कर सारे कपड़े खोल डाले , टॉपलेस और नीचे सिर्फ एक छोटी सी बिकनी बची थी .कभी पोल डांस करती कभी पूरे स्टेज पर डांस करती घूम जाती . कुछ देर में वह चली गयी तो मैंने पूछा “ हो गया , अब चलें .”
“ लल्लू है क्या , बैठ अभी तो शुरू है .” बोल कर उसने बार टेंडर गर्ल से स्वान लैगर बीयर मंगवाए फिर कहा “ यहाँ रात भर यह चलेगा . एक एक कर के करीब एक दर्जन भिन्न देशों की लड़कियां आ कर स्ट्रिप टीज करेंगी . इस टिकट पर हम चाहें तो रात भर देख सकते हैं . “
मैंने महसूस किया वहां दर्शकों में भिन्न देशों के सेलर्स ही ज्यादा थे .खैर हमलोग दो घंटे बाद निकल कर अपने शिप पर आ गए .
28 जनवरी 1969
आज शिप सिडनी से ऑस्ट्रेलिया के आइलैंड स्टेट तस्मानिया के होबार्ट पोर्ट पर पहुंचा . छोटा सा सुंदर पोर्ट है , यहाँ का एप्पल इंडस्ट्री मशहूर है और इत्तफाक से यह एप्पल का सीजन भी है .यहाँ से जहाज में सेव की पेटियाँ लोड करनी है . बस एक दिन का काम है .
3 फ़रवरी 1969
होबार्ट से एक दो और छोटे पोर्ट होते हुए आज हमारा शिप फिर सिडनी और कुछ अन्य पोर्ट होते हुए वापस इंडिया सेल करेगा .
10 मार्च 1969
आज मेरा जहाज सिंगापुर में रुका है . मुझे ख़ुशी है कि अब देश के निकट ही हूँ . यहाँ मुझे कुछ अधिक पेमेंट मिलेगा सो मैंने शॉपिंग की लिस्ट बना ली है . मुझे दोस्तों ने आसानी से ऊपरी आमदनी के रास्ते बता दिए हैं . मैं शराब या सिगरेट पीता नहीं . उनके सुझाव से मैं विदेशी सिगरेट और जॉनी वॉकर व्हिस्की का कोटा ले कर जमा करता रहा हूँ जो हमें बहुत ही सस्ते दाम पर मिलता है . बॉम्बे पहुँच कर इन्हें सात आठ गुने दाम पर बेचा जा सकता है .
17 मार्च 1069
हमारा जहाज विश्व विकास आज बॉम्बे पहुंचा है . मुझे सबसे ज्यादा ख़ुशी इस बात की है कि कुछ दिन बड़े बाबा के यहाँ घर का देशी खाना मिलेगा . जहाज में मेरे जैसा वेजिटेरियन और शराब और सिगरेट न पीने वाले का गुजर मुश्किल है . बाबा की चिठ्ठी मिली , लिखा है कि रिजाइन कर के घर आ जाऊं . बोकारो स्टील प्लांट से ऑफर आना शुरू हो गया है . मास वैकेंसी है . एक दो महीने में मेरा भी अपॉइंटमेंट लेटर इशू हो जायेगा , पैनल में मेरा नाम नीचे है इसलिए कुछ टाइम लगेगा .
20 मार्च 1969
आज मैंने रिजाइन करने का मूड बना लिया . पर उस से कुछ फायदा नहीं हुआ . पूरा सप्ताह मेरी डे शिफ्ट है सुबह 6 से शाम 6 और उसके लिए मुझे हेड ऑफिस में जाना होगा और 15 दिन का नोटिस देना होगा . डे शिफ्ट में जहाज छोड़ कर जाना सम्भव न हो सका .