મારા કાવ્ય - 2 Nikita panchal द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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મારા કાવ્ય - 2

1. झूठ

बस जीना है अब इस झूठ के साथ,
तू मौजूद है मेरी हर रूह के साथ ,

झूठ अपनी जुबां को कहें ने देते ,
हमें उस झूठ में ही अब रहने देते.

वो तुम्हारा प्यार नहीं था एक झूठ था ,
मुझे उस झूठ में ही जीने देते में खुश थी.

झूठ जुबां को कहें ने देते में खुश थी ,
तेरे हर झूठ से ही हमें इतना प्यार था.

तुम झूठ भी कहेटे तो भी हमें सच लगता ,
तेरे हर सच से हमें नफरत है अब दिलबर.

वो तेरा प्यार नहीं था एक धोखा ही था ,
हमें उस धोखे में ही रहने देते में खुश थी.

बस एक बार कह देते मुझसे प्यार नहीं तुझे ,
हम हसते हसते दुनिया छोड़ देते मेरी जान.

बस इस झूठ के साथ हमें रहने देते ,
बड़ी सुकून से हम तुमसे दूर जाते.

2.करते होंगे

जैसे हम उन्हें दिल से याद करते है ,
उन्हें याद हम भी कभी आते होंगे.

हम जीने के लिए उन्हें याद करते है ,
और वो हमसे पीछा छूटने की खुशी में.

दरदर भटकते रहेते है हम उनके लिए ,
और वो हमसे रूठके बैठे है अकेले में.

कैसे मनाए हम उन्हें अब पता नहीं ,
लगता है अब मेरे हाथो में कुछ नहीं.

फिर भी ये निक्स तुम्हारी राह तकेगी ,
मेरा दिल कहता तुम जरूर आओगे.

3. ज़िन्दगी

किससे शिकायत करूं में उसकी ,
कोई नहीं हैं अब मुझे सुननेवाला.

अय जिंदगी तूने गम तो बहुत दिए हैं मुझे,
फिर भी कोई शिकायत नहीं अब तुझसे ,

एक गम तूने मुझे ऐसा दिया है शोखसे ,
जिलूंगी अब तो में उसी गम के सहारे.

उनसे एकबार मुलाक़ात क्या हुई हमारी ,
मिलने के बाद बन गई जिंदगी जन्नत मेरी.

तू मेरे जिस्म को तो मुझसे छीन सकती हैं ,
मेरी रूह अब तेरे नहीं उसके हाथमे है.

वादा किया है मेंने उनसे हर जन्म साथ देने का ,
तू भी अब नहीं दूर कर सकती उनसे मुझे.

तू मुझे थोड़ा वक्त उधार देदे मेरी चाहत के खातिर ,
उन्हें थोड़ा प्यार करने का आज जी बहुत करता है.

पता है वो नहीं रोकेंगे मुझे कहीं जाने से अब ,
क्योंकि उनके दिल जगह नहीं मेरे लिए अब.

फ़िर भी ये निकस उनके लिए बेकरार है ,
वो आयेंगे उसी उम्मीद से अब ज़िंदा है.

4.उनके लिए

उनकी निगाहों ने हमें एक बार क्या देखा ,
और हम तो डूब ही गए उनकी निगाहों में.

उन्होंने एक बार बात क्या की हमसे दो शब्दों में ,
और हम पागल तो अपने ही सारे शब्द भूल गए .

उन्होंने एक बार हमसे मिलने को क्या कहा ,
और हम आज भी उनका इंतज़ार करते है.

उन्होंने हमारे सामने देखके मुस्कुरा क्या दिया ,
और हम पागल अपनी मुस्कुराहट ही भूल गए.

उन्होंने एक बार हमें गलती से छू क्या लिया ,
और हम पागल आज भी उसे महेसूस करते है.


उन्होंने हमें एक बार निक्स कहे के क्या बुलाया ,
और में दीवानी अपना ही नाम भूल गई उनके लिए.

5.ना जाने

ना तुमसे निगाहें मिलती
ना तुमसे मुझे प्यार होता

ना तुम मुझसे यू मिलते
ना में यू इज़हार करती

ना जाने मन क्यों बेचैन है
ना जाने कही मुझे चैन है

ना कुछ सोचा ना समझा
ना कुछ जाना ना परखा

ना कोई दवा लगे ना दुआ
ना कोई होश है ना जान

ना माने दिल ये मेरा अब
बने है निक्स पागल अब

©Niks 💓 Se 💓 Tak