મારા કાવ્ય - 2 Nikita panchal द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

મારા કાવ્ય - 2

Nikita panchal द्वारा हिंदी कविता

1. झूठबस जीना है अब इस झूठ के साथ,तू मौजूद है मेरी हर रूह के साथ ,झूठ अपनी जुबां को कहें ने देते ,हमें उस झूठ में ही अब रहने देते.वो तुम्हारा प्यार नहीं था एक झूठ था ,मुझे ...और पढ़े


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