The Last Murder - 13 - अंतिम भाग Abhilekh Dwivedi द्वारा क्राइम कहानी में हिंदी पीडीएफ

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The Last Murder - 13 - अंतिम भाग

The Last Murder

… कुछ लोग किताबें पढ़कर मर्डर करते हैं ।

अभिलेख द्विवेदी

Chapter 13:

आज संविदा काफी थक चुकी थी लेकिन उसे जानना था कि पुलिस के हाथ कुछ लगा भी या नहीं । रॉबिन भी पुलिस के साथ ही बैठा था और उसे भी कुछ हासिल होता नजर नहीं आ रहा था । तनवीर पहले ही जा चुका था, इसलिए संविदा को नहीं पता चला कि तनवीर से यहाँ बैक-डोर में पूछताछ हुई है । संविदा जब वहाँ पुलिस से मिली तो उन्होंने तनवीर की फोटो दिखाकर जब उसके बारे में पूछा तो संविदा ने बता दिया कि यह उसका सोशल मीडिया पर अच्छा फ्रेंड है जो सर्टिफाइड हैकर भी है, रेग्युलर रीडर भी है, लेकिन मामला क्या है यह संविदा को जानना था । रॉबिन और पुलिस ने बताया कि कोई है जो संविदा के नॉवेल वाली कहानी को अपना बनाकर किसी और आईडी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था और जिस फोन के आई-पी एड्रेस से यह हो रहा था वह तनवीर के नाम से है । यह जानकर संविदा को बड़ा आश्चर्य हुआ और उसने उन्हें बता दिया कि यह पोस्ट्स से ट्रैक करने का आईडिया तो तनवीर ने ही दिया था । अब यह जानकर पुलिस को भी बड़ा आश्चर्य हुआ कि संविदा को तनवीर ने ही आईडिया दिया था । हालाँकि इससे पहले तनवीर को भी यह नहीं पता था कि उसके फोन से ऐसा कुछ हो रहा है और अभी भी यह साबित नहीं हो रहा था कि तनवीर या फोन से पोस्ट करने वाली शहनाज़ ही कातिल हो सकती है । अब रास्ता सिर्फ एक ही था, प्रोमिता का मर्डर होना और उस मर्डर को होने से पहले उस कातिल को पकड़ना ।

एक चीज तो पुलिस भी समझ गई थी कि जो भी कातिल है उसे संविदा से कोई दुश्मनी नहीं है क्योंकि पहले तीन सिर्फ उन्हीं के हुए थे जिन्होंने संविदा के खिलाफ कुछ लिखा था और काफी मुखर थे । लेकिन चौथे मर्डर में ऐसा कुछ नहीं था । क्योंकि रंजीत ने सिर्फ और सिर्फ तारीफ लिखी थी, मतलब जो भी मर्डरर है उसका मकसद सिर्फ इतना है या तो वो संविदा को बदनाम करना चाहता है या फिर संविदा के लिए ऑब्सेस्ड है । संविदा को भी दूसरा एंगल ज्यादा दिख रहा था क्योंकि इनबॉक्स में कई लीचड़ और स्टॉकर टाइप के लोग धमकते ही थे लेकिन इन्वेस्टिगेशन में वो सब पहले ही छोड़ दिये गए थे । अब उसे यह नहीं समझ में आ रहा था कि ऐसे में कौन सा उसका ऐसा कोई फ्रेंड या रीडर है जो ऐसी हरकतें कर सकता है । तनवीर से उसने बात की तो तनवीर ने पुलिस से पूछताछ वाली बात उसे बता दी और यह भी बता दिया कि वह फोन किसका है । संविदा को बड़ा आश्चर्य हुआ यह जानकर कि उसके कज़िन का नाम शहनाज़ है । उसे एक मिनट के लिए लग रहा था कहीं यह वही शहनाज़ तो नहीं जो उसकी रीडर है । उसने यह बात पुलिस से शेयर की कि उसकी एक रीडर है जो जुड़वा बहन है और उसमें से एक का नाम शहनाज़ है और उसकी जुड़वा बहन का नाम पिनाज़ है । पुलिस ने कहा कि ठीक है लेकिन फिलहाल प्रोमिता के घर पर नज़र बनाए रखते हैं और देखते हैं कि कातिल लड़की ही है या लड़का । अगर लड़की हुई तो हो सकता है कि शहनाज़ या उसकी बहन हो और अगर लड़का हुआ तो हो सकता है कि तनवीर ही हो, इसलिए शक के बजाय रंगे-हाथों पकड़ने का प्लान सही रहेगा ।

उनके प्लान के हिसाब से भी वह सारी चीजें शुरू हो गई थी । प्लान के हिसाब से पहले वीक में प्रोमिता ने इश्क मोहब्बत वाली बातें संविदा के लिए लिखना शुरू किया और संविदा ने भी उसे सराहना शुरू किया । आलम यह था कि दोनों के पोस्ट पर इंटरेक्शन देखकर ऐसा लग रहा था की दोनों के बीच कोई कपल रोमांस चल रहा हो । लेकिन इससे प्रोमिता पर किसी ने कोई मर्डर अटेम्प्ट नहीं किया । अगले वीक कई सारी बातें होने लगी और धीरे-धीरे दोनों पोस्ट पर ऐसे लड़ने लगे जैसे सांप और नेवले की लड़ाई चल रही हो । कभी राइटिंग को लेकर के एक दूसरे की कमियां निकालते, कभी एक दूसरे की पर्सनालिटी पर भद्दी टिप्पणी करते । ज्यादा किसी को कुछ भी नहीं समझ में आ रहा था क्योंकि यह ऐसा जाल था जहाँ से कातिल को किसी भी तरीके से बचकर नहीं जाने देना था । दोनों के इनबॉक्स में भी कोई हरकत नहीं हो रहे थे । किताब मार्केट में आए हुए पंद्रह दिन गुज़ार चुकी थी और अभी तक किसी ने प्रोमिता पर मर्डर अटेम्प्ट नहीं किया था, यह थोड़ा-सा चिंताजनक मामला था पुलिस के लिए । हालाँकि पुलिस इस बार जानती थी और तैयार बैठी थी यह देखने के लिए कि आखिर मर्डरर कौन है । लेकिन तीसरे सप्ताह में जब प्रोमिता और संविदा की लड़ाई इस बात पर हुई कि उसकी कहानी को संविदा ने अपने नाम से छाप ली है, तब मामला कुछ असरदार हुआ और आखिर में जिसका इंतजार था वह दिन आ ही गया । शाम करीब 7:00 बजे जब सबकुछ हल्की बारिश में भीगा हुआ था और कुछ बूंदा-बांदी भी हो रही थी, माहौल बहुत ज्यादा भीगा हुआ था क्योंकि उस दिन सुबह ही बहुत तेज बारिश हुई थी, पानी हर जगह लगा हुआ था और पुलिस अलग से परेशान थी । इस बारिश में उस कातिल को ढूंढने के चक्कर में वह प्रोमिता के घर के बाहर चाय की टपरी पर समय बिता रही थी । तभी उन्होंने देखा की एक बंदा ऑटो से उतरा जो पूरी आस्तीन का हुड वाला स्वेट शर्ट और जीन्स पहने हुए था । पीछे का ही हिस्सा दिखा था, शक्ल नहीं देखी लेकिन वह सीधा प्रोमिता के घर में घुस रहा था । अंधेरा हल्का-हल्का हो चुका था इसलिए पुलिस ने ज्यादा समय बर्बाद करना सही नहीं समझा । पीछे-पीछे वह भी घर के अंदर दाखिल हुए और प्रोमिता अंदर अपने लैपटॉप पर बिज़ी थी । जैसे ही प्रोमिता का उससे सामना हुआ प्रोमिता डर गई थी । उसने स्वेट-शर्ट की जेब में से सुपाड़ी काटने वाला सरौता निकाला जो कि टूटा हुआ था, सिर्फ उसका धारदार हिस्सा उसके हाथ में था और उसने उसी से प्रोमिता पर भरपूर वार किया था लेकिन पीछे से पुलिस ने आकर तुरंत उसे धर दबोचा और प्रोमिता को बचा लिया था । पुलिस को यह देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ कि पीछे से जिसे वह एक लड़का समझ रहे थे वह दरअसल एक लड़की थी ।

पकड़े जाने पर वह लड़की ना जाने क्या बड़बड़ा रही थी । लेकिन इतना समझ में आ रहा था कि वो प्रोमिता को मार देना चाहती थी और संविदा को बचा लेना चाहती थी । लेकिन संविदा को किस से बचाना चाह रही थी यह किसी को क्लियर नहीं हो रहा था । उस वक़्त वो थोड़ी-बहुत मेंटली डिस्टर्ब भी लग रही थी । पुलिस ने उसे पकड़ा और थाने लेकर पहुँचते ही सबसे पहले रॉबिन और संविदा को बुला लिया था । उन्होंने तनवीर को भी फोन कर दिया था ताकि पहचान हो सके । उधर रॉबिन ने भी अंकिता को बोला था पीछे से आने को ताकि वह वहाँ वो सब कुछ कवर करे जो भी वहाँ घटे । शायद रोबिन इस मामले को भी कैश करना चाह रहा था । संविदा जब वहाँ पहुँची तो वो चौंक गई थी क्योंकि जिसे यह लोग शहनाज़ समझ रहे थे वह शहनाज नहीं पिनाज़ थी और पुलिस उसकी यह बात मानने के लिए तैयार ही नहीं थी कि यह शहनाज नहीं है । उन्होंने उसके घर से सारी तस्वीरें मँगवाकर मैच किया और संविदा को भी तस्वीरें दिखायीं तो संविदा को क्लियर नहीं हो रहा था कि यह वही लड़की है या वाकई में यह दोनों जुड़वा बहने हैं । लेकिन कुछ देर के बाद जब तनवीर वहाँ आया तो कुछ चीजें साफ हो गयी । तनवीर ने ही बताया कि यह शहनाज़ है और शहनाज़ की कोई जुड़वा बहन नहीं है, कोई पिनाज़ नाम की बहन नहीं है । हाँ ये है कि शहनाज मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित है और उसने एक काल्पनिक बहन को अपनी जिंदगी में जगह दे दी है जिसका नाम उसने पिनाज़ रखा है क्योंकि बचपन में उसकी एक जुड़वा बहन हुई थी जो बीमारी के वजह से मर गयी थी और इसका सदमा शहनाज़ पर हुआ था । इसलिए वह जब प्रोमिता को मारना चाह रही थी तो बड़बड़ा रही थी । पुलिस के लिए ये मामला अब और भी ज्यादा उलझता नज़र आ रहा था क्योंकि शहनाज़ नाबालिग भी थी और मेंटली डिस्टर्ब भी, ऐसे में उसे कातिल साबित करना आसान नहीं था । हालांकि काउंसलर और संविदा की मदद से पिनाज़ के रूप में शहनाज़ ने कबूला कि वह संविदा को दिलो-जान से चाहती है, उसके लिए वो ऑब्सेस्ड है लेकिन वो किसी से बता नहीं सकती क्योंकि फिर लोग उसे जान से मार देंगे । वह जब देखती थी कि कोई भी संविदा के खिलाफ में कुछ कहता यह लिखता है या बहुत ज्यादा जुड़ जाता था तो उसे जलन होती थी । इसलिए उसने उन सभी को मारा जो उसे ग़लत लगते थे । उसने बताया कि वो पहले सबसे सोशल मीडिया के थ्रू जुड़ती और उनपर नज़र रखती थी । वह दिखने में मासूम और नाबालिग थी तो उसे किसी के भी घर आने जाने में कभी कोई परेशानी नहीं हुई । कानूनी फॉर्मेलिटी के बाद कोर्ट ने यही फैसला दिया कि पहले डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट हो और उसके मद्देनजर ही कोई सज़ा ।

संविदा को यह जानकर बहुत दुःख हुआ था कि उसका रीडर इस कंडीशन में था जहाँ वह दोषी भी थी और उसे दोष भी नहीं दे सकते थे । रॉबिन को तो यह एक अच्छा एंगल मिल गया था किसी बड़ी स्टोरी के लिए । बड़ी चीज़ यह थी कि पांचवी किताब के आने के बाद कोई मर्डर तो नहीं हुआ था लेकिन चर्चा ज़रूर होने लगी थी कि इस बार यह किताब सच नहीं हो पायी । तो क्या छठी किताब सच होगी? अगली किताब को लिखे जाने से पहले ही प्रोमोशन शुरू हो गया था और वो भी इसी सवाल पर शुरू हुआ । किताब का टाइटल रखा गया "द लास्ट मर्डर" । और इस बार संविदा ने किसी काल्पनिक कहानी को मौका नहीं दिया । 'बेस्ड ऑन रियल स्टोरी' में इस बार उसने शहनाज़ को जगह दी थी क्योंकि जब खुद की लाइफ इतना चर्चा बटोरे तो दूसरों की लाइफ को कहानी बनाकर बेचने में ज़्यादा फायदा है

यहाँ तक आने के लिए शुक्रिया। उम्मीद करता हूँ ये कहानी पसंद आयी होगी। बस, गुज़ारिश यही है कि पढ़कर अपने फीडबैक ज़रूर दें और इस कहानी को शेयर भी करें!

शुक्रिया!

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