सेंधा नमक - 5 - अंतिम भाग Sudha Trivedi द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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सेंधा नमक - 5 - अंतिम भाग

सेंधा नमक

सुधा त्रिवेदी

(5)

रवि की गवाही पर राजबाला जी को गिरफ्तार किया गया है और फिर तो इंवेस्टिगेशन के बाद राज खुलते गए उन तमाम लडकियों के, जिनके साथ अपनेपन का दिखावा करके वे उन्हें होटलों में भेजने का काम कर चुकी थीं। कई इस गर्त में एक बार गिरीं तो दुबारा निकल नहीं पाईं और राजबाला जी के हाथों की कठपुतली बनकर रह गईं। जिनकी इस पेशे से रजामंदी नहीं हुई उन्होंने अपने साथ हुई बदतमीजी की बात बदनामी और हिकारत के डर से अपने परिवारवालों या और किसी को बतायी भी नहीं थी। चेतन ने राजबाला जी के साथ बहुत घनिष्ठता रखनेवाली महिलाओं के बारे में पता किया है और उनमें से कुछ को गवाही के लिए रजामंद कर लिया है। केस पुख्ता बना है- इतना कि राजबाला जी के राजनीतिक और डिप्लौमैटिक रसूख कुछ काम न आ पाए है ।

जिस दिन राजबाला जी को सजा सुनाई गई उसी दिन शाम में चेतन , वन्या के घर आकर उंची आवाज में बोला – “वन्या भाभी, चाय बनाओ और साथ में पकौडे भी- पकौडे सेंधा नमक से बनाना !”

और फिर जोर का ठहाका लगाया।

वन्या ने उसे एक ‘हाई-फाई’ दिया और मुस्कुराती हुई किचन की ओर जाने लगी। साहिल कुछ भी बात समझ न पाने के कारण कभी वन्या तो कभी चेतन को देखने लगा।

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