कभी कभी जिंदगी में ये दूरियाँ मिलों की लगती है ये दूरियाँ ना कि सफर की है ये दुरिया है दिलों की हमारे आस पास रहते लोगों की कुछ अपने कुछ पराये है जिंदगी में रिश्ते एक बार बनते है और रिश्तों से जिंदगी चलती है और हमें लगता है हम उन्हें जानते है अच्छे से बल्कि ऐसा नही होता हम बस उसे उतना ही जानते है जितना की वो इंसान हमें अपने बारे में बताता है ये जो दुरिया होती है ना वो दुरिया दिलों की दिमाग की है हम सब से सब कुछ शेयर नहीं करते है हमारे कॉन्टेट लिस्ट और सोशियल मिडिया पर करोड़ों लोग होगे पर क्या कोई एक इंसान है जिसे हम अपने सारे दुःख दर्द पता हो क्या हमारी लाईफ में लोंग बहुत होते है पर कोई अपना है ? "आँकड़े खुदखुशी के बढ़ रहे हैं शहर में मेरे ख़बर फ़क़त वबा से मरने वालों की छप रही है ।" हमारे आस पास कई लोग होते है जो मानसिक रोगी होते है और आत्महत्या कर लेते हैं !
मानासिक तौर पर इंसान अनफिट होता है पर आज भी हमारे समाज में मानासिक रोग के बारे मे ना की जागृत किया जाता है ना कि बचपन से इस बारे में बताया जाता है अगर कोई बोले कि मैं मैंनटली ठीक नही हूं तो कितने लोंग यही बोलेगे की पागल है ये तो या कोई मनोवैज्ञानिक के पास गये तो लोंग ऐसे रिऐक्ट करते है जैसे कोई गुनाह हो गया हो जैसे ये तो हमारे बॉडी का पार्ट होई ना क्या बॉडी की केयर करना ही फिट नस नही होती है क्यों हम इसे किसी कारण से मानसिक बीमारी कहा जाता है, क्योंकि यह एक बीमारी है। इसे किसी अन्य बीमारी की तरह क्यों स्वीकार नहीं किया जा सकता है?
ये दूरियाँ मनों की है हमें इंसान को मानसिक तौर पर समझना चाहिए. उसके मन को समझ ना चाहिए उसे हमेशा प्रेरित करना चाहिए और ऐसा रिश्ता बनाओं कोई भी हो वह आपको सब कुछ कह सके उसके दिलों का डिब्बा बनो जो उस् में अपने सारे दुःख दर्द रख सके !मन बीमार हो तो तन बीमार हो जाता है , और उत्साह , उम्मीद , ख़ुशी सब खो जाता है !
अपने आप को खुश रखे ऐसे मानसिक रोगों से दूर रहे कुछ रूटीन को अपना ऐ जैसे सुबह सूरज की रोशनी में घूमे या बैठे ये आपके मूड को अच्छा करती है जिन लोगो से बात करके आपको अच्छा लगता है उनसे मिले बात करे अपनी पसंदीदा फिजिकल गेम खेले या फिर रनिंग , जंपिंग , पुशअप्स करे . अपने पसंदीदा गानों पे डांस करे चाहे अकेले अपने रुम में नाचलो. खुद को किसी से कम मत समझो ओर किसी को अपनी जिंदगी मत समझो .
" डिप्रेशन " इंसान से है ना कि इंसान " डिप्रेशन " है ... इसलिए इस को खुद पर कभी हावी न होने दे ... बस मस्त रहे , व्यस्त रहे , मुस्कुराहते रहे , स्वस्थ रहे और अपने आस पास के लोंगों के दिलों की दूरियाँ कम करे .