यूँ ही राह चलते चलते - 17 Alka Pramod द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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यूँ ही राह चलते चलते - 17

यूँ ही राह चलते चलते

-17-

’’ अरे भाई मैडम आप भी आ जाओ आपकी फोटो लें ले नहीं तो कहोगी कि एक महिम है मान्या की इतनी फोटो ले रहा है और एक तुम ‘‘ श्रीनाथ ने कैमरा निकालते हुए गीता से कहा।

’’ आप तो बस एक बात के पीछे ही पड़ जाते हैं ‘‘ गीता ने नाराज होते हुए कहा पर साथ ही फोटो खिंचवाने के लिये पोज बना कर खड़ी हो गयी। उसकी इस अदा पर श्रीनाथ कंधे उचकाते हुए कैमरा क्लिक करने लगे। उन्हे देख रहे अनुभा और रजत एक दूसरे को देख कर अर्थपूर्ण ढंग से धीरे से मुस्करा दिये, उन्हे उनका पहले दिन वाला वार्तालाप याद आ गया।

सुमित ने बताया यशराज चोपड़ा को स्विटजर लैंड बहुत पसंद था और उन्होंने अधिकतर फिल्मों की शूटिंग यहाँ की है जिससे स्विटजरलैंड को रेवेन्यू का लाभ हुआ । इसीलिये इसका नाम स्विस सरकार ने यशराज चोपड़ा के सम्मान में चोपड़ा झील रखा है । यह सुन कर सबको गर्व की अनुभूति हुई। इसके बाद सब मोंटबोवेन गये, जहाँ के चर्च में ’दिल वाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे ‘ फिल्म की शूटिंग हुई थी । यहाँ पर यशराज की टीम की प्रतिनिधि मिस लीना और एक फोटोग्राफर उपस्थित थे। लीना ने कहा ’’ आप सब लोग बारी-बारी से अपने जोड़े के साथ आइये हम आप को कुछ क्षणों के लिये काजोल और शाहरुख खान की तरह रोमांस का अवसर देंगे, यानि कि जिस पोज में उन दोनों ने गाना गाया था उसी पोज में आप सब की फोटो लेंगे।‘‘

यह सुन कर सभी को मजा आ गया।लीना ने कहा ‘‘तो चलिये देखते हैं कौन सा जोड़ा आज का सबसे रोमांटिक जोड़ी का खिताब पाता है । ’’

निमिषा बोली ’’ सचिन प्लीज जरा अच्छा पोज देना ये टाइटिल हमें ही जीतना है। ‘‘

संजना बोली ‘‘तुम्ही ट्राई करो मेरा हसबैंड तो बोर है।’’

निमिषा ने ऋषभ को आवाज दी ’’सुनिये ऋषभ आप की बीबी के आपके बारे में क्या महान विचार हैं । ’’

‘‘मुझे पता है वो बोला होगा मैं बोर हूँ ’’ यह सुन कर सब हँसने लगे ।

अनुभा ने कहा ‘‘यानि कि तुम्हें पता है कि संजना तुम्हारे बारे में क्या सोचती है ।’’

‘‘आंटी आप बताइये कौन सा जोड़ा सबसे रोमांटिक होगा ’’ निमिषा इसी में उलझी थी।

‘‘मेरे विचार से मान्या और महिम की जोड़ी जीतेगी।’’

तभी लीना ने कहा ’’आइये कैमरा तैयार है।‘‘

उसने सबसे पहले मीना और श्री श्रेष्ठ को बुलाया, उसने श्री श्रेष्ठ से कहा ’’आप घुटनों के बल बैठ कर मीना जी को प्रपोज करिये ।‘‘

श्री श्रेष्ठ सबके सामने हिचक रहे थे ।उनको झेंपता देख कर सबको मजा आ रहा था । उसके बाद लीना ने निमिषा और सचिन को बुलाया उन्होने बेधड़क एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल कर पोज दिया सबने ताली बजा कर उनका उत्साहवर्धन किया।संजना ने ऋषभ से कहा ‘‘ये हुई कुछ बात देखों तुम भी सीखो।‘‘

अब बारी थी रामचन्द्रन की, उनकी श्रीमती ने तो फोटो खिंचवाने से ही मना कर दिया।जब अनुभा और रजत की बारी आई तो अनुभा मन ही मन घबरा रही थी कि पता नहीं कौन सा पोज बनाने को कह दे पर गनीमत है कि लीना ने उनसे हाथ में हाथ डाल कर खड़े होने को कहा ।

लीना की दृष्टि यशील पर पड़ी तो उसने कहा ‘‘ओ यंग मैन तुम अकेले हो क्या तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है?’’

यषील हँस दिया। निमिषा धीरे से बोली ‘‘हैं तो, पर मुश्किल ये है कि एक नहीं दो-दो हैं अब बेचारा किसके साथ फोटो खिंचवाये।’’

तभी चंदन ने कहा ‘‘वैसे ये तो फिल्म की शूटिंग है इसमें हीरो के रोल में यशील है तो हीरोइन का रोल कुछ देर के लिये कोई भी कर सकता है जैसे अर्चिता या वान्या।’’

यशील ने उसको आँखें दिखाते हुये कहा ‘‘ चंदन प्लीज स्टाप इट। ’’

लीना ने संकेत से कहा ‘‘ मैन तुम भी चुप-चुप से खड़े हो अरे आगे आओ ’’ संकेत का मूड अभी भी बिगड़ा था उसने कहा ‘‘ मुझे किसी लड़की में इन्टरेस्ट नहीं है। ’’

‘‘ ओके बाबा पर फोटो तो खिंचवा लो जब किसी लड़की में इन्टरेस्ट हो जाए तब उसे इस फोटो में जोड़ लेना ’’लीना ने हँसते हुए कहा।

संकेत बेमन से फोटो खिंचवाने खड़ा हो गया।

फिर सभी जोड़ों की लीना के साथ आए फोटोग्राफर ने उसी पोज में फोटो खींची जिसमें शाहरुख खान और काजोल की थी और कुछ क्षणों के लिये सब स्वयं को उनके स्थान पर अनुभव करने लगे थे। चर्च का अनुभव सभी के लिये अद्भुत था। सब लोग युवा और बुजुर्ग अपनी आयु को भूल कर मस्ती के मूड में थे। अनुभा को आज सबको देख कर एक विज्ञापन की पंक्तियाँ स्मरण हो गयीं कि आयु गिनती से नहीं अनुभूति से होती है।

अब ये कारवाँ स्विटजंरलैंड की राजधानी बर्न गया। बर्न स्विटजरलैंड की राजधानी है यहाँ भी ज्युरिख की तरह पत्थरों से बनी इमारतें थीं । सबने बर्न का पार्लियामेंट देखा वहाँ का फेडरल एक खूबसूरत इमारत है इसमें एक नीले डोम वाला हाल और दो चैम्बर हैं।उत्तर की ओर उसके ऊपर तीन मूर्तियाँ थीं सुमित ने बताया किं बीच की मूर्ति राजनीतिक स्वतंत्रता का प्रतीक है बांई तरफ की एक्जीक्यूटिव बाडी और दाहिनी तरफ की मूर्ति लेजिस्लेटिव बाडी का प्रतीक है। इसके दो कोनो पर शेर के शरीर और चील के सिर और पंख वाली मूर्तियाँ हैं जो शक्ति और बुद्धि का प्रतीक हैं।

रामचन्द्रन ने कहा ’’यानि कि यह वान्या का प्रतीक है‘‘।

वान्या खुश हो कर बोली ’’थैंक्स अंकल, मुझे इंटेलिजेंट और पावरफुल समझने के लिये‘‘ उसने जोर से कहा जिसमें दूर खड़ा यशील सुन ले ।

अर्चिता और वान्या की प्रतिद्वन्दिता का सभी ने ध्यान दिया था, बात यहीं तक होती तो गनीमत थी, पर जाने-अन्जाने उस यात्री ग्रुप में दक्षिण से आये यात्रियों और उत्तर से आये यात्रियों का अलग-अलग गुट बन गया था और अपरोक्ष रूप से उत्तरवासियों का दल अर्चिता के पक्ष में था तो दक्षिण से आये लोगों का दल वान्या के पक्ष में था। संभवतः इसी भावना के वशीभूत रामचनद्रन ने वान्या की प्रशंसा की थी।

इस पर श्रीमती चन्द्रा ने कहा ’’आपको क्या पता कि हमारी अर्चिता कितनी इंटेलिजेंट और स्ट्रांग है।’’

’’मैंने ये तो नहीं कहा कि आपकी बेटी इंटेलिजेंट नहीं है मैंने तो बस वान्या की तारीफ की थी।‘‘

’’ पर आपने जैसे कहा उससे तो साफ स्पष्ट था कि आपके अनुसार तो बस वान्या ही इंटेलिजेंट है।‘‘

तब सुमित ने कहा ’’प्लीज आप लोग मैच्योर हैं, बात को मजाक में लीजिये और आनन्द उठाइये‘‘ बात वहीं समाप्त हो गई पर उस दिन उन दोनो के मध्य जो खटास आ गई वो अंत तक परिलक्षित होती रही। कभी-कभी मनुष्य बड़ा तो हो जाता है पर वह अपनी संकुचित मानसिकता के बंधन में इस कदर जकड़ा होता है कि आयु में बड़ा होने पर भी विचारों से बड़ा नहीं हो पाता है। यहाँ वान्या और अर्चिता का व्यवहार तो स्वाभाविक था पर उनकी माँओं की खींचतान बेटियों की आड़ में उनकी अपूर्ण महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति थी और अब यह दक्षिण और उत्तर का बँटवारा इंसान की अनुदारता का दुखद और चिंतनीय पक्ष था।

मीना ने लीना से पूछा ’’ मैडम अब हम लोग कहाँ जाएँगे?‘‘

’’ अब हम आप लोगों को वहाँ ले जाएंगे जहाँ अभिषेक और ऐश्वर्या पर ‘ढाई आखर प्रेम का ’फिल्म का गाना फिल्माया गया था ‘‘ लीना ने मुस्कराते हुए कहा ।

निमिषा ने उत्साह से कहा ’’ कोई ताजा हवा वाला गाना?‘‘ लीना ने कहा बिल्कुल सही ‘‘आपको फिल्मी गानों की काफी जानकारी है ।‘‘

लीना ने सबके चेहरे की प्रतिक्रिया देखने के लिये पीछे मुड़ कर देखा तो उसे निराश नहीं होना पड़ा क्या बड़े क्या छोटे सभी के चेहरे पर प्रसन्नता और उत्साह की धूप खिल कर उजाला फैला गयी थी।काजोल और शाहरूख बनने के बाद अब अभिषेक और ऐश्वर्या बनने का सपना जो पूरा होने वाला था ।

अब सब लोगों को यश चोपड़ा टीम, क्लाक टावर वाली सड़क पर ले जाया गया यहाँ एक ईंट से बनी चैाड़ी सड़क है जिसके बीच में ट्राम की पटरी है और बीच में एक क्लाक टावर है । सड़क के दोनों ओर स्विटजरलैंड के सभी 26 प्रदश जिन्हे कैन्टन कहते हैं के झंडे लगे है।सुमित ने बताया ’’ ये कैन्टन फेडरल स्टेट स्विटजरलैंड के सदस्य प्रदेश हैं और स्वयं में पूर्णतः स्वतंत्र हैं ।‘‘

अभी सुमित बता ही रहा था कि लीना ने कहा ’’आइये एक बार फिर आप लोग हनीमून कपल बन जाइये‘‘ यह सुन कर निमिषा सबसे पहले आगे आयी और सचिन की कमर में हाथ डाल कर उसके कंधे पर सिर रख कर समर्पित प्रेमिका सी खड़ी हो गई।

’’ ये बात हुई, इसको कहते हैं स्पोर्टिंग स्पिरिट ‘‘लीना ने उन्हे प्रोत्साहित किया।

संजना के व्यंग्य के प्रभाव से ऋषभ ने भी साहस दिखाया और संजना का हाथ पकड़ कर आगे आ कर फोटो खिंचवाने के लिये खड़ा हो गया। उसकी हिचक देख कर लीना ने मजाक किया ’’ वैसे ये तुम्हारी वाइफ ही है न?‘‘

इस पर ऋषभ को जोश आ गया उसने संजना को कस कर अपनी बाहों में समेट लिया और लीना ने दो चार शाट ले डाले।

फिर उसने यशील से कहा ’’ क्या यंग मैन किसी लड़की को तो मनाओ साथ फोटो खिंचवाने के लिये ।’’

अचानक सबको हतप्रभ करते हुए यशील अर्चिता का हाथ थाम कर पोज देने के लिये खड़ा हो गया। अर्चिता भी उसके और समीप सरक आयी।

और कोई समय होता तो निश्चय ही श्री चन्द्रा को उसका यह दुस्साहस गले न उतरता और वह श्रीमती चन्द्रा से कहते ’’अर्चू कुछ ज्यादा ही ढीठ हो गई है हर बात की एक सीमा होती है‘‘ पर अब उनके सोचने की दिशा बदल गयी थी उन्हें भले यह रुचिकर नहीं लगा पर चुप ही रहे और दूसरी ओर चले गये।

यशील के इस कदम ने वान्या ही नहीं लता जी के साथ-साथ सभी लोगों में सुगबुगाहट उत्पन्न कर दी। लता जी ने मीना से कहा ’’ आजकल की लड़कियाँ अच्छा लड़का देख कर उसे पटाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं ।‘‘

उसी समय वान्या ने यशील का हाथ थामते हुए कहा ’’ यशील कम आन वन क्लिक विथ मी ।‘‘

यशील ने कहा ’’श्योर ‘‘ और फोटोग्राफर उनकी फोटो लेने लगा।

श्रीमती चन्द्रा अवसर कहाँ चूकने वाली थीं उन्होने तुरंत लता जी से कहा ’’ अब बताइये कौन किसके पीछे पड़ा है ?‘‘

लता जी इधर-उधर देखने लगीं। लीना के साथ आये फोटोग्राफर ने वहाँ भी हर जोड़े की फोटो ली, किसी ने अपने पार्टनर की कमर में हाथ डाल कर फोटो खिंचवाई तो किसी ने बाहों में बाहें डाल कर स्वयं में प्रणयी-युगल की कल्पना की। रजत भी पूरे रोमांटिक मूड में आ गये और अनुभा के कंधे पर झुक कर खड़े हो गये फोटो खिंचवाने के लिये।

इसके बाद सब अपना-अपना दल बना कर उस बाजार में घूमने लगे । वहाँ की अधिकतर दुकाने पारम्परिक ढँग की बनी थीं जहाँ कुछ लोगों ने वहाँ की प्रसिद्ध स्विस घड़ियाँ खरीदीं। वापस आ कर होटल में दिन भर की थकान से त्रस्त सभी लोग लाबी में पहले से तैयार बड़े से कंटेनर में रखी चाय पर टूट पड़े।

रात्रि के भेाज में गर्मागर्म दक्षिण भारतीय व्यंजन थे जिन्होने स्विटजर लैंड की ठंडी वादियों में दक्षिण भारत की अनुभूति करा दी थी।सब भेाजन में व्यस्त थे रामचन्द्रन, सुनयना तो डोसा देख कर प्रसन्न ही हो गये।यशील, चंदन, ऋषभ और संजना चिकेन करी लेने चल दिये । अर्चिता इडली उपमा ले रही थी । निमिषा ने आ कर अनुभा से कहा ‘‘आंटी मुझे तो नानवेज देख कर ही घबराहट होती है पता नहीं लोग कैसे खाते हैं?‘‘

अनुभा ने उसे चुप कराते हुए कहा ’’ तुम नहीं खाती ठीक है पर इसका यह अर्थ नहीं कि कोई न खाये, जब सार्वजनिक जगह पर रहो तो दूसरे की पसंद का सम्मान करना ही चाहिये ।‘‘

भोजन के मध्य ही सुमित ने आ कर घोषणा की ’’ कल सब लोग ठीक आठ बजे ब्रेकफास्ट ले कर तैयार रहियेगा और इसी लॅाबी में मिलियेगा क्योंकि हम लोग जंगफ्रो जाएँगे ।‘‘

’’वाउ जंगफ्रो? वहाँ तो स्नो फाल देखने को मिलेगा न‘‘ मीना ने पूछा।

सुमित ने कहा ’’आई होप सो, बस आप लोग मनाइये कि धूप न निकले ।‘‘

’’ वैसे मेरी भगवान से सेटिंग है अगर वो मान गये तो कल आप लोग स्नो फाल देख लेंगे‘‘ सुमित ने कहा, सब हसने लगे ।

ऋषभ ने कहा ’’ हम लोग भगवान से प्रार्थना करेगा ।‘‘

निमिषा बोली ’’ अगर इतनी दूर आ कर स्नोफाल देखने को नहीं मिला तो बहुत बुरा होगा। ’’

क्रमशः----------

अलका प्रमोद

pandeyalka@rediffmail.com