From Bottom Of Heart - 4 Jiya Vora द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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From Bottom Of Heart - 4

1.Kheriyat maat pucho hamari,
Hum to sirf unhi ke khwaab mein rehte hai!
Unse dur chahe kitne bhi ho fasle,
Par hum to sirf unhi ke dil mein dhadak te hai!

2.थे हमारे रास्ते जुदा,
पर हरदम मैंने उन्ही का साथ पाया|
उनके ख्वाब में कुछ ऐसा रंगी,
कि मंजूर है अब तो सिर्फ उन्हीं का साया|

3.आसमान से आगे जहाँ और भी है,
डर के सामने हिम्मत और भी है|
हर दफा जिंदगी चाहे अलग मोड़ क्यों ना ले,
लेकिन राहो से आगे मंजिल और भी है|

4.दोस्त!
वो पल ही क्या जो तेरे साथ ना गुजारा हो,
वो शरारतें ही क्या जो तेरे साथ में ना की हो,
दुआ यही है रब से कि हमें हमेशा दिल से करीब रखें,
क्योंकि वो जिंदगी ही क्या जिसमें तुम्हारा साथ ना हो|

5.

खुली आँखों से देखे वह सपने,
न जाने कब हकीकत होंगे|
कामयाबी के लिए वह कोशिशे,
न जाने कब सफलता को छुएंगे |

उम्मीद है आज नहीं तो कल,
जरूर छाएँगे कामयाबी के बादल,
अपनी मेहनत पर विश्वास है मुझे,
जरूर जीते जाऊंगी जिंदगी की हर एक जंग|

6.कहना चाहती थी तुझे, पर दिल की बात को कभी कह न पाए|
रोकना चाहती थी तुझे, पर मेरी जिंदगी से दूर जाने से तुझे रोक भी ना पाए |
न जाने कैसा रिश्ता है यह हमारा,
तोड़ना चाहती थी हमारी प्यार की बुनियाद को,
पर अफसोस मैं तो तुम्हें भुला तक ना पाए|

7.सीखा है हमने गम में भी खुशियों को ढूंढना,
सीखा है हमने निराशा में भी मुस्कुराना|
ना ही कोई रोक सकता है हमें सफल होने से,
क्योंकि सीखा हैँ हमने हार के भी जितना|

8.सवेरा हुआ,
आज पहली बार अपनी खामी को कोसना छोड़,
अपने अंदर रही खूबी को पहचाना|
एहसास हुआ कि,
आज पहली बार खुद पर गौर किया,
और अपने आप से प्यार हुआ|

9.झुकूँगी नहीं इस तूफान के आगे,
ना कभी हार मानूंगी लड़खड़ाते हुए|
किस्मत पर नहीं और ना ही हाथ की लकीर पर,
विश्वास करती हु तो सिर्फ अपने कर्म और हिम्मत पर|

10. खुशियां!
बहुत खोजा, हर जहां पर ढूंढा,
पर न जाने यह खुशियां कहां मिलती है?
है तो यहीं कहीं हमारे बीच,
हमारे पास,
हमारे साथ,
बस उससे मिलने की देर है|
कुछ लोगों को खुशियां अपने आप ही मिल जाती है|
और कुछ लोग कभी खुशियों की राह नहीं देखते,
कभी उसका इंतजार नहीं करते,
खुशियां भले ना मिले,
वह खुशियों से जरूर मिल लेते हैं|
बस उसे ढूंढने देर है |
तो ढूंढो उन्हें,
उन छोटी-छोटी बातों में,
उन हंसते खेलते लम्हो में,
उन प्यार भरे पलों में,
और उन छोटी सी नोकझोंक में|
ढूंढती थी राह पर,
लेकिन खुशी मिली अपनों के बीच,
अपनों के साथ,
बस अब से उसे महसूस करने की देर है|

11.जिंदगी चाहे कितने भी मोड़ ले,
लेकिन राह हमेशा होगी मंजिल की और|
आज भले निराशा के बादल छा गए हो,
लेकिन कल उम्मीद की किरणें होगी चारों ओर|

12.दुनिया बहुत रुलाती है असफल होने पर|
लोग कहते कि हम हार गए नाकामयाब होने पर|
लेकिन उन्हें क्या पता,
कि हम हारे नहीं जीत के और करीब हुए हैं|