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विचित्र प्रेम पत्र

विचित्र प्रेम पत्र


यह कहानी एक लड़के की है। जो अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी की तलाश कर रहा था। नौकरी तो उसे बहोत मिली पर कही मन लगा नहीं। आखिर उसने खुद की फ़ास्ट फ़ूड की दुकान शुरु करने का सोचा। लड़के को खाना बनाने का बड़ा शौक था इसीलिए उसने यह दुकान के बारे में सोचा। उसके पास पैसे थे नहीं उसने अपने एक मित्र से लोन के बारे में बात की, मित्र ने कहा तुम लोन की चिंता मत करो तुम्हारे लोन में पास करवा दूँगा सिर्फ तुम अपना अर्ज सही से देना और उसमे होनेवाले सारे खर्च का अच्छे से विवरण देना।

लड़का काफी समझदार था इसलिए उसने सोचा क्यों न दुकान में सारा सामान या तो हो सके उतना सामान पुराना इस्तेमाल किया जाए। उसने एक विद्यालय में बात की जहाँ उसे पुरानी बेंचेस मिल जाए। जो भी उसके दुकान में आए उसे भी अपने विद्यालय की याद आ जाए। इसी तरह उसने अपने सारे खर्च की यादी बना ली और लोन के लिए अर्ज भी कर दिया।

जहाँ उसे यह दुकान खोलनी थी वहां पर वह थोड़े दिन जाकर देखता था की कितने लोगो का आना जाना लगा रहता है जिससे उसके दुकान में लोगो का आना जाना बढ़ सके। वहीँ पर उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी और पहली नजर वाला प्यार उसे भी हो गया। फिर क्या होना था रोज उस लड़की को छुप छुप कर देखना शुरु कर दिया। अब उसकी बड़ी परेशानी यह थी की आखिर उसे बताये भी तो कैसे की वह उसे सच्चा प्यार करता है। एक तो नौकरी नहीं ऊपर से दिखने में भी कोई हीरो तो है नहीं की लड़की तुरंत हाँ बोल देगी।

कुछ दिन बाद उसे ख्याल आया की अगर में लड़की को थोड़ा हटके बताएँ की में उससे प्यार करता हूँ तो शायद हाँ बोल दे। कई बार ऐसा होता है की लड़के के प्यार के इज़हार करने का तरीके से लड़की खुश हो कर हाँ कर देती है। बस फिर क्या यह भी कोई एक तरीका ढूंढने में लग गया। कुछ समझ नहीं आ रहा था तो आखिर गूगल का सहारा लिया उसमे भी बेचारा कई वेबसाइट पर रजिस्टर कर कर के सच्ची प्रेम कहानी पढ़ता रहा पर कुछ मिला नहीं। फिर उसने सोचा क्यों न रेडियो पर रात में लव गुरु को सुने वहां से कुछ मिल जाए। वहां से भी उसे निराशा ही हाथ लगी।

कुछ दिन बाद उसे एक तरकीब मिली। थोड़ी दाढ़ी रखी और थोड़े पुराने से कपड़े पहनकर उस लड़की के पास गया और उसे लिफाफे में एक पत्र दिया। लड़की ने आवाज़ दी यह किसने दिया ? पर लड़का कुछ बोला नहीं और चला गया। लिफाफे पर लड़की का नाम था तो उसने भी ले लिया और ऑफ़िस में देरी हो रही तो लिफाफा अपने बैग में रख लिया। लड़की कॉल सेंटर में काम करती थी तो वहां तो थोड़ा भी समय मिलता नहीं था की वह लिफाफा देख सके और उसे याद भी नहीं रहा। शाम में घर जाते वक़्त उसे अचानक याद आया की लिफाफा तो देखा ही नहीं। सामने से बस आते हुए देख उसने फिर से लिफाफा बैग में रख दिया। बस में शाम के वक़्त गर्दी रहती है और आज भी थी तो उसे लिफाफा पढ़ने का मौका नहीं मिल रहा था।

उसे बैठने की जगह मिल गयी तब उसने वो लिफाफा निकाला। लिफाफा खोला तो उसके अंदर एक और लिफाफा था जिस पर पहली लाइन में ५ बार, दूसरी लाइन में ४ बार, तीसरी लाइन में ३ बार, चौथी लाइन में २ बार और पांचवी लाइन में १ बार प्लीज लिखा था और नीचे लिखा था की यह लिफाफा तब ही खोलना जब तुम अकेली हो, आस पास कोई ना हो और तुम्हारा मन भी शांत हो। लड़की थोड़ा चिंतित हो गयी और फिर उसने लिफाफा फिर से बैग में रख लिया सोचा घर जाकर आराम से देखती हूँ। घर पहुंचते ही उसने देखा की घर पर मेहमान आए हुए थे। मेहमान जाने के बाद रात में उसने लिफाफा खोला। उसमे लिखा था Hi मेरा नाम………... छोडो वो तो मिलने पर ही बताऊंगा। वैसे में ग्रैजुएट हूँ। नौकरी कर कर के थोड़ा परेशान हो गया हूँ तो अपना खुद का व्यवसाय के बार में सोच रहा हूँ और लोन के लिए अर्ज भी कर दिया है और जल्द ही लोन पास भी हो जाएगा। बाकी की जानकारी आगे धीरे धीरे तुम्हें पता चल जाएगी।

अब तुम सोच रही होगी की यह सब में तुम्हें क्यों बता रहा हूँ। यह सब में तुम्हें इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि तुम खूबसूरत हो, मेरी नजर में तो बहोत खूबसूरत हो। और इसी कारण में तुम्हें पसंद करता हूँ। में जानता हूँ तुम्हारा जवाब ना है पर मेरी तुमसे एक बिनती है की तुम मुझे मना आज से लेकर १५ दिन बाद करना। १५ दिन बाद यानी की २६ तारीख को। तुम चाहो तो इसी पत्र पर मना कर देना या तो फिर कोई अलग पत्र पर लिख कर दे देना।

अब तुम सोच रही होगी यह हे कौन ? में वही हूँ जिसने तुम्हें यह लिफाफा दिया। देखो अगर तुम्हें गुस्सा आ रहा है तो अपने गुस्से को काबू में रखो और जो कुछ कहना है, लड़ना है, झगड़ना है सब २६ तारीख को करना। हो सकता हे २६ से पहले एक दो बार हमारी मुलाकात हो सकती है पर २६ तारीख याद रखना।

लड़की को सच में बहोत गुस्सा आ रहा था पर २-३ दिन बाद गुस्सा शांत हो गया। ४ दिन बाद जब लड़की बस से उतरी तो यह उसके सामने से बाइक लेकर गया लड़की ने पहले तो सोचा की उसे रोक कर उसकी खबर लेती हूँ पर फिर सोचा २६ को ही देखती हूँ खुद ही आएगा।

दिन भर दिन लड़के की दाढ़ी बाल बढ़ते जा रहे थे और लड़की भी सोच रही थी आखिर यह क्या दिखाना चाहता है। लड़की ने भी सोचा ऐसा जवाब दूंगी याद करेगा जिंदगी भर। आखिर २६ तारीख आ ही गई लड़की बस से उतरी तो आगे बाइक पर एक लड़का बैठा था। लड़की पास आते ही उसने कहा मेरा लिफाफा ? लड़की ने उसे पहले पहचाना ही नहीं क्योंकि इस वक़्त वो अपनी दाढ़ी और बाल बढ़िया से सेट करके आया, नए कपड़े और जूते पहनकर आया था। लड़की ने भी बिना कोई सवाल पूछे हुए अपने बैग से बड़ा सा लिफाफा जी हाँ A३ साइज का लिफाफा उसे दिया और चली गई।

लड़का जानता था लिफाफा में ना भी हो सकता है इसे रात में ही देखूँगा जिससे दिन अच्छा गुज़रे। रात में उसने जब लिफाफा देखा तो उसमे A३ साइज के लिफाफा में A३ साइज का पेपर में बड़े अक्षरों में वो भी लाल रंग में "NO" लिखा था। लड़के को बुरा तो लगा पर उसने सोचा कोई बात नहीं। थोड़े दिन तकलीफ़ होगी पर सब ठीक हो जाएगा। जिंदगी भर अफ़सोस तो नहीं रहेगा ना की एक बार भी पूछा नहीं था लड़की को।

दो दिन बाद लड़की जब बस से उतरी तो उसने उस लड़के को एक दुकान के पास देखा तो उसके पास गयी और बोली सुनो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। लड़के ने कहा, बोलो लड़की बोली अभी नहीं कल शाम ५ बजे तुम मुझे यहीं मिलना। लड़के ने कहा पर तुम्हारा ऑफ़िस समय तो ५.३० तक है। लड़की बोली अच्छा, तुम शाम ५ बजे आना। लड़का दूसरे दिन ५ बजे पहुँच गया लड़की भी थोड़े समय बाद आई। लड़के ने तुरंत पूछा बोलो क्या बात करनी है ? लड़की बोली ऐसे यहाँ नहीं, तुम्हारी उस दिन वाली बाइक कहाँ है ? लड़का बोला वो बाइक मेरे भाई की है। लड़की बोली सिर्फ बाइक ही भाई की थी या कपडे, जूते सब भाई का था ? लड़का बोला नहीं सिर्फ बाइक ही भाई की थी बाकी सब मेरा ही था। लड़की बोली चलो थोड़ा आगे वहां से रिक्शा मिल जाएगी। लड़का बोला कहीं जाना है क्या ? लड़की बोली क्यों डर लग रहा है क्या ? लड़का बोला ऐसी बात नहीं में अपना वॉलेट लाया नहीं हूँ। लड़की बोली चलो अब। दोनों रिक्शा से एक होटल में गए जहाँ एक कैफेटेरिया भी था जहाँ लोग खाने के साथ साथ खुली हवा और खुले आसमान का भी आनंद ले सके। दोनों वहां पहुंच कर २ सैंडविच और २ चाय का आर्डर दिया। लड़की ने अपना मोबाइल अपने बैग में रखते हुए कहा बोलो। लड़का बोला क्या बोलू ? लड़की बोली यहीं की जो तुमने पिछले १५-२० दिन में नाटक किया वही। लड़का बोला वो नाटक नहीं हकीक़त था। लड़की बोली अच्छा, तो बताओ क्यों किया तुमने ये सब ? लड़का बोला कुछ नहीं में तुम्हें पसंद करता हूँ इसलिए सब किया। लड़की बोली तुम्हें क्या लगा तुम थोड़े दिन बाल बढ़ाओगे, दाढ़ी बढ़ाओगे, थोड़े पुराने कपड़े पहनकर मेरे सामने आते रहोगे फिर अचानक जेंटलमेन बनकर सामने आ जाओगे तो में हाँ कर दूंगी ? लड़का बोलै ऐसी बात नहीं मेने कुछ अलग करने की कोशिश की पर ना कामयाब रहा।

तुमने यह सब के लिए १५ दिन का समय क्यों लिया २-३ दिन का भी समय ले सकते थे। वो १५ दिन मेरे लिए बहोत अच्छे गुज़रे, रोज यही सोचता था की अगर हाँ बोल दिया तो क्या करुंगा। लड़की बोली अच्छा, और यह बताओ २६ को ऐसा क्या खास था जो तुमने २६ तारीख ही चुनी। लड़का दूसरी और देखते हुए बोला २६ को मेरा जन्मदिन था। लड़की बोली अच्छा, तो फिर तुमने अपने विचित्र प्रेम पत्र में लिखा क्यों नहीं ? लड़का बोला कुछ लोग अपने प्यार का इज़हार करने के लिए झूठे जन्मदिन का सहारा लेते है। अगर मेने पत्र में लिख दिया होता तो तुमने भी मुझे २६ को जवाब नहीं दिया होता, २६ के बाद ही जवाब दिया होता। कोई भी नहीं चाहेगा की उसके वजह से किसी का जन्मदिन ख़राब हो। फिर लड़की बोली और सबसे पहले तुम ये बताओ की जब तुम्हे पता था की में ना ही बोलने वाली हूँ तो फिर यह सब ड्रामा क्यों किया। लड़का बोला मेरी माँ हमेशा कहती है अगर तुम्हें किसी भी काम में कामयाबी का १ प्रतिशत भी नजर आये तो वो काम ज़रुर करना चाहिए क्योंकि कामयाबी और तुम्हारे बिच सिर्फ दो ०० का ही अंतर होता है। लड़की बोली अच्छा, अब मुझे देर हो रही है मुझे जो भी पूछना था मेने पूछ लिया अब हमें निकल ना चाहिए। बहार निकलते वक़्त लड़की ने लड़के को ५० रुपये दिए और कहा ये लो तुम्हे रिक्शा से जाने के लिए। लड़का बोला रहने दो चला जाऊँगा। लड़की बोली अरे रख लो। लड़का ने कहा ठीक है कल तुम्हे १५० रूपये लोटा दूंगा। लड़की बोली १५० रुपये? लड़का ने कहा ७५ रुपये सैंडविच के, २५ रुपये चाय के और यह ५०। लड़की बोली अच्छा, हिसाब किताब अच्छा कर लेते हो। लड़की बोली सुनो अब २ दिन मेरी छुट्टी है और उसके दो दिन बाद में आऊंगी की पता नहीं तो तुम एक काम करो ऑनलाइन ही भेज दो यह रहा मेरा मोबाइल नंबर UPI के जरिए भेज देना।

लड़की उसे बाय बोल कर चली गई। लड़का आगे चलते चलते अपने आप से बात कर रहा था यह लड़की ने मना कर दिया फिर भी मुझे अपने इशारे पर नचा रही है, अगर हाँ बोल देती तो क्या करती। कितना बोलती है, लेकिन लड़की अच्छी है सामने वाले को भी बोलने का मौका देती है। रात में १० बजे लड़की को मेसेज किया, पैसे भेज दिए है। लड़की ने कुछ देर बाद उत्तर दिया इतनी भी क्या जल्दी थी लोन पास होने के बाद भेज देते। लड़का बोला तुम्हे जल्दी थी में तो तुम्हे मिलकर ही पैसे देनेवाला था पर तुमने ही अपना नंबर दे कर ऑनलाइन भेजने को कहा। लड़की बोली में कब आऊंगी पता नहीं तुम बेकार में धक्के खाओगे, इसलिए मेने ऑनलाइन कहा था, ठीक है अब भेज ही दिए है तो में चेक कर के बताती हूँ।

फिर सीधा सुबह ही लड़के को मेसेज आया पर पैसे मिलने का नहीं, सुबह सुबह प्रेरणादायक वाला मेसेज आया था। लड़के ने उत्तर दिया यह क्या है ? लड़की ने कहा मेरे पास अच्छे मेसेज हे जो में रोज लोगो को भेजती हूँ ताकि लोगो को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले तो तुम्हें भी भेज दिया। लड़के ने कहा मुझे कोई प्रेरणा नहीं चाहिए। फिर दूसरे दिन वैसा ही मेसेज आया और निचे लिखा था गलती से भेज दिया कल से नहीं आएगा। उसके दूसरे दिन सुबह ही लड़की ने कॉल करके लड़के को कहाँ देखो में आज ऑफ़िस आ रही हूँ तुम आज मुझे मिलना। लड़के ने पूछा कुछ काम है ? लड़की ने कहा तुम्हारा विचित्र पत्र वापस करना है। लड़का अच्छा, लड़की ने बिच में ही टोका अच्छा शब्द सिर्फ में बोलूंगी तुम नहीं लड़का बोला ठीक है शाम को ५ बजे मिलता हूँ। लड़की बोली ५ नहीं ६ बजे मेरा ऑफ़िस समय ५.३० तक है।

शाम को फिर दोनों मिले, लड़की ने बाइक देखकर पूछा अब किसकी बाइक लेकर आए हो ? लड़का बोला किसी की नहीं ये मेरी बाइक है, सर्विसिंग के लिए दी थी। लड़की बोली चलो जब बाइक लेकर आए हो तो मुझे उस होटल तक छोड़ दो। दोनों होटल पहुंचे लड़की ने फिर कहा अब यहाँ तक आये ही हे तो कुछ खा लेते है। लड़के ने कहा मुझे भूख नहीं है। लड़की ने कहा अच्छा, कोई बात नहीं तुम सिर्फ मेरे साथ बैठो मुझे अकेले जाने में थोड़ी दिक्कत होती है। लड़का मुस्कुराते हुए साथ में गया। अंदर जाते ही लड़की ने फिर २ सैंडविच और २ चाय का आर्डर दे दिया फिर लड़के की और देखकर बोली एक सैंडविच से कुछ नहीं होता खा लो। लड़की ने पूछा लोन का क्या हुआ पास हुई की नहीं ? लड़का बोला कल बैंक में बुलाया है तो शायद कल पास हो जाए।

लड़के ने थोड़ी हिम्मत करके फिर पूछा क्या तुम्हारा जवाब अब भी ना है ? लड़की बोली अरे इतने दिन से तो बता रही हूँ फिर भी तुम पूछ रहे हो। लड़के ने कहा शायद विचार बदले हो तो पूछ लिया। लड़की बोली तुम्हे ऐसा क्यों लगा की मेरा विचार बदला होगा। लड़के ने कहा एक तो तुम्हारा मोबाइल नंबर मुझे आसानी से मिल गया, दूसरा जो पत्र तुम्हें मुझे बस स्टॉप पर देकर चला जाना चाहिए था वह पत्र देने के लिए तुम मुझे फिर से यहाँ लेकर आयी। लड़की बोली मोबाइल नंबर तुम्हें पैसे भेजने के लिए दिया था और मुझे यहाँ की सैंडविच और चाय पसंद आये थे और भूख भी लगी थी इसका तुम कोई गलत मतलब मत निकालो।

रही बात पत्र की तो वो में इसलिए देना चाहती थी की कुछ लोगो का होता है ना पहला प्यार, पहला प्रेम पत्र वगेरा वगेरा। लड़के ने कहा अगर मन बदला हे तो बता दो। लड़की ने कुछ कहा नहीं। लड़के ने कहा मेरी बात का जवाब नहीं दिया। लड़की ने कहा ऐसे कोई सैंडविच खाते खाते जवाब थोड़ी देता है। लड़के ने कहा ठीक है खा लो सैंडविच फिर देना जवाब। लड़की ने कहाँ आज नहीं मिलेगा जवाब। लड़के ने कहा तो कब मिलेगा जवाब। लड़की बोली १० दिन बाद। लड़का बोला १० दिन ? लड़की तुरंत बोली जब तुम १५ दिन ले सकते हो तो क्या में १० दिन का समय नहीं ले सकती ? लड़का बोला वो तो मेरा जन्मदिन था इसलिए मेने १५ दिन लिए थे। लड़की बोली तो १० दिन बाद मेरा भी जन्मदिन हो सकता है। लड़के ने कहा देखो अगर तुम साफ़ साफ़ जवाब दोगी तो में कल से अपने काम पर ध्यान दे पाऊंगा। बिना वजह मेरा मन कहीं और भटकता रहेगा और काम भी नहीं कर पाऊंगा।

लड़की ने अचानक कह दिया हाँ में भी तुम्हें पसंद करती हूँ। लड़का तुरंत बोला मतलब मेरी मेहनत रंग लाई, मेरा इज़हार करने का तरीका तुम्हें पसंद आया। लड़की बोली बिलकुल भी नहीं। तुम मुझे पहली बार मिले तब तुम मुझे पसंद नहीं थे, जब तुम अपने जन्मदिन पर मिले तब भी तुम मुझे पसंद नहीं थे। मेरा विचार बदला हमारी इस होटल में हुई पहली मुलाकात से। तुमने बाहरी दिखावा का सहारा लिया था पर तुम मुझे तुम्हारी सच और सीधे सीधी बात करने की आदत से पसंद आए। मेने तुम्हें जब भी कुछ पूछा तुमने सब कुछ सच बताया और तुमने मोबाइल नंबर का कोई गलत इस्तेमाल भी नहीं किया, नाही कोई कॉल ना ही कोई मेसेज मतलब की बस तुम धीरे धीरे पसंद आ गए।

लड़के ने कहा मे ने सिर्फ एक ही झूठ बोला अगर अब सच बताऊ तो तुम नाराज़ तो नहीं होगी ना ? लड़की बोली पहले बताओ क्या झूठ बोला उसके बाद देखेंगे। थोड़ा डर लग रहा है अब, क्योंकि तुमने मुझे सच बोलने की आदत से पसंद किया और अब पहले ही झूठ सामने आएगा। लड़की बोली तुम बताते हो या नहीं। लड़का बोला मे ने तुमसे जो झूठ बोला वो यह है की की की मे ने तुम्हें १५० रुपये भेजे ही नहीं। लड़की बोली अच्छा, तो अब बता भी दो क्यों नहीं भेजे। लड़का बोला मुझे वो १ प्रतिशत वाला विश्वास था की हम फिर एक बार इसी जगह मिलेंगे और तब बिल में भरुँगा। लड़की बोली यार तुम्हारा १ प्रतिशत तो ९९ प्रतिशत पर भी भारी पड़ रहा है। फिर दोनों मुस्कुराते हुए बहार निकले। ६ महीनों बाद दोनों की शादी हो गई। अब दोनों मिलकर फ़ास्ट फ़ूड की दुकान चला रहे है।

सभी से यही कहना चाहूँगा प्यार करो तो सच्चा करो, इज़हार करने के लिए किसी भी तरह के झूठ का सहारा ना लो। आगे जाकर सच सामने आएगा तो फिर रिश्तों में दूरी बढ़ेगी। अगर किसी से सच्चा प्यार करते हो तो उसे बताओ हाँ कहे तो साथ में खुश रहना और अगर ना कहे तो उसकी ख़ुशी के लिए दुआ करन, यही सच्चा प्यार होता है।

जय हिन्द

नरेंद्र राजपूत
मुंबई

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