एहसास_ए_जिंदगी - 2 Sohail द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

एहसास_ए_जिंदगी - 2


एहसाास ए ज़िन्दगी...

कभी ज़िन्दगी सुकून देती है , और कभी वो बेसुकून कर देती है । कभी हम जीना नहीं चाहते , कभी ज़िन्दगी हमें जिने नहीं देती । अर्जुन को ट्यूमर था ।लेकिन जीने की ज़िद्द भी थी। दिया खुद को संभाल नहीं पा रही थी । साहिल और समय इस बात से अनजान थे । अर्जुन ने दिया से कहा " मुझे ट्यूमर है ये बात मेरे बच्चो को पता नहीं चलनी चाहिए मुझसे वादा करो ।और उन्हें मुंबई की बोर्डिंग स्कूल भेज दो " दिया ने भी अर्जुन की ख्वाहिश को पूरा किया ।समय और साहिल को मुंबई भेज दिया । कुछ दिन बाद अर्जुन को ऑपरेशन हुआ लेकिन वो कामियाब नहीं रहा । अर्जुन कोमा में जा चुका था । उसे ज़िन्दगी तो मिल गई थी ।लेकिन उसकी ज़िन्दगी में कोई एहसास बाकी नहीं रहा था। डॉक्टर ने दिया से कहा " अब अर्जुन के ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं है वो एक ज़िंदा लाश बन चुका है " दिया ये सुन कर बहुत परेशान हो गई ।
कुछ साल बीत गए लेकिन अर्जुन ठीक नहीं हुआ । दिया के एक मित्र ने उसे बताया के दिल्ली में एक डॉक्टर है जो अर्जुन को ठीक कर सकता है । दिया अर्जुन को ले कर दिल्ली के लिए निकल गई । और दिल्ली के अस्पताल में अर्जुन को एडमिट कर दिया । कुछ देर बाद अर्जुन को चेक करने एक डॉक्टर आया । दिया उसे देख हैरान हो गई। डॉक्टर ने कहा" हेलो दिया कैसी हो? दिया ने कहा कबीर तुम यहां कैसे । कबीर ने कहा " कबीर नहीं डॉक्टर कबीर कहो दिया जिस हाल में तुम मुझे छोड़ कर गई थी तुमने क्या सोचा था में जी नहीं पाओगा। आज तुम्हारे धोके ने मुझे डाक्टर बना दिया । तुम नहीं जानती 6 साल पहले तुमने क्या किया था?
6साल पहले 1986.....

कबीर और दिया दोनो बचपन के दोस्त थे ।दिया के लिए तो कबीर उसका दोस्त था ।लेकिन कबीर के लिए दिया दोस्त से कुछ ज़्यादा थी। कबीर दिया से प्यार करता था। एक दिन कबीर अपनी मां के साथ दिया के घर शादी का रिश्ता ले कर गया । दिया के परिवार को कबीर पसंद आया और दिया कि शादी कबीर से त्य की गई । लेकिन दिया कबीर को सिर्फ दोस्त मानती थी वो कबीर से शादी नहीं करना चाहती थी । दिया के परिवार वाले चाहते थे के दिया कि शादी कबीर से ही हो । कबीर और दिया कि शादी की जल्द से जल्द करने का फैसला लिया गया और आखिर कबीर और दिया कि शादी का दिन आ ही गया। इससे पहले कबीर और दिया कि शादी होती दिया अपने घर से भाग चुकी थी। दिया अर्जुन से प्यार करती थी इसलिए कुछ दिन बाद दिया और अर्जुन ने भाग कर शादी करली ।लेकिन उनके परिवार ने उन्हें कभी नहीं स्वीकार किया।

आज 1992....
दिया ने कबीर से माफी मांगी और कहा " कबीर मुझे माफ करदो में अर्जुन से प्यार करती थी इसलिए मुझे शादी से भागना पड़ा । अर्जुन ठीक नहीं है वो कोमा में जा चुका है प्लीज़ अब तुम ही आखरी उम्मीद हो कबीर अर्जुन को बचा लो अब अर्जुन ही मेरी ज़िन्दगी है और उसी से मुझे ज़िन्दगी का एहसास है ।

डॉक्टर कबीर: में एक डॉक्टर हूं। में अर्जुन का इलाज करुगा। लेकिन तुमने मेरे साथ जो किया में कभी माफ नहीं कर सकता दिया । और ये भी सच है कि में तुमसे अब भी बहुत प्यार करता हूं ।

दिया: में तुम्हारा एहसान कभी नहीं चुका सकती।

कबीर ने अर्जुन का इलाज शुरू किया धीरे धीरे अर्जुन ठीक होने लगा 5 साल बीत गए । अर्जुन अब बोलने लगा था । वो बोल सकता था और सुन भी सकता था लेकिन वो पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था । डॉक्टर कबीर को पता था के अर्जुन कभी ठीक नहीं हो सकता । कबीर ने अर्जुन को बताया के वो कभी ठीक नहीं हो सकता । अर्जुन को अपने बेटे और दिया कि फिक्र होती थी ।लेकिन अर्जुन ने खुद को संभाला। और एक ऐसा फैसला लिया जिसने दिया और कबीर को हैरत में डाल दिया।

कहीं से वो शुरू होता है ।कहीं वो ख़तम हो जाता है । ये ज़िन्दगी का एहसास है । जिसके लिए हम जीते है हम उसके लिए कुछ भी कर सकते है