Ehsaas e zindagi - 1 books and stories free download online pdf in Hindi एहसास_ए_जिंदगी - 1 (7) 2.6k 14.2k एहसास ए जिंदगी .. उसका सपना था इंजीनियर बनना। 2010 , 60% के साथ 12th पास किया और साथ ही उसका एडमिशन एक इंजीनियर कॉलेज में हो गया। वह अपने सपने को पूरा करने निकल चुका था ।लेकिन यह जिंदगी है यह इसकी कहानी है कुछ पालो तो खोने से दिल डरता है । दूसरी तरफ उसे इस बात का डर था कि क्या वह इंजीनियर बन पाएगा? कुछ लोग सपने देखते हैं और कुछ लोग उसे पूरा करने की हिम्मत करते हैं। उसना कर दिखाया अच्छे मार्क हासिल करके वह अपने फाइनल ईयर में पहुंच गया। उसके परिवार को उस पर गर्व था । लेकिन जिंदगी का खेल शुरू हो गया परीक्षा के कुछ दिन पहले ही उसने अपने बाबा को खो दिया जरूरी नहीं हम जो चाहे उसे पाय और जरूरी यह भी नहीं जो एक बार खो दिया उसे दोबारा पा नहीं सकते। 1987,सात वादो के साथ नेक इरादों के साथ अर्जुन और दिया ने साथ फेरे लिए ।अर्जुन और दिया एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे इसलिए अपने परिवार के खिलाफ जा कर दोनो ने शादी की थी,अर्जुन के मामा का एक छोटा सा घर था वहीं दोनो रहते थे ।घर छोटा था लेकिन इसमें प्यार बहुत था अर्जुन बच्चो को गणित सिखाया करता था। दिया भी संगीत सिखाया करती थी दिया की आवाज़ सुनकर ही तो अर्जुन को उससे प्यार हुआ था। दिया का जन्मदिन आने वाला था और अर्जुन उसे कुछ देना चाहता था लेकिन उसके पास इतने रुपए नहीं थे के वो कुछ खरीदे। अर्जुन ने एक कागज लिया और उसपे अपने दिल की बात लिख दी। आखिर दिया का जन्मदिन आ गया दिया अर्जुन से कहने लगी के तुम क्या लाए हो मेरे लिए ?अर्जुन ने कहा "मेरे पास तुम्हे देने के लिए कुछ नहीं है सिर्फ इस कागज के सिवा" दिया ने उस को देखा और पढ़ा भी ।अर्जुन ने कहा "मुझे माफ़" तब ही दिया ने अर्जुन का हाथ पकड़ा और ये गाना गुनगुनाने लगी "कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो " अर्जुन और दिया की शादी को 1 साल पूरा हो चुका था। और अब उनके हालात भी ठीक होने लगे थे अचानक से दिया की तबीयत बिगड़ और दोनों अस्पताल पहुंच गए अर्जुन ने डॉक्टर से पूछा , क्या हुआ है दिया को? डॉक्टर ने कहा"बात घबराने की नहीं खुशी की है मुबारक हो। 1989 अर्जुन और दिया के घर खुशियां आ चुकी थी उनके दो बेटे समय और साहिल। वक़्त धीरे धीरे गुजर रहा था वो अपनी ज़िन्दगी उसी तरह जी रहे थे जिस तरह वो चाहते थे। लेकिन हमेशा वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते है। बचपन से ही सुनते आरहे है,चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। 5 साल बाद.. अचानक से एक दिन अर्जुन को चक्कर आगया और वो ज़मीन पर गिर गया।और वो सब अस्पताल पहुंच गए। दो दिन तक अर्जुन को होश नहीं आया दिया ने डॉक्टर से पूछा ,क्या हुआ है अर्जुन को ?डॉक्टर ने कहा"अर्जुन को ट्यूमर है और उसके पास ज़्यादा वक़्त नहीं है। - सोहेल अली › अगला प्रकरणएहसास_ए_जिंदगी - 2 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Sohail फॉलो उपन्यास Sohail द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 2 शेयर करे आपको पसंद आएंगी एहसास_ए_जिंदगी - 2 द्वारा Sohail NEW REALESED Horror Stories जोखिनी - 1 Maya Fiction Stories अमावस्या में खिला चाँद - 4 Lajpat Rai Garg Love Stories द मिस्ड कॉल - 7 vinayak sharma Fiction Stories साथिया - 78 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Moral Stories सर्कस - 10 Madhavi Marathe Short Stories मुलाकात - 8 Anju Kumari Fiction Stories प्यार हुआ चुपके से - भाग 8 Kavita Verma Short Stories जादुई तोहफा Vijay Love Stories प्रेम गली अति साँकरी - 139 Pranava Bharti Moral Stories यूँ ही सफर में Arvend Kumar Srivastava