उसका प्रसब का समय करीब आने लगा उसका भाई उसे लेने आया ताकि आभा का पहला प्रसब मायके में हो सके।आभा की सास ने उससे सारे अच्छे कपड़े जेवर ले लिए और थोड़े से कपड़ों में उसे इस तरह मायके भेजा जैसे वो लौटकर कभी बापिस नहीं आएगी।घर आकर आभा अपनी माँ से लिपटकर खूब रोई।माँ के हालचाल पूछने पर वह खुद को रोक नहीं पाई और सारी बातें बताईं।उसकी माँ ठहरी पुराने सोच की औरत उसे समझाया कि बच्चे के जन्म के बाद सब ठीक हो जाएगा।पर यहाँ भी उसकी किस्मत उसे दगा दे गई उसने एक मरे हुए बेटे को जन्म दिया।आभा पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा ।उसके ससुराल खबर की गई।बेटे की सुनकर उसका पति आया और बेटे का अंतिम संस्कार करके आभा से बिना मिले ही बापिस चला गया।आभा समझ चुकी थी कि अखिल के घर में और दिल में उसके लिए कोई जगह नहीं हैं।वह अपनी माँ के साथ रहने लगी।दोनों भाई अपनी अपनी गृहस्थी लेकर पहले ही अलग हो गए थे।माँ बेटी पूजा पाठ में समय बिताने लगीं।हर पूर्णमासी को दोनों गंगा स्नान को जातीं और भजन पूजन करती।आभा ने एक स्कूल में नॉकरी कर ली पर उसके भाइयों को उसका नॉकरी करना अच्छा नहीं लगा और उन्होंने विरोध करके उसका स्कूल भी छुड़वा दिया।आभा की माँ अपनी बेटी के दुख में बीमार रहने लगी और एक दिन उसे अकेली छोड़कर भगवान को प्यारी हो गई पर मरते मरते अपनी जायदाद का एक हिस्सा उसके नाम कर गई।माँ के इस फैसले से उसके भाई खुश नहीं थे।
उन्होंने आभा पर जायदाद और रुपयों के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया ताकि वे उसकी दूसरी शादी कर सकें।आभा सोचने लगी कि जिन भाइयों को माँ के मरते ही उसके हिस्से और रुपयों की पड़ गई उनपर विश्वास कैसे करे।उसने कहा में दूसरी शादी नहीं करूँगी और न ही अपना हिस्सा जीते जी किसी के नाम करूँगी। मेरे बाद तो मेरा हिस्सा आप लोगों का ही है।इस बात से उसके भाई नाराज हो गए उसे घर में उपेक्षित कर दिया गया ।कोई उससे बात नहीं करता था।वह दिनभर माँ को याद करके रोती रहती। इस बार भी आभा पूर्णमासी पर गंगा स्नान को गई।वहाँ उसकी मुलाकात कुछ ग्रामीण महिलाओं से हुई।उन्होंने आभा को सुझाव दिया कि कुछ दिन यहाँ रहकर ग्रामीण महिलाओं को सिलाई कढ़ाई सिखाये।आभा को ये सुझाव पसंद आया उसने सोचा कि मन भी लगा रहेगा और कुछ पैसा भी हाथ में आएगा।वह वहाँ रुक गई और महिलाओं को सिलाई कढ़ाई सिखाने लगी। कुछ दिनों के बाद जब वह लौटकर आई तो उसके भाई और भाभियों ने उसे बहुत भला बुरा कहा और उसपर तरह तरह के लाँछन भी लगाए।वह कुछ दिन जैसे तैसे बिताकर फिर उसी गाँव आ गई और वहाँ रहकर बच्चों को टयूशन और लड़कियों और महिलाओं को सिलाई कढ़ाई सिखाने लगी।इस बीच उसके भाइयों ने उसपर चोरी का इल्जाम लगाकर उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट भी लिखा दी थी ।इस बार जब वह आई तो पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुँच गई।तब मोहल्ले के प्रमुख लोगों ने बीच में पड़कर मामला रफ़ा दफ़ा करा दिया।अब आभा का अपने भाइयों से पूरी तरह मोह भंग हो गया था । अब वो घर हमेशा हमेशा के लिए छोड़कर उसी गाँव में आकर रहने लगी।
आज आभा को किसी से ख़बर मिली कि उसके बड़े भाई का स्वर्गवास हो गया है।एक पल को तो उसका खून अपने भाई के लिए हिलोरे लेने लगा लेकिन दूसरे पल ही उसका चेहरा सख्त हो गया कौन भाई,?किसका भाई?रिश्ते की मौत तो उसी दिन हो गई थी जिस दिन उसके भाइयों ने उसपर चोरी का इल्जाम लगाया था।आज तो सिर्फ लाश उठी है वह किसके लिए रोये?किसकी मौत पर आँसू बहाए?आज उन्हीं भाइयों की बदौलत वह दर दर भटकने को मजबूर हो गई है।उसकी आँख बंद होने पर उसके लिए दो आँसू बहाने वाला भी कोई नहीं है।