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रिश्ते.. - 1

आभा आज बहुत उदास थी।उसका किसी काम में मन नहीं लग रहा था ।उसका दिल चाह रहा था कि वह फूट फूट कर रोये।उसने दुनिया से क्या चाहा था सिर्फ प्यार और सम्मान लेकिन उसे मिला क्या सिवाय अपमान जिल्लत और अकेलेपन के।दुनिया इतनी बेरहम क्यों होती है? क्यों एक औरत से उसके जीने का हक छीन लेती है?क्यों कभी जान से ज्यादा प्यार करने वाले अपने भी दुश्मन बन जाते हैं।
आभा दो बहिन और दो भाइयों में सबसे छोटी व सभी की लाडली थी।उसके दोनों भाइयो की शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी थे।पिता का स्वर्गवास हुए कई बर्ष बीत गए थे और बहिन की शादी भी अच्छे घर में हो गई थी। अब आभा की बारी थी।आभा के लिए भी एक अच्छा रिश्ता मिल ही गया। अकेला लड़का था और बिजनेस भी अच्छा था। शुभ मुहुर्त देखकर आभा की शादी अखिल से कर दी गई।शादी में जो पैसा दिया जाना था वह आभा की माँ ने आभा के नाम से बैंक में जमा करा दिया था।
आभा दुल्हन बनकर ससुराल आ गई।ससुराल आभा को वैसा माहौल नहीं मिला जो एक नवविवाहिता वधु को मिलना चाहिए।अखिल रात रात घर से गायब रहने लगा।और एक दो महीने बाद तो कई कई दिनों तक घर नहीं आता।घर में सबसे पूछा तो उसे बताया गया कि वो बिज़नेस के सिलसिले में बाहर रहता है ।पर सच्चाई कब तक छिपती उसे मोहल्ले की ही उसकी हमउम्र महिला से पता चला कि अखिल का एक शादीशुदा चार बच्चों की माँ से नाजायज सम्बन्ध हैं और वह उसी के घर पड़ा रहता है
महिला के पति ने उसको छोड़ रखा है।और ये बात सारे मोहल्ले को मालूम है।सुनकर उस पर तो मानो बिजली गिर पड़ी।लेकिन उसने यकीन नहीं किया और अखिल से बात करने की सोची ।और एक दिन उसने पूछ ही लिया आप कई कई दिन कहाँ गायब रहते हैं क्या में आपको पसंद नहीं हूँ।तो उसने बताया कि घरवालों के दबाब में आकर मैंने ये शादी की है बे फ़िजूल के सवाल करके उसे परेशान न करे।अब तो आभा को पूरा यकीन हो गया कि उस बात में कुछ तो सच्चाई जरूर है।एक दिन आभा को पता चला कि वह माँ बनने वाली है ।वह खुशी से झूम उठी पर अगले ही पल उदास हो गई।फिर उसने खुद को समझाया कि शायद ये खुश ख़बरी सुनकर अखिल सही रास्ते पर आ जाए। उस दिन वह जल्दी काम निबटाकर सज सवर कर अखिल का इंतजार
करने लगी ।और जैसे ही अखिल ने कमरे में प्रवेश किया उसने चेहरे पर लज्जायुक्त मुस्कान लाते हुए कहा अखिल तुम पापा बनने वाले हो और में माँ
सुनते ही अखिल ने जो प्रतिक्रिया की उसकी आभा को तनिक भी उम्मीद नहीं थी।वह बोला अभी से ये मुसीबत क्यों पाल ली।अब वह पहले से भी ज्यादा बेरुखी बरतने लगा और अकसर शराब पीकर घर आने लगा।अब अखिल आभा पर हाथ भी छोड़ने लगा था।आभा अब अपनी किस्मत को कोसने के सिवाय और क्या कर सकती थी।उसने अखिल से अपने इस व्यवहार का कारण जानना चाहा पर बदले में उसे अपमान और जिल्लत ही मिलती।सास भी ताने देती की उससे अपना पति भी वश में नहीं हुआ।
एक रात अखिल शराब पीकर घर आया कि वह अपने दहेज के रुपये जो उसके नाम से बैंक में जमा हैं उसे निकालकर दे ।आभा वो पैसे निकालकर भी दे देती लेकिन वह उसकी हरकतें महीनों से देख रही थी।उसने सोचा यदि उसने रुपये दे दिए तो वह सारे रुपये अपनी अय्याशी में बर्बाद कर देगा।में अपने पिता की मेहनत की कमाई इस तरह बर्बाद नहीं होने दूँगी ऐसा विचार कर उसने रुपये देने से इन्कार कर दिया ।फिर क्या था अखिल ने उसे खूब भला बुरा कहा और मारा भी।अब अक्सर उसके साथ मारपीट और बुरा बर्ताब होने लगा।

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