फिर मुलाकात होगी भाग २ Lalit Raj द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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फिर मुलाकात होगी भाग २

राज और उसकी माँ जो सपना का इंतजार कर रहे थे अब वो खतम होगया था क्योंकि अब सपना आचुकी थी, सामने सपना को आते हुऐ देख राज ये सोचने लगता है कि माँ ने कहा था कि अगर वो साड़ी पहनकर आती है तो राज के लिऐ भी उसके दिल में कुछ है क्योंकि सपना साड़ी पहनकर आई थी।

सपना अपने पिता के साथ आई थी और आकर राज के सामने खड़ी हो गई और राज की नजर सपना पर थी जो हट ही नही रही थी।

माँ " राज , राज" दो बार कहा अब माँ बैठी हुई थी तो राज के पैर को हिलाकर कहती हैं तब
राज होस में आकर " हा माँ"

माँ " कितनी देर से खड़े हैं उनसे बैठने के लिऐ नहीं बोलोगे क्या मेरे लाड़ले"
राज " अरे आप इतनी देर से खड़े हैं बैठिये प्लीज "

सपना के पिता पास में रखे सोफे पर बैठ जाते हैं और सपना राज की ओर मुस्कराते हुऐ देखकर अपने पिता के पास बैठ जाती है।

सपना और पिता देखते हैं कि उन्होंने सामने रखी टेबल पर काफी कुछ खाने की चीजे सजा रखी थी।

माँ " राज मै चाय बनाकर लाती हूँ तू यहां बैठ ठीक है ।"
सपना " ठीक है माँ जी मै भी आपके साथ चलती हूँ"

माँ " ठीक है बेटा लेकिन चाय मै ही बनाऊंगी "
सपना " ठीक है माँ जी"
सपना और माँ दोनों किचिन में चले जाते हैं और सपने के पिता और राज वहीं आपने सामने बैठे हैं, राज सपना के पिता को खाने के लिऐ बोलता है।

सपना के पिता " इकलौती बेटी है काफी समय बाद ये पैदा हुई इसकी माँ बहुत खुश थी के जब वो जन्म ले और उसे देखना चाहती और गोद में खिलाना चाहती थी लेकिन सपना के जन्म के बाद सपना की माँ उसे देख भी न सकी और चली गई हम सबको छोड़कर "

राज " जी सुनकर बहुत दुख हुआ सपना की माँ नहीं तो आपने ही उसकी देखभाल की और उसे परिवरिश दी तो सपना के लिऐ आप ही उसकी माँ और पिता दोनों ही हैं।"

सपना के पिता " राज ठीक समझे तुम, मेने अपनी बेटी की हर जिद को पूरा किया इसलिए कि कभी भी उसने गलत जिद नहीं की जो भी उसने अपने लिऐ चाहा वो कभी गलत नहीं रहा बिल्कुल सही साबित हुआ और मुझे उसपर पूरा भरोसा है।"

राज " जी, बेटी सही फैसले लेती है ये पिता से बेहतर कोई नहीं समझ सकता और आपकी बेटी में दूसरों की मदत करने की आदत है वो कही न कही आप ही से मिले है।"

सपना के पिता " नहीं ये आदत उसकी माँ से उसे मिली है जन्म से वो अपनी माँ की तरह ही है, मेने उसका खयाल खुद से भी जादा रखा है कभी भी उसे उदास नहीं होने दिया है,

राज " जी आपने सही कहा जितना सपना खुश रहती है उससे पता चलता है।"

सपना के पिता " खयाल रखना मेरी बेटी का अब जिम्मेदारी आगे तुम्हें निभानी है जिंदगी भर के लिऐ"

राज " जी आप क्या कह रहे हो"

सपना के पिता " वो तुम्हें चाहती है और तुमसे शादी करना चाहती है। "

उसी वक्त सपना वहां पहुंच जाती है और राज से कहती जो मेरे पिता कह रहे हैं वो सच है ।

राज सपना को बात करने के लिऐ बहार ले जाता है और वो लोग घर से बहार घर के बगीचे में एक दूसरे के सामने हैं

राज " कोई कैसे किसी को एक ही नजर में प्यार कर सकता है तुम जानती क्या हो मेरे बारे में और कैसे फैसला लिया मुझसे शादी करने का।"

सपना " सच कहा कोई कैसे किसी को एक ही नजर में प्यार कर सकता पर मै तुम्हें करती हूँ जानते हो क्यों ?

राज " हा मै जानना चाहता आखिर क्या वजहा है जो तुम मुझे एक ही नजर में चाहने लगी।"

सपना " मै तुम्हारी ही कम्पनी में काम करती हूँ लेकिन तुमने मुझे कभी नोटिस नहीं किया लेकिन मै तुम्हारे बारे में ऑफिस में सभी से सुनती रहती, ऑफिस में सभी तुम्हें बहुत पसंद करते हैं और मेने जाना कि तुम दिल के बहुत अच्छे हो,

और फिर एक दिन पता चला कि तुम एक लड़की से बहुत प्यार करते हो, तुमने तीन साल तक बहुत ढूंढा लेकिन वो नहीं मिली लेकिन फिर भी उसके लिऐ तुम्हारा प्यार अभी जिंदा है तब मेने जाना तुम से जादा सच्चा प्यार कोई नहीं कर सकता,

और फिर जब में तुमसे मिलने घर आई तो तुम्हें तुम्हारी माँ के साथ देखा, माँ बेटे का प्यार देखकर मेने यह समझ लिया के तुम किसी भी रिस्ते को पूरी तरह निभा सकते हो और माँ का प्यार भी मेरी माँ की तरह है वो सच में बहुत अच्छी हैं।

तभी माँ और सपना के पिता वहां आजाते हैं और कहते हैं हमें तो ये रिस्ता मंजूर है अब आप लोग अपनी हा बताओ।

राज अपनी माँ को देखता है और याद करता है " माँ सपना को लेकर बहुत खुश थी और सपना का इंतजार भी कर रही थी इसका मतलब ये था की माँ को सपना बहुत पसंद है वो सपना से खुश है और सपना है भी एक अच्छी लड़की "

सपना के पिता " क्या सोच रहे हो राज क्या तुम्हें सपना पसंद है।"

राज " सच में आपकी बेटी ने तो मेरे प्यार में मेरी पूरी हिस्ट्री पढकर आई है इससे पता चलता है अगर कोई आपको खुद से जादा प्यार करे तो हा करदेना चाहिए क्योंकि वहीं जिंदगी की राईट चौइस होती है।"

सभी खुश थे और रिस्ते के लिऐ सभी ने हा कर दी और अब शादी का शुभ समय बाकी था।

सपना और उसके पिता वहां से चले जाते हैं और तभी राज की माँ ने राज का हाथ पकड़ा और कहने लगी " सच बता इस रिस्ते के लिऐ इसलिए तो हा नहीं की सपना मुझे बहुत पसंद है या फिर तू भी सपना को पसंद करता है।"

राज " आप जानती हो माँ मै फैसला सोच समझकर ही लेता हूँ मुझे सपना पसंद है।"

रात हो जाती है खाना खाने के बाद राज और माँ दोनों सोने चले जाते हैं अपने अपने रूम में, आधी रात बीत जाने के बाद राज की आँख खुलती है तो वो पानी के लिऐ बहार जाता है फ्रिज से पानी की बॉटल लेकर अपने रूम में जा ही रहा होता है लेकिन अपने एक रूम का दरवाजा खुला देख हैरान रह जाता है क्योंकि उस रूम में तो केवल पुराना सामान पड़ा है।

राज दरवाजे के पास धीरे धीरे बढता है और जैसे ही वो दरवाजे के करीब पहुंचकर उसे बंद करने की कोसिस करता है और तभी रूम से किसी के काफी दर्द में रोने की आवाज आती है।

राज उस आवाज को सुनकर घबराह जाता है और वो दरवाजे से उस ओर कमरे में देखने लगता है तो उसकी नजर सामने पढती है तो उसे धुंधला सा नजर आ रहा था के लड़की आकृति है उसके लम्बे बाल खुले हुऐ थे और उसकी एक पैर में काफी मजबूत कड़ी बंधी हुई थी।

राज उस लड़की की ओर बढता है और वो लड़की रोये जा रही थी तब राज उसे आवाज देता है " कौन हो तुम और यहां क्या कर रही हो और रो क्यों रही हो "

लड़की ने रोना बंद किया और लड़की ने बालों से ढके हुऐ चेहरे को राज की तरफ किया और कहने लगी " तुम्हारा प्यार सच्चा था और मेरा वक्त खराब था मिलना तो चाहा तुमसे लेकिन अपनी ही गलतियों में फसती चली गई, मगर सोचा न था कभी कि तुमसे फिर मुलाकात होगी

राज " उस लड़की के करीब तक आ गया और अनजाने में उससे एक आवाज निकलती है क्या तुम काजल हो"

लड़की " अच्छा हुआ तुमने मुझे पहचान लिया वरना मेरे दुश्मन ने तो मेरी पहचान मिटा दी थी।"

राज उस लड़की को हाथ लगाही रहा था तब तक वो लड़की हवा बनकर राज में से होकर निकल जाती है और राज की आँख खुल जाती है और सपने की घबराहट से वो बैठ जाता है और फिर एक जोर से आवाज निकलती है "काजल"