बेड टी Ashish Saxena द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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बेड टी

"कविता! मेरी चाय कहाँ हैं " रवि बिस्तर पर सुबह उठते ही पूछता हैं और फिर कोई उत्तर न मिलने पर ढूढ़ते हुए पूरे घर में आवाज़ लगाता हैं और फिर किचन में पहुंचता हैं और देखता हैं की उसकी बेटी श्वेता किचन में काम कर रही हैं -

"श्वेता, तुम्हारी मम्मी और भाई कहाँ हैं " रवि ने आश्र्यचकित हुए पुछा |

"यह लीजिये आपकी चाय और हाँ, ब्रेकफास्ट रेडी हैं, आप नहा लो, मैं टेबल पर लगा देती हूँ " बेटी ने संयत स्वर में कहा

"पर तुम्हारी मम्मी सुबह सुबह कहाँ चली गयी हैं?" चाय की चुस्की लेते हुए रवि ने पूछा तथापि चाय भी उसे बेस्वाद ही लग रही थी |

“क्या आप वास्तव में जानना चाहते हैं कि वह कहाँ है या आप अभी इंतजार कर रहे हैं कि आपकी बेड टी आपको टाइम पर क्यों नहीं मिली " बेटी ने थोड़ी तेज स्वर में कहा।

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"कविता मेरे कपडे कहाँ हैं ?" रवि ने बाथरूम से जोर से आवाज़ लगाई, तभी उसे याद आता है कि कविता तो घर में है ही नहीं |

उसे याद आता है कि कैसे कविता हमेशा उसके नहाने से पहले ही कपडे निकाल कर रख देती थी, उसकी पसंद को वह कभी नकार ही नहीं पाया था, किसी तरह वह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो जाता है |

डाइनिंग टेबल पर श्वेता ने ब्रेकफास्ट लगा दिया है , रवि को खाने में जरा भी स्वाद नहीं आ रहा हैं और वह अपनी पत्नी कविता को याद कर रहा है, की किस तरह वह सबका इतने अच्छे से देखभाल करती हैं की कभी भी किसी तरह का शिकायत का मौका नहीं देती , उसको आज बहुत खालीपन सा अहसास हो रहा था |

तभी उसका फोन बजता है -


"हाँ बेटा, रो क्यों रहे हों " रवि कुछ समझ नहीं पाता हैं

“ओह्ह, तो तुमने मुझे पहले कुछ क्यों नहीं बताया” - रवि ने चिंता व्यक्त की

बेटे ने दूसरी तरफ से उत्तर दिया।

"श्वेता, तुम्हे पता था मम्मी हॉस्पिटल में एडमिट हैं, तुमने बताया ही नहीं " रवि ने श्वेता की ओर मुड़कर पूछा

"पापा आपको फ़ोन तो किया था पर आपकी सेक्रेटरी ने बताया की आप मीटिंग में बिजी हो और आपका मोबाइल तो स्विचड ऑफ था "

तब उसको अहसास होता हैं की किस तरह वह पिछले कुछ दिनों से क्लाइंट्स मीटिंग्स में इतना बिजी था और कविता पिछले एक - दो दिनों से अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ शिकायत भी कर रही थी पर उसने यह कहते हुए झिड़क दिया था की -

"हॉस्पिटल में जाकर दिखा लो अमित के साथ"

तभी श्वेता फिर बोलती हैं,

“पापा, मम्मी आपसे कई दिनों से बात करना चाह रही थी पर आपके पास उनके लिए टाइम ही कहाँ हैं, आपको तो सिर्फ अपना काम और मीटिंग दिखाई देता हैं"

"बेटा यह सब मैं किसके लिए कर रहा हूँ, तुम्ही लोगों के लिए " रवि ने अपना औचित्य सिद्ध करते हुए कहा

“पर पापा क्या आपको लगता है कि यह आपकी पत्नी और आपके परिवार के लिए पर्याप्त है, रूपये पैसे के अलावा भी फॅमिली को कुछ चाहिए होता हैं और वह है आपका प्यार और समय जो आपके पास बिलकुल भी नहीं हैं |”

“हम सब जानते हैं कि आप दो - दो , तीन - तीन दिन घर नहीं आते तो कहाँ जाते हैं “ - श्वेता ने खीजते हुए कहा

यह सुनकर रवि हैरान रह जाता है और अचानक उसका फिर से फोन बजता है |

"क्लाइंट्स बारह बजे की फ्लाइट से निकल रहे हैं और आखिरी बार आपसे मिलकर कॉन्ट्रैक्ट पर सिग्नेचर करेंगे " - सेक्रेटरी ने रवि से कहा

“ओके मैं समय से पहुँच जाऊँगा “रवि ने प्रतिउत्तर में कहा

“आप फिर से मुझसे झूठ बोल रहे हैं, आप आज भी मीटिंग के लिए जा रहे हैं, पापा आपको पता हैं मम्मी लास्ट वन वीक में दूसरी बार एडमिट हुई हैं और डॉक्टर ने कहा हैं “

"अगर सही तरीके से देखभाल नहीं की गई तो हम उन्हें खो भी सकते हैं” - श्वेता ने रोते रोते बताया

"क्या ? " तब रवि को पता चलता हैं की कविता ICU में हैं और बहुत ही सीरीयस हैं

उसका मस्तिष्क शून्य की गहराइयों में हिचकोले लेने लगता हैं , उसके कुछ समझ में नहीं आ रहा है की वह क्या करें ? कैसे कविता सभी की हर चीज़ का पूरा ख्याल रखती आयी हैं , और किस तरह उसने अपना बड़प्पन दिखाया था और उसको माफ़ कर दिया जब उसके किसी और से सम्बन्धो के बारें में पता चला था |

उसे लग रहा था की वह पूरी तरह टूट चूका हैं और वह कविता के बिना एक दिन भी अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता हैं|

"सर क्लाइंट्स आपका इंतजार कर रहे हैं, उनको निकलना भी हैं आज ही “रवि की सेक्रेटरी ने फ़ोन करके याद दिलाया

"मेरे इस सप्ताह के सभी अपॉइंटमेंट्स कैंसिल कर दो , मेरी पत्नी हॉस्पिटल में एडमिट हैं " - रवि ने प्रतिउत्तर में कहा

"परन्तु सर, इस तरह तो क्लाइंट्स बहुत ही नाराज़ हो जायेंगे और अगर यह डील नहीं हुई तो कंपनी को बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता हैं " सेक्रेटरी ने अपनी चिंता जताते हुए कहा

"यह सब मैं जानता हूँ परन्तु यदि मैं आज हॉस्पिटल नहीं गया तो मैं अपनी जिंदगी, अपना परिवार सब कुछ खो दूंगा "

श्वेता अपने पिता का उत्तर सुनकर रहत की सांस लेती हैं, और दोनों तत्काल हॉस्पिटल के लिए प्रस्थान करते हैं |

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"पापा आप किचन में क्या कर रहे हैं " श्वेता ने बड़ी ही तत्परता से पूछा

"बेटा मैं तुम्हारी मम्मी के लिए बेड टी बना रहा हूँ “- रवि ने बहुत निश्चिंत स्वर में कहा

“A successful relationship requires falling in love multiple times but always with the same person”